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Gaur Bhktvrind Dasanudas हरे कृष्ण हरे कृष्ण ,कृष्ण कृष्ण हरे ह?

20/10/2023
11/09/2023

श्रील भक्तिवेदांत स्वामी महाराज प्रभुपाद जी (Srila Bhakti Vedant Swami Maharaj Prbhupad ji)

श्रील वेद व्यास जी की आविर्भाव तिथि महा महोत्सव की जय 🌺🌺🌸🌸🙏🙇‍♂️कौन हैं श्रील वेद व्यास जी (कृष्ण द्वैपायन) ?श्रील वेदव्य...
03/07/2023

श्रील वेद व्यास जी की आविर्भाव तिथि महा महोत्सव की जय 🌺🌺🌸🌸🙏🙇‍♂️

कौन हैं श्रील वेद व्यास जी (कृष्ण द्वैपायन) ?

श्रील वेदव्यास जी एक महर्षि ही नहीं हैं बल्कि भगवान के एक अवतार हैं। श्रील वेद व्यास जी ने ही भगवान की इच्छा से कलियुग के जीवों के कल्याण के लिए समस्त शास्त्रों को लिखित रूप में संकलित किया। इस लिए हम सभी कलियुग के जीव श्रील वेद व्यास जी के चिर ऋणी हैं।

नमोऽस्तु ते व्यास विशालबुद्धे फुल्लारविन्दायतपत्रनेत्रः।

येन त्वया भारततैलपूर्णः प्रज्ज्वालितो ज्ञानमयप्रदीपः।।

अर्थात् - जिन्होंने महाभारत जैसे महान ग्रंथ रूपी ज्ञान के दीप को प्रज्वलित किया ऐसे विशाल बुद्धि वाले महर्षि वेदव्यास को मेरा नमस्कार है।

व्यासाय विष्णुरूपाय व्यासरूपाय विष्णवे।

नमो वै ब्रह्मनिधये वासिष्ठाय नमो नम:।।

अर्थात् - व्यास विष्णु के रूप है तथा विष्णु ही व्यास है ऐसे वसिष्ठ-मुनि के वंशज को मैं बार-बार नमन करता हूँ। (वसिष्ठ के पुत्र थे 'शक्ति'; शक्ति के पुत्र पराशर, और पराशर के पुत्र श्रील वेद व्यास जी हुए।)

29/06/2023
29/06/2023

(एकादशी-कीर्तन)

शुद्ध भक्त , चरण-रेणु,
भजन अनुकूल।
भक्त सेवा, परम सिद्धि,
प्रेम लतिकार मूल।।

शुद्ध भक्तों की चरण रज ही भजन के अनुकूल है । भक्तों की सेवा ही परम सिद्धि है तथा प्रेमरूपी लता का मूल (जड़) है ।

माधव-तिथि, भक्ति जननी,
यतने पालन करि।
कृष्णवसति वसति बलि,
परम आदरे वरि ।।

माधव तिथि (एकादशी) भक्ति को भी जन्म देने वाली है तथा इसमें कृष्ण का निवास है , ऐसा जानकर परम आदरपूर्वक इसको वरणकर यत्नपूर्वक पालन करता हूँ ।

गौर आमार जे सब स्थाने,
करल भ्रमण रङ्गे।
से सब स्थान , हेरिबो आमि,
प्रणयि (-भकत-) संगे ।।

मेरे गौरसुन्दर ने जिन-जिन स्थानों में आनन्दपूर्वक भ्रमण किया, मैं भी प्रेमी भक्तों के साथ उन सब स्थानों का दर्शन करूँगा ।

मृदंग- वाद्य , सुनिते मन,
अवसर सदा याचे।
गौर - विहित , कीर्तन सुनि,
आनन्द ह्रदय नाचे।।

मृदङ्ग की मधुर ध्वनि को सुनने के लिए मेरा मन सर्वदा लालायित रहता है तथा श्री गौरसुन्दर से सम्बन्धित कीर्तनों को सुनकर आनन्द से भरकर मेरा हृदय नाचने लगता है ।

युगलमूर्ति , देखिया मोर,
परम आनन्द हय।
प्रसाद-सेवा करिते हय,
सकल प्रपंच जय।।

युगल मूर्ति का दर्शनकर मुझे परम आनन्द प्राप्त होता है । महाप्रसाद का सेवन करने से माया को भी जय किया जा सकता है ।

जे दिन गृहे भजन देखि,
गृहेते गोलोक भाय।
चरण-सीधू , देखिया गंगा,
सुख ना सीमा पाय।।

जिस दिन घर में भजन-कीर्तन होता है , उस दिन घर साक्षात् गोलोक हो जाता है ।श्री भगवान का चरणामृत और श्रीगंगा जी का दर्शनकर तो सुखकी सीमा ही नहीं रहती।

तुलसी देखि जुड़ाय प्राण,
माधवतोषणी जानि।
गौर प्रिय शाक सेवने,
जीवन सार्थक मानि।।

माधव प्रिया तुलसी जी का दर्शनकर त्रितापों से दग्ध हुआ हृदय सुशीतल हो जाता है ।
श्री गौरसुन्दर के प्रिय साग का आस्वादन करने में ही मैं जीवन की सार्थकता मानता हूँ ।

भक्ति विनोद कृष्ण भजने,
अनुकूल पाय जाहा।
प्रतिदिवसे परम सुखे,
स्वीकार करये ताहा।।

कृष्ण भजन के अनुकूल जीवन निर्वाह के लिए जो कुछ पाता है , यह भक्तिविनोद प्रतिदिन उसे सुखपूर्वक ग्रहण करता है ।

कलियुग में भगवान के नाम की महिमा...
25/06/2023

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सभी उलझनों का विराम सद गुरु चरणों में हैं ...
11/06/2023

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27/12/2022

With much happiness and by the mercy of our Śrīla Gurudeva nitya-lila pravista om vishnupada asṭottara-śata, Śrī Śrīmad Bhaktivedānta Nārāyaṇa Gosvāmī Mahārāja, we are able to present Śrī Manaḥ-śikṣā in Oriya language.

Śrī Manaḥ-śikṣā
What are the beautiful yet highly disciplined internal attitudes that are to be deeply embedded in the heart of one who sincerely aspires to be a follower of Śrīla Rūpa Gosvāmī? In this book, the foremost rūpānuga, Śrīla Raghunātha dāsa Gosvāmī, reveals the firmness of mind required to attain that topmost goal. These eleven nectarean and startling instructions to his “brother mind” are truly for the serious practitioner and sincere aspirant.

Hereby the contact information to order books and magazines in the Oriya language in hard copy directly:
Śrīman Uttam Krushna Das (Translator and editor of the Oriya books and magazines under guidance of Śrī Śrīmad Bhaktivedānta Nārāyaṇa Gosvāmī Mahārāja)
Name: Śrīman Uttam Krushna Das
Email: [email protected]
Telephone number: +91 82491 34430
Jay Shree Damodar Gauḍīya Math, CT Road, Z Hotel Lane, Near Chakra Tirtha Temple,
Puri Pin – 752002

04/03/2022

विश्व मे केवल कृष्णभावनामृत से ही शांति आ सकती है-श्रील भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद महाराज जी

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