09/11/2019
चीफ जस्टिस ने सबसे पहले शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज कर दी है. चीफ जस्टिस ने इसके बाद निर्मोही अखाड़े का भी दावा खारिज कर दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने 09 नवंबर 2019 को अयोध्या विवाद पर फैसला पढ़ना शुरू कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक जमीन दी जाये. अर्थात सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिमों को दूसरी जगह जमीन देने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि मुस्लिम पक्ष जमीन पर दावा साबित करने में नाकाम रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने ASI रिपोर्ट के आधार पर अपने फैसले में कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की भी पुख्ता जानकारी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि आस्था के आधार पर जमीन का मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही साफ कहा कि फैसला कानून के आधार पर ही दिया जाएगा.
चीफ जस्टिस ने सबसे पहले शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज कर दी है. चीफ जस्टिस ने इसके बाद निर्मोही अखाड़े का भी दावा खारिज कर दिया गया है. यह फैसला चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच सुना रही है. सुप्रीम कोर्ट ने ASI की रिपोर्ट के आधार पर यह भी कहा है कि बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी.
सुप्रीम कोर्ट 09 नवंबर 2019 को अयोध्या विवाद (Ayodhya Case Verdict) पर फैसला सुना रहा है. राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर पांच जजों की पीठ ने 16 अक्टूबर 2019 को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पांच सदस्यीय संविधान पीठ फैसला सुना रही है.
मुख्य न्यायाधीश ने यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ एक बैठक कर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया था. इस दौरान मुख्य न्यायाधीश ने अयोध्या केस में फैसला आने से पहले प्रदेश की सुरक्षा तैयारियों को लेकर चर्चा की. संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को रिटायर होंगे.
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