23/07/2022
रेडियो प्रसारण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं...
23 जुलाई 1927 को यानी 95 बरस पहले आज ही के दिन भारत में रेडियो प्रसारण का आग़ाज़ हुआ था। एक अद्भुत उपकरण एक अद्भुत तकनीक रेडियो जिसने सबके जीवन पर अपना गहरा असर डाला। प्रसारण के उस शुरूआती रूप से लेकर आज तक रेडियो ने लंबा सफर तय किया है। भारत में रेडियो का मतलब रहा है 'आकाशवाणी' और उसकी सिग्नेचर ट्यून अदभुत और रोमांचक है। आकाशवाणी के गौरवशाली सफर में आपने कितने ऐतिहासिक पल जिए हैं। लाइव कॉमेन्ट्रीज़ में भारत का हॉकी ओलंपिक विजेता बनना, राकेश शर्मा की अंतरिक्ष यात्रा, आज़ादी की रात नेहरू जी का 'ट्रिस्ट विथ डेस्टिनी' वाला भाषण। बच्चों के कार्यक्रम, सैनिकों के लिए कार्यक्रम युववाणी, शास्त्रीय संगीत और न जाने क्या क्या। फिर रेडियो सीलोन का गूंजना और उसकी टक्कर में 'विविध भारती' का आना और भारतीय प्रसारण को बदल देना। रेडियो ने मनोरंजन की परिभाषा को बदला है। रेडियो ने आपको ये इजाज़त दी है कि आप अपने काम में लगे रहते हुए भी उससे जुड़े रहें। रेडियो से लंबे सफर को आसान किया है। जाने कितनी यूनिवर्सिटीज़ के हॉस्टल के कमरों में गूंजा है रेडियो। वो हमसफर है, दुख बांटने वाला है, हिम्मत बंधाने वाला है, मुसीबत के दौर का साथी है। रेडियो की उंगली पकड़कर हमने एक श्रोता से एक ब्रॉडकास्टर होने तक का सफर तय किया है। आज रेडियो प्रसारण के 95 बरस पूरे होने पर हम रेडियो को सलाम करते हैं।।
हम सभी ब्रॉडकास्टरों और श्रोताओं को भारतीय प्रसारण दिवस की शुभकामनाएं।