03/02/2020
इस दशक के प्रावेधिक वैज्ञानिक की सरकार से शिकायतें और अपील
साइन्सटिस्ट विनोद कुमार शर्मा जी, जो कि रहने वाले हैं ज़िला आगरा, उत्तर प्रदेश के और इनकी शेक्षिक योग्यता है सिर्फ हाईस्कूल
काॅलिज की शिक्षा ना होने के बावजूद और आर्थिक तौर पर तन्गी होने पर भी इन्होने तरह-तरह की अतयन्त लाभकारी खोजें की।
इनकी खोजों में शामिल एक बैटरी से चलने वाली साइकिल, जो कि खुद ब खुद रिचार्ज होती है।
जितना ये साइकिल चलती है उतना ही वो रिचार्ज होती है।
जिस को चार्ज करने के लिए इलेक्ट्रिसिटी की कोई ज़रूरत नहीं है।
और इनकी खोजों में बैटरी रिक्शा स्कूटर और अन्य कई तरह की पर्यावरण को दूषित होने से बचाने वाली मशीनरियां शामिल हैं।
विनोद कुमार शर्मा जी सरकार अपील करते हैं कि उनके कड़ी मेहनत से गई खोजों को सहानुभूति दी जाए और उनकी आर्थिक व सामाजिक मदद की जाए।
विनोद शर्मा जी एक निहायत ग़रीब परिवार से हैं।
यह अपने देश के लिए कुछ करना चाहते हैं।
यह सरकार से अपील करते हैं कि उन्हें भी मौक़ा दिया जाए कि वह अपने इन्वेंशनों को जनता के सामने पेश कर सकें और अपनी मात्रभूमी, अपने देश भारतवर्ष का नाम रोशन कर सकें।
जब दैनिक सच की टीम विनोद कुमार शर्मा जी के पेत्रिक आवास ज़िला आगरा, उत्तर प्रदेश में पहुंची तो उनसे बातचीत करने के बाद खुलासा हुआ कि विनोद कुमार शर्मा जी अपनी खोजों के लिए बहुत से अधिकारियों और राजनेताओं के पास जा चुके हैं और उनसे अपील भी कर चुके हैं कि उनकी मदद की जाए।
कई मर्तबा दिल्ली, लखनऊ वग़ैरह के भी सफर कर चुके हैं मगर उन्हें अभी तक किसी भी तरह की आर्थिक या सामाजिक मदद नहीें मिली है।
यह है दैनिक सच की ख़ास रिपोर्ट केमरामेन मुनव्वर हुसैन के साथ शादाब नौशाही, दैनिक सच, आगरा
Complaints and appeals to the Provisional Scientist of this decade from the government
Scientist Vinod Kumar Sharma, who is a resident of Agra, Uttar Pradesh and his educational qualification is only high school
In spite of the absence of college education and financially strapped, he made many unique discoveries.
His discoveries include a battery-operated bicycle that recharges on its own.
The more this cycle moves, the more it recharges.
There is no need for electricity to charge it.
And his discoveries include battery rickshaw scooters and many other machineries that protect the environment from contamination.
Vinod Kumar Sharma ji Sarkar appeals that his hard work should be given sympathy and financial and social help.
Vinod Sharma ji is from a very poor family.
It wants to do something for their country.
It appeals to the government that they too may be given the opportunity to present their inventions to the public and make their land, their country of India, illuminate.
When Dainik Sach's team reached Vinod Kumar Sharma ji's petri house district Agra, Uttar Pradesh, after talking to them it was revealed that Vinod Kumar Sharma ji has gone to many officials and politicians for their discoveries and appealed to them too. Have done it to help them.
Many times have traveled to Delhi, Lucknow etc., but they have not yet received any financial or social help.
This is a special report of Dainik Sath, Shadab Naushahi with Camera Man Munawar Husain, Dainik Satch, Agra
https://youtu.be/iVlmU8B16mo
इस दशक के प्रावेधिक वैज्ञानिक की सरकार से शिकायतें और अपील साइन्सटिस्ट विनोद कुमार शर्मा जी, जो कि रहने वाले हैं ज.....