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20/01/2023

यह पानी की बोतल, नाइक गुलाब सिंह (वीर चक्र मरणोपरांत, 13 कुमाऊं रेजिमेंट) की है। इस पर पड़े गोलियों के निशान शत्रु की फायरिंग का घनत्व बता रहे हैं, जो युद्ध की भीषणता को समझाने में पर्याप्त हैं। नवंबर 1962 में लद्दाख में रेज़ांगला की लड़ाई में चीनी मशीन गन की स्थिति पर गुलाब सिंह ने सीधे हमला किया। इस लड़ाई में उस दिन अमर होने वाले 114 भारतीय सैनिकों में से एक नाइक गुलाब सिंह भी थे जो हरियाणा रेवाड़ी के मनेठी गाँव में पैदा हुए थे। इस टुकड़ी के 120 वीरों की वजह से ही आज लद्दाख भारत का हिस्सा बना हुआ है।
मेजर-जनरल इयान कार्डोज़ो अपनी पुस्तक "परम वीर, अवर हीरोज इन बैटल" में लिखते हैं:
जब रेज़ांग ला को बाद में बर्फ हटने के बाद फिर से देखा गया तो खाइयों में मृत जवान पाए गए जिनकी उँगलियाँ अभी भी अपने हथियारों के ट्रिगर पर थी... इस कंपनी का हर एक आदमी कई गोलियों या छर्रों के घावों के साथ अपनी ट्रेंच में मृत पाया गया। मोर्टार मैन के हाथ में अभी भी बम था। मेडिकल अर्दली के हाथों में एक सिरिंज और पट्टी थी जब चीनी गोली ने उसे मारा,
सात मोर्टार को छोड़कर सभी को एक्टिव किया जा चुका था और बाकी सभी मोर्टार पिन निकाल दागे जाने के लिए तैयार थे। यह संसार का सबसे भीषण लास्ट स्टैंड वारफेयर था जहाँ 120 वीरों ने वीरता से लड़ते हुए 1300 चीनी सैनिकों को मार डाला था और लद्दाख को चीन द्वारा कब्जाने के मसूबों पर पानी फेर दिया।
स्वतंत्रता की कीमत चुकानी होती है, यह मुफ़्त में नहीं मिलती ...
#जयहिन्द
#जयहिंदकीसेना

✍️ Vivek Arya जी

जोधपुर जिले के अरटियाकलां गांव के वीर सपूत श्री राम प्रकाश प्रजापत जी जम्मू-कश्मीर में देश की रक्षा करते हुए वीर गति को ...
12/01/2023

जोधपुर जिले के अरटियाकलां गांव के वीर सपूत श्री राम प्रकाश प्रजापत जी जम्मू-कश्मीर में देश की रक्षा करते हुए वीर गति को प्राप्त हुए है।

माँ भारती के लाड़ले ने अपने सर्वोच्च बलिदान से देश का मान बढ़ाया है। उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि! ईश्वर दिवगंत आत्मा को शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को संबल प्रदान करें।

जय हिंद!

07/01/2022

Thank you boys ..

07/12/2021

By Satyam Singh If one wants to enjoy their weekends or willing to get rid of boredom or wants to cherish moments peacefully with their family and close allies then they sho…

31/10/2021

Liquor worth 8 lakhs seized in Burma camp, Dimapur
Assam Rifles in a joint operation with Nagaland Police apprehended two illicit liquor smugglers on 29 October and seized IMFL worth Rs 8.25 Lakhs in Burma Camp, Dimapur.

16/10/2021

The mean BLACK CATS!
during Republic day parade with their MP5 submachine guns and PNVG (passive night vision goggles).

अजमेर शरीफ दरगाह ने तालिबान को लगाई तगड़ी फटकार, कहा- 'इस्लाम को क्यों करे हो बदनाम'http://dhunt.in/kTERB?s=a&uu=0x69910...
22/08/2021

अजमेर शरीफ दरगाह ने तालिबान को लगाई तगड़ी फटकार, कहा- 'इस्लाम को क्यों करे हो बदनाम'

http://dhunt.in/kTERB?s=a&uu=0x69910c3e2031771b&ss=pd
Source : "डेली न्यूज़360" via Dailyhunt

नई दिल्ली। अफगानिस्तान की बागडोर अपने हाथ में लेने के बाद अजमेर शरीफ दरगाह तालिबान पर भारी पड़ गई है

14/08/2021

Wow!! Just wow!!

No better way to remember 14th August than in remembrance of the innocent lives lost 😞 🙏

Now let Pakistan try to celebrate their Independence Day as a day of celebration..killed their entire future with one action 👌👏

12/08/2021

Happened yesterday!

Yess
11/08/2021

Yess

Kabul feels the only way New Delhi can help is through air power, but India is unlikely to take part in the war in Afghanistan as it doesn't believe in such 'counter terrorism mechanisms'.

01/07/2021

फोटो में जो वृद्ध गड़रिया है वास्तव में ये सेना का सबसे बड़ा राजदार था पूरी पोस्ट पढ़ो इनके चरणों मे आपका सर अपने आप झुक जाएगा, 2008 फील्ड मार्शल मानेक शॉ वेलिंगटन अस्पताल, तमिलनाडु में भर्ती थे। गम्भीर अस्वस्थता तथा अर्धमूर्छा में वे एक नाम अक्सर लेते थे - "पागी-पागी!" डाक्टरों ने एक दिन पूछ दिया “Sir, who is this Paagi?"

सैम साहब ने खुद ही brief किया,

1971 भारत युद्ध जीत चुका था, जनरल मानेक शॉ ढाका में थे। आदेश दिया कि पागी को बुलवाओ, dinner आज उसके साथ करूँगा! हेलिकॉप्टर भेजा गया। हेलिकॉप्टर पर सवार होते समय पागी की एक थैली नीचे रह गई, जिसे उठाने के लिए हेलिकॉप्टर वापस उतारा गया था। अधिकारियों ने नियमानुसार हेलिकॉप्टर में रखने से पहले थैली खोलकर देखी तो दंग रह गए, क्योंकि उसमें दो रोटी, प्याज तथा बेसन का एक पकवान (गाठिया) भर था। Dinner में एक रोटी सैम साहब ने खाई एवं दूसरी पागी ने।

उत्तर गुजरात के सुईगाँव अन्तर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र की एक border post को रणछोड़दास post नाम दिया गया। यह पहली बार हुआ कि किसी आम आदमी के नाम पर सेना की कोई post हो, साथ ही उनकी मूर्ति भी लगाई गई हो।

पागी यानी "मार्गदर्शक", वो व्यक्ति जो रेगिस्तान में रास्ता दिखाए। "रणछोड़दास रबारी" को जनरल सैम मानिक शॉ इसी नाम से बुलाते थे।
गुजरात के बनासकांठा ज़िले के पाकिस्तान सीमा से सटे गाँव पेथापुर गथड़ों के थे रणछोड़दास। भेड़, बकरी व ऊँट पालन का काम करते थे। जीवन में बदलाव तब आया जब उन्हें 58 वर्ष की आयु में बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक वनराज सिंह झाला ने उन्हें पुलिस के मार्गदर्शक के रूप में रख लिया।

"हुनर इतना कि ऊँट के पैरों के निशान देखकर बता देते थे कि उस पर कितने आदमी सवार हैं। इन्सानी पैरों के निशान देखकर वज़न से लेकर उम्र तक का अन्दाज़ा लगा लेते थे। कितनी देर पहले का निशान है तथा कितनी दूर तक गया होगा सब एकदम सटीक आँकलन जैसे कोई कम्प्यूटर गणना कर रहा हो।"

1965 युद्ध की आरम्भ में पाकिस्तान सेना ने भारत के गुजरात में कच्छ सीमा स्थित विधकोट पर कब्ज़ा कर लिया, इस मुठभेड़ में लगभग 100 भारतीय सैनिक हत हो गये थे तथा भारतीय सेना की एक 10000 सैनिकोंवाली टुकड़ी को तीन दिन में छारकोट पहुँचना आवश्यक था। तब आवश्यकता पड़ी थी पहली बार रणछोडदास पागी की! रेगिस्तानी रास्तों पर अपनी पकड़ की बदौलत उन्होंने सेना को तय समय से 12 घण्टे पहले मंजिल तक पहुँचा दिया था। सेना के मार्गदर्शन के लिए उन्हें सैम साहब ने खुद चुना था तथा सेना में एक विशेष पद सृजित किया गया था "पागी" अर्थात पग अथवा पैरों का जानकार।
भारतीय सीमा में छिपे 1200 पाकिस्तानी सैनिकों की location तथा अनुमानित संख्या केवल उनके पदचिह्नों से पता कर भारतीय सेना को बता दी थी, तथा इतना काफ़ी था भारतीय सेना के लिए वो मोर्चा जीतने के लिए।
1971 युद्ध में सेना के मार्गदर्शन के साथ-साथ अग्रिम मोर्चे तक गोला-बारूद पहुँचवाना भी पागी के काम का हिस्सा था। पाकिस्तान के पालीनगर शहर पर जो भारतीय तिरंगा फहरा था उस जीत में "पागी" की भूमिका अहम थी। सैम साहिब ने स्वयं ₹300 का नक़द पुरस्कार अपनी जेब से दिया था।
"पागी" को तीन सम्मान भी मिले 65 व 71 युद्ध में उनके योगदान के लिए - संग्राम पदक, पुलिस पदक व समर सेवा पदक,
27 जून 2008 को सैम मानिक शॉ की मृत्यु हुई तथा 2009 में "पागी" ने भी सेना से "स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति" ले ली। तब पागी की उम्र 108 वर्ष थी ! जी हाँ, आपने सही पढ़ा... 108 वर्ष की उम्र में "स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति"!!
सन् 2013 में 112 वर्ष की आयु में "पागी" का निधन हो गया।
आज भी वे गुजराती लोकगीतों का हिस्सा हैं। उनकी शौर्य गाथाएँ युगों तक गाई जाएँगी। अपनी देशभक्ति, वीरता, बहादुरी, त्याग, समर्पण तथा शालीनता के कारण भारतीय सैन्य इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गए रणछोड़दास रबारी यानि हमारे "पागी"।

चित्र उन्हीं का है।
साभार:

जितेंद्र सिंह
जीतू भाई अहमदाबादी

30/05/2021

On the first death anniversary of her husband martyred Major Vibhuti Shankar Dhoundiyal, 28-year-old Nikita Kaul Dhoundiyal joined the Indian Army on Saturday as a Lieutenant. The widow of the Indian Army officer passed out from the Officer’s Training Academy in Chennai. A year ago, 35-year-old Ma...

23/01/2021
14/12/2020

India News: The Indian intelligence establishment is learnt to have intercepted crucial financial transactions with links to wanted Islamic preacher Zakir Naik su

28/11/2020

This is Moshe Holtzberg.

He lost his parents during the Mumbai Attacks in 2008.

Mosh was just two years old when his Indian nanny snatched him away to safety from the side of his dead parents at Chabad House. We Israelis never forget the courage of his nanny, and the victims of this horrific terrorist attack.

28/11/2020
11/09/2020
05/09/2020

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