01/10/2022
उन रास्तों पर चल लेती है वो
पथ माँगता है लहू
बिखेरे रहते है कंकड़
खड़ी रहती है काँटों की फौज
फिर भी उठा गोद में लाल को
चल देती है वो
ऐसी होती है माँ |
आँखों में लाख भरे हो अश्क
चाहे भूखी प...और पढ़ें