03/05/2022
परशुराम जी को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को महर्षि जमदग्नि और माता रेणुका के घर में परशुराम जी का जन्म हुआ था. बचपन में उनका नाम राम था और वे पांच पुत्रों में चौथे थे. परशुराम जी को भगवान भोलेनाथ का भी परम भक्त माना जाता है. भगवान शिव ने ही प्रसन्न होकर परशुराम जी को विभिन्न अस्त्र-शस्त्रों को दिया था. इसमें परशु भी शामिल था. अपने कंधे पर परशु धारण करने की वजह से उनका नाम परशुराम पड़ गया था. मान्यता है कि भगवान परशुराम का जन्म अन्याय, दुराचार को बढ़ाने वाले पापियों के विनाश के लिए हुआ था.
मंत्र-
ॐ ब्रह्मक्षत्राय विद्महे क्षत्रियान्ताय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्।।
ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नो परशुराम: प्रचोदयात्।।