India With CAA

  • Home
  • India With CAA

India With CAA India With CAA is a page to support the act and spread public awareness about Citizenship Amendment Act 2019
(1)

https://www.facebook.com/story.php?story_fbid=803995644627382&id=100050508620373&post_id=100050508620373_803995644627382...
07/04/2023

https://www.facebook.com/story.php?story_fbid=803995644627382&id=100050508620373&post_id=100050508620373_803995644627382&mibextid=Nif5oz

#यहूदी जब बेबीलोन में निर्वासित जीवन जी रहे थे तो वहां की नदियों के तट पर बैठकर #येरूशलम की ओर मुंह करके रोते थे और विरह गीत गाते थे ।

उन्होंने वहां सौगंध ले ली कि हम तब तक कोई आनंदोत्सव नहीं मनाएंगे जब तक कि हमें हमारा येरुशलम और जियान पर्वत दोबारा नहीं मिल जाता ।

50 सालों के निर्वासित जीवन में न कोई हर्ष, न गीत, न संगीत और सिर्फ़ अपनी मातृभूमि की वेदना...

इसकी तुलना अपने देश की संततियों से कीजिये ।

जो #अफगानिस्तान से निकाले गए, जो #पाकिस्तान से निकाले गए, जो बांग्लादेश से निकाले गए, जो कश्मीर से निकाले गए, क्या उनके अंदर अपनी उस भूमि के लिए कोई वेदना है ?

इन निर्वासितों की किसी संस्था को अखंड भारत के लिए कोई कार्यक्रम करते देखा या सुना है ?

अपने छोड़े गए शहर, पहाड़, नदी आदि की स्मृति को क्या उन्होंने किसी रूप में संजोया हुआ है ?

क्या कोई विरह गीत ये अपनी उस खो गई भूमि के लिए गाते हैं ?

क्या अपनी #संततियों को समझाते हैं कि उनके दादा-पड़दादा को क्यों, कब और किसने कहाँ से निकाला था ?

मैं ये नहीं कहता कि इनमें से सब ऐसे ही हैं पर जो ऐसे हैं वो बहुसंख्यक में हैं या फिर मान लीजिये कि कल को मैं मेरे जन्मस्थान से खदेड़ दिया गया तो क्या उसकी स्मृति को उसी तरह जी पाऊँगा जैसा बेबीलोन के #निर्वासित यहूदी जीते थे...

शायद "नहीं"

एक #सभ्यता के रूप में हमारी हार का सबसे बड़ा सबूत यही है कि न तो हमें भारत के अधूरे मानचित्र को देखकर दर्द होता है और न ही हमें हमारी खोई हुई भूमि, नदियां, पर्वत और लूटे धर्मस्थान पीड़ा देते हैं।

Something we must not forget about Congress...
02/04/2023

Something we must not forget about Congress...

2,072 Likes, 20 Comments - Dr.Anand Ranganathan () on Instagram: "Congress speaking about Hindus is like Hafeez Sayyed speaking for peace and Non Violence. Vc- Int..."

25/03/2023

जिसको Cow Belt कहा जाता है बेसिकली ये वो सांस्कृतिक भूभाग है जिसने 1000 साल का लगातार invasion देखा है..संस्कृति पर उमड़ आया वो काला साया शताब्दियों तक देखा है जिसने स्पेन से लेकर ईरान तक और हिंदु कुश से लेकर मौजूदा बांग्लादेश तक न जाने कितनी सभ्यताओं और मूल संस्कृतियों को नष्ट कर दिया...

इस cow belt ने लगातार अपने मंदिरों को टूटते देखा है..अपनी महिलाओं को जौहर करते और अपने पुरुषों को केसरिया बाना पहने शाका चुनते देखा है...ये Cow Belt ही है जो आतातियों से हजार साल लड़ी है...कभी हारी कभी जीती..लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात कि अत्याचार के विरोध में अड़ कर खड़ी हुई है..यह cow belt जानती है कि जब हम बंटते हैं तो कैसे हम पर गिद्ध नजरों से देख रहे लोग इसका फायदा उठाने को बेचैन रहते हैं...

इसलिए Cow Belt की कोशिश रहती है कि तमाम आपसी मतभेदों के बीच कम से कम कुछ तो ऐसे Common Minimum मूल्य और प्रतीक रहें जिनकी रक्षा हेतु सब एक हो सकें...

इस Cow Belt ने उस स्याह ताकत को 1000 साल इसी सांस्कृतिक जियोग्राफी में युद्धरत रखा और तब तक रखा जब तक उस ताकत के नुकीले दांत नहीं तोड़ दिए...

अब भले ही मौजूदा अंग्रेजियत भरे इकोसिस्टम में पढ़े लिखे एलीट हमें देख के नाक मुंह सिकोड़ें कि हम ऐसे क्यों हैं...हम ऐसे हैं तभी उन्हें 1000 साल के अधिकांश हिस्से शांति नसीब रही जो आज हम पर दोषरोपण करते हैं।

22/03/2023

Swami Chinmayanandaji was a renowned saint. Once, a 'secular' minded journalist, who generally show Hinduism in poor light, vis a vis other religions, asked a question to Swamiji:

Q: "Who is the founder of Islam?"

A: Prophet Mohammad.

Q: Who is the founder of Christianity?

A: Jesus Christ.

Q: Who is the founder of Hinduism?

Thinking that Swamiji has no answer,

the lady journalist proceeded:

"There is no founder and hence, Hinduism is not a religion or Dharma at all."

A: Then, Swamiji said:

"You are right.!"

Hinduism is not a religion. It is a Science.

She did not understand that.

Swamiji put some more questions to her.

Q: "Who is the founder of Physics?"

Ans: "No one person."

Q:- *Who is the founder of Chemistry?"

Ans: "No one person."

Q: "Who is the founder of Biology?"

Ans: "No single person."

"Many many persons, from time to time, contributed to the wealth of knowledge of any Science."

Swamiji continued:

"Hindu Dharma is a Science, developed over the centuries, contributed by saints and sages for giving right direction to the society by their own research and experiences ."

"Islam has only one book -Quran."

"Christianity has only one book -Bible."

"But for Hinduism, I can take you to a library and show you hundreds of books."

"Because, Hinduism is a scientific religion- called Sanatana Dharma -"

" 🙏🏻Eternal Dharma. 🙏🏻"

The most accurate definition
🌹🙏🏻

Now "freedom of expression" goes to the gutter because you have offended the high priest of Judicial tample. This freedo...
17/03/2023

Now "freedom of expression" goes to the gutter because you have offended the high priest of Judicial tample. This freedom of expression, freedom of bla bla is only meant for common people but as soon as you express this against high priests, height priest will use all his power to hunt you down.

Vivek Agnihotri was asked to remain present in Court on Thursday after he expressed his “unconditional apology” to “show remorse in person.”

28/02/2023

Story of Freebies

A “mouse” was put at the top of a jar filled with grains. He was too happy to find so much food around him. Now he doesn’t need to run around searching for food and can happily lead his life. As he enjoyed the grains, in a few days’ time, he reached the bottom of the jar. Now he is trapped and he cannot come out of it. He has to solely depend upon someone to put grains in the same jar for him to survive. He may even not get the grain of his choice and he cannot choose either.

Here are FOUR lessons to learn from this:

1) Short term pleasures can lead to long-term traps.

2) If things are coming easy and you are getting comfortable, you are getting trapped into survival mode.

3) When you are not using your skills, you will lose more than your skills. You lose your CHOICES.

4) The right Action has to be taken at the right time, or else you will lose whatever you have.

Credits Pradhan Gaurav

21/02/2023




Credit cinema

स्वदेश फिल्म शाहरुख की वन ऑफ द बेस्ट फिल्म और परफॉर्मेंस में गिनी जाती है, ये बात इतनी मर्तबा दोहराई जा चुकी है कि जिसने स्वदेश नही भी देखी है वो भी ये बात चुप चाप मान लेता है। जिसने देखी है या नही देखी है सबको मालूम है कि स्वदेश में शाहरुख खान नासा का साइंटिस्ट रहता है जो अपने देश आता है फिर यहां के लोगो को देखकर यहां के हालात देखकर अपनी नौकरी छोड़कर वापस अपने देश में आकर रहने लगता है। पर स्वदेश इस चार लाइन की कहानी से कही ऊपर और गहरी है, क्युकी ये हमारे देश की कमियां और अच्छाई एक साथ इतनी ईमानदारी से बताती है कि हमे अपने देश और इसकी संस्कृति पर गर्व होने लगता है।
मैं आज आपको बताता हूं कि फिल्म और उसकी कहानी ये काम किस तरह से करती है।

स्वदेश फिल्म की शुरुआत में हमे दिखता है कि मोहन भार्गव (शाहरुख खान ) नासा में वैज्ञानिक है और वो एक बड़े प्रोजेक्ट का एक अहम हिस्सा है। मोहन जब पढ़ाई कर रहा था अमेरिका में तभी उसके मां बाप की मृत्यु एक कार एक्सीडेंट में हो जाती है, इस बुरे वक्त में उसे कावेरी अम्मा संभालती है जो कि उसकी दाईं मां है, जिन्होंने उसे यशोदा की तरह पाला है और वो भी कृष्ण की तरह अपनी कावेरी अम्मा को बहुत प्यार करता है। इस प्वाइंट से फिल्म भारत देश और उसकी संस्कृति को दिखाना और समझाना शुरू करती है, कि हमारे देश की माएं अपने बच्चो के जितना प्यार दूसरो के बच्चो को भी करने की खासियत रखती है।मोहन अपने मां बाप की बरसी के दिन भारत वापस जाकर कावेरी अम्मा को अमेरिका लाने का फैसला करता है।

वो जब दिल्ली के वृद्धा आश्रम पहुंचता है तो उसे पता चलता है कि वृद्धा आश्रम से एक साल पहले ही कावेरी अम्मा को कोई लड़की अपने साथ लेकर जा चुकी है। मोहन उस गांव का नाम लिखवाकर जब आश्रम से निकलने लगता है तो एक बूढ़ी औरत उसे कहती है कि "कावेरी बहुत खुशनसीब है जो उसे लेने दो लोग आए है, हम यहां इतने सालो से है कोई लेने नही आया आज तक।" फिल्म यहां दो चीजे दिखाती है, एक ये कि इस देश में अब ये कल्चर तेजी से बढ़ रहा है कि मां बाप को वृद्धा आश्रम भेजा जाए, तो दूसरी तरफ यहां आज भी ऐसे बच्चे है जो दूसरो के मां बाप को भी लेने वृद्धा आश्रम चले जाते है।

फिल्म में मोहन भार्गव का किरदार एक ऐसे भारतीय का है जो अपने देश से नफरत नही करता है, न ही उसे अपने देश से किसी तरह की कोई शिकायत है, बस वो अपने देश को जानता नही है, उसे देश से जुड़े फैक्ट्स याद है, पर देश कैसा है, उसने कभी महसूस नहीं किया, उसकी परवरिश बड़े शहर में अच्छे घर में हुई थी, उसने अपने आस पास जो देखा जितना देखा उसी को देश मान लिया और इसलिए वो देश की समस्याओं के लिए सिर्फ देशवासियों को जिम्मेदार मानता है, उसे लगता है की ये देश लाइलाज बीमारी है इसलिए वो अमेरिका की नागरिकता के लिए अप्लाई करता है जो कि उसे मिल भी जाती है।

वो जब चरणपुर गांव के किए गीता के बताए गलत रास्ते पर जा रहा होता है तो उसे एक साधू जैसा शख्स मिलता है, वो मोहन के पूछने पर कहता है कि "तुम रास्ता भटक गए हो" मोहन जवाब में कहता है कि नही,"मैं तो बताए हुए रास्ते पर ही चल रहा हूं, शायद कही मोड़ गलत ले लिया है" साधू बोलता है कि "मोड़ गलत नही होते इंसान गलत होते है।" यहां पर डायरेक्टर साधु के जरिए अपनी ऑडियंस से बात कर रहे होते है, खासकर उस ऑडियंस से जिसने लाइफ में तय किए फार्मूले ही अपनाए है,जो हर पीढ़ी अगली पीढ़ी को बताती है सकझाती है, मोहन ने मेहनत की है, नौकरी की है, पैसे कमाए है, सब किया पर फिर भी उसे लगता है कि कही कुछ छूट गया है, कही कोई मोड़ गलत लिया है। जिसके जवाब ने डायरेक्टर अपने दर्शको से कहता है कि बताए हुए रास्तों में बुराई नही थी, बस इंसान इंसान का फर्क होता है कि वो इन रास्तों से क्या समेटता है और क्या छोड़ देता है।

मोहन गांव पहुंचता है तो उसके लिए गांव और गांव वाले एलियन है, और गांव वालो के लिए मोहन एलियन या अजूबा टाइप है। वो कावेरी अम्मा से जब मिलता है तो कावेरी अम्मा मोहन को पानी का ग्लास देती है, मोहन पानी का ग्लास हाथ में लिए रहता है कुछ देर और फिर साइड में टेबल पर रख देता है पीता नही है क्युकी मोहन अपने साथ पैक्ड बोतल का पानी लेकर आया है और वो फिल्टर का ही पानी पीता है। मोहन घर नुमा गाड़ी लेकर भी इसलिए आया है क्युकी वो उस माहौल उस घर में रहने के अनकंफर्टेबल फील कर रहा है जिसे उसने महसूस ही नही किया है कभी। जैसे जैसे मोहन गांव में वक्त बिताता है वैसे वैसे उसके अंदर बदलाव आते है, वो कुएं से पानी निकालकर नहाने लगता है, चारपाई पर जब सोता है तो उसे बहुत जमाने बाद अच्छी नींद आती है, पर मोहन अब भी पीने के लिए बोतल वाला पानी ही इस्तेमाल करता है। मोहन इस वक्त देश का वो युवा है, जो अपने देश को समझने तो लगा है, प्यार भी करता है, पर अभी भी उसका यकीन दूसरो के बताए समझाए आराम पर कायम है।

फिर उसे कावेरी अम्मा दूर दूसरे गांव भेजती है, मोहन वहा रास्ते में गीता को याद करता है। जब वो जमीन का किराया लेने किसान के घर पहुंचता है तो किसान बहुत प्यार से उसे अपनी झोपड़ी में बुलाता है, खाना परोसता है, और फिर अपनी मजबूरी बताता है कि वो क्यू किराया नही दे सकता है। मोहन जब किसान के घर रात में सोता है तो उसे एहसास होता है कि वो किसान जिसके पास कुछ भी नही है, जो अपने बच्चो को दो रोटी खिलाने के लिए संघर्ष कर रहा है, उसने उसे अपने पास जो भी था उसमे से खाना खिलाया क्युकी किसान अतिथि भगवान है की परंपरा को अपने बुरे हालात में भी निभा रहा है, मोहन को एहसास होता है कि जिस देश और जिस देश की संस्कृति से वो भाग रहा है, वो कितनी गहरी है और किस कदर देश के लोग उसे मानते है निभाते है।

मोहन वहा से वापस आता है, पानी की बोतल अब भी उसके साथ है, ट्रेन एक जगह रुकती है,एक दस बारह साल का बच्चा पानी बेच रहा है, मोहन किसान की दयनीय हालत देखकर लौटा है, अब वो देख रहा है कि इस देश के लोग दयनीय स्थिति में होने के बावजूद लड़ रहे है कमाने के लिए, बीस रुपए की बोतल नही बेच रहे पच्चीस रुपए का मीठा पानी बेच रहे है। मोहन जिसने अभी तक बोतल का ही पानी पिया था इस देश में वो उस बच्चे से पानी खरीदता है, अपने देश की मिट्टी की ठंडक में डूबे पानी को वो देखता है, और फिर एक सांस में पी जाता है। मोहन अब बोतल के पानी के चंगुल से छूट चुका है, मोहन का किरदार अब अपने देश को उसकी संस्कृति को उसकी तमाम कमियों के बावजूद प्यार से स्वीकार कर चुका है। यही वो प्वाइंट है जहा से मोहन का किरदार पूरी तरह बदल जाता है, यही खासियत है इस फिल्म की कि ये जादू नही दिखाती, धीरे धीरे उस बदलाव को दर्शको के सामने रखती है जो मोहन के अंदर हो रहा है।

मोहन गांव आकर गांव वालो को समझाता है कि हमारा देश महान नही है, पर उसमे काबिलियत है महान बनने की, और इसके महान न बन पाने के जिम्मेदार हम सब है, खुद मोहन भी।
मोहन बिजली बनाने के लिए गांव वालो को इकट्ठा करता है, वो अलग अलग जाति के लोगो को उनकी प्रतिभा के अनुरूप काम देता है। फिल्म यहां देश के हर तबके का योगदान दिखाती है देश की तरक्की में, बिजली एक मेटाफोर है देश की तरक्की का, कि देश की तरक्की की चाभी इसी देश में है,यही के लोगो के हाथ में है, जरूरत है बस सबको एक साथ आकर समस्या का हल ढूंढने की।

बिजली आने के बाद पता चलता है कि गांव के एक बूढ़े स्वतंत्रता सेनानी अपनी अंतिम सांसे गिन रहे है, पूरा गांव इकट्ठा है, मोहन स्वतंत्रता सेनानी का हाथ पकड़ कर बैठता है, सेनानी उससे कहते है कि "अब तू आ गया है अब मैं चैन से मर सकता हू"। ये सीन बूढ़े व्यक्ति या मोहन के बारे में नही है, बूढ़ा व्यक्ति हमारे देश के उन लोगो का प्रतिन्धित्व कर रहा है जिन्होंने देश को आजाद करने के लिए गोलियां खाई, उन्होंने अपना काम तो पूरा कर दिया है, पर उन्हे सुकून नही है, उनका मकसद सिर्फ आजादी नही था, क्युकी अभी भी लड़ने को बदलने के लिए देश में बहुत कुछ है,हमारे स्वतंत्रता सेनानी युवा पीढ़ी का इंतजार कर रहे है कि वो आए और उनकी जगह ले, उनकी लड़ाई को खत्म न समझे बल्कि उसे आगे बढ़ाए, देश को बेहतर बनाए। फिल्म का सार यही है, शुरुआत के सीन में उस बूढ़े साधु का देश के युवाओं से कहना कि "तुम भटके हुए हो" और फिर बूढ़े व्यक्ति का ये कहना कि "अब तुम आ गए हो अब मैं चैन से मर सकता हूं" एक यात्रा दिखाता है, इस फिल्म को देखकर अपने देश पर गर्व होता है, इसकी संस्कृति पर, इसके लोगो पर, इसकी अच्छाइयों पर और इसकी कमियों पर भी।

मोहन गांव में रुकता नही है, वो दूसरे देश में एक अधूरा काम छोड़ कर आया है, फिल्म सब कुछ छोड़कर भागने और लौटने की बात नही करती है, मोहन अपना प्रोजक्ट पूरा करता है फिर इस्तीफे की बात करता है, फिल्म मोहन के उसके दोस्त के साथ टुकड़ों में बहस दिखाती है, मोहन का बॉस जब कहता है कि "तुम नही जानते तुम क्या खोने जा रहे हो?" तो मोहन बोलता है कि"मैं जानता हूं कि मैं क्या पाने जा रहा हूं " फिल्म एनआरआई या जिन्होंने दूसरे देश में बेहतर जिंदगी चुनी है, उन्हे गलत नही कहती है, ना उन्हे विलेन के रूप में रखती है, फिल्म बस उन्हे अनजान बताती है। फिल्म के आखिर में मोहन घर लौटता है, उसने अपना काम नही छोड़ा बस भारत की स्पेस एजेंसी में काम शुरू करता है, वो मिट्टी में पोस्टमास्टर के साथ कुश्ती लड़ता है, उसके बदन पर मिट्टी लगी हुई है और वो पानी में उतरकर उस पानी से अपने बदन को धुलने लगता है, फिल्म खत्म हो जाती है।

21/02/2023

यक्ष प्रश्न : तुम कौन हो??
भीमटा : हम अम्बेडकरवादी हैं

यक्ष प्रश्न: अम्बेडकर तो बौद्धिस्ट बन गए थे, तो तुम क्या हो?
भीमटा : हम भी बौद्धिस्ट हैं, हमने ब्राह्मणों का धर्म छोड़ दिया

यक्ष प्रश्न : तो बौद्ध धर्म में तो कोई सूद्र नहीं होता, फिर सूद्र कौन है??
भीमटा : अरे नई.. नई.. नई.... सूद्र भी हम ही हैं
यक्ष प्रश्न : तुम तो कह रहे हो कि तुम बौद्ध बन गए हो, फिर सूद्र से क्या लेना देना

भीमटा : हा हम बौद्धिस्ट बन गए हैं लेकिन हमको सूद्र भी रहना है

यक्ष प्रश्न : तुम दोनों क्यो रहना चाहते हो
भीमटा : क्योंकि हमको सूद्र के नाम पर ही संविधान का मलाई मिलती है

यक्ष प्रश्न : तो फिर तुम ब्राह्मणों के साथ ही रहकर आराम से संविधान का मलाई खाओ
भीमटा : नहीं मुझे ब्राह्मणों के साथ नहीं रहना, साथ रहेंगे तो फिर गाली कैसे बकेंगें

यक्ष प्रश्न : तुम्हारे नए ईस्ट : गौतम बुद्ध तो गाली नहीं बकते थे
भीमटा : नहीं मुझे तो बकना है क्योंकि इसमें बहुत मजा आता है,

यक्ष प्रश्न : तो इसका मतलब यह सब केवल मजे के लिए कर रहे हो
भीमटा : नहीं हम तो बाबा साहब के सपनों के लिए कर रहे हैं

यक्ष प्रश्न : तो बाबा साहब का सपना........
भीमटा : रुकिए...रुकिए साहब अभी आता हूँ गांजा फूंक कर चिलम गरम है, देर हुई तो ठंढ पड़ जाएगी
2-4 फूँक मार कर आता हूँ
फिर अपने ही समाज के सभ्य लोगों को गाली जो बकनी है

इन महाशय का नाम है , किन जात उनसाला संकट कोई भी हो जात पूछने से बाज नही आते और रामायण को देखते ही भड़क जाते है इनका आम पर...
04/04/2020

इन महाशय का नाम है , किन जात उन

साला संकट कोई भी हो जात पूछने से बाज नही आते और रामायण को देखते ही भड़क जाते है

इनका आम पर दुनिया में सबसे पकाऊ 30 मिनट का प्रचार है और आजकल इनकी जल जल के बुरा हाल है

कल तक थाली से परेशान थे और ओर कल दीए से इनके नितम्बो का जलान है

तो बोलो गो कोरोना गो ओर रबिश कुमार भस्म हो ☺️☺️☺️☺️

24/03/2020

This Corona outbreak has indirectly brought more importance to as we should know who is coming from where!!

07/03/2020

To remove the evilness from the mind, the system has to change.
- Debasish Sinha | Author | Entrepreneur http://bit.ly/2TuoEvI via

28/12/2019

As a secular human it's my duty to tell everyone that

Being Hindu is not crime...yes it's my crime that we kept our silence on caste descrimination but that doesn't mean that our identity been devour by monotheistic religion...

I belong to a religion where an shudra become writer of Most divine tale of God "Ramayana" while in Mahabharata "Eklyava face unthinkable justice". The bad in my religion is not weakness but my lession for future.
I have been torture and my women being voilate for wearing bindi and sari...

I have been called saffron terrorist nd cow worshiper just because i believe that Hinduism should be stand face to face infront of monotheistic religion or i love cow for being polite animal

Just because i dont eat beef (because i respect life of most polite animal on earth) i have been thrown out of dictionary of modern secularist who think killing an innocent animal will bring down their animal behaviour towards my faith...

I am a Hindu who been secrutinise by supreme secular court of India for dahi handi, jallokattu or sabrimala

Or

Being burn by protestors (commies and jihadis) who want me suffer in hell of Pakistan and Bangla Desh...

It's my appeal to every citizen to India that share my words..because i have been killed, r***d and looted by imvadors for worshiping stones and thinking that their is not only one God but many god who can live in harmony

28/12/2019

Breaking

US Arrested 140,000 Illegal Immigrants And Deported 85,000 Of Them, Some To India

Earlier, Saudi Arabia Deported 40,000 Pakistanis Saying They Could Be Terrorists;

Germany Deported 24,000 Illegal Immigrants;

And Canada Deported 9,000 Intruders

28/12/2019

Hello everyone,

This is the dark time for us as a community. As a human being we need to stand for each other's, specially thoese who been killed, r**e and forced converted in countries like Pakistan, Bangladesh and Afghanistan.

Modi government introduce CCA for the procecuted minorities of these nation (such as Hindu, Christens, sikhs, Buddhists and parsia) but the evil Congress always wanted to butlicked a special community of India for mking their vote bank stronger.

We all know, Gandhi did it, rajeev did it and Sonia and pappu will also do the same. It's high time that we stand for our brothers and sisters.

What should be done???

Maximize your efforts to share the words about CAA and it's not time to think about "what your friends and family think" .... because justice being served while hackled by Congress and Leftist loonies.

So

26/12/2019

In a startling revelation, former pacer has said was treated differently in the team because he was a during their playing days.

25/12/2019

Befitting reply to all those opposing NPR by P Chidambaram 😂

"NPR is mandatory and people will do so happily"

25/12/2019

Oops! 🤐

25/12/2019

Aftermath of Anti CAA riots in , they have not only burnt Public Properties, they have burnt out Indian Vision.

25/12/2019

Why CAA and NRC is very important as a life saver for a large section of people .

25/12/2019

CAA এবং NRC বিষয়ে ABP Anandaর 'যুক্তি তক্কো' অনুষ্ঠানে বক্তা মোহিত রায়।
সময় করে একবার অবশ্যই মন দিয়ে শুনবেন 🙏

22/12/2019
21/12/2019

Understanding Citizenship Ammendment Act 2019

20/12/2019

It's time to hit the road in support of CAA.

CAA simplified
20/12/2019

CAA simplified

20/12/2019

So called intellectual bollywood Hero Farhan Aktar protesting against CAA but don't even know what is CAA .

20/12/2019

We need just police officer to educate liberal pseudo liberals .

20/12/2019

Why NRC is required -

Bangladeshi nationals traveling with an Indian passport arrested at Saudi Airport were hiding their original Bangladeshi passports in their shoes.
Those protesting against the should also watch it.

20/12/2019

Then opposition leader Manmohan Singh ji asking to make a bill to support Bangladeshi Hindu prosecuted immigrants.

20/12/2019

Medha Patkar push back from protest by Pakistani Hindu refugees saying "Show us if you can survive in "

Address


Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when India With CAA posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Shortcuts

  • Address
  • Alerts
  • Videos
  • Claim ownership or report listing
  • Want your business to be the top-listed Media Company?

Share