09/10/2022
वंचित जमात के महापुरुषों को अनुकूल परिस्थितियां कभी नहीं मिलीं। संकट का समय हर काल में रहा है। चुनौतियां हमेशा से खड़ी रही हैं। बना-बनाया रास्ता कभी किसी को नहीं मिला। लेकिन इनके पास दृढ़ता थी, सपने थे, आकांक्षाएं थीं, ज़ज़्बा था, प्रतिबद्धताएं थीं, परिवर्तन लाने की ज़िद थी।समाज से इन लोगों ने अपने लिए कुछ नहीं लिया। हाँ, समाज के लिए अपना सब कुछ जरूर दे दिया। लेकिन आप सब के सपने अभी पूरे नहीं हुए। आपका कारवां मंज़िल तक नहीं पहुंचा। सफ़र अभी जारी है...
साहब को नमन 💐💐💐🙏🙏🙏