05/08/2024
स्थायी पता बसाने की फिक्र छोड़े, जीना जरुरी
मकान तो बड़े होते जा रहे, परिवार छोटे होते जा रहे हैं, घर में जब लोग होते हैं, तब हम निजता ( कोई नहीं हो) की चाह रखते हैं और जब घरोंदा खाली हो जाता है तो साथ इच्छा होती है| पशु- पक्षी भी हम इंसानों पर हंसते होगें कि हम अपने सपनों का घर बनाने के लिए जीना छोड़ देते हैं और अंत में उस सराय को छोड़ देते हैं जिसे स्थायी निवास समझ लिया है, हम इंसानों की यह यह कैसी नासमझी है कि लीज पर मिली जिन्दगी में भी स्थायी पता बसाने की कोशिश करते हैं और आज में जीना भूल जाते हैं |