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DSGM Self creativity

03/07/2023

#गुरु_पूर्णिमा

गुरु दिवस आज है आया
धरा से अंधकार मिटाया
बहता रहे युगों तक ज्ञान
गुरु को कोटिश: प्रणाम।

वेदव्यास को कौन न जाने
दुनिया उनको गुरु ही माने
रच डाला जिसने ग्रंथ महान
घर-घर को मिल रहा है ज्ञान।

गुरु-शिष्य का अद्भुत नाता
शरण में जाकर सीख ही जाता
पल में भागे जहाँ घोर अज्ञान
गुरु की महिमा बड़ी महान।

गुरु वही जो राह दिखाए
भटकों को मंजिल पहुँचाए
देता रहे जो पल-पल ज्ञान
मिले समस्या का समाधान।

जब तक शरीर में रहता प्राण
काम आता है गुरु का ज्ञान
पल में मुश्किल करे आसान
होते गुरु हैं, आन-बान-शान।

आओ करें, गुरु का वंदन
पल-पल करें उनका अभिनंदन
प्राण से बढ़कर गुरु का मान
गुरु की सेवा हो स्वाभिमान।

गुरु का ज्ञान अब इतना बरसे
जिसके लिए अब न कोई तरसे
पाकर जिसे हो सब धन-धान
स्वर्ग से सुन्दर बने जहान-2।

(सादर समर्पित )
बिपिन कुमार🌹👏🙏🍏🇮🇳

10/01/2023

#विश्व_हिंदी_दिवस

हिंदी विश्व की मुंँहबोली है
दुनिया को हिंदी में खोली है
यह सबसे पहचान कराती
सदियों से यह हमजोली है।

रंग - रूप है इसका ऐसा
साथ सभी के घुलमिल जाती
इसको किसी से बैर नहीं है
हर भाषा को है गले लगाती।

गीत-कविता, कथा- कहानी
में इसका नहीं कोई सानी
सरल सादगी की मूर्ति है
किया नहीं इसने मनमानी।

मैं महाभारत मैं ही गीता
रामायण की मैं ही सीता
मुझमें ही है कबीर की वाणी
मुझमें है समाया अनंत कहानी।

पढ़ना-लिखना, कहना- सुनना
भाषा में हिंदी को चुनना
इससे बेहतर कोई नहीं है
जिसने चुना, है उसका कहना।

जिज्ञासा है केवल इतना
विश्व पटल पर मान मिले
राष्ट्र का गौरव बन जाऊंँ
मुझे अपनों से सम्मान मिले।

(विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सादर समर्पित)
बिपिन कुमार 🙏

23/10/2022

#दीपावली🪔

दिवाली का त्योहार है आया
घर-घर दीप जला लो
साफ-सफाई घर की कर लो
और मिठाई खा लो ।

भूल न जाना उनको जिनको
तुमसे आस लगी है
उनके घर भी दीपक रख दो
जग रोशन जिनसे हुई है।

प्राची में अरुणिमा को देखो
सूरज जब बाहर आता है
रोके किसी के नहीं रुकता
पूरी दुनियाँ में छा जाता है।

परछाई सोचे रोक लिया पर
कुछ ही क्षण की बात है
सूरज के आगे अंधेरों की
कहाँ इतनी औकात है।

जगमग धरती हो जाती है
आती रोज दिवाली
एक अकेला ही सदियों से
कर रहा है रखवाली।

आओ दीप जलाकर कर दें
रोशन कोना-कोना
छँट जाए घनघोर अंधेरा
पड़े उदास न होना।

अंतरतम का नेह निकाल
बुझी बाती है सुलगाना
तेल दीया में रहेगा जब तक
तब तक है प्रकाश फैलाना ।

(दीपावली की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सादर समर्पित)
बिपिन कुमार🙏🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔

01/09/2022

#गणेश_चतुर्थी

भाद्र मास के शुक्ल चतुर्थी
अवतरित हुए थे बाल गणेश
माता पार्वती के आदेश हेतु
शिवजी को दिया नहीं प्रवेश ।

बालक को उदंड समझकर शिव ने
सिर धड़ से अलग कर डाला,
अंदर जाते ही शिवजी का
पड़ा माता पार्वती जी से पाला।

सुनकर चौंका और कहे
यह क्या मैंने कर डाला ?
जैसे-तैसे, आनन-फानन में
शिवजी ने स्थिति को संभाला ।

विष्णु को आदेश दिए तुम
उत्तर दिशा में गमन करो
जो भी पहले जीव दिखे
उसका सर लाने में न देर करो।

आज्ञा मानकर विष्णु शिव की,
चल पड़े उत्तर की ओर
सबसे पहले गजराज दिखे
और नहीं कोई दिखा उस ओर।

गजराज का सिर काटकर
विष्णु जी ले आए,
मृत्युंजय रुद्र ने सिर लगा,
बालक की जान बचाए।

शिव शंकर ने खुश हो करके
दिया उसे वरदान,
सबसे पहले पूजा तुम्हारी
फिर कोई भगवान ।

तर्पण, अर्पण और समर्पण
है तुझ पर मंगलमूर्ति गणेश
डोल रहा है जग का संतुलन
प्रभु करो न घर-घर प्रवेश-2।

(गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर समर्पित)
बिपिन कुमार🌹👏🙏🏼🍏🇮🇳

18/07/2022

#शिव-सोमवार

सावन का यह पाँचवां दिन है
जो चाहो सब कुछ मुमकिन है
खाली हाथ निकल न जाए,
आज तो भोले शिव का दिन है ।

देखो पहला सोमवार है आया
दिल में खुशी, उमंग है लाया
संग में शिव के झूमो-गाओ
मनोवांछित जीवन फल पाओ।

आज के दिन जो शिव व्रत करते
दिन भर, भूखे प्यासे रहते
फिर जो लगाते शिव का ध्यान
पूरा होता उनका अरमान ।

मंदिरों में बढ़ गई है तैयारी
भीड़ हो सकती है भारी
मिलकर दूरी रखना होगा
मुंँह-नाक भी ढकना होगा।

शिव-शक्ति की अद्भुत माया
जिससे कोई बच ना पाया
कण-कण में है शिव ही समाया
बाकी सब तो, है मोह माया।

चारों तरफ है हाहाकार
मानव हो रहा है लाचार
चलो करें शिव की पुकार
करते हैं सभी का वे उद्धार ।

महादेव की जय जयकार
भक्तों की है लगी कतार
चलो चलें बाबा दर्शन को
सावन की है यही पुकार।

सादर समर्पित
बिपिन कुमार, 👏🙏🏼🍏🇮🇳🛕

05/06/2022

#दातुन

दोस्त ! टूथब्रश कर करके हमने
किया है कितना दांँत बेकार
अभी समय है छोड़ो इसको
दातुन से अब कर लो प्यार ।

आज भी गांँव में रहने वाले
साफ करते दाँत दातुन से
कान को अपनी खुजलाते हैं
अपनी अंँगुली के नाखून से।

जो सेवन करते दातुन का
चाहे नीम हो या बबूल का
उनके मुँह की रक्षा हो जाता
कीटाणु, विषाणु और जीवाणु से।

जो बचपन से सेवन करता
उसका दांँत कभी नहीं सड़़ता
अस्सी वर्ष उम्र हो जाती है
फिर भी दांँत कोई नहीं झड़ता।

दाँत इनके मजबूत हैं होते
बड़े मजे से कुछ भी खाते
व्यायाम मसूड़ों की हो जाता
दातुन से हैं दांँत चमकाते ।

माना शहरों में इसकी किल्लत
चाहें तो हल मिल सकता है
ऊपरी भाग नित्य दातुन का काटें
तो दस दिन भी चल सकता है ।

कमी पड़े न कभी किसी को
हर घर में पेड़ लगाओ
धरती हरी - भरी हो जाए
तनिक न इसमें देर लगाओ ।

पायरिया, छाले, मुंँह की बदबू
नहीं कोई इनके पास फटकता
जो रहते हैं निर्भर इस पर
उनको यह व्यवहार खटकता।

नीम के गुण से परिचित होकर
अनदेखी जो कर जाते हैं
टूथब्रश के चक्कर में फिर
जीवन भर वे पछताते हैं।

जब से इसको है अपनाया
झनझनाहट का छूटा साया
ठंडा-गरम कुछ भी खाते हैं
दर्द से हम राहत पाते हैं-2।

(विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सादर समर्पित)
बिपिन कुमार💐🙏🏼

23/05/2022

ुबह

आज सुबह जब घर से निकले
मौसम बड़ा था अच्छा
देखते-देखते मौसम बदला
भींग गया एक बच्चा।

जोर की आंँधी-तूफान आया
संग में बारिश लाया
दुबक-दुबक कर कोशिश की
पर खुद को बचा न पाया।

आसमान में बिजली चमकी
बादल तेज से गरजा
जिसने यह आवाज सुनी
हर किसी का दिल था दहला।

किसे पता था बारिश ने
अपने संग लाया ओले
बदन पर पड़ता था तो लगता
दाग रहा है गोले।

गर्मी से झट मिल गई राहत
हो गया मौसम ठंडा
प्रकृति की लीला रब ही जाने
है कैसा अद्भुत फंडा।

हुआ वही जिसकी शंका थी
राह में आ गया बाधा
लक्ष्य था जितना तय करने का
रह गया वो तो आधा।

दुनियाँ रचने वालों ने यह
कैसा खेल रचाया
जो भी हो पर सच कहता हूँ
मजा बहुत है आया-2।

सादर समर्पित
बिपिन कुमार🙏

16/05/2022

ंसान_नहीं_भगवान

दया, करुणा, समभाव का सागर
लेकर चले जो सर पर गागर
पार जो करता है भवसागर
करती दुनिया जिससे प्यार
वह इंसान नहीं भगवान।

किसी से नफरत कर न पाया
जो जैसा है गले लगाया
छोड़कर सुख, दुख को अपनाया
ज्ञान से दूर किया अज्ञान
वह इंसान नहीं भगवान।

सबको है आत्म बोध कराता
रखता जो कण-कण से नाता
दूत विधाता का कहलाता
सबके मान का रखता ध्यान
वह इंसान नहीं भगवान।

जिसने तप में खुद को तपाया
सत्य मार्ग का राह दिखाया
दुनिया को चलना सिखलाया
खुद होकर के अंतर्ध्यान
वह इंसान नहीं भगवान ।

दुख में यदि कोई कहीं पड़ा हो,
मदद को तत्पर हमेशा रहा हो,
सदैव जो उसके साथ खड़ा हो
करता है जो बस कल्याण
वह इंसान नहीं भगवान।

बैसाखी पर व्रत यह करना
पहनें हमेशा ज्ञान की गहना
कष्ट पड़े चाहे जितना सहना
उसको हमेशा जपते रहना
दिया जिसने शांति का ज्ञान
वह इंसान नहीं भगवान।

सादर समर्पित
बिपिन कुमार 👏🙏🏼🇮🇳

09/05/2022

#रविंद्र_जयंती

यही तो मौका आया है
उनकी याद दिलाया है
पढ़कर उनको समझें जानें
आओ उनको हम पहचानें।

आठ साल की उम्र में जिसने
रच डाली थी पहली कविता
आगे चलकर एक दिन उसने
खुद को साबित की थी सविता।

जिसकी चमक से आज भी धरती
जगमग-जगमग चमक रही है
फूलों की खुश्बू की भांति
कविता उनकी महक रही है।

छंद, गीत, लेखन कविता की
शौक उन्हें था बचपन से
छोड़ पढ़ाई लंदन की वे
आ पहुॅंचे फिर बचपन में ।

तिरेपन गीतों की माला से
दुनियॉं को आश्चर्य कर डाला
उन्हें सम्मानित करने के लिए
उन्नीस सौ तेरह में नोबेल दे डाला।

उनके जैसा कोई नहीं था
शायद कोई आगे भी न हो
साहित्याकाश में एक अकेला
ध्रुवतारा सा चमक रहा है।

उस गुरुदेव को याद करें
समय यों ही नहीं बर्बाद करें
इनसे प्रेरणा पाकर हम सब
जीवन अपना आबाद करें।

सादर समर्पित
बिपिन कुमार🙏

https://youtu.be/FvhoR6bWPaQआज के नाजुक दौर में जहां कोरोना का डर हर समय बना रहता है, उससे लड़ने के लिए योग का महत्व और ...
24/04/2022

https://youtu.be/FvhoR6bWPaQ

आज के नाजुक दौर में जहां कोरोना का डर हर समय बना रहता है, उससे लड़ने के लिए योग का महत्व और बढ़ गया है। इस संबंध में स्वरचित गीत योग अपील प्रस्तुत है।

16/04/2022

#हनुमान_जयंती

चैत मास की पूर्णिमा
है अति पावन दिन
प्रभु राम भी कुछ नहीं
भक्त हनुमान के बिन।

हनुमान जयंती आज है
जो शिव के थे अवतार
जिनकी श्रद्धा भक्ति का
कायल है संसार ।

पल में सूरज को निगला
और लंका हो गए पार
मूर्छित जब लक्ष्मण हुए
संजीवनी लाए अंजनी लाल।

हर पल राम के चरणों में
जिनका लगा रहता है ध्यान
उनके दर्शन मात्र से भक्त का
बन जाता है बिगड़े काम।

दुष्कर कार्य को पूर्ण किया
बिना कुछ किए विश्राम
है पवन पुत्र बजरंगबली
तुझे कोटि-कोटि प्रणाम।

जिनके रोम-रोम में राम
कहते रहते जय श्री राम
चलो चलें हम उनके धाम
सबका करेंगे जन-कल्याण।

(हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सादर समर्पित)
बिपिन कुमार🙏

02/04/2022

#नवरात्रि

नये साल का पहला दिन
संदेश न आए है मुमकिन
दे रहे हैं एक-दूजे को बधाई
नवरात्रि की शुभ घड़ी आई ।

शाखों पर नए पत्ते आए
बागों में कलियाॅं मुस्काए
फसलें खेतों में लहलहाए
प्रकृति ने अद्भुत रूप सजाए ।

दर पर तेरे शीश झुकाए
माॅं दर्शन को भक्त हैं आए
तेरी कृपा माॅं जिसे मिल जाए
भवसागर से वह तर जाए ।

भक्ति से शक्ति मिलती है
शक्ति से दुनियाॅं चलती है
है शक्ति की देवी जय हो
तेरे भक्तों की सदा विजय हो।

तेरा तो हर रूप निराला
भक्तों को करता मतवाला
सब है तुझ से आस लगाए
तू ही भक्तों का रखवाला ।

इच्छाएं सभी की पूर्ण हो
अखिल, निखिल, संपूर्ण हो
धन-दौलत और सुख संपदा से
धरा का हर कोना विकीर्ण हो।

(चैत नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सादर समर्पित )
बिपिन कुमार🙏

23/03/2022

#शहीद_दिवस

राजगुरु, सुखदेव, भगत को
देश भुला न पाएगा
जब-जब अत्याचार बढ़ेगा
याद देश को आएगा।

भारत माॅं के तीन सपूत
प्राण न्योछावर कर गए
वे फाॅंसी के फंदे पर
हॅंसते-हॅंसते चढ़ गए ।

मातृवेदी पर अर्पित तीनों
हर्षित होकर विदा हुए
उनकी यश कीर्ति की धरोहर
युगों-युगों तक अमर रहे।

शेर दिल फौलाद थे वे
जब तक रहे, लड़ते रहे
इंकलाब जिंदाबाद का नारा
वे बुलंद सदा करते रहे।

खेलने की उम्र में ही वे
सब रिश्ते-नाते छोड़ गए
खुद को करके समर्पित
दिलों से रिश्ता जोड़ गए।

अब तो उनका जीना मरना
देश के खातिर ही था
जो कहा करके दिखाया
प्रेरित जग को कर गए ।

कोसों जिसकी सल्तनत थी
रोक न पाया उन्हें
कोई कर पाता भला क्या
न मौत का डर हो जिन्हें।

गाथा उनकी वीरता की
दुश्मन को याद दिलाएगी
उनके पद चिन्हों पर चलकर
युवाओं को राह दिखाएगी।

आने वाली पीढ़ियां जब
मुश्किलों में आएगी
हर युवा भगत सिंह बनकर
इंकलाब को दोहराएगी।

(शहीद दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सादर समर्पित )
बिपिन कुमार🙏🇮🇳

18/03/2022

#होली

फागुन की मस्त बहारों ने
मनमोहक खुश्बू घोली है
बूढ़े जवान हो जाए तो
समझो कि आई होली है।

मौसम ने ली है अंगड़ाई
मस्ती बसंत की है छाई
शाखों पर कलियाॅं मुस्काई
रंगों से भरी होली आई-2।

कल क्या होगा है नहीं पता
जो होगा देखा जाएगा
जीवन में आया जो पतझड़
समझो बसंत भी आएगा।

गुजिया, पकोड़े और दही-भल्ले
आज पड़ जाए सभी को पल्ले
बस इतनी सी ही है ख्वाहिश
हो जाए सबकी बल्ले-बल्ले।

ढोलक, झांझ, मंजीरा लाओ
ठंडाई जो है सबको पिलाओ
फिर जो मर्जी धुन बजाओ
उस धुन पर थिरक ही जाएंगे।

हम खुद को रोक न पाएंगे
उत्सव का खुशी मनाएंगे
आज दिन आया है होली का
एक दूजे को रंग लगाएंगे ।

होली हो ली का हमें बताओ
भोली सूरत नहीं छुपाओ
रंग भरेंगे उसमें ऐसा
जीवन भर जिसे छुड़ा न पाओ।

रंगों से भला क्या डरना है
होली का रंग तो गहना है
जो बात-बात पर रंग बदले
हमें उससे बचकर रहना है।

हाॅं रंग लगाओ छूटे नहीं
आपस का रिश्ता टूटे नहीं
कोई अपना हो या पराया
किसी बात पर हमसे रूठे नहीं।

हो प्रेम रंग की पिचकारी
भींग जाए जिसमें नर-नारी
हर्षित हो जाए तन और मन
भेद-भाव मिटे दिल की सारी-2।

(होली की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सादर समर्पित)
बिपिन कुमार 💐🙏🍏🇮🇳

 #बधाई खबर आज एक अच्छी आई अंसारी जी ने जब हमें सुनाई विष्णु जी को दीजिए बधाई डॉक्टर की है उपाधि पाई।आज बधाई विष्णु जी को...
07/03/2022

#बधाई

खबर आज एक अच्छी आई
अंसारी जी ने जब हमें सुनाई
विष्णु जी को दीजिए बधाई
डॉक्टर की है उपाधि पाई।

आज बधाई विष्णु जी को
जिसने है यह उपाधि पाई
मिला सहयोग जब अपनों का
तभी उन्होंने दम दिखलाई।

दफ्तर साथ पढ़ाई करते
देखा अक्सर ही चुप रहते
बस काम से काम हैं रखते
जितना कर सकते हैं करते ।

सफलता उनकी शोर कर गई
जिसको वह भी छिपा न पाए
घर-परिवार में आई खुशियाॅं
जब यह उपाधि लेकर आए ।

विष्णु जी को दिल से बधाई
और आगे की करें पढ़ाई
प्रगति पथ पर बढ़ते जाएं
उपाधि दर उपाधि वे पाएं।

यही दुआ करते हैं रब से
मिले बधाई उनको सबसे
मुश्किल कभी न आने पाए
साथ अपनों का मिल जाए।

(डाॅo विष्णु जी को बहुत-बहुत हार्दिक बधाई के साथ सादर समर्पित)
बिपिन कुमार🙏

01/03/2022

#महाशिवरात्रि

सालगिरह है शिव का आया
प्रकृति ने भी रूप सजाया
देख जिसे सब झूम रहे हैं
उछल गगन को चूम रहे हैं।

कंकड़ में भी रहते शंकर
कभी दयालु कभी भयंकर
जिसको जैसा रूप है भाता
उसको रूप वैसा दिख जाता।

जो शिव नहीं तो समझो शव है
साॅंसें बिन उसके चलती कब है
सारी सृष्टि ही शिव की रचना
नीचे है धरती तो ऊपर नभ है।

सब है उनसे, उनमें ही सब है
उनके बिन पत्ता हिलता कब है
वही तो हैं काल दर्शी, महाकाल
दर्शी और कहते हैं त्रिकालदर्शी।

शंकर, शिव, भोले, भंडारी
कोई कहे शम्भु, त्रिपुरारी
पूरा जगत है शिव की माया
जिसको कोई समझ न पाया।

आओ चलें हम देखें बराती
शिवजी के हैं कितने साथी
भूत, पिशाच और हाथी-घोड़ा
जीव-जंतु और कीड़ा-मकोड़ा।

हे शिवदानी, हे औघड़दानी
महिमा आपकी सदियों पुरानी
भक्तों पर कृपा बनाए रखना
हो जाए प्रभु गर कोई नादानी।

(महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सादर समर्पित) 🌹💐🎂🎈🎈❤️❤️
बिपिन कुमार

 #राष्ट्रीय विज्ञान दिवसविज्ञान दिवस का दिन आया है जीवन में खुशियाॅं लाया है यह स्वर्ण अक्षरों में अंकित है जिस पर भारत ...
28/02/2022

#राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

विज्ञान दिवस का दिन आया है
जीवन में खुशियाॅं लाया है
यह स्वर्ण अक्षरों में अंकित है
जिस पर भारत गर्वित है ।

कभी किसी ने सोचा नहीं था
जो रमन प्रभाव ने कर दिखाया
विज्ञान जगत भी अचंभित था
उसको भी अपना लोहा मनवाया।

दुनियाॅं ने जिसे जाना, माना
हर कोई हुआ इसका दीवाना
नित्य नई खोजें होने लगी और
रिसर्चरों का मिला नया खजाना।

आज के दिन ही सीवी रमन ने
रमन इफेक्ट का किया ऐलान
इसीलिए प्रोफ़ेसर सी वी रमन को
उन्नीस सौ तीस में मिला नोबेल सम्मान।

विज्ञान तो भ्रम को तोड़ता है
प्रमाण के साथ ही जोड़ता है
जिसे कोई झुठला नहीं सकता
कुछ भी नहीं जो छोड़ता है।

हर किसी को बेहतर का अरमान हो
योगदान जैसा भी हो योगदान हो
फिर चाहे वह छोटा हो या बड़ा
हर योगदान का दिल से सम्मान हो।

जो ज्ञात है वह ज्ञान है
जो बच गया विज्ञान है
लगाना उस पर ध्यान है
जिसमें छिपा जन-कल्याण है।

(राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सादर समर्पित )
बिपिन कुमार💐🙏🏼🍏🇮🇳

25/02/2022

#बड़े घर की बेटी

गौरीपुर का नाम सुना है
रहते थे जमींदार जहाॅं
उनमें से एक बेनीमाधव
कहता हूॅं उनकी बात यहाॅं।

बेनी जी के दो सुपुत्र थे
श्रीकंठ और लाल बिहारी
एक थे बड़े ही पढ़े-लिखे
और दूजा था ठेठ अनाड़ी।

सुना था चंदा गए थे लाने
और चांद को साथ ले आए
कुछ दिनों के बाद ही श्रीकंठ
आनंदी संग ब्याह रचाए।

थोड़े दिन ससुराल में रहकर
खुद को यहाॅं के रंग में ढाली
भूल गई घर-आंगन, बगिया
सुंदर बहली और हाथी-घोड़ा ।

लाल बिहारी घर को आया
भाभी को आवाज लगाया
भूख लगी है खाना लाओ
जो बना है हमें खिलाओ।

भाभी पर उसे गुस्सा आया
घी, दाल में जब नहीं पाया
बहसा-बहसी हुई दोनों में
भाभी को चप्पल दे मारा ।

छुट्टी पर श्रीकंठ घर को आए
उनके कान सभी ने भर पाए
आप बीती जब आनंदी बताई
एक पल आपे में रह नहीं पाए ।

सर पर आ पहुॅंचा है पानी
बढ़ रहा नित्य इसकी नादानी
और नहीं अब हम सह सकते
नहीं चलेगी अब इसकी मनमानी।

क्लेश परिवार में लगा जब होने
लड़ाई-झगड़े का ले लिया रूप
बात पहुॅंच गई बंटवारे तक
कोई उपाय अब रहा न सूझ।

औरों के मसले जो थे सुलझाते
वे खुद की मसलों में उलझ गए
देर हुई पर आपसी सूझ-बूझ से
उलझे हुए मसले भी सुलझ गए।

अक्सर हो जाती है हर घर
छोटी बातों पर टकराव
लेकिन समझ न हो आपस में
होता घर का है बिखराव ।

वह तो रूपवती, गुणवती
और मर्यादा की थी खान
कुल की रक्षा करके उसने
दोनों कुल की बढ़ा दी मान।

बड़े घर की वो नहीं जिसमें
धन-दौलत, अकूत अपार हो
बड़े घर की वो होती जिसमें
दया, प्यार और संस्कार हो।

फिर चाहे वह महलों की हो
या हो किसी निर्धन की थाती
आनंदी जैसी बेटी-बहू तो
हर एक घर को है भाती-2।

(मुंशी प्रेमचंद्र की कहानी "बड़े घर की बेटी" को कविता के रूप में लयवद्ध करने का एक छोटा सा प्रयास किया है जो सादर समर्पित है)
बिपिन कुमार💐🙏🏼

16/02/2022

#संत_रविदास

चौदह सौ तैंतीस की
माघ सुदी पन्दरास
दुखियों के कल्याण हेतु
प्रगटे संत रविदास ।

रामानंद को मान गुरु
लिए ज्ञान की सीख
उनकी विद्वता की चर्चा
दुनिया में अब रही दिख।

जाति क्या समझा गए
जगत गुरु संत रविदास
जाति जाति में जाति हैं
जो केतन के पात।

जन्म तथा व्यवसाय से
होत न कोई महान
आचरण तथा व्यवहार ही
है इसका प्रमाण ।

विचारों की श्रेष्ठता हो
रहे समाज का ध्यान
इन्हीं गुणों से मिलता है
इंसा को सम्मान ।

जात-पात में बंटा है इंसा
कैसे समझें इनकी मंशा
सब कहते हैं हम हैं तेरे
पल में हो जाती है हिंसा ।

खत्म हो जाता है इंसान
पर खत्म न होती जात
जब तक खत्म नहीं होता
तब तक बनेगी न बात।

(संत शिरोमणि पूज्य गुरु रविदास जी महाराज की पावन जयंती की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सादर समर्पित )
बिपिन कुमार💐🙏🏼

06/02/2022

🌹 #श्रद्धांजलि🌹

थम गया है स्वर का शोर
कह रहे हैं लता जी नो मोर
लेकिन उनकी सिमटी यादें
गूॅंजती रहेगी चारों ओर ।

जो सबके लिए जीता है
वह मर कर भी जीता है
कोई नहीं जो रोके उसको
यही तो कहता गीता है ।

खुद की एक पहचान बनाई
धीरे-धीरे पूरे जगत में छाई
उनके जैसा गा नहीं सकता
निर्मल, मधुर, संगीत सुनाई।

उनकी जब पहचान मिली तो
आवाज से दुनिया कर ली काबू
ईश्वर प्रदत्त अनमोल रत्न को
निखार किया दुनिया में जादू ।

उनकी शोक में देश है डूबा
नहीं किसी को है अजूबा
जो जीवन को मौत से छीने
बना नहीं ऐसा कहीं स्कूबा।

अभी तो आया है बसंत
नहीं हो सकता उनका अंत
जिसने स्वर को संगीत दिया
वह तो रहेंगी अमर अनंत ।

(स्वर साम्राज्ञी आदरणीया लता जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए सादर समर्पित)
बिपिन कुमार🌹💐🙏🏼

05/02/2022

#वसंत_पंचमी

शीत ऋतु की रात अंधेरी
अभी-अभी तो खत्म हुई है
इस मौसम में अब पेड़ों पर
नई-नई कलियां प्रकट हुई है।

इन कलियों को छूकर पवन
मधुर सुगंध बिखेर रहा है
अब तो संपूर्ण वातावरण ही
मानो खुशी से झूम रहा है ।

बीत गया पल जैसा भी था
चाहे हुआ हो दुखद ही अंत
एक नया सवेरा लेकर
आया है देखो फिर वसंत ।

श्रीपंचमी का दिन आया और
देखो माता घर-घर आई
विधि-विधान से पूजा करना
हे विद्या, बुद्धि की वरदायी।

बिन स्नान न भोजन करना
हो सके तो पीला वस्त्र पहनना
कागज, कलम और दवात का
तन-मन-धन से पूजन करना ।

शब्द जो लिपटे हैं पन्नों में
माॅं का दिया ही रूप है
उनकी इच्छा जो न हो तो
जीवन में न होती धूप है।

जिसको माता वर देती है
समझो उसको तर देती है
अपने भक्तों के संकट को
पल में ही वह हर लेती है।

(वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सादर समर्पित)
बिपिन कुमार💐🙏🏼🎸

04/02/2022

#पिताजी_का_जन्मदिन

सर पर रहे जिनका हमेशा साया
मिलती जीवन को जिनसे छाया
जिसने मुझे इस दुनिया में लाया
आज जन्मदिन उनका आया।

जिनकी गोद में खेले-कूदे
पढ़े - लिखे और पले-बढ़े
हुई गलती तो डांट लगाया
आज जन्मदिन उनका आया।

अच्छी परवरिश देकर हमको
बुरी आदतों से हमें बचाकर
जीने का तरीका सिखलाया
आज जन्मदिन उनका आया।

मुझमें अपना सपना देखा
खींची किस्मत की जो रेखा
जोड़कर तिनका घर बनाया
आज जन्मदिन उनका आया।

दुनियांदारी की भाग-दौड़ में
खो गए इतना समझ न पाए
अब तो यह भी याद नहीं है
आज जन्मदिन उनका आया।

जो कुछ भी हूॅं उनके कारण
हर कष्टों का करते निवारण
पाकर उन्हें भगवान को पाया
आज जन्मदिन उनका आया ।

हे ऊपरवाला! तू इतना कर दे
दामन उनका खुशियों से भर दे
औरों के खातिर जीवन खपाया
आज जन्मदिन उनका आया-2।

(पिताजी के 74वें जन्मदिवस पर चंद पंक्तियां हार्दिक शुभकामनाओं के साथ उनके चरणों में सादर समर्पित)
बिपिन कुमार💐🙏🏼🎂

 #पराक्रम_दिवसजिनकी आवाजें सुनकर दुश्मन होते थे खामोशअदम्य साहस के वे धनी थे और नाम था एस.सी.बोस।दिल्ली चलो का देकर नारा...
23/01/2022

#पराक्रम_दिवस

जिनकी आवाजें सुनकर
दुश्मन होते थे खामोश
अदम्य साहस के वे धनी थे
और नाम था एस.सी.बोस।

दिल्ली चलो का देकर नारा
अंग्रेजों को किया किनारा
नींवें उसकी उन्होंने हिला दी
आगे चलकर मिली आजादी ।

तन-मन-धन सब था अर्पित
मातृभूमि के लिए समर्पित
सर्वोपरि हो देश भावना के
दृढ़ विश्वास से थे संकल्पित।

दुश्मन को भी भाप लिया था
शक्ति उसकी नाप लिया था
देश की आजादी के खातिर
खून देश का मांग लिया था ।

नेतृत्व के थे कुशल प्रशिक्षक
जिसका कोई सानी नहीं है
युगों-युगों तक मिलेगी प्रेरणा
साहस भरी कहानी यही है ।

तप, त्याग और संघर्ष सदा ही
मार्गदर्शन का कार्य करेगा
उनके विचारों व आदर्शों से
देश सदा खुशहाल रहेगा।

जय हिन्द का उनका नारा
अब दुनियाॅं में गूॅंज रहा है,
जयंती दिवस पर देश उन्हें
विनम्र श्रद्धांजलि दे रहा है।

सादर समर्पित
बिपिन कुमार💐🙏🏼🍏🇮🇳

22/01/2022

#पीहू_कुहू

नन्ही गुड़िया, प्यारी गुड़िया
जिसका नाम है पीहू
उसकी भी एक प्यारी बहना
कहते हैं जिसे कुहू।

पीहू-कुहू, कुहू- पीहू
पीहू-कुहू, कुहू- पीहू।

मौका जन्मदिन का आया
नाना और नानी आए
नाना-नानी मुझे बताओ
मामा को क्यों नहीं लाए ।

पीहू-कुहू, कुहू- पीहू
पीहू-कुहू, कुहू- पीहू।

पेपर उसका नजदीक आया
कर रहा है तैयारी
बोला हैप्पी बर्थडे कहना
आऊंगा अगली बारी ।

पीहू-कुहू, कुहू- पीहू
पीहू-कुहू, कुहू- पीहू।

आओ सब मिल केक काटें
खाएं खूब मिठाई
जन्मदिन की पीहू तुमको
दिल से ढेरों बधाई ।

पीहू-कुहू, कुहू- पीहू
पीहू-कुहू, कुहू- पीहू।

मम्मी-पापा नाना-नानी
सब का यही है कहना
मेरी गुड़िया रानी सदा
जीवन में आगे बढ़ना।

पीहू-कुहू, कुहू- पीहू
कुहू-पीहू, पीहू-कुहू।

सादर समर्पित
बिपिन कुमार 💐🙏🎉🎂

Wish Pihu a very happy birthday. God bless you Beta.👑🎂🍫🍿🫔

 #नन्हा_पौधा जब तक चल सकता था चलाया पार्क में गाड़ी फिर है लगायाहवा उड़ाकर धूल और मिट्टी गाड़ी पर जाकर पहुंचाया ।धूप, हव...
17/01/2022

#नन्हा_पौधा

जब तक चल सकता था चलाया
पार्क में गाड़ी फिर है लगाया
हवा उड़ाकर धूल और मिट्टी
गाड़ी पर जाकर पहुंचाया ।

धूप, हवा, मिट्टी और पानी
गढ़ दिया देखो नई कहानी
पौधा बीज के अंतर सोया
अंकुरित होकर बाहर आया।

बीज की उस अदम्य साहस को
कंकड़-पत्थर भी रोक न पाया
सभी जहां पर हार हैं जाते
परचम अपना वहां लहराया।

बाहर की जब हवा लगी तो
देखो कैसा है मुस्काया
इसे किसी का भय नहीं है
तना हुआ कितना निर्भय है।

न भोजन की फिक्र इसे है
सर्दी-गर्मी सब सहता है
व्यर्थ में इसको नहीं गंवाता
जब तक जीवन है, जीता है।

तजकर भूत-भविष्य की चिंता
हर पल आज में वह जीता है
रूखी-सूखी जो मिल जाए
प्रसाद समझकर उसे पीता है।

विषम परिस्थिति में जीना सीखा
वह भी हरा-भरा हो करके
हॅंसी-खुशी से जी सकता है
मानव प्रेरणा इससे ले करके।

सादर समर्पित
बिपिन कुमार💐🙏🏼

14/01/2022

ंक्रांति

पर्व कोई भी हो, सबकी सुंदर कहानी,
सुनाती है किस्से जिसकी दादी और नानी,
चली आ रही है यह, सदियों पुरानी,
सर्दी की भला कब तक चलेगी मनमानी ।

सबसे कह दो अब सूरज नजदीक आया है,
संग अपने ऊर्जा और प्रकाश भी लाया है,
जब-जब धरा पर सर्दी और अंधकार छाया है,
मिटाने अकेले सूरज सर्दी और अंधकार आया है।

गंगा तट पर भीड़ लगी है जाकर डुबकी लगा लो
करो जप-तप, दान-ध्यान-श्रद्धा, अर्पण-तर्पण
मिट जाता है पाप जन्मों का और मिलती है मुक्ति
दुनिया में सबसे सरल बस यही है सुंदर युक्ति ।

करो इसकी पूजा तुम चाहे जितनी भी, कम है,
गंगा तट दर्शन से ही दूर हो जाते सारे गम हैं,
अपने जीवन में ऊर्जा और प्रकाश को भर लो,
दिल का दीपक जलाकर, अंधेरा को दूर कर लो।

मिट जाए धरा से जो भी फैला है भ्रांति
शांति दूत बन कर ले आओ अब क्रांति,
आए जाए धरा पर बस शांति ही शांति,
दिल से मुबारक, आपको मकर सक्रांति।

सादर समर्पित
बिपिन कुमार👏🙏🇮🇳

05/01/2022

#ओमीक्रोन

पूरा कुनबा है इसका
अलग-अलग हैं नाम
कोई नहीं है काम का
सब के सब बदनाम ।

ओमीक्रोन के बढ़ रहे
देखो नित्य दिन केस
जिसका न कोई रंग है
ना ही रूप, न भेष ।

तीव्र गति से फैल रहा
दुनियाभर के देश
सुनकर, पढ़कर, जानकर
इंसा हो रहा पेशोपेश ।

बिन देखे, जाने, सुने
दुनियाॅं है हैरान
डॉक्टर, वैद्य, हकीम को भी
नहीं इसकी पहचान ।

मालूम इन्हें भी बस इतना
जितना अंग्रेज को हिंदी ज्ञान
तभी तो दुनिया में हो रहा
भारी जानमाल का नुकसान।

धोते रहिए हाथ को
कुछ भी छूने के बाद
जल की कमी महसूस हो
सेनीटाइजर रखिए साथ।

मास्क और दो गज दूरी
मजबूरी नहीं जरूरी
इसके बिना भला कैसे
सुरक्षा कवच होगी पूरी ।

अपने ही देते अपनों को
बड़े-बड़े मंच से ज्ञान
रैली, मेला और भीड़ से
करते हैं इसका अपमान।

रखना होगा आपको
खुद ही अपना ध्यान
केवल तभी मिल सकता है
इस कुनबा से निदान।

सादर समर्पित
बिपिन कुमार💐🙏🏼🍏🇮🇳

31/12/2021

#2022

उन्नीस, बीस, इक्कीस गया
आ गया है अब बाईस
एक-एक कर तुम बतला दो
अपनी-अपनी फरमाईश ।

अभी-अभी एक साल है गुजरा
कितना सफल हम हो पाए
आओ देखें जोड़ घटाकर
क्या खोया और क्या पाए ।

चलना कितना दूर था हमको
और कहाॅं तक हम चल पाए
या फिर लक्ष्य से भटक गए हम
जिसके कारण यह दिन आए ।

चिंता नहीं चिंतन करना है
आशा से खुद को भरना है
नई चुनौती फिर आएगी
हमें मिलकर उससे लड़ना है।

नए साल में क्या करना है
क्या तुमने कभी सोचा है
देर अभी भी नहीं हुई है
सोचो! इसमें क्या लोचा है।

कुछ तो होगी दिल में ख्वाहिश
देखो करना है उसे पूरा
जी जान से लग जाओ अब
रह न जाए कहीं अधूरा ।

एक साल का लक्ष्य बनाओ
नित्य संकल्पों को दोहराओ
बाधाएं विचलित न कर दे
पूरा करके उसे दिखाओ।

ट्वेन्टी-ट्वेन्टी टू है आया
चारों तरफ है धूम मचाया
गिले-शिकवे दिल से मिटाओ
नाचो-गाओ खुशी मनाओ।

(नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सादर समर्पित )
बिपिन कुमार👌💐🙏🏼

 #बड़ा_दिनबड़ा दिन है बड़ा है करना रजाई में नहीं दुबके रहना जमकर करो क्रिसमस की तैयारी लगी हुई है दुनिया सारी।बड़ा दिन ज...
26/12/2021

#बड़ा_दिन

बड़ा दिन है बड़ा है करना
रजाई में नहीं दुबके रहना
जमकर करो क्रिसमस की तैयारी
लगी हुई है दुनिया सारी।

बड़ा दिन जब आया है
तो करना है कुछ खास
काम करो कुछ ऐसा
जिससे हो नया एहसास।

सुंदर सा एक ट्री बनाओ
फिर जी भर के उसे सजाओ
गिफ्ट से झूमें हर एक डाली
देख जिसे आ जाए लाली ।

घर के बड़े-बुजुर्ग पेड़ हैं
हम बच्चे हैं उसकी डाली
जिसने हम पर सर्वस्य लुटाया
उनकी करनी है रखवाली।

दिल में प्रेम का फूल उगाओ
मन की बगिया को महकाओ
जो है, जैसे भी हैं उनको
भूलो नहीं दिल से अपनाओ।

वही काम हैं आने वाले
छोड़ तुम्हें नहीं जाने वाले
छोड़ दिया जो तुमने उनको
लौट के फिर नहीं आने वाले।

मांग कर देखो कुछ संता से
खाली हाथ न रह पाओगे
भर देगा वह झोली इतना
झूम-झूम नाचो गाओगे।

धन-दौलत के साथ में संता
दया-प्रेम का दान भी दे दो
बदले में जो लेना चाहो
तुम्हीं बलैया सबकी ले लो।

सादर समर्पित
बिपिन कुमार💐🙏🏼🍏🇮🇳

20/12/2021

िव

सुना है नये सचिव आए हैं
अपने साथ अनुभव लाए हैं
देश प्रगति का उनका वादा
भले हो कम या हो ज्यादा ।

नया जोश है, नई उमंग है
नया कुछ करना उनका ढंग है
उनके नेतृत्व में घुल मिल जाओ
उनके कदमों से कदम मिलाओ।

डीएसटी के इस मधुर प्रांगण में
करतल ध्वनि से आपका स्वागत
बहुत-बहुत बधाई है दिल से
अच्छा लगा है आपसे मिल के।

हे उम्मीदैं आपसे जन-जन को
खुशियां आए इस तन-मन को
है काम बहुत जो करना है
चुनौती से भरा यह गहना है ।

जिसे ज्ञान नहीं कर सकता है
उसको विज्ञान ही करता है
यह सुदृढ़ बने, समृद्ध बने
यही आशय सबको रहता है।

है नतमस्तक उस विभूति का
जिसने अंधकार भगाया है
जप, तप, त्याग और तपस्या से
विज्ञान को यहां तक लाया है ।

कुछ दूरी तय तो कि हमने
इसे मीलों दूर ले जाना है
लेकर मशाल आगे बढ़ें
साथ में सारा जमाना है।

सादर समर्पित
बिपिन कुमार💐🙏🏼🍏🇮🇳

16/12/2021

#सोलह दिसंबर

विजय दिवस का विजय पताका
दुनियाॅं में हम लहराएंगे
हर साल हम सोलह दिसंबर
बड़े धूमधाम से मनाएंगे ।

भूल न जाएं कहीं हम वीरों को
उनके शौर्य, त्याग, बलिदान को
सोलह दिसंबर है याद दिलाता
विजय दिवस पुरे हिंदुस्तान को।

शुरू किया था जंग जो तुमने
उसको हमने स्वीकार किया
आज के दिन ही जंग खत्म कर
बांग्लादेश को आजाद किया ।

हम न कभी हिंसा के आगे
अपना शीश झुकाएंगे
या तो मारेंगे दुश्मन को
या वीर शहीद हो जाएंगे ।

छुप-छुप कर तुम निहत्थों पर
बर्बरता करना अब बंद करो
शौक अगर लड़ने की है तो
मानवता के लिए लड़ो ।

हम भी होंगे साथ तुम्हारे
कदम बढ़ा कर देखो प्यारे
शांति, अमन और चैन मिलेगा
होगा सभी का वारे- न्यारे ।

जियो और सब को जीने दो
यही संदेश हमारा है
सच पूछो तो देश हमारा
सब देशों से प्यारा है ।

जहाॅं सभी मिलकर रहते हैं
एक ही छत के नीचे
देश प्रगति तभी करता जब
सब रहते हैं उसके पीछे।

(विजय दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सादर समर्पित )
बिपिन कुमार💐🙏🏼🍏🇮🇳

10/12/2021

#वीभत्स हादसा

एम आई सत्रह वी फाईव
अब, नहीं रहा है लाइव
जो भी सवार हुए थे इसमें
उनकी चली गई है लाइफ।

बेहद सुरक्षित, सुसज्जित था
नए तकनीकों से था लैस
पता लगेगा कहाॅं चूक गए
कैसे हुआ कुन्नूर में क्रैश ।

दिल्ली से सुलुर जा रहे थे
होकर चौदह लोग सवार
कोशिश पायलट ने की होगी
पर नीलगिरी न कर सके पार।

सब सो गए हैं चिर निद्रा में
एक का हो रहा है उपचार
शीघ्र स्वस्थ्य की मंगल कामना
वेलिंगटन दे सुखद समाचार।

खबर जरा भी नहीं किसी को
कहाॅं,कब, कैसे, क्या हो जाए
कभी किसी ने जो न सोचा
दिन रब ऐसा क्यों दिखलाए।

देश खड़ा है साथ में उनके
गहरे संकट की बेला में
हर संभव सहयोग हो उनका
खो गए हैं जो इस मेला में।

युगों-युगों तक वीर की गाथा
जन-जन को सुनाई जाएगी
आपके जाने से जो क्षति हुई
शायद क्षतिपूर्ति हो न पाएगी।

भावभीनी श्रद्धांजलि सभी को
उनके साहस और बलिदान की
जिसने कभी न झुकने दिया
सर हिमालय हिंदुस्तान की-2।

(भावभीनी श्रद्धांजलि के साथ सादर समर्पित)
बिपिन कुमार🙏🏼💐💐💐

 #शादी के पैंतीस सालएक-दूजे का साथ मिला और हुआ है यह कमालदस, बीस, तीस नहीं गुजरे गुजर गए हैं पैंतीस  साल।आज के दिन ही शा...
09/12/2021

#शादी के पैंतीस साल

एक-दूजे का साथ मिला
और हुआ है यह कमाल
दस, बीस, तीस नहीं गुजरे
गुजर गए हैं पैंतीस साल।

आज के दिन ही शादी करके
एक नया घर थे बसाए
जिस घर की रानी थी कृष्णा
राजा श्री जयप्रकाश कहलाए।

जैसे-जैसे समय बीता
और बढ़ता गया परिवार
पहले रहते थे आप दोनों
अब हुए हैं बच्चे चार ।

दो की शादी कर दी आपने
खुश हैं अपनी धुन में
दो की शादी और है करना
सोचते रहते हैं मन में।

हम तो कहते छोड़ो चिंता
जो होगा ठीक ही होगा
जिसने अबतक हमें संभाला
वही सबका जिम्मा लेगा।

सब मिलकर के जश्न मनाएं
झूमें, नाचें, गाएं, धूम मचाएं
बीता पल वापस नहीं आता
तनिक भी न इसमें सरमाएं।

यही दुआ है सालगिरह पर
जो चाहें वह सब मिल जाए
विघ्नहर्ता सब विघ्न को हर लें
आपके हिस्से खुशियां आए ।

( आपको और भाभी श्री को शादी के सालगिरह की कम से कम 35 बार बधाई )
सादर समर्पित
बिपिन कुमार🌹💐🙏🏼

04/12/2021

#रिपील

बहुत दिनों तक जैसे-तैसे
रहना पड़ा है ऐसे-वैसे
दिल का हाल बता नहीं सकते
दिन गुजरा है कैसे-कैसे ।

नैन बिछाए कब से खड़े हैं
जब से आप सड़कों पे पड़े हैं
बंद करो अब रोना-धोना
बिल वापस से अब खुश हो ना।

अब रिपील से हुई अपील
चले नहीं कोई और दलील
जल्दी से बॉर्डर कर दो खाली
घर अपने पहुॅंचो हाली-हाली ।

बहुत हुआ नुकसान सभी का
पूरा हुआ अरमान सभी का
ढोल-नगाड़े खूब बजा लो
जी भर के अब जश्न मना लो।

जीत - हार की बात नहीं है
सच को झूठ की आंच नहीं है
देर-सवेर भले हो जाए
लोकतंत्र की राह यही है ।

हल से खेत को हल मिला है
मिलना कल था आज मिला है
अब लौटे खेतों की हरियाली
झूलती थी जहाॅं गेहूॅं की बाली।

देख जिसे मन हर्षा जाए
फसलें खेतों में लहलहाए
मेहनत अपना रंग दिखलाए
घर-आंगन में खुशियाॅं लाए-2।

सादर समर्पित
बिपिन कुमार💐🙏🏼🍏🇮🇳

 #रेजांगला युद्ध यूं तो देश का कोना-कोना वीरों की गाथा से भरा हुआ पर रेजांगला युद्ध में हुआ जो दुनिया में अब तक नहीं हुआ...
18/11/2021

#रेजांगला युद्ध

यूं तो देश का कोना-कोना
वीरों की गाथा से भरा हुआ
पर रेजांगला युद्ध में हुआ जो
दुनिया में अब तक नहीं हुआ।

आज के दिन ही 1962 में
लद्दाख के चुशुल घाटी
सफेद चादर से ढकी हुई थी
घाटी में एक खामोशी थी।

तड़के सुबह ही अशांत हो गया
जब चीन की पीएलए ने
गोला-बारूद और तोप से
लद्दाख पर हमला बोल दिया ।

एक तो हमारे सैनिक कम थे
उस पर साजो-सामान भी कम था
पता उन्हें था हार है निश्चित
लेकिन उनके हौसले बुलंद थे ।

भारी-भरकम फौज के आगे
कभी अपना हथियार न डाला
आखिरी आदमी राउंड सांस तक
तेरह सौ सैनिक मार गिराया।

यही वह युद्ध था जब सैनिक का
गोला-बारूद खत्म हो गया
नंगे हाथों से ही लड़कर कई
कई सैनिक को मार गिराए ।

13 कुमायूं की 120 जवान ने
मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में
अदम्य साहस का परिचय देकर
दुश्मन सैनिक को दम दिखलाया।

छह जवान ही शेष बचे थे
उनमें से एक मुख्यालय पहुंचे थे
जिसने वीरों की गाथा सुनाई
देश को बीती - बात बताई।

बलिदान कभी यह व्यर्थ न जाए
हम यह संकल्प दोहराते हैं
रेजांगला युद्ध के वीर सपूतों को
श्रद्धा-सुमन भेंट चढा़ते हैं ।

सादर समर्पित
बिपिन कुमार💐🙏🏼🍏🇮🇳

14/11/2021

ेलें_खेल

आओ खेलें खेल की जिससे हो आपस में मेल
डिब्बा संग इंजन मिल जाए छुक -छुक चलेगी रेल।

जिसका जो दिल करता है वह आकर यहां सुनाए
अपनी मीठी बातों से दर्शक का दिल बहलाए।

सब हैं तुम से आस लगाए, कहीं तुम चूक न जाना
जो भी करना दिल से करना महफिल में धूम मचाना ।

खुश होंगे जब देखने वाले भर जाएंगे झोली
आशीर्वाद और प्यार मिलेगा, माथे पर सजेगी रोली।

खींचतान में रह जाए तो पीछे से धकेल
आओ खेलें खेल की जिससे हो आपस में मेल।

वक्त का पहिया सदा घुमा है और घूमता ही जाएगा
मत घबराना कभी तुम प्यारे नंबर तेरा भी आएगा ।

करो तैयारी जमकर इतना कोई कमी न रह जाए
यश-कीर्ति का ध्वजा पताका आसमां को छू जाए ।

हौसले में कमी रहे ना चुप बैठो मत खाली
बात जो दिल को छू जाए तो जमकर लगाओ ताली।

सादर समर्पित
बिपिन कुमार💐🙏🏼🇮🇳

 #जय छठी मैयाओ बाबू, बहना, भैया, बोलो जय छठी मैया जय छठी मैया, जय छठी मैया, जय छठी मैया-2 ।सुना है शिव की बड़ी बहू है और...
12/11/2021

#जय छठी मैया

ओ बाबू, बहना, भैया, बोलो जय छठी मैया
जय छठी मैया, जय छठी मैया, जय छठी मैया-2 ।

सुना है शिव की बड़ी बहू है और गणेश की भाभी
मां पार्वती ने दिया है तुझको इस दुनिया की चाबी।

तू ही सबका पालनकर्ता तू ही सबका खेवैया
जिस पर तेरा हाथ रहे, वह नाचे ता ता थैया।

ओ बाबू, बहना, भैया, बोलो जय छठी मैया
जय छठी मैया, जय छठी मैया, जय छठी मैया ।

तेरा दिया माॅं सब कुछ तुझको अर्पण करने आए
कंदमूल, पूजा सामग्री, सूप में भरकर लाए ‌।

शाम-सवेरे, जल में खड़े हो, अर्घ्य दिया है तुझको
मुझसे बेहतर तू जाने माॅं, चाहिए जो भी मुझको।

ओ बाबू, बहना, भैया, बोलो जय छठी मैया
जय छठी मैया, जय छठी मैया, जय छठी मैया- 2।

कर दे पूरा, रख न अधूरा, आस न टूटने पाए
एक सहारा मां बस तेरा भक्तों को मिल जाए ।

बीच भंवर में, चलती जाए, डगमग करती नैया
ओ बाबू , बहना, भैया बोलो जय छठी मैया ।

जय छठी मैया, जय छठी मैया, जय छठी मैया
ओ बाबू, बहना, भैया, बोलो जय छठी मैया-2।

( छठ व्रत की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सादर समर्पित।
बिपिन कुमार💐🙏🏼🍏🚩🇮🇳

08/11/2021

#छठ व्रत

छठ व्रत की कथा-कहानी
नई नहीं है, बहुत पुरानी
जिसकी महिमा पूर्ण विश्व में
जाती है जानी-पहचानी ।

अटूट आस्था रहती मन में
विचलित नहीं होता है क्षण भर
संकल्प, समर्पण, अर्पण तर्पण
तन-मन-धन से करते अर्चन।

चार दिनों का यह त्योहार
पहले होता था सिर्फ बिहार
वोकल से जब ग्लोबल हो गया
मनाया जाने लगा पूरा संसार ।

छठ व्रत का पर्व है ऐसा
जिसमें न कोई पंडित विधान
वर्ती स्वयं ही श्रद्धा-भाव से
करते हैं यह कार्य महान ।

एक घाट पर सभी हैं आते
मिलकर सभी हैं पर्व मनाते
कोई छोटा - बड़ा नहीं होता
सर्वधर्म समभाव निभाते ।

तप-त्याग है और तपस्या
कर दे दूर जो कोई समस्या
साधन नहीं कोई बाधा रहता
संकल्प से सिद्धि साध्य है करता।

जिससे जितना बन पाता है
सूर्य को अर्घ्य चढ़ा जाता है
सुबह- सवेरे जाकर प्रभु से
मनोवांछित वह फल पाता है।

(छठ व्रत की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सादर समर्पित)
बिपिन कुमार💐 👏🙏🏼

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