26/11/2024
आखिर शिवजी के सिर पर क्यों विराजमान हैं चंद्रदेव?
चंद्रदेव ने राजा दक्ष की 27 कन्याओं से विवाह किया, लेकिन उन्होंने सिर्फ रोहिणी को अधिक महत्व दिया। इससे अन्य पत्नियां नाराज होकर पिता दक्ष के पास शिकायत करने गईं। दक्ष ने चंद्रदेव को श्राप दिया कि उनका तेज धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा।
चंद्रदेव ने अपनी रक्षा के लिए भगवान शिव की कठोर तपस्या की। शिवजी ने प्रसन्न होकर उन्हें अपने मस्तक पर स्थान दिया और उनके तेज को अमर कर दिया। तभी से चंद्रमा भगवान शिव के सिर पर शोभित हैं, और उन्हें चंद्रशेखर कहा जाता है।
यह कथा हमें सिखाती है कि सच्ची भक्ति से हर समस्या का समाधान संभव है।
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