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11/08/2022
01/05/2022

आज मजदूर दिवस है

 #इतिहासनामाज्यादा अतीत में न जायें तो भी 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेज प्रशासनिक अफसर जब कलकत्ता के अपने दफ़्तर में बैठ...
28/04/2022

#इतिहासनामा
ज्यादा अतीत में न जायें तो भी 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेज प्रशासनिक अफसर जब कलकत्ता के अपने दफ़्तर में बैठते थे तो प्रोटोकॉल के अनुसार उनके पीछे की दीवार पर उस भारत का मानचित्र लगा होता था जिसे वो "इंडिया" कहकर पुकारते थे।

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उस नक़्शे के अनुसार 1857 की क्रांति के समय भारत का क्षेत्रफल था लगभग 83 लाख वर्ग किलोमीटर जो आज घटकर मात्र लगभग 33 लाख वर्ग-किलोमीटर रह गया है।

यानि 1857 के बाद हमने अपनी भारतभूमि का लगभग पचास लाख वर्ग किलोमीटर भूभाग गँवा दिया।

मगर न तो हमें वेदना है न ही कोई शर्म 🙁

बलिदान से पहले भगत सिंह का अपने साथियों को अन्तिम पत्र!साथियों,स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए, मैं इ...
24/03/2022

बलिदान से पहले भगत सिंह का अपने साथियों को अन्तिम पत्र!

साथियों,

स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए, मैं इसे छिपाना नहीं चाहता। लेकिन मैं एक शर्त पर ज़िन्दा रह सकता हूँ कि मैं कैद होकर या पाबन्द होकर जीना नहीं चाहता।
मेरा नाम हिन्दुस्तानी क्रान्ति का प्रतीक बन चुका है और क्रान्तिकारी दल के आदर्शों और कुर्बानियों ने मुझे बहुत ऊँचा उठा दिया है— इतना ऊँचा कि जीवित रहकर इससे ऊँचा मैं हर्गिज़ नहीं हो सकता।
आज मेरी कमजोरियाँ जनता के सामने नहीं हैं। अगर मैं फाँसी से बच गया, तो वे ज़ाहिर हो जाएँगी और क्रान्ति का प्रतीक-चिह्न मद्धिम पड़ जाएगा या सम्भवतः मिट ही जाए। लेकिन दिलेराना ढंग से हँसते-हँसते मेरे फाँसी पर चढ़ने की सूरत में हिन्दुस्तानी माताएँ अपने बच्चों के भगत सिंह बनने की आरजू किया करेंगी और देश की आज़ादी के लिए कुर्बानी देनेवालों की तादाद इतनी बढ़ जाएगी कि क्रान्ति को रोकना साम्राज्यवाद या तमाम शैतानी शक्तियों के बूते की बात नहीं रहेगी।

हाँ, एक विचार आज भी मेरे मन में आता है कि देश और मानवता के लिए जो कुछ करने की हसरतें मेरे दिल में थीं, उनका हजारवाँ भाग भी पूरा नहीं कर सका। अगर स्वतन्त्र, ज़िन्दा रह सकता तब शायद इन्हें पूरा करने का अवसर मिलता और मैं अपनी हसरतें पूरी कर सकता। इसके सिवाय मेरे मन में कभी कोई लालच फाँसी से बचे रहने का नहीं आया। मुझसे अधिक सौभाग्यशाली कौन होगा? आजकल मुझे स्वयं पर बहुत गर्व है। अब तो बड़ी बेताबी से अन्तिम परीक्षा का इन्तज़ार है। कामना है कि यह और नज़दीक हो जाए।
आपका साथी,
भगत सिंह

भगत सिंह की 404 पेज की जेल-डायरी विभिन्न प्रकार के विषयों पर लिखे गए अंश, नोट्स और उदाहरणों से भरी है, जो न केवल उनके गंभीर अध्ययन और बौद्धिक अंतर्दृष्टि को दर्शाती है, बल्कि उनकी सामाजिक और राजनीतिक चिंताओं को भी सामने लाती है। 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल में इस महान देशभक्त को फांसी दे दी गई थी।

15/03/2022

मकड़ी अपने जाल में खुद क्यों नहीं चिपकती?-*

मकड़ी अपने शिकार को फंसाने के लिए जाल बुनती है। छोटे-छोटे कीड़े इस जाल में आसानी से फंस जाते हैं। इन कीड़ों का जाल से निकलना काफी मुश्किल होता है। लेकिन आपने कभी गौर से देखा होगा तो पाया होगा कि मकड़ी खुद उस जाल में एक-जगह से दूसरे जगह आसानी से घूम लेती है। क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों होता है?

मकड़ी का पूरा जाल चिपकने वाले नहीं होता है। वह इसका कुछ ही हिस्सा चिपचिपा बुनती है। वहीं, इसके अलावा वैसा हिस्सा जहां मकड़ी खुद आराम से रहती है, वह बिना चिपचिपे पदार्थ के बनाया जाता है।

इसलिए वह आसानी से इसमें घूम लेती है। वैसे अपने ही जाल में फंसने से बचने के लिए मकड़ी एक और तरकीब निकालती है। वह रोजाना अपने पैर काफी अच्छे से साफ करती है ताकि इन पर लगी धूल और दूसरे कण निकल जाएं।

कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि मकड़ी का पैर तैलीय होता है इसलिए वह जाल में नहीं फंसती और इसमें घूमती रहती है। लेकिन सच यह है कि मकड़ियों के पास ऑयल ग्लैंड्स (ग्रंथियां) नहीं होते हैं। वहीं कुछ वैज्ञानिक इसकी वजह मकड़ी की टांगों पर मौजूद बालों को मानते हैं जिन पर जाले की चिपचिपाहट का कोई असर नहीं होता है।

आप बताएं सबसे बड़ा पुस्कालय कहां है   भारत में
11/03/2022

आप बताएं सबसे बड़ा पुस्कालय कहां है भारत में

10/03/2022

सऊदी अरब और यूएई ने अमेरिका के कॉल को डिस्कनेक्ट कर दिया
जो बाइडेन अमेरिकन हिस्ट्री में सबसे कमजोर राष्ट्रपति है

09/03/2022

यूक्रेन रूस का शर्त मान लिया है वो कभी भी नाटो में शामिल नहीं होंगे
क्या रूस युद्ध रोक देगा या बांकी के शर्त भी मनवाएगा

*-दिन में तारे दिखाई क्यों नही देते हैं?-* पृथ्वी के चारों ओर सघन वायुमंडल है जो कि सूर्य के प्रकाश के चारों ओर बिखेर दे...
07/03/2022

*-दिन में तारे दिखाई क्यों नही देते हैं?-*

पृथ्वी के चारों ओर सघन वायुमंडल है जो कि सूर्य के प्रकाश के चारों ओर बिखेर देता है जिससे दिन में आकाश चमकदार हो जाता है तथा तारे दिखाई नहीं देते है जबकि चाँद पर जहाँ वायुमंडल नहीं है वहाँ दिन में भी तारे देखे जा सकते हैं।

05/03/2022

आज रूस ने सीजफायर का ऐलान किया 6 घंटे के लिए ताकि छात्र निकल सके
इस पर आप क्या सोचते है

02/03/2022

यूक्रेन में कर्नाटक के एक युवक की मृत्यु हो गई
ॐ शान्तिः

भारत ने रूस-यूक्रेन को लेकर अभी तक नेहरू द्वारा स्थापित गुट-निरपेक्ष नीति का ही पालन किया है जो  भविष्य के लिए अच्छा संक...
02/03/2022

भारत ने रूस-यूक्रेन को लेकर अभी तक नेहरू द्वारा स्थापित गुट-निरपेक्ष नीति का ही पालन किया है जो भविष्य के लिए अच्छा संकेत भी है।

दरअसल ट्रंप के कार्यकाल में हाउडी मोदी,नमस्ते ट्रंप जैसे कार्यक्रमों से भारत की गुट-निरपेक्ष छवि को धक्का लगा था लेकिन बाइडेन के आने के बाद मोदी को आइना दिखा दिया गया।यही भारत के लिए हितकर साबित हो रहा है।

इस युद्ध के कारण को सामान्य तरीके से समझा जाना चाहिए।यूक्रेन रूस व नाटो देशों के बीच बफर स्टेट है।यानी एक न्यूट्रल देश।ऐसा देश जो न नाटो समर्थक हो व न रूस समर्थक।यूक्रेन में अमेरिका व नाटों देशों के षड्यंत्र के कारण दक्षिणपंथी लोग 2014 से सत्ता में घुसने लगे थे।

धीरे-धीरे दक्षिणपंथी लोगों ने सत्ता पर पूर्ण कब्जा कर लिया व फिर नाटो की सदस्यता लेने का अभियान चल पड़ा।यूक्रेन अगर नाटों की सदस्यता हासिल कर लेता है तो रूस की सीमा पर नाटों की सेना पहुंच जाती है।यह रूस के लिए भविष्य में सामरिक खतरा पैदा करता है।रूस की तरफ से यूक्रेन को 2018 से समझाया जा रहा था कि यह हमें गवारा नहीं है।

बावजूद इसके जेलेन्स्की नहीं माने।सैन्य कार्यवाही के अलावा रूस के पास कोई विकल्प नहीं बचा था।रूस ने सैन्य कार्यवाही यानी अंतिम विकल्प पर कार्यवाही शुरू कर दी।सैन्य अभियान के बीच भी जेलेन्स्की नाटों देशों से नाटो में शामिल करने की गुहार करते रहे व कल नाटो नहीं तो यूरोपीय यूनियन में शामिल करने के लिए पत्र लिख रहे थे।

जिस तरह पश्चिम का प्रोपेगैंडा मीडिया रूस को विलेन की तरह पेश कर रहा है,युध्द का अपराधी घोषित कर रहा है,सच्चाई इससे कोसों दूर है।रूस ने विस्तारवादी नीति के तहत कोई हमला नहीं किया है बल्कि नाटों देशों ने रूस को इस कार्यवाही के लिए मजबूर किया है।

विएतनाम, इराक व अफगानिस्तान के साथ अमेरिका ने क्या सलूक किया है वो किसी से छुपा हुआ नहीं है।सिर्फ तेल के कुओं पर कब्जे को लेकर एक स्वतंत्र देश इराक को बर्बाद कर दिया।अमेरिका व ब्रिटेन की नजर यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों पर रही।उसको हासिल करने के लिए षड्यंत्र पूर्वक समर्थक सरकार बनवाई व यूक्रेन को युद्ध के मैदान में खड़ा कर दिया।

अब अमेरिका व नाटो देश यूक्रेन की मदद के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रहे है।ऑनलाइन पेमेंट रूट बंद है।समुद्री मार्ग पर रूस ने कब्जा कर रखा है।रोमानिया के जहाज को घुसते ही उड़ा दिया।जमीनी सीमाओं को रूस ने घेर रखा है।हवाई क्षेत्र सीज है।पोलैंड-रोमानिया की सीमा पर खड़े होकर फाइटर जहाज से हमला करते है या मिसाइल दागते है तो लड़ाई नाटो बनाम रूस हो जाएगी यानि तीसरे विश्वयुध्द की शुरुआत।यह गलती नाटो कभी नहीं करेगा।

कुल-मिलाकर रूस यूक्रेन का विसैन्यकरण करके रूस समर्थक सरकार बिठायेगा।पूर्ण कब्जा करके खुद नाटो की सीमा पर नहीं बैठेगा।

भारतीय मीडिया को पश्चिमी मीडिया के प्रोपेगैंडा का अनुसरण करने व दक्षिणपंथी समूहों द्वारा अमेरिका व नाटों के समर्थन में भौकाल से बचकर अपना ध्यान यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों व नागरिकों को निकालने पर केंद्रित करना चाहिए।

प्रेमसिंह सियाग

28/02/2022

जापान ने USA को संधि की याद दिलाते हुए कहा है मुझे अब डर लग रहा है एक परमाणु संपन्न देश उस पर हमला कर दे तो USA अफ़गानिस्तान यूक्रेन जैसे उसे अकेले न छोड़ दे
इस लिए वे अपने देश में परमाणु हथियार को तैनात करने को कहा है नहीं तो वो खुद का परमाणु हथियार बनाएंगे

*-बर्फ पानी के ऊपर क्यों तैरती है?-*  जब कोई भी तरल पदार्थ ठोस पदार्थ में बदलता है तो उसका आयतन घट जाता है और वह  भारी ह...
07/02/2022

*-बर्फ पानी के ऊपर क्यों तैरती है?-*

जब कोई भी तरल पदार्थ ठोस पदार्थ में बदलता है तो उसका आयतन घट जाता है और वह भारी हो जाता है लेकिन पानी के साथ ऐसा नहीं होता पानी जब ठोस अवस्था के लिए जमकर बर्फ बनता है तो उसका आयतन घटने के स्थान पर बढ़ जाता है जिसके कारण वह पानी की तुलना में हल्की हो जाती है इसीलिए बर्फ पानी में तैरती रहती है।

*-तारे टूटते हुए क्यो दिखाई देते है?-* अन्तरिक्ष में अनेकों बड़ी-बड़ी रचनाएँ उपस्थित है जो पृथ्वी से अरबों किलोमीटर की दुर...
31/01/2022

*-तारे टूटते हुए क्यो दिखाई देते है?-*

अन्तरिक्ष में अनेकों बड़ी-बड़ी रचनाएँ उपस्थित है जो पृथ्वी से अरबों किलोमीटर की दुरी पर स्थित है जिन्हें हम तारों के रूप में देखते है। जब वे बाहरी अन्तरिक्ष से वायुमंडल में प्रवेश करते है तो हवा की रगड़ से गर्म होकर चमकने लगते है

ये उल्कायें भी कहलाती है अधिकांश उल्कायें वायुमंडल में पूरी तरह जल जाती हैं लेकिन कुछ बड़े उल्का पिण्ड पृथ्वी तक पहुँच जाते हैं उन्हें जब गिरता हुआ देखते है तो हम कहते है कि तारा टूट रहा है।

*-आकाश का रंग नीला क्यों दिखाई देता है?-* धरती के चारों ओर वायुमंडल यानी हवा है। इसमें कई तरह की गैसों के मॉलीक्योंल और ...
29/01/2022

*-आकाश का रंग नीला क्यों दिखाई देता है?-*

धरती के चारों ओर वायुमंडल यानी हवा है। इसमें कई तरह की गैसों के मॉलीक्योंल और पानी की बूँदें या भाप है। गैसों में सबसे ज्यादा करीब 78 फीसद नाइट्रोजन है और करीब 21 फीसद ऑक्सीजन। इसके अलावा ऑरगन गैस और पानी है।

इसमें धूल, राख और समुद्री पानी से उठा नमक वगैरह है। हमें अपने आसमान का रंग इन्हीं चीजों की वजह से आसमानी लगता है। दरअसल हम जिसे रंग कहते हैं वह रोशनी है। रोशनी वेव्स या तरंगों में चलती है। हवा में मौजूद चीजें इन वेव्स को रोकती हैं। जो लम्बी वेव्स हैं उनमें रुकावट कम आती है।

वे धूल के कणों से बड़ी होती हैं। यानी रोशनी की लाल, पीली और नारंगी तरंगें नजर नहीं आती। पर छोटी तरंगों को गैस या धूल के कण रोकते हैं। और यह रोशनी टकराकर चारों ओर फैलती है। रोशनी के वर्णक्रम या स्पेक्ट्रम में नीला रंग छोटी तरंगों में चलता है। यही नीला रंग जब फैलता है तो वह आसमान का रंग लगता है

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