आज़ाद विचार

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23/07/2023

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किसी के लिए समर्पण करना मुश्किल नहीं, मुश्किल है उस व्यक्ति को ढूंढना, जो आपके समर्पण की कदर करें ।
07/12/2022

किसी के लिए समर्पण करना मुश्किल नहीं, मुश्किल है उस व्यक्ति को ढूंढना, जो आपके समर्पण की कदर करें ।

• एक लोकोक्ति
17/11/2022

• एक लोकोक्ति

14/11/2022
01/11/2022

कुछ पल यहाँ बैठिए जनाब,
दौलत का नशा उतर जाएगा ❣️

इस वाक्य को पूरा कीजिये....
31/10/2022

इस वाक्य को पूरा कीजिये....

जयंती पर शत शत नमन वंदन 🙏
31/10/2022

जयंती पर शत शत नमन वंदन 🙏

गणेश शंकर विद्यार्थी : जयंती पर सादर नमन 🙏🌹
26/10/2022

गणेश शंकर विद्यार्थी : जयंती पर सादर नमन 🙏🌹

जो व्यक्ति कर्म और वचन में सामंजस्य नहीं रख सकता, वह और चाहे कुछ हो सिद्धान्तवादी नहीं है।
26/10/2022

जो व्यक्ति कर्म और वचन में सामंजस्य नहीं रख सकता, वह और चाहे कुछ हो सिद्धान्तवादी नहीं है।

रोने के लिए हम एकांत ढूढते हैं,हंसने के लिए अनेकांत ।
24/10/2022

रोने के लिए हम एकांत ढूढते हैं,
हंसने के लिए अनेकांत ।

कुछ पन्ने क्या फटे जिंदगी की किताब के,ज़माने ने समझा हमारा दौर ही खत्म हो गया ...
23/10/2022

कुछ पन्ने क्या फटे जिंदगी की किताब के,
ज़माने ने समझा हमारा दौर ही खत्म हो गया ...

हार के मुंह से जीत को छीन लायालाहौर में रखा मैच दिल्ली में खींच लाया
23/10/2022

हार के मुंह से जीत को छीन लाया
लाहौर में रखा मैच दिल्ली में खींच लाया

आदमी का सबसे बड़ा दुश्मन उसका गुरुर है।
23/10/2022

आदमी का सबसे बड़ा दुश्मन उसका गुरुर है।

प्रेम की रोटियों में अमृत रहता हैचाहे वो गेंहूँ की हो या बाजरे की...
22/10/2022

प्रेम की रोटियों में अमृत रहता है
चाहे वो गेंहूँ की हो या बाजरे की...

जब डूबना ही है, तो क्या तालाब और क्या गंगा
20/10/2022

जब डूबना ही है, तो क्या तालाब और क्या गंगा

क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात नहीं कहता है, वह सिर्फ दूसरे का दिल दुखाना चाहता है
19/10/2022

क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात नहीं कहता है,
वह सिर्फ दूसरे का दिल दुखाना चाहता है

सुखभोग की लालसा,आत्म-सम्मान का सर्वनाश करवा देती है।
18/10/2022

सुखभोग की लालसा,
आत्म-सम्मान का सर्वनाश करवा देती है।

आमदनी पर सबकी निगाह रहती है,खर्च को कोई नहीं देखता है।
17/10/2022

आमदनी पर सबकी निगाह रहती है,
खर्च को कोई नहीं देखता है।

उदासी में मौत की याद तुरन्त आती है - मुंशी प्रेमचंद
17/10/2022

उदासी में मौत की याद तुरन्त आती है - मुंशी प्रेमचंद

धूर्त, कपटी, लोभी, स्वार्थी मनुष्य की वाणी बहुत ही कोमल होती हैं जब वो आपसे बातें करेगा तो लगेगा संसार में इससे सगा कोई ...
14/10/2022

धूर्त, कपटी, लोभी, स्वार्थी मनुष्य की वाणी बहुत ही कोमल होती हैं जब वो आपसे बातें करेगा तो लगेगा संसार में इससे सगा कोई नहीं है।

#आज़ाद_विचार

15 अगस्त से पहले 1100 जय हिन्द वन्दे मातरम्
05/08/2022

15 अगस्त से पहले 1100 जय हिन्द वन्दे मातरम्

लड़ो तो आख़री सांस तक लड़ोसंघर्ष तो जीवन की चुनौती है।
24/07/2022

लड़ो तो आख़री सांस तक लड़ो
संघर्ष तो जीवन की चुनौती है।

कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन अंग्रेज सैनिकों के बूटों की आवाज से गूंज रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे किसी क्रांतिकारी या विद्...
23/07/2022

कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन अंग्रेज सैनिकों के बूटों की आवाज से गूंज रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे किसी क्रांतिकारी या विद्रोही के आने की सूचना मिली थी और ये सारे गोरे अंग्रेज उसी की तलाश में आये थे,

थोड़ी ही देर में छावनी बने स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक पर लखनऊ की ओर से आने वाली एक पैसेंजर गाड़ी रुकी, रुकते ही पूरी बटालियन ने ट्रेन को चारों ओर से घेर लिया और सबके हाथों में बड़ी बड़ी संगीन लगी बंदूकें थीं

ट्रेन से लोगों का उतरना चालू हो गया, एक अंग्रेज अधिकारी दूर खड़ा अपने सैनिकों की गतिविधि देख रहा था तभी एक बलिष्ठकाय राजस्थानी पगड़ी पहने हुए बड़ी बड़ी आंखों वाला एक नवयुवक उस अंग्रेज अधिकारी के बिल्कुल पास जाकर खड़ा हो गया!

आप यहां किस लिए आये हैं??

हम यहां आजाद को पकड़ने के लिए आये हैं मुझे सूचना मिली है कि आजाद इसी ट्रेन से आ रहा है!

क्या आपने कभी आजाद को देखा है?

नही!

तभी उस नवयुवक ने अपनी पगड़ी उतारते हुए धीरे से कहा- मैं ही आजाद हूँ पकड़ लो मुझे!

ये सुनते ही उस अंग्रेज अधिकारी ने उस नवयुवक की आंखों में खौफ से देखा, पता नहीं उन आंखों ने ऐसा क्या किया कि वो जड़वत खड़ा उन्ही की ओर देखे जा रहा था, आजाद ने मुस्कुराते हुए उस थरथर कांपते अधिकारी के पैंट की ओर देखा जोकि पेशाब किये जाने की वजह से गीली हो गयी थी, उसकी हालत खराब देख आजाद हंसते हुए स्टेशन से तेजी से बाहर निकल गए!
आजाद वहां से कब के जा चुके थे मगर पेशाब थी कि बंद होने का नाम नही ले रही थी!
जब तक जिया वो...मूछों पर ताव था....।।

गुलाम देश में वो इकलौता आजाद था...।।
चंद्रशेखर आजाद जी की जयंती पर शत शत नमन ...।।

"मुझे मक्खन पर लकीर करने में मजा नहीं आता है मैं पत्थर पर लकीर करता हूँ" - प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी
23/05/2022

"मुझे मक्खन पर लकीर करने में मजा नहीं आता है
मैं पत्थर पर लकीर करता हूँ"

- प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी

17/04/2022

अक्षय कुमार अपने ही वसूलों से पीछे हटे...
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