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09/11/2023
15/08/2022

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

11/08/2022

रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं।

उदयपुर में इस्लामिक जिहादियों द्वारा कन्हैया लाल दर्जी की बर्बरता पूर्वक की गई हत्या के विरोध में बजरंग दल किया प्रदर्शन...
30/06/2022

उदयपुर में इस्लामिक जिहादियों द्वारा कन्हैया लाल दर्जी की बर्बरता पूर्वक की गई हत्या के विरोध में बजरंग दल किया प्रदर्शन।

#हरदोई।
आज बजरंग दल के द्वारा राजस्थान के उदयपुर में इस्लामिक जिहादियों द्वारा कन्हैया लाल दर्जी की बर्बरता पूर्वक की गई हत्या के विरोध में ऋषभ अग्निहोत्री जिला संयोजक बजरंग दल के नेतृत्व में पुतला दहन एवं विरोध प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त किया गया । और बताया कि राजस्थान के उदयपुर में दिन दहाड़े हिन्दू युवक कन्हैया लाल की दुकान में घुस कर नृशंस हत्या की गई है । उदयपुर में हत्या के बाद स्लामिक जेहादी हत्यारों ने धमकी भरा वीडियो जारी करना देश की संप्रभुता को चुनौती है ।, जिसे भारत की जनता ,विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल कभी बर्दाश्त नहीं करेंगें।
जिहादी मानसिकता वाले अपराधियों ने पीएम नरेंद्र मोदी को जान से मारने की धमकी दी है। इससे पूरे देश की संप्रभुता खतरे में है ।, देश का मान- सम्मान खतरे में है। इससे पूरे समाज में रोष है। घटना के विरोध में आज पूरे भारत में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के माध्यम से जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा है। जिस प्रकार हिंदू समाज को प्रताड़ित किया जा रहा है। यह अब सहन नहीं होगा।
बजरंग दल द्वारा मांग की गई कि कन्हैया लाल के हत्यारे को फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा सुनाई जाए एवं उनके परिवार की सुरक्षा की व्यवस्था की जाए और उनके परिवार की आर्थिक मदद से मदद की जाएं।
बजरंग दल के द्वारा इस्लामिक कट्टरपंथियों के विरोध जमकर नारेबाजी की और भारत माता की जय व जय श्री राम का उदघोष किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से विभाग संगठन मंत्री श्री मान महेंद्र जी , विभाग संयोजक अभिषेक दिवेद्वी जी,जिला कार्याध्यक्ष मोहित जी , जिला मंत्री गौरव जी ,जिला संयोजक ऋषभ अग्निहोत्री , विशेष संपर्क प्रमुख सुशील जी , सह जिला मंत्री राहुल जी सेवा, प्रमुख विजय महाकाल जी, प्रचार प्रसार प्रमुख नागेंद्र जी , नगर संयोजक प्रशांत जी , राघवेंद्र जी , एवं समस्त जिला व नगर कार्यकारिणी के साथ साथ अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।

06/06/2022

खबर से खुन्नस खाए व्यक्ति प्रेस क्लब हरदोई के अध्यक्ष हरिश्याम बाजपाई पर महिला से लगवा रहा अनर्गल आरोप।
#समाचार_नगर_मीडिया_हाउस ।
#हरदोई_उत्तर_प्रदेश। आखिर कब तक सच लिखने वाले पत्रकारों को मुकदमा रूपी इनाम मिलता रहेगा क्या किसी पत्रकार की मानहानि करना सही है या पुलिस को बिना किसी जांच के पत्रकार को उठा लेना सही है मामला जनपद हरदोई का है जहां एक पीड़ित पत्रकार के विरुद्ध फर्जी शिकायत कर प्रताड़ित किये जाने के मामले में पीड़ित पत्रकार ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर निष्पक्ष जांच की मांग की है। मामला कोतवाली सिटी क्षेत्र का है। पत्रकार हरिश्याम बाजपेयी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सरकारी जमीनें कब्जामुक्त किये जाने का मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है इसी क्रम में विगत 02 मई को उन्होंने एक समाचार प्रकाशित किया था, जिसमें दर्शाया था कि मलिहामऊ में सैकड़ों बीघा सरकारी भूमि पर का श्रेणी परिवर्तन कर अवैध कब्जा किया गया है, मामले की जांच शुरू हुई तो उक्त भूमि पर काबिज धनंजय मिश्रा ने षड्यंत्र के तहत पत्रकार के विरुद्ध एक महिला की ओर से फर्जी शिकायत राज्य महिला आयोग में करा दी, जिसमें पत्रकार के विरुद्ध बलात्कार व दलित उत्पीड़न के आरोप लगाए गए, जबकि पत्रकार ने कथित पीड़िता को न कभी देखा और न कभी मिले हैं। जिस दिन की घटना दर्शाई गई उस दिन पत्रकार की लोकेशन अन्यत्र स्थान की है, जिसके साक्ष्य भी मौजूद हैं। पत्रकार श्री बाजपेयी ने पुलिस और प्रशासन से मांग की है कि पूरे मामले की उच्चाधिकारियों से निष्पक्ष जांच कराई जाए, शिकायत फर्जी होने की दशा में शिकायतकर्ता पर कड़ी कार्यवाही की जाए ताकि कानून का दुरुपयोग रोंका जा सके।

आदर्श पटरी दुकानदार यूनियन द्वारा प्रेस वार्ता करके अपनी समस्याओं को कराया अवगत।कल दिनांक 31 मई 2022 को आदर्श पटरी दुकान...
01/06/2022

आदर्श पटरी दुकानदार यूनियन द्वारा प्रेस वार्ता करके अपनी समस्याओं को कराया अवगत।

कल दिनांक 31 मई 2022 को आदर्श पटरी दुकानदार यूनियन द्वारा प्रेस वार्ता करके अपनी समस्याओं से अवगत कराया था एवं अपने अधिकार की बात उठाने के लिए समस्त पत्रकार बंधुओं से सहयोग की मांग की थी तथा प्रशासन द्वारा रिलीफ ना दिए जाने पर इच्छा मृत्यु की मांग महामहिम राष्ट्रपति महोदय से की थी।
इसी क्रम में आज जिला प्रशासन द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी करके भ्रामक सूचना फैलाने की बात कही है और कहा कि प्रशासन पटरी दुकानदार/खोखा दुकानदार को तंग नहीं कर रहा है जबकि यह बिल्कुल असत्य हैं एवं आज प्रशासन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति पूर्ण रूप से झूठ एवं बनावटी तत्वों का पुलिंदा मात्र है।
पूर्व की बात करें तो अपर जिलाधिकारी द्वारा स्वयं के लिए अनर्गल शब्द कहते हुए कहा गया कि मेरे बारे में तिलहर में पता कर लेना मैंने अच्छे-अच्छे मकान कोगिरवा दिया है खोखा गुमटी क्या चीज है? सात दिवस के भीतर गुमटी खोखा हटा लेना नहीं तो खोखा जप्त कर लूंगी ।
आज विज्ञप्ति में प्रशासन कह रहा है कि ऐसे लोगों को हटाने की बात कही है जिन्हें ठेकेदारों द्वारा किराए पर उठाया गया है जबकि यह बिल्कुल असत्य है मेरा प्रशासन से प्रश्न है ऐसे खोखो की जानकारी सार्वजनिक करें यह पूर्णरूपेण असत्य है 7 दिन की मोहलत दे कर भी आज दिनांक 1 जून 2022 को यूनियन को प्रताड़ित और अपमानित करने के उद्देश्य से यूनियन को बंद करके फूट डालकर यूनियन अध्यक्ष पर दबाव बनाने के उद्देश्य से अध्यक्ष के खोखे को टारगेट बना कर ₹500 का चालान नगद रूप में वसूला गया एवं मौके पर भद्दी भद्दी गालियां दी गई एक ओर प्रशासन तीन दिवस सात दिवस की नोटिस दे रहा है दूसरी ओर पटरी रेहड़ी दुकानदारों के सम्मान की बात कर रहा है दूसरी वही समय अवधि से पूर्व ही डंडे के बल पर जुर्माना वसूल रहा है।
यह कहां की इंसानियत है
जिला प्रशासन के नगर मजिस्ट्रेट द्वारा आज फोन कर कहां गया समझने की क्षमता नहीं है तो मीटिंग में क्या करने आते हो इस तरीके से अमर्यादित शब्दों के माध्यम से अपमानित किया जा रहा है जो कि प्रशासन की मंशा को दर्शाता है नगर मजिस्ट्रेट एवं अपर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा आदरणीय जिलाधिकारी महोदय को दिग्भर्मित कर भ्रामक सूचना दी जा रही हैं।
अपने हित की बात करने वाले दुकानदारों को ठेकेदार कहकर संबोधित किया जा रहा है प्रशासन की प्रेस विज्ञप्ति में समय-समय पर विक्रय शुल्क नियत करने की बात कही गई है जबकि किसी भी मीटिंग में या नहीं बताया गया कि आने वाले समय में आपसे किराए के रूप में कोई धनराशि वसूली जाएगी हमें ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दोहरी रणनीति बनाकर गरीबी सहित गरीब को हटाने की योजना पर अधिकारी कार्य कर रहे हैं यदि यही दोहरा रवैया प्रशासन द्वारा बंद नहीं किया गया तो हम सब मिलकर महामहिम राष्ट्रपति महामहिम राज्यपाल जी से व्यक्तिगत मिलकर अपनी समस्या प्रेषित करेंगे ।
आज के प्रशासन की प्रेस विज्ञप्ति का आदर्श पटरी दुकानदार यूनियन खंडन करती है एवं उनकी दोहरी रणनीति हेतु प्रशासन की कड़ी निंदा करती है।।

पटरी/फुटपाथ/खोखा/छोटे दुकानदारो ने महामहिम राष्ट्रपति महोदय से इच्छा मृत्यु की मांग की।हरदोई। जनपद में आदर्श पटरी दुकानद...
31/05/2022

पटरी/फुटपाथ/खोखा/छोटे दुकानदारो ने महामहिम राष्ट्रपति महोदय से इच्छा मृत्यु की मांग की।

हरदोई। जनपद में आदर्श पटरी दुकानदार यूनियन द्वारा महामहिम राष्ट्रपति महोदय को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की ।
उन्होंने बताया कि अधिकांश दुकानदार गरीबी रेखा के नीचे ठेला/रेहड़ी/फुटपाथ पर दुकान/खोखा आदि के माध्यम से विभिन्न रोजगारों में संलग्न होकर अपने -अपने परिवारों का जीवन यापन कर रहे है इन सभी प्रार्थियों में शायद ही कोई ऐसा हो जिसके परिवार में 7से 8 सदस्य न पोषित हो रहे हो।
कोई पान की दुकान का संचालन कर दो वक्त की रोटी का इंतजाम कर रहा है तो कोई ठेला/रेहड़ी के माध्यम से अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है।
इधर लगभग एक माह से पटरी दुकानदारो/ठेला/रेहड़ी/खोखा दुकानदारो पर प्रशासन द्वारा विभिन्न नियमों के आधार पर कार्यवाही कर जीना दूभर कर दिया है।कही आर्थिक दण्ड की पर्ची मिलती है तो कही सरेआम गालियां, तो कही सरेराह डंडों से पिटाई, समान फेक देना/अपमानित करना रोज का काम बन गया है जबकि समस्त छोटे दुकानदार प्रशासन/कर्मचारियों की प्रत्येक अनैतिक माँग को भी वर्षो से अपने परिवार के हित के लिए पूरा करते चले आ रहे है।
कल दिनांक 28 मई 2022 को जिला प्रशासनहरदोई द्वारा आहूत बैठक में साफ तौर से कह दिया गया कि हम किसी भी दशा में शहर के फुटपाथ/नाला/नाली पर रखे खोखो(लकड़ी/लोहे की छोटी दुकान) को लगने नही देंगे यदि 7 दिवस में दुकाने न हटी तो प्रशासन का बुलडोजर चलेगा और दुकाने जब्त कर ली जाएगी।
जबकि हम सबने प्रशासन को लिखित रूप में अपनी दुकान/रेहड़ी/खोखा के पास साफ सफाई रखेगे यदि गंदगी पाई जाए तो हम पर आर्थिक जुर्माना लगाया जाए लेकिन हमें हटाया न जाये लेकिन प्रशासन किसी भी कीमत पर हम सहित हमारे व्यापार को तहस नहस करने का मूड बना चुका है हम नही जानते यह आदेश सरकार का है या प्रशासन का बस इतना जरूर जानते है कि यदि हमारी दुकाने बन्द हुई तो हमारा परिवार भुखमरी की कगार पर होगा जिसका अनुभव हम सब covid 19 के दौरान कर चुके है उस समय लिए गए ऋण को हमसब अभी चुका नही पाए है तब तक प्रशासन के तुगलकी फरमान ने हमारी नींद /चैन सब छीन लिया है।
इस स्थिति में वर्षो से फुटपाथ पर व्यापार कर रहे पटरी/खोखा दुकानदारों के लिए जीविका का संकट आ खड़ा हुआ है।
हम इतने सशक्त नही है कि हम प्रशासन से लड़ सके, न ही इतने सशक्त है कि पक्की दुकान खरीद सके या किराए पर ले सके क्योंकि जितना पक्की दुकान का किराया है उतनी हमारी मासिक आमदनी है हमे तो दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है।
ऐसी स्थिति में हम सभी खोखा दुकानदार/पटरी दुकानदार/रेहड़ी दुकानदार का भविष्य अंधकारमय प्रतीत हो रहा है हम अपनी आंखों के सामने अपने बच्चों/परिवार को भूखे मरते नही देख सकते ऐसी स्थिति में हमारे पास केवल एक ही रास्ता अवशेष है वह है परिवार सहित इच्छा मृत्यु
क्योंकि प्रशासन एवं प्रशासनिक अधिकारियों के कोप का भाजन बनने से / बच्चो को भूखा मरते देख घुट घुट कर मरने से तो अच्छा है हम सब परिवार सहित मृत्यु को गले लगा ले ।
अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि समाज के सबसे तुच्छ/गिरे हुए/जनपद के लिए अभिशाप छोटे व्यापारियों को परिवार सहित इच्छा मृत्यु के लिए अनुमति प्रदान करने की कृपा करें।

बेटी की शादी के लिए मानवता फाउंडेशन संस्था ने बढ़ाए हाथ #समाचार_नगर_मीडिया_हाउस । #हरदोई_उत्तर_प्रदेश। सामाजिक संस्था मान...
08/05/2022

बेटी की शादी के लिए मानवता फाउंडेशन संस्था ने बढ़ाए हाथ
#समाचार_नगर_मीडिया_हाउस ।
#हरदोई_उत्तर_प्रदेश।
सामाजिक संस्था मानवता फाउंडेशन द्वारा एक गरीब कन्या के विवाह हेतु आर्थिक मदद सहित जरूरत की सामग्री बेड आदि का सहयोग किया गया। मूल रूप से बंदायू के रहने वाले स्वर्गीय मूलचन्द्र श्रीवास्तव के निधन के बाद उनकी निसक्त पत्नी एवं पुत्री अपने पिता के घर पांडेयपुर में बस गए एवं मजदूरी आदि कर जीवनयापन करने लगे। 11 मई को लड़की की शादी होनी है। बेटी की माँ ने मदद के लिए मानवता परिवार का सहयोग मांगा जिसके चलते टीम मानवता के प्रहरी उनकी मदद हेतु उनके गांव पांडेयपुर पहुँची। बिटिया को असीम आशिर्वाद के उपरांत आवश्यक आर्थिक मदद सहित बेड आदि का सहयोग कर मानवता धर्म का अनुपालन किया। इस अवसर पर मानवता फाउंडेशन से विजय पंडित महाकाल, पंडित शीलू शुक्ला, नागेन्द्र सिंह, संतोष गुप्ता उपस्थित रहे।

17/04/2022

बजरंग दल के द्वारा जयपुर में निकली जा रही भगवा रैली

13/03/2022

हरदोई में खाटूश्यामजी की निशान यात्रा आरम्भ यात्रा बालाजी मोटर्स से रेलवेगंज स्थित दुलीचंद चौराहा खाटूश्याम मंदिर के प्रस्थान हो चुका।

13/03/2022

हरदोई में खाटूश्यामजी की निशान यात्रा आरम्भ यात्रा बालाजी मोटर्स से दुलीचंद चौराहा खाटूश्याम मंदिर के प्रस्थान हो चुका।

10/02/2022

सात मंजिला टावर का लेंटर गिरा, कईयों के दबे होने की आशंका
गुरुग्राम, 10 फरवरी (अमित नेहरा) : मिलेनियम सिटी गुरुग्राम में बुधवार को सेक्टर 109 में 7 मंजिला इमारत का लेंटर गिर गया। इस घटना में सभी टावर में रह रहे लोगों के दबे होने की सूचना है। घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव के लिए मौके पर पहुंचे। समाचार लिखे जाने तक बचाव का कार्य जारी था। इस हादसे में कितने लोगों की मौत हुई, कितने घायल हुए, इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

जानकारी के अनुसार सेक्टर 109 में द्वारका एक्सप्रेसवे के पास चिंतल ग्रुप की पैराडाइज सोसायटी बनी हुई है। इसमें कई टावर बनाए गए हैं। गुरुवार को इन टावरों में रहने वाले निवासी आराम से अपने खाने पीने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच अचानक टावर डी की ड्राइंग रूम की छत का छठी मंजिल से लेंटर गिर गया। बताया जा रहा है कि यह लेंटर गिरते-गिरते नीचे पहली मंजिल तक आ गया। जिसमें पहली मंजिल से छठी मंजिल तक के सभी लेंटर गिर गए। धमाका इतनी तेज हुआ कि जैसे कोई बड़ा बम ब्लास्ट हुआ हो। आसपास के लोगों को जैसे ही इस बारे में पता लगा सभी लोग अपने फ्लैट से बाहर निकल कर आ गए। उनके चेहरों पर दहशत साफ देखी जा रही थी। हादसा कैसे हुआ, इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। यह जांच का विषय है। कुछ लोगों ने फ्लैटों के निर्माण में घटिया सामग्री उपयोग करने के भी आरोप लगाए हैं। टावर में कितने लोग रह रहे थे, कितने घायल हुए, कितनों की मौत हुई, इस बारे में जिला प्रशासन की ओर से अभी कुछ नहीं कहा जा रहा।

जिला उपायुक्त पुलिस आयुक्त समेत प्रशासनिक अमला भी मौके पर पहुंच गया। जेसीबी व अन्य उपकरणों की मदद से मलबे को हटाने का काम तुरंत प्रभाव से शुरू कर दिया गया।

इस घटना की सूचना मिलने के साथ ही डेरा सच्चा सौदा की ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सेवादार भी भारी संख्या में मौके पर पहुंचे। आपदा के समय में राहत एवं बचाव का प्रशिक्षण प्राप्त इन सेवादारों को अभी प्रशासन की अनुमति नहीं मिल पाई है।

चिंतल कंपनी की सोसाइटी में गिरे लेंटर के मामले में टाउन प्लानर एके जैन ने कहा कि रिइंफोर्समेंट में कुछ कमी रह गई होगी। उन्होंने कहा कि लेंटर डालने के लिए एक फ्लोर का डिजाइन करते हैं कि सरिया कहां बंधेगा। सरिया बांधने में लापरवाही हुई होगी। एक फ्लोर में गड़बड़ हुई तो वह नीचे तक हो गई। पहले फ्लोर पर जैसे लेंटर का सरिया बांधा गया, वैसे ही ऊपरी तक उसे बांधा गया। सोसाइटी में रहने वाले लोगों का कहना है कि यहां की टावरों में कई कमियां देखी गई जिसे लेकर बिल्डर और पुलिस को भी शिकायत की गई, लेकिन इस बारे में किसी ने भी गंभीरता से काम नहीं किया। अगर शिकायत पर एक्शन लिया गया होता तो आज यह हादसा शायद नहीं होता।

26/01/2022

मानवता फाउंडेशन द्वारा हरदोई में क्या गया चाय नमकीन व टोस्ट वितरण ।

मानवता फाउंडेशन ने भंडारे का आयोजन किया।हरदोई। बाबा विश्वनाथ मंदिर के पास सामाजिक संस्था मानवता फाउंडेशन द्वारा विशाल भं...
16/01/2022

मानवता फाउंडेशन ने भंडारे का आयोजन किया।

हरदोई। बाबा विश्वनाथ मंदिर के पास सामाजिक संस्था मानवता फाउंडेशन द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। संस्था से जुड़े सदस्यो ने बताया कि पिछले कई वर्षों से संस्था प्रत्येक रविवार को रिक्शा चालकों व अन्य ज़रूरतमंद लोगो को भोजन वितरण का कार्य कर रही है। इसी कड़ी में आज यह भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैंकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में संस्था से जुड़े सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।

कड़ाके की ठंड में जरूरतमंदों का सहारा बनी टीम मानवता फाउंडेशन।प्रथम चरण में सवायजपुर में वंचितों को बांटे कम्बल। #हरदोई। ...
26/12/2021

कड़ाके की ठंड में जरूरतमंदों का सहारा बनी टीम मानवता फाउंडेशन।
प्रथम चरण में सवायजपुर में वंचितों को बांटे कम्बल।

#हरदोई। परहित सरिस धर्म नहिं भाई एवं वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा का भाव लिए मानवता फाउंडेशन हरदोई उत्तर प्रदेश ने शरद ऋतु में #कंबल /वस्त्र वितरण कार्यक्रम के #प्रथम_चरण का श्रीगणेश कर जरूरतमंद स्वजनों को भेंट स्वरूप कंबल प्रदान किए। #मानवता_फाउंडेशन_द्वारा_पखवारा_कार्यक्रम_के_अंतर्गत_पूरे जनपद_में_कंबल_वितरण_के कार्यक्रम_आयोजित_किए_जाएंगे जिसके #प्रथम_चरण का आगाज आज कस्बा सवायजपुर से किया गया।
आपको बताते चलें कि मानवता फाउंडेशन विगत कई वर्षों से सामाजिक सरोकारों को भौतिक धरातल पर मूर्त रूप देने में अहम भूमिका निभा रहा है इसी क्रम में प्रतिवर्ष होने वाले वस्त्र /कंबल वितरण कार्यक्रम को केवल शहर ही नहीं है अपितु पूरे हरदोई जनपद में विस्तारित करते हुए वितरण के #प्रथम_चरण का शुभारंभ #सवायजपुर तहसील से किया गया यहां स्थित महाराजा हरिशचंद्र कॉलेज आफ एजुकेशन के प्रांगण में, तहसील सवायजपुर के वंचित/ असहाय /जरूरतमंदों को चिन्हित कर लगभग एक सैकड़ा जरूरतमंदों को कंबल भेंट किए गए ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ राहुल तिवारी एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में अजय पांडेय जी ने संस्था के कार्यो की सराहना करते हुए दरिद्र नारायण की सेवा को ही परम धर्म बताया
उन्होंने कहा कि निश्चय ही हम आधुनिकता की चकाचौंध में केवल अपने पर ही केंद्रित हो गए हैं लेकिन समाज का हिस्सा होने के कारण हमारे कई सामाजिक उत्तरदायित्व है जिनका अनुपालन हमें करना चाहिए और उन उत्तरदायित्व का बोध मानवता फाउंडेशन के द्वारा सेवा कार्य के रूप में निरंतर करवाया जा रहा है जहां एक और अधिकांश संस्थाएं/ व्यक्ति किसी न किसी निजी स्वार्थ/ राजनीतिक लाभ/ आर्थिक लाभ /पारिवारिक लाभ के लिए समाज सेवा के कार्य में संलग्न है वही मानवता फाउंडेशन नि:स्वार्थ सेवा कर सामाजिकता का पर्याय बन चुका है हम इसकी उत्तरोत्तर प्रगति की कामना करते है।
प्रथम चरण के इस वितरण कार्यक्रम में प्रमुख रुप से श्रवण मिश्रा राही ,विजय महाकाल, नागेंद्र सिंह ,रजत गुप्ता, प्रणव पांडेय, पंडितशीलू शुक्ला, आदेशपाल, विनय कुमार ,विनोद, रविंद्र ,अजय कुमार, प्रमोद सहगल ,सदाराम शुक्ला सहित विभिन्न सामाजिक एवं प्रतिष्ठित जन उपस्थित रहे ।
कंबल वितरण कार्यक्रम का द्वितीय चरण जनपद के तहसील बिलग्राम में आयोजित होगा।

31/10/2021

अट्ठारह पुराणों का संक्षिप्त परिचय:--
....पुराण शब्द का अर्थ ही है प्राचीन कथा, पुराण विश्व साहित्य के सबसे प्राचीन ग्रँथ हैं, उन में लिखित ज्ञान और नैतिकता की बातें आज भी प्रासंगिक, अमूल्य तथा मानव सभ्यता की आधारशिला हैं, वेदों की भाषा तथा शैली कठिन है, पुराण उसी ज्ञान के सहज तथा रोचक संस्करण हैं।
उन में जटिल तथ्यों को कथाओं के माध्यम से समझाया गया है, पुराणों का विषय नैतिकता, विचार, भूगोल, खगोल, राजनीति, संस्कृति, सामाजिक परम्परायें, विज्ञान तथा अन्य बहुत से विषय हैं, विशेष तथ्य यह है कि पुराणों में देवी-देवताओं, राजाओं, और ऋषि-मुनियों के साथ साथ जन साधारण की कथाओं का भी उल्लेख किया गया हैं, जिस से पौराणिक काल के सभी पहलूओं का चित्रण मिलता है।
महृर्षि वेदव्यासजी ने अट्ठारह पुराणों का संस्कृत भाषा में संकलन किया है, ब्रह्मदेव, श्री हरि विष्णु भगवान् तथा भगवान् महेश्वर उन पुराणों के मुख्य देव हैं, त्रिमूर्ति के प्रत्येक भगवान स्वरूप को छः पुराण समर्पित किये गये हैं, इन अट्ठारह पुराणों के अतिरिक्त सोलह उप-पुराण भी हैं।
पुराणों का संक्षिप्त परिचय:

ब्रह्म पुराण:--
ब्रह्मपुराण सब से प्राचीन है, इस पुराण में दो सौ छियालीस अध्याय तथा चौदह हजार श्र्लोक हैं, इस ग्रंथ में ब्रह्माजी की महानता के अतिरिक्त सृष्टि की उत्पत्ति, गंगा अवतरण तथा रामायण और कृष्णावतार की कथायें भी संकलित हैं, इस ग्रंथ से सृष्टि की उत्पत्ति से लेकर सिन्धु घाटी सभ्यता तक की कुछ ना कुछ जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

पद्म पुराण:---
दूसरा हैं पद्मपुराण, जिसमें हैं पचपन हजार श्र्लोक और यह ग्रन्थ पाँच खण्डों में विभाजित किया गया है, जिनके नाम सृष्टिखण्ड, स्वर्गखण्ड, उत्तरखण्ड, भूमिखण्ड तथा पातालखण्ड हैं, इस ग्रंथ में पृथ्वी आकाश, तथा नक्षत्रों की उत्पति के बारे में विस्तार से उल्लेख किया गया है, चार प्रकार से जीवों की उत्पत्ति होती है जिन्हें उदिभज, स्वेदज, अणडज तथा जरायुज की श्रेणी में रखा गया है, यह वर्गीकरण पूर्णतया वैज्ञानिक आधार पर है।
भारत के सभी पर्वतों तथा नदियों के बारे में भी विस्तार से वर्णन है, इस पुराण में शकुन्तला दुष्यन्त से ले कर भगवान राम तक के कई पूर्वजों का इतिहास है, शकुन्तला दुष्यन्त के पुत्र भरत के नाम से हमारे देश का नाम जम्बूदीप से भरतखण्ड और उस के बाद भारत पडा था, यह पद्म पुराण हम सभी भाई-बहनों को पढ़ना चाहियें, क्योंकि इस पुराण में हमारे भूगौलिक और आध्यात्मिक वातावरण का विस्तृत वर्णन मिलता है।

विष्णु पुराण:---
तीसरा पुराण हैं विष्णुपुराण, जिसमें छः अँश तथा तेइस हजार श्र्लोक हैं, इस ग्रंथ में भगवान् श्री विष्णुजी, बालक ध्रुवजी, तथा कृष्णावतार की कथायें संकलित हैं, इस के अतिरिक्त सम्राट पृथुजी की कथा भी शामिल है, जिसके कारण हमारी धरती का नाम पृथ्वी पडा था, इस पुराण में सू्र्यवँशीयों तथा चन्द्रवँशीयों राजाओं का सम्पूर्ण इतिहास है।
उत्तरं यत्समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम्।
वर्षं तद भारतं नाम भारती यत्र सन्ततिः।।
भारत की राष्ट्रीय पहचान सदियों पुरानी है, जिसका प्रमाण विष्णु पुराण के इस श्लोक में मिलता है, साधारण शब्दों में इस का अर्थ होता है कि वह भूगौलिक क्षेत्र जो उत्तर में हिमालय तथा दक्षिण में सागर से जो घिरा हुआ है, यही भारत देश है तथा उस में निवास करने वाले हम सभी जन भारत देश की ही संतान हैं, भारत देश और भारत वासियों की इस से स्पष्ट पहचान और क्या हो सकती है? विष्णु पुराण वास्तव में ऐक ऐतिहासिक ग्रंथ है।
शिव पुराण:--
चौथा पुराण हैं शिवपुराण जिसे आदर से शिव महापुराण भी कहते हैं, इस महापुराण में चौबीस हजार श्र्लोक हैं, तथा यह सात संहिताओं में विभाजित है, इस ग्रंथ में भगवान् शिवजी की महानता तथा उन से सम्बन्धित घटनाओं को दर्शाया गया है, इस ग्रंथ को वायु पुराण भी कहते हैं, इसमें कैलास पर्वत, शिवलिंग तथा रुद्राक्ष का वर्णन और महत्व विस्तार से दर्शाया गया है।
सप्ताह के सातों दिनों के नामों की रचना, प्रजापतियों का वर्णन तथा काम पर विजय पाने के सम्बन्ध में विस्तार से वर्णन किया गया है, सप्ताह के दिनों के नाम हमारे सौर मण्डल के ग्रहों पर आधारित हैं, और आज भी लगभग समस्त विश्व में प्रयोग किये जाते हैं, भगवान् शिवजी के भक्तों को श्रद्धा और भक्ति से शिवमहापुराण का नियमित पाठ करना चाहिये, भगवान् शंकरजी बहुत दयालु और भोले है, जो भी इस शीव पुराण को भाव से पढ़ता है उसका कल्याण निश्चित हैं।
भागवत पुराण:---
पाँचवा है भागवतपुराण, जिसमें अट्ठारह हजार श्र्लोक हैं, तथा बारह स्कंध हैं, इस ग्रंथ में अध्यात्मिक विषयों पर वार्तालाप है, भागवत् पुराण में भक्ति, ज्ञान तथा वैराग्य की महानता को दर्शाया गया है, भगवान् विष्णुजी और भगवान् गोविन्द के अवतार की कथाओं को विसतार से दर्शाया गया हैं, इसके अतिरिक्त महाभारत काल से पूर्व के कई राजाओं, ऋषि मुनियों तथा असुरों की कथायें भी संकलित हैं।
इस ग्रंथ में महाभारत युद्ध के पश्चात श्रीकृष्ण का देहत्याग, दूारिका नगरी के जलमग्न होने और यादव वँशियों के नाश तक का विवर्ण भी दिया गया है।

नारद पुराण:---
नारदपुराण छठा पुराण हैं जो पच्चीस हजार श्र्लोकों से अलंकृत है, तथा इस के भी भी दो भाग हैं, दोनों भागो में सभी अट्ठारह पुराणों का सार दिया गया है, प्रथम भाग में मन्त्र तथा मृत्यु पश्चात के क्रम और विधान हैं, गंगा अवतरण की कथा भी विस्तार पूर्वक बतायी गयी है, दूसरे भाग में संगीत के सातों स्वरों, सप्तक के मन्द्र, मध्य तथा तार स्थानों, मूर्छनाओं, शुद्ध एवम् कूट तानो और स्वरमण्डल का ज्ञान लिखित है।
संगीत पद्धति का यह ज्ञान आज भी भारतीय संगीत का आधार है, जो पाश्चात्य संगीत की चकाचौंध से चकित हो जाते हैं, उनके लिये उल्लेखनीय तथ्य यह है कि नारद पुराण के कई शताब्दी पश्चात तक भी पाश्चात्य संगीत में केवल पाँच स्वर होते थे, तथा संगीत की थ्योरी का विकास शून्य के बराबर था, मूर्छनाओं के आधार पर ही पाश्चात्य संगीत के स्केल बने हैं, सभी संगीत के प्रेमी, जो संगीत को ही अपना केरियर समझ लिया हो, या संगीत और अध्यात्म को साथ में देखने वाले ब्रह्म पुरूष को नारद पुराण को जरूर पढ़ना चाहियें।

मार्कंडेय पुराण:--
साँतवा है मार्कण्डेयपुराण, जो अन्य पुराणों की अपेक्षा सबसे छोटा पुराण है, मार्कण्डेय पुराण में नौ हजार श्र्लोक हैं तथा एक सो सडतीस अध्याय हैं, इस ग्रंथ में सामाजिक न्याय और योग के विषय में ऋषिमार्कण्डेयजी तथा ऋषि जैमिनिजी के मध्य वार्तालाप है; इस के अतिरिक्त भगवती दुर्गाजी तथा भगवान् श्रीक़ृष्ण से जुड़ी हुयी कथायें भी संकलित हैं, सभी ब्रह्म समाज को यह पुराण पढ़नी चाहिये, कम से कम मार्कण्डेयजी ऋषि के वंशज इस पुराण को थोड़ा-थोड़ा करके पढ़ने की कोशिश करनी चाहिये, मार्कण्डेय पुराण के अध्ययन से आध्यात्मिक अक्षय सुख की प्राप्ति होती है।

अग्नि पुराण:--
आठवाँ है अग्निपुराण, अग्नि पुराण में तीन सौ तैयासी अध्याय तथा पन्द्रह हजार श्र्लोक हैं, इस पुराण को भारतीय संस्कृति का ज्ञानकोष या आज की भाषा में विकीपीडिया कह सकते है, इस ग्रंथ में भगवान् मत्स्यावतार का अवतार लेकर पधारें थे, उसका वर्णन है, रामायण तथा महाभारत काल की संक्षिप्त कथायें भी संकलित हैं, इसके अतिरिक्त कई विषयों पर वार्तालाप है जिन में धनुर्वेद, गान्धर्व वेद तथा आयुर्वेद मुख्य हैं, धनुर्वेद, गान्धर्व वेद तथा आयुर्वेद को उप-वेद भी कहा जाता है।

भविष्य पुराण:---
नवमा है भविष्यपुराण, भविष्य पुराण में एक सौ उनतीस अध्याय तथा अट्ठाईस श्र्लोक हैं, इस ग्रंथ में सूर्य देवता का महत्व, वर्ष के बारह महीनों का निर्माण, भारत के सामाजिक, धार्मिक तथा शैक्षिक विधानों और भी कई विषयों पर वार्तालाप है, इस पुराण में साँपों की पहचान, विष तथा विषदंश सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी भी दी गयी है, इस भविष्य पुराण की कई कथायें बाईबल की कथाओं से भी मेल खाती हैं, भविष्य पुराण में पुराने राजवँशों के अतिरिक्त भविष्य में आने वाले नन्द वँश, मौर्य वँशों का भी वर्णन है।
इस के अतिरिक्त विक्रम बेताल तथा बेताल पच्चीसी की कथाओं का विवरण भी है, भगवान् श्रीसत्य नारायण की कथा भी इसी पुराण से ली गयी है, यह भविष्य पुराण भारतीय इतिहास का महत्वशाली स्त्रोत्र है, जिस पर शोध कार्य करना चाहिये, और इसके उपदेश हर आज के क्षात्र-क्षात्राओं को पढ़ाना चाहिये और प्रथम क्लास से ही, शिक्षा से जुड़े समस्त अध्यापक एवम् अध्यापिका को इस भविष्य पुराण नामक पुराण को अवश्य पढ़ना चाहियें, ताकि आपकी समझ बढे, और समाज में अध्यात्म जागृति लायें।

ब्रह्मवैवर्त पुराण:---
दसवाँ पुराण है ब्रह्मावैवर्तपुराण, जो अट्ठारह हजार श्र्लोकों से अलंकृत है, तथा दो सौ अट्ठारह अध्याय हैं, इस ग्रंथ में ब्रह्माजी, गणेशजी, तुलसी माता, सावित्री माता, लक्ष्मी माता, सरस्वती माता तथा भगवान् श्रीकृष्ण की महानता को दर्शाया गया है, तथा उन से जुड़ी हुई कथायें संकलित हैं, इस पुराण में आयुर्वेद सम्बन्धी ज्ञान भी संकलित है, जो आयुर्वेद और भारतीय परम्परा में निरोगी काया के विषय पर गंभीर है, उसे यह ब्रह्मावैवर्त पुराण आपका पथ प्रदर्शक बनेगा।
लिंग पुराण:---
अगला ग्यारहवा है लिंगपुराण, इस पावन लिंग पुराण में ग्यारह हजार श्र्लोक और एक सौ तरसठ अध्याय हैं, सृष्टि की उत्पत्ति तथा खगौलिक काल में युग, कल्प की तालिका का वर्णन है, भगवान् सूर्यदेव के सूर्य के वंशजों में राजा अम्बरीषजी हुयें, रामजी इन्हीं राजा अम्बरीषजी के कूल में अवतार हुआ था, राजा अम्बरीषजी की कथा भी इसी पुराण में लिखित है, इस ग्रंथ में अघोर मंत्रों तथा अघोर विद्या के सम्बन्ध में भी उल्लेख किया गया है।
वराह पुराण:--'
बाहरवां पुराण हैं वराहपुराण, वराह पुराण में दो सौ सत्रह स्कन्ध तथा दस हजार श्र्लोक हैं, इस ग्रंथ में भगवान् श्री हरि के वराह अवतार की कथा, तथा इसके अतिरिक्त भागवत् गीता महात्म्य का भी विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है, इस पुराण में सृष्टि के विकास, स्वर्ग, पाताल तथा अन्य लोकों का वर्णन भी दिया गया है, श्राद्ध पद्धति, सूर्य के उत्तरायण तथा दक्षिणायन विचरने, अमावस और पूर्णमासी के कारणों का वर्णन है।
महत्व की बात यह है कि जो भूगौलिक और खगौलिक तथ्य इस पुराण में संकलित हैं वही तथ्य पाश्चात्य जगत के वैज्ञिानिकों को पंद्रहवी शताब्दी के बाद ही पता चले थे, सभी सनातन धर्म को मानने वाले भाई-बहनों को यह वराह पुराण को अवश्य पढ़ना चाहियें, जो भक्त अपने जीवन में जीते जी स्वर्ग की कल्पना करता है, उसके लिये वराह पुराण अतुल्य है, इसमें स्वर्ग-नरक का भगवान् श्री वेदव्यासजी ने बखूबी वर्णन किया है।
स्कंद पुराण:---
तेहरवां पुराण हैं सकन्दपुराण, सकन्द पुराण सब से विशाल पुराण है, तथा इस पुराण में अक्यासी हजार श्र्लोक और छः खण्ड हैं, सकन्द पुराण में प्राचीन भारत का भूगौलिक वर्णन है, जिस में सत्ताईस नक्षत्रों, अट्ठारह नदियों, अरुणाचल प्रदेश का सौंदर्य, भारत में स्थित भगवान् भोलेनाथ के बारह ज्योतिर्लिंगों, तथा गंगा अवतरण के आख्यान शामिल हैं, इसी पुराण में स्याहाद्री पर्वत श्रंखला तथा कन्या कुमारी मन्दिर का उल्लेख भी किया गया है, इसी पुराण में सोमदेव, तारा तथा उन के पुत्र बुद्ध ग्रह की उत्पत्ति की अलंकारमयी कथा भी है।
वामन पुराण:---
चौदहवां पुराण है वामनपुराण, वामन पुराण में निन्यानवें अध्याय तथा दस हजार श्र्लोक हैं, एवम् दो खण्ड हैं, इस पुराण का केवल प्रथम खण्ड ही उप्लब्द्ध है, इस पुराण में भगवान् के वामन अवतार की कथा विस्तार से कही गयी हैं, जो भरूचकच्छ (गुजरात) में हुआ था, इस के अतिरिक्त इस ग्रंथ में भी सृष्टि, जम्बूदूीप तथा अन्य सात दूीपों की उत्पत्ति, पृथ्वी की भूगौलिक स्थिति, महत्वशाली पर्वतों, नदियों तथा भारत के खण्डों का जिक्र है।
कूर्म पुराण:---
पन्द्रहवां पुराण है कुर्मपुराण, कुर्म पुराण में अट्ठारह हजार श्र्लोक तथा चार खण्ड हैं, इस पुराण में चारों वेदों का सार संक्षिप्त रूप में दिया गया है, कुर्म पुराण में कुर्म अवतार से सम्बन्धित सागर मंथन की कथा विस्तार पूर्वक लिखी गयी है, इस में ब्रह्माजी, शिवजी, विष्णुजी, पृथ्वी माता, गंगा मैया की उत्पत्ति, चारों युगों के बारे में सटीक जानकारी, मानव जीवन के चार आश्रम धर्मों, तथा चन्द्रवँशी राजाओं के बारे में भी विस्तार से वर्णन है।
मत्स्य पुराण:---
सोलहवां पुराण है मतस्यपुराण, मतस्य पुराण में दो सौ नब्बे अध्याय तथा चौदह हजार श्र्लोक हैं, इस ग्रंथ में मतस्य अवतार की कथा का विस्तरित उल्लेख किया गया है, सृष्टि की उत्पत्ति और हमारे सौर मण्डल के सभी ग्रहों, चारों युगों तथा चन्द्रवँशी राजाओं का इतिहास वर्णित है, कच, देवयानी, शर्मिष्ठा तथा राजा ययाति की रोचक कथा भी इसी मतस्य पुराण में है, सामाजिक विषयों के जानकारी के इच्छुक भाई-बहनों को मतस्य पुराण को जरूर पढ़ना चाहियें।

गरुड़ पुराण:---
सत्रहवां पुराण है गरुड़पुराण, गरुड़ पुराण में दो सौ उनअस्सी अध्याय तथा अट्ठारह हजार श्र्लोक हैं; इस ग्रंथ में मृत्यु पश्चात की घटनाओं, प्रेत लोक, यम लोक, नरक तथा चौरासी लाख योनियों के नरक स्वरुपी जीवन के बारे में विस्तार से बताया गया है, इस पुराण में कई सूर्यवँशी तथा चन्द्रवँशी राजाओं का वर्णन भी है, साधारण लोग इस ग्रंथ को पढ़ने से हिचकिचाते हैं, क्योंकि? इस ग्रंथ को किसी सम्वन्धी या परिचित की मृत्यु होने के पश्चात ही पढ़वाया जाता है।
वास्तव में इस पुराण में मृत्यु पश्चात पुनर्जन्म होने पर गर्भ में स्थित भ्रूण की वैज्ञानिक अवस्था सांकेतिक रूप से बखान की गयी है, जिसे वैतरणी नदी की संज्ञा दी गयी है, उस समय तक भ्रूण के विकास के बारे में कोई भी वैज्ञानिक जानकारी नहीं थी, तब हमारे इसी गरूड पुराण ने विज्ञान और वैज्ञानिकों को दिशा दी, इस पुराण को पढ़ कर कोई भी मानव नरक में जाने से बच सकता है।

ब्रह्मांड पुराण:--
अट्ठारहवां और अंतिम पुराण हैं ब्रह्माण्डपुराण, ब्रह्माण्ड पुराण में बारह हजार श्र्लोक तथा पू्र्व, मध्य और उत्तर तीन भाग हैं, मान्यता है कि अध्यात्म रामायण पहले ब्रह्माण्ड पुराण का ही एक अंश थी जो अभी एक प्रथक ग्रंथ है, इस पुराण में ब्रह्माण्ड में स्थित ग्रहों के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है, कई सूर्यवँशी तथा चन्द्रवँशी राजाओं का इतिहास भी संकलित है, सृष्टि की उत्पत्ति के समय से ले कर अभी तक सात मनोवन्तर (काल) बीत चुके हैं जिन का विस्तरित वर्णन इस ग्रंथ में किया गया है।
भगवान् श्री परशुरामजी की कथा भी इस पुराण में दी गयी है, इस ग्रँथ को विश्व का प्रथम खगोल शास्त्र कह सकते है, भारत के ऋषि इस पुराण के ज्ञान को पूरे ब्रह्माण्ड तक ले कर गये थे, जिसके प्रमाण हमें मिलते रहे है, हिन्दू पौराणिक इतिहास की तरह अन्य देशों में भी महामानवों, दैत्यों, देवों, राजाओं तथा साधारण नागरिकों की कथायें प्रचिलित हैं, कईयों के नाम उच्चारण तथा भाषाओं की विभिन्नता के कारण बिगड़ भी चुके हैं जैसे कि हरिकुल ईश से हरकुलिस, कश्यप सागर से केस्पियन सी, तथा शम्भूसिहं से शिन बू सिन आदि बन गये।
तक्षक के नाम से तक्षशिला और तक्षकखण्ड से ताशकन्द बन गये, यह विवरण अवश्य ही किसी ना किसी ऐतिहासिक घटना कई ओर संकेत करते हैं, प्राचीन काल में इतिहास, आख्यान, संहिता तथा पुराण को ऐक ही अर्थ में प्रयोग किया जाता था, इतिहास लिखने का कोई रिवाज नहीं था, राजाओ नें कल्पना शक्तियों से भी अपनी वंशावलियों को सूर्य और चन्द्र वंशों से जोडा है, इस कारण पौराणिक कथायें इतिहास, साहित्य तथा दंत कथाओं का मिश्रण हैं।
रामायण, महाभारत तथा पुराण हमारे प्राचीन इतिहास के बहुमूल्य स्त्रोत्र हैं, जिनको केवल साहित्य समझ कर अछूता छोड़ दिया गया है, इतिहास की विक्षप्त श्रंखलाओं को पुनः जोड़ने के लिये हमें पुराणों तथा महाकाव्यों पर शोध करना होगा, पढ़े-लिखे आज की युवा पीढ़ी को यह आव्हान है, जो छुट गया उसे जाने दो, जो अध्यात्म विरासत बची है, उसे समझने की कोशिश करों, पुराणों में अंकीत उपदेशों को अपने जीवन में आत्मसात करें।
II आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो II
🙏🏻 धन्यवाद🙏🏻

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