09/05/2021
पिता :- कन्यादान नहीं करूंगा जाओ ,
मैं नहीं मानता इसे ,
क्योंकि मेरी बेटी कोई चीज़ नहीं ,जिसको दान में दे दूँ ;
मैं बांधता हूँ बेटी तुम्हें एक पवित्र बंधन में ,
पति के साथ मिलकर निभाना तुम ,
मैं तुम्हें अलविदा नहीं कह रहा ,
आज से तुम्हारे दो घर ,जब जी चाहे आना तुम ,
जहाँ जा रही हो ,खूब प्यार बरसाना तुम ,
सब को अपना बनाना तुम ,पर कभी भी
न मर मर के जीना ,न जी जी के मरना तुम ,
तुम अन्नपूर्णा , शक्ति , रति सब तुम ,
ज़िंदगी को भरपूर जीना तुम ,
न तुम बेचारी , न अबला ,
खुद को असहाय कभी न समझना तुम ,
मैं दान नहीं कर रहा तुम्हें ,
मोहब्बत के एक और बंधन में बाँध रहा हूँ ,
उसे बखूबी निभाना तुम .................
*एक नयी सोच एक नयी पहल*सभी बेटियां के लिए
🌿➖बोये जाते हैं बेटे..
🌿➖पर उग जाती हैं
बेटियाँ..
🌿➖खाद पानी बेटों को..
🌿➖पर लहराती हैं बेटियां.
🌿➖स्कूल जाते हैं बेटे..
🌿➖पर पढ़ जाती हैं
बेटियां..
🌿➖मेहनत करते हैं बेटे..
🌿➖पर अव्वल आती हैं
बेटियां..
🌿➖रुलाते हैं जब खूब बेटे.
🌿➖तब हंसाती हैं बेटियां.
🌿➖नाम करें न करें बेटे..
🌿➖पर नाम कमाती हैं
बेटियां..
🌿➖जब दर्द देते हैं बेटे...
🌿➖तब मरहम लगाती
हैं बेटियां..
🌿छोड़ जाते हैं जब बेटे..
🌿तो काम आती हैं
बेटियां..
🌿आशा रहती है बेटों से.
🌿 पर पूर्ण करती हैं
बेटियां..
🌿हजारों फरमाइश से
भरे हैं बेटे....
🌿पर समय की नज़ाकत
को समझती बेटियां..
🌿बेटी को चांद जैसा
मत बनाओ कि हर
कोई घूर घूर कर देखे..
📍लेकिन📍
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बेटी को सूरज जैसा
बनाओ ताकि घूरने से
पहले सब की नजर झुक
जाये..