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 #स्वास्थ्य  #आयुर्वेद  #गृहउपचार
18/01/2025

#स्वास्थ्य #आयुर्वेद #गृहउपचार

देशी घी में विटामिन A, D, E और K भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह पाचन को बेहतर बनाता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता ह...
17/01/2025

देशी घी में विटामिन A, D, E और K भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह पाचन को बेहतर बनाता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।

काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने और सर्दी-खांसी से बचाव में मदद करते हैं।

देशी घी में काली मिर्च मिलाकर खाने के फायदे

1. पाचन सुधारता है

देशी घी और काली मिर्च का मिश्रण पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। यह कब्ज और एसिडिटी की समस्या को दूर करने में सहायक है।

2. इम्यूनिटी को बढ़ाता है

काली मिर्च में मौजूद पिपरीन और घी के साथ मिलकर यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है।

3. सर्दी-खांसी में राहत देता है

सर्दी-जुकाम और गले की खराश में यह मिश्रण प्राकृतिक औषधि की तरह काम करता है।

4. हड्डियों को मजबूत करता है

घी में कैल्शियम और काली मिर्च के गुण हड्डियों की मजबूती
बढ़ाने में मदद करते हैं।

5. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद यह मिश्रण शरीर को अंदर से पोषण देता है, जिससे त्वचा में निखार आता है और बाल मजबूत होते हैं।

देशी घी और काली मिर्च का सेवन करने का सही तरीका

1. सुबह खाली पेट सेवन करें सुबह खाली पेट एक चम्मच घी में चुटकी भर काली मिर्च मिलाकर खाने से अधिकतम लाभ मिलता है।

2. दूध के साथ सेवन सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में घी और काली मिर्च मिलाकर पीने से नींद अच्छी आती है और सर्दी-खांसी में राहत मिलती है।

3. भोजन के साथ सेवन आप इसे भोजन में शामिल कर सकते हैं। रोटी पर घी लगाकर काली मिर्च छिड़कें और खाएं।

सावधानियां

यदि आप किसी एलर्जी से पीड़ित हैं, तो इस मिश्रण का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। अधिक मात्रा में काली मिर्च का उपयोग न करें, क्योंकि यह पेट में जलन पैदा कर सकती है।

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1 जरूरत से ज्यादा मीर्च-मसाला व तीखा खाने से बेचैनी और पेट में जलन की समस्या पैदा हो सकती है। ऐसा खासकर तब ज्यादा होता ह...
16/01/2025

1 जरूरत से ज्यादा मीर्च-मसाला व तीखा खाने से बेचैनी और पेट में जलन की समस्या पैदा हो सकती है। ऐसा खासकर तब ज्यादा होता है जब आपके डिनर और रात के सोने के बीच ज्यादा गैप न हो।

2 रात के समत समय अधिक मात्रा में तीखा खाकर सोने से गैस्ट्रिक ग्लैंड खराब हो सकते है। साथ ही अपच और नींद न आने की समस्याएं भी पैदा हो सकती है।

3 जरूरत से ज्यादा तीखे खाने से मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है और खाने को पचने में समय लगता है। इसका बुरा असर आपके एनर्जी लेवल पर भी पड़ता है।

4 मिर्च में कैपसाइसिन नाम का एक पदार्थ पाया जाता है जो एसिडिटी की समस्या पैदा कर सकता है।

5 जरूरत से ज्यादा तीखा खाने से जब अपच और नींद न आने की समस्याएं होगी तो इसका असर आपके वजन बढ़ने के रूप में भी दिख सकता है।

खाली पेट लहसुन खाने से इन बिमारियों से मिलती है राहत1. स्वास्थ्य:लहसुन एक ऐसी सब्जी है जिसके बिना खाना फिका लगता है। वही...
14/01/2025

खाली पेट लहसुन खाने से इन बिमारियों से मिलती है राहत
1. स्वास्थ्य:

लहसुन एक ऐसी सब्जी है जिसके बिना खाना फिका लगता है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बिल्कुल लहसुन नहीं खाते लेकिन लहसुन जिन गुणों से भरपूर है वो फायदे जानकार आप भी लहसुन खाने पर मजबूर हो जाएंगे। आयुर्वेद में लहसुन को दवाई माना गया हैं । सुबह खाली पेट में लहसुन का सेवन करना बहुत फायदेमंद माना जाता है।

2. हाई बीपी से छुटकारा:

लहसुन खाने से हाई बीपी से जुड़ी समस्या को कम किया जाता हैं । लहसुन ब्लड सर्कुलेशन को कंट्रोल करने में काफी कारगार होता है। जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर हैं वह लहसुन का सेवन करके इस समस्या से छु़टकारा पा सकते है।

3. पेट की बिमारियों के लिए बेहतर:

लहसुन पेट से जुड़ी समस्या का भी इलाज करनें में काफी मददगार होता है। डायरिया, कब्ज जैसी समस्या के लिए यह बेहद उपयोगी माना जाता है। पानी उबालकर उसमें लहसुन की कलियां डाल लें फिर इस पानी को सुबह खाली पेट पीनें से डायरिया और कब्ज से छुटकारा मिल जाएगा।

4. दिल के लिए फायदेमंद:

लहसुन दिल से जुड़े खतरों को भी दूर करता हैं । लहसुन खाने से खून का जमना कम किया जा सकता है और हार्ट अटैक की परेशानी से भी राहत मिलती है।

5. पाचन होगा अच्छा:

खाली पेट लहसुन की कलियां चबाने से पाचन में दिक्कत नहीं होती है और भूख भी लगना शुरू हो जाती है।

6. खांसी-जुकाम में आराम:

लहसुन का सेवन जुकाम, अस्थमा, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस के इलाज में फायदा करता है।

इन तेलों से करें मालिश....तिल का तेल: तिल के तेल में विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो त्वचा को मुलायम और चमकदार ...
13/01/2025

इन तेलों से करें मालिश....
तिल का तेल: तिल के तेल में विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाते हैं। यह जोड़ों के दर्द को कम करने में भी मदद करता है।

सरसों का तेलः सरसों के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यह रक्त संचार को भी बेहतर बनाता है।

पैरों की मालिश के फायदे-
रक्त संचार बेहतर होता है: पैरों की मालिश करने से रक्त

संचार बेहतर होता है, जिससे शरीर के सभी अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं।

जोड़ों का दर्द कम होता है: नियमित रूप से पैरों की मालिश करने से जोड़ों का दर्द कम होता है और मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ता है।

तनाव कम होता है: पैरों की मालिश करने से तनाव कम होता है और नींद अच्छी आती है।

त्वचा स्वस्थ रहती है: पैरों की मालिश करने से त्वचा मुलायम और चमकदार बनती है।

तिल और सरसों के तेल से पैरों की मालिश कैसे करें?

तेल को गर्म करें: तिल और सरसों के तेल को हल्का गर्म करें।

मालिश करें: गर्म तेल को पैरों पर लगाकर हल्के हाथों से मालिश करें।

तलवों पर ध्यान दें: तलवों पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि यहां कई एक्यूप्रेशर पॉइंट्स होते हैं।

कुछ देर आराम करें: मालिश करने के बाद कुछ देर आराम करें।

सर्दियों में तिल और सरसों के तेल से पैरों की मालिश करना एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव करने में मदद करता है। यह न केवल आपके पैरों को स्वस्थ रखता है बल्कि पूरे शरीर को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है।

हल्दी वाला दूध पीने के 7 लाभ.....!!बहुत फायदेमंद है हल्दी वाला दूध।दूध जहां कैल्शियम से भरपूर होता है वहीं दूसरी तरफ हल्...
12/01/2025

हल्दी वाला दूध पीने के 7 लाभ.....!!

बहुत फायदेमंद है हल्दी वाला दूध।
दूध जहां कैल्शियम से भरपूर होता है वहीं दूसरी तरफ हल्दी में एंटीबायोटिक होता है।दोनों ही आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होते हैं और अगर दोनों को एक साथ मिला लिया जाये तो इनके लाभ दोगुना हो जायेगें।

आइए हल्दी वाले दूध के ऐसे फायदों को जान कर आप इसे पीने से खुद को रोक नहीं पायेगें ।

1. सांस संबंधी समस्याओं में लाभकारी
हल्दी में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं | इस लिए इसे गर्म दूध के साथ लेने से दमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों में कफ और साइनस जैसी समस्याओं में आराम होता है।
यह मसाला आपके शरीर में गरमाहट लाता है और फेफड़े तथा साइनस में जकड़न से तुरन्त राहत मिलती है। साथ ही यह बैक्टीरियल और वायरल संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है।

2. मोटापा कम करे

हल्दी वाले दूध को पीने से शरीर में जमी अतिरिक्त चर्बी घटती है। इसमें मौजूद कैल्शियम और मिनिरल और अन्य पोषक तत्व वजन घटाने में मदगार होते हैं।

3. हडि्डयों को मजबूत बनाये

दूध में कैल्शियम और हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट की मौजूदगी के कारण हल्दी वाला दूध पीने से हडि्डयां मजबूत होती है और साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।हल्दी वाले दूध को पीने से हड्डियों में होने वाले नुकसान और ऑस्टियोपोरेसिस की समस्या में कमी आती है ।

4. खून साफ करे

आयुर्वेदिक परम्परा में हल्दी वाले दूध को एक बेहतरीन रक्त शुद्ध करने वाला माना जाता है। यह रक्त को पतला कर रक्त वाहिकाओं की गन्दगी को साफ करता है। और शरीर में रक्त परिसंचरण को मजबूत बनाता है।

5.पाचन संबंधी समस्याओं में लाभकारी

हल्दी वाला दूध एक शक्तिशाली एंटी-सेप्टिक होता है। यह आंतों को स्वस्थ बनाने के साथ पेअ के अल्सर और कोलाइटिस के उपचार में भी मदद करता है। इसके सेवन से पाचन बेहतर होता है और अल्सर, डायरिया और अपच की समस्या नहीं होती है।

6. दर्द कम करे

हल्दी वाले दूध के सेवन से गठिया का निदान होता हैं। साथ ही इसका रियूमेटॉइड गठिया के कारण होने वाली सूजन के उपचार के लिये प्रयोग किया जाता है। यह जोड़ो और मांसपेशियों को लचीला बनाता है जिससे दर्द कम हो जाता है |

7.गहरी नींद में सहायक

हल्दी शरीर में ट्रीप्टोफन नामक अमीनो अम्ल को बनाता है, जो शान्तिपूर्वक और गहरी नींद में सहायक होता है। इस लिए अगर आप रात में ठीक से सो नहीं पा रहे हैं या आपको बैचेनी हो रही है तो सोने से आधा घंटा पहले हल्दी वाला दूध पीएं।इससे आपको गहरी नींद आएगी और नींद ना आने की समस्या दूर हो जाएगी।

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अस्थि संहार (हड़जोड़) हड्डी को जोड़ने वाला पौधा आयुर्वेदिक लेप हिंदी में इसको हर जोरा कहा जाता है गुजराती में बेदारी कहते ह...
11/01/2025

अस्थि संहार (हड़जोड़) हड्डी को जोड़ने वाला पौधा आयुर्वेदिक लेप हिंदी में इसको हर जोरा कहा जाता है गुजराती में बेदारी कहते हैं,यह पौधा छोटी झाड़ियों जैसा होता है, जो सामान्यत: 1-2 फीट तक ऊँचा होता है।
इसके पत्ते छोटे, सरल और हरे रंग के होते हैं।
इसके फूल छोटे, हल्के पीले या सफेद रंग के होते हैं, जो छोटे गुच्छों में खिलते हैं।

इसकी डाल पर लाल रंग के मटर के आकार के फल लगते हैं इसके फलों को एकत्र करके नींबू के रस में घोटा जाए और घोटते-घोटते लगभग 4 घंटे हो जाएं

तो उसे गाढ़ा लेप बन जाएगा और यह गाढा लेप आयुर्वेद की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण औषधि है अगर किसी व्यक्ति के शरीर में चाकू से या किसी अन्य चीज से

चमडी या मांस कट जाए तो उस कटे हुए स्थान पर अच्छी तरह से पौछकर कर उस पर उपरोक्त प्रकार से बनाया हुआ लेप लगाकर पट्टी बांधने से 24 घंटो के भीतर भीतर यह घाव पूरी तरह से भर जाता है और पट्टी

खोल कर हटा देने पर उस घाव का निशान भी शरीर पर नहीं रहता दूसरा प्रयोग यदि गिरने से या मारपीट से शरीर में अत्यधिक चोट पहुंची हो और यदि कोई हड्डी टूट गई हो तो उस टूटे हुए स्थान पर इसके बीजों को

पौछकर कर लगा दिया जाए तो 12 घंटों के भीतर भीतर वह हड्डी पूरी तरह से जुड़ जाती है और किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती |

अन्य बीमारियों में लाभ

इसके अलावा शरीर किसी भी प्रकार से घायल हो गया हो या हड्डियों में सूजन आ गई हो या किसी प्रकार गिरने से कोई चोट या फैक्चर हो गया हो इन सभी स्थितियों में इन बीजों को पानी में घोटकर प्रत्येक आधे

घंटे के बाद 50 ग्राम पानी पिलाने से शरीर के सारे रोग समाप्त होकर दर्द पूरी तरह से दूर हो जाता है यह पानी 5 या 6 बार पिलाना चाहिए इसके फूल कामोत्तेजना देने वाले और कृमिनाशक होते हैं इसके अलावा

यह तिल्ली के रोगों और जलोदर आदि के रोगों को मिटाने में भी पूर्ण सहायक है इसके माध्यम से खूनी बवासीर और पेट से संबंधित कोई भी

दर्द को पूरी तरह से मिटाने में पूर्ण सक्षम है इतना ही नहीं इसके माध्यम से महिलाओं में अनियमित मासिक स्राव को भी दूर करने में यह औषधि

पूर्ण फायदेमंद है दमे की बीमारी में भी इसका प्रयोग रामबाण सिद्ध होता है यदि किसी की रीढ़ की हड्डी में किसी भी प्रकार दर्द या पीड़ा हो, ऐसी स्थिति में इस पौधे की कोमल शाखाओं

का बिछोना बनाकर गददे की तरह मोटा कर लें और उसके बाद उस पर लेट जाएं इससे रीड की हड्डी का दर्द पूरी तरह समाप्त हो जाता है है डायबिटीज और ब्लड प्रेशर में इसका प्रयोग करने से बहुत लाभ मिलता है

इसके द्वारा लकवा,गठिया आदि रोगों को भी दूर करने में पूर्ण सहायता मिलती है इसको 64 दिव्य जड़ी बूटियों में स्थान प्राप्त है,सबसे बड़ी बात यह है तीन औषधियों का कोई साइड इफेक्ट तो नहीं है।

जोडों और घुटनों के दर्द का घरेलू इलाज1. एक महीने तक लगातार रात को 15 से 20 गिरी अखरोट की भिगो कर सुबह खाली पेट खाने से घ...
10/01/2025

जोडों और घुटनों के दर्द का घरेलू इलाज
1. एक महीने तक लगातार रात को 15 से 20 गिरी अखरोट की भिगो कर सुबह खाली पेट खाने से घुटनो के दर्द में आराम मिलता है। दो महीने लगातार इस उपाय को करने से गठिया का रोग जड़ से ठीक हो जाता है।

2. दस कलियां लहसुन की 100 ग्राम पानी या दूध में मिला कर पीने से दर्द में जल्दी आराम मिलता है।

3. बथुआ के ताज़ा पत्तों का रस आधा कप सुबह शाम खाली पेट पीने से गठिया ठीक हो जाता है। इसके सेवन के 2 घंटे बाद तक कुछ भी खाये पिये नहीं।

4. गठिया के उपचार में जामुन काफी उपयोगी है। जामुन के पेड़ छाल को खूब उबाल कर इसका लेप घुटनों पर लगाने से गठिया में राहत मिलती है।

5. अमरूद की 4 से 5 नई कोमल पत्तियों को पीस ले और उसमें थोड़ा काला नमक मिला कर खाने से जोड़ो के दर्द में राहत मिलती है।

6. गठिया के मरीज को 4 से 6 लीटर पानी हर रोज पीना चाहिये। इससे पेशाब अधिक आएगा और uric acid बाहर निकलेगा।

7. एक चम्मच सरसों के तेल में 3 से 4 कलियाँ लहसुन की पीस कर डाले और लहसुन के ठीक से पकने तक गरम करे। इस तेल से जोड़ो की मालिश करने पर दर्द से जल्दी आराम मिलेगा।

1 शोधकर्ताओं के अनुसार चोकर खून में इम्यूनोग्लोब्यूलीन्स की मात्रा को बढ़ाता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ान...
09/01/2025

1 शोधकर्ताओं के अनुसार चोकर खून में इम्यूनोग्लोब्यूलीन्स की मात्रा को बढ़ाता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार है। यह टीबी जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने की ताकत रखता है।

2 यह बवासीर, अपेंडिसाइटिस, बड़ी आंत एवं मलाशय के कैंसर से बचाता है और पेट साफ करने में काफी मददगार साबित होता है।

3 फाइबर से भरपूर होने के कारण चोकर युक्त आटे का प्रयोग पाचन संबंधी समस्याओं को दूर कर कब्ज की समस्या में भी लाभकारी होता है। यह आंतों में जमा मल भी निकालने में मदद करता है।

4 चोकर युक्त आटे का प्रयोग कोलेस्ट्रॉल को कम करने में अहम भूमिका निभाता है, अतः मोटापे एवं हार्ट के मरीजों के लिए चोकर युक्त आटे का प्रयोग बेहद फायदेमंद साबित होता है।

5 वजन कम करने की चाहत रखने वालों के लिए तो यह एक प्राकृतिक उपाय है, जो आपके बढ़ते वजन पर नियंत्रण रखने में कारगर साबित होता है

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