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जैसे जैसे लड़की बड़ी होती हैउसके सामने दीवार खड़ी होती हैक्रांतिकारी कहते हैंकि दीवार तोड़ देनी चाहिएपर लड़की है समझदार ...
04/11/2024

जैसे जैसे लड़की बड़ी होती है
उसके सामने दीवार खड़ी होती है
क्रांतिकारी कहते हैं
कि दीवार तोड़ देनी चाहिए
पर लड़की है समझदार और संवेदनशील,

वह दीवार पर लगाती है खूँटियाँ
पढ़ाई लिखाई और रोज़गार की।
और एक दिन धीरे से उन पर पाँव धरती
दीवार की दूसरी तरफ़
पहुँच जाती है।

~ ममता कालि

आजाद भारत का पहला क्रान्तिकारी राजीव दीक्षित जी
22/08/2024

आजाद भारत का पहला क्रान्तिकारी राजीव दीक्षित जी


27/07/2024

श्री राजीव दीक्षित जी के विचारों को आज के समय आगे बड़ाने वाले सभी भाई और बहन कृपया इस पोस्ट के नीचे कमेंट करें। वंदे मातरम।

"जा कर रण में ललकारी थी,वह तो झाँसी की झलकारी थी ।गोरों से लड़ना सिखा गई,है इतिहास में झलक रही,वह भारत की ही नारी थी।।"रा...
06/04/2024

"जा कर रण में ललकारी थी,

वह तो झाँसी की झलकारी थी ।

गोरों से लड़ना सिखा गई,

है इतिहास में झलक रही,

वह भारत की ही नारी थी।।"

राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की कविता की पंक्तियां झलकारी बाई की वीरता के लिए लिखीं थीं।

जन्म : 22 नवंबर 1830 -- मृत्यु : 4 अप्रैल 1857

देश के इतिहास में महिला स्वतंत्रता सेनानी के रूप में सबसे पहला नाम अक्सर रानी लक्ष्मीबाई का सामने आता है, लेकिन रानी लक्ष्मीबाई की कहानी से जुड़ा एक ऐसा नाम भी है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे। जिसने झांसी की रानी की जान बचाने के लिए खुद रानी लक्ष्मीबाई का वेष धारण कर अंग्रेजों को चकमा दे दिया, और उस स्वतंत्रता सेनानी का नाम था झलकारी बाई। 1857 के युद्ध के दौरान जब अंग्रेजी शासन ने झांसी के किले पर कब्जा करना चाहा, उस दौरान भयंकर युद्ध हुआ। युद्ध में ब्रिटिशों ने झांसी को पूरे तरफ से घेर लिया था।
उस दौरान झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के पास उनका बेटा मनु था जो कि काफी छोटा था। सैनिकों के हमले से बचाने के लिए झलकारी बाई ने रानी लक्ष्मीबाई से कहा आप अपने अपने बच्चे को लेकर भाग जाइए। मैं आपकी शक्ल में अंग्रेज़ों को रोककर रखूँगी। अंग्रेज़ों को लगेगा कि आप उनसे लड़ रही है। लेकिन तब तक लक्ष्मीबाई आप उनकी पहुंच से दूर जा चुकी होंगी। झलकारी बाई के बहुत जिद करने पर रानी लक्ष्मीबाई मान गई।

झलकारी बाई ने इसके बाद बिल्कुल रानी लक्ष्मीबाई की तरह श्रृंगार किया। और उनकी तरफ कपड़े पहने और जिस तरह रानी लक्ष्मीबाई अपने बेटे मनु को अपने पीठ पर बांधकर युद्ध के मैदान पर उतरती थी उसी तरह एक गुड्डा अपनी पीठ बांधा औऱ घोड़े पर बैठ अंग्रेजो की छावनी की ओर चल दी। थोड़ी ही दूर जाने पर झलकारी बाई को अंग्रेजो की एक टुकड़ी मिली औऱ उन्होंने झलकारी बाई को रानी लक्ष्मीबाई समझकर घेर लिया‌। इसके बाद वे झलकारी बाई को अपने जनरल के पास लेकर गए। पूरे गांव शहर में हल्ला हो गया कि रानी लक्ष्मीबाई पकड़ी गई। लेकिन जब उन्हें पता चला कि ये रानी लक्ष्मीबाई नहीं है, तो अंग्रेजो ने दांतों तले उंगलियां दबा बैठे।

झलकारी बाई रानी लक्ष्मीबाई के क़िले के सामने वाले भोजला गाँव रहती थी। गाँव के लोग पहाड़ों में, जंगलों में लकड़ियां इकट्ठा करते थे, झलकारी बाई का परिवार पेशे से एक बुनकर परिवार था. वह बेहद ग़रीब परिवार से थी। यहां झलकारी बाई का घराना आज भी है। आज पूरा गांव झलकारी बाई को उनके बलिदान और बहादुरी के लिए याद करता है।

आज देश को आजादी की लड़ाई में झलकारी बाई जैसी न जाने कितने स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पता नहीं वो बस इतिहास के पन्नों में खो कर रह गए है। अंग्रेजों के गुलामी के दौर ऐसी बहुत सी झलकारी बाई ने देश और अपने कर्तव्य को सर्वोपरि रखते हुए बलिदान दे दिया। इतिहास के पन्नों में ये उतने चर्चित नहीं जितने होने चाहिए। झलकारी बाई ने न केवल रानी लक्ष्मीबाई का वेष धारण किया बल्कि उनकी तरह ही युद्ध के मैदान अंग्रेजों के दांत भी खट्टे किए।
आज वीरांगना झलकारी बाई के बलिदान दिवस पर उनको कोटि कोटि नमन् और विनम्र श्रद्धांजलि।
💐🌺🌸🚩

रीयल हीरो भारत के लाल कोटि कोटि नमन !जय हो।  #संपूर्ण_व्यवस्था_परिवर्तन
17/12/2023

रीयल हीरो
भारत के लाल
कोटि कोटि नमन !
जय हो। #संपूर्ण_व्यवस्था_परिवर्तन

राजीव दीक्षित जी को आज के समय केवल इस्तेमाल कर रहे हैं कुछ लोग, कुई लोग उनके नाम का इस्तेमाल करके राजनीति में घुसना चाह ...
30/11/2023

राजीव दीक्षित जी को आज के समय केवल इस्तेमाल कर रहे हैं कुछ लोग, कुई लोग उनके नाम का इस्तेमाल करके राजनीति में घुसना चाह रहे हैं जो कि खुद राजीव भाई जी ने कहा था कि राजनीति में घुसना वह भी बिना गाड़ी को बदले कोई फायदा नहीं है। हां कुछ लोगों को आप भटका जरूर सकते हो ताकि वह राजीव भाई जी के विचारों पर चलकर देश के अंदर कोई परिवर्तन ना करें और उनके द्वारा बनाए गए इस जल के अंदर फंसकर राजनीति की तरफ मुड़कर यह सोचना शुरू कर दें कि अब राजनीति में घुसकर ही कुछ बदलाव हो सकता है। हम यह बात ना जाने कितनी बार लोगों को बता चुके हैं के बिना न्यू वर्ल्ड ऑर्डर को समझे और बिना गाड़ी बदले हम लोग केवल अपना और लोगों का समय ही व्यर्थ करेंगे और कुछ नहीं।

फिर कुछ लोग राजीव दीक्षित जी का वीडियो यूट्यूब या फेसबुक या फिर इंस्टाग्राम पर सर्कुलेट कर करके लोगों तक राजीव भाई जी के विचार तो पहुंचा रहे हैं जो की बहुत अच्छी बात है मगर कहीं ना कहीं अपने निजी स्वार्थ को भी साध रहे हैं उसे ढेर सारा पैसा कम कर, पैसा कमाना कोई दिक्कत नहीं है मगर उसे पैसे को कम से कम आप देश की उन्नति के लिए लगाए जैसा राजीव भाई जी अगर होते तो वह भी यही करते, जो भी उन्होंने भी पैसा कमाया वह देश के लोगों को जागरूक करने के लिए न्योछावर कर दिया इस प्रकार से अब राजीव भाई जी के बताए हुए मार्गदर्शनों को लोगों तक पहुंच कर उसे जो भी पैसा अर्जित होता है उसे हम लोगों को राजीव भाई जी के विचारों को पूरा करने पर लगानी की कोशिश करनी चाहिए ताकि हम राजीव भाई जी के सपने को पूरा कर सकें।

फिर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो राजीव भाई जी के द्वारा दिए गए ज्ञान यानी स्वास्थ्य या फिर और बाकी बहुत सारी ज्ञान की बातों को अपने तक रख कर उससे लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं और ढेर सारी दवाइयां बनाकर स्वदेशी उत्पाद बनाकर ऊंचे ऊंचे दाम में लोगों को बेच रहे हैं और उसे पैसे से अपना ही व्यापार बढ़ाने में लगे हुए हैं जबकि उनको उस पैसे का इस्तेमाल भी देश के लिए ही करना है की आवश्यकता है।

और कुछ लोग ऐसे हैं जो केवल राजीव दीक्षित जी की बातें करते हैं मगर उनको ना ही तो राजीव भाई जी के विचारों को जमीन पर उतरने की कोई भी लालसा है और ना ही उन्हें देश को बदलने की कोई भी इच्छा, वह केवल राजीव भाई जी का नाम लेकर लोगों के बीच में अपने आप को बड़ा साबित करने में लगे रहते हैं ऐसे लोग कहीं ना कहीं राजीव भाई जी की आत्मा को दुख ही पहुंचा रहे हैं और कुछ नहीं, अगर राजीव भाई हमारी जगह पर होते हैं तो वह ऐसे महान व्यक्ति के विचारों को जमीन पर उतरने के लिए और उन्हें पूरा करने के लिए अपनी पूरी जिंदगी निछावर करते।

अंतिम में अपनी बात को यह कहकर विराम देने की कोशिश करूंगा कि अभी भी अगर आपकी आत्मा के अंदर थोड़ी सी भी परमात्मा की छवि बाकी है तो आप राजीव भाई जी का केवल नाम ही ना लें उनके विचारों पर चलकर देश को बदलने के लिए उन्हें की तरह काम भी करें जैसे कि उदाहरण के तौर पर दक्षिण भारत के अंदर हम लोगों ने बहुत सारे ऐसे बदलाव किए हैं जिन्हें आप कभी देख ही नहीं सकते, समझ ही नहीं सकते और पूरे विश्व के अंदर कुछ ऐसी जगहों पर ऐसे बदलाव करने की कोशिश चल रही है जिसे आप कभी दूर-दूर तक विश्वास ही नहीं कर सकते और उन सभी कोशिशें के द्वारा राजीव भाई जी के विचारों को पूरा करने की निरंतर कोशिश जारी है और आप लोगों को लगता होगा कि यह सिर्फ बातें हवा में हो रही हैं जमीनी सर पर इनका कोई लेना-देना नहीं मगर समय आपको अपने आप सब कुछ बता देगा यह हमें पता है।

राजीव भाई अमर रहें।

वंदेमातरम।

सब से पहले सही उत्तर देने वाले को 10 रूपये सीधा ऑनलाइन ट्रांसफर किया जाएगा। वंदेमातरम। जय भारत।
04/07/2023

सब से पहले सही उत्तर देने वाले को 10 रूपये सीधा ऑनलाइन ट्रांसफर किया जाएगा। वंदेमातरम। जय भारत।

25/06/2023

राजीव भाई अमर रहें। वंदेमातरम।🙏🙏

24/06/2023

राजीव भाई अमर रहे।। वंदेमातरम।।

जिस देश के अखबार के पहले पन्ने पर गुटखे का इतना बड़ा विज्ञापन हो उस देश की सड़कों पर थूक ही मिलेगा..!इसलिए बहिष्कार करें...
21/01/2023

जिस देश के अखबार के पहले पन्ने पर गुटखे का इतना बड़ा विज्ञापन हो उस देश की सड़कों पर थूक ही मिलेगा..!

इसलिए बहिष्कार करें एसे बिकाऊ अखबारों को..!

साथ ही साथ अपने आसपास के युवाओं को सही रास्ता दिखाने में राजीव दीक्षित जी कि ही तरह आप भी अपना अपना सहयोग करें..!

#संपूर्ण_व्यवस्था_परिवर्तन #कत्लखाने_घेराव_आंदोलन

*मकर संक्रान्ति अब 15 जनवरी को क्यों हो रही है?*वर्ष 2008 से 2080 तक मकर संक्राति 15 जनवरी को होगी। विगत 72 वर्षों से (1...
14/01/2023

*मकर संक्रान्ति अब 15 जनवरी को क्यों हो रही है?*

वर्ष 2008 से 2080 तक मकर संक्राति 15 जनवरी को होगी।
विगत 72 वर्षों से (1935 से) प्रति वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही पड़ती रही है।

2081 से आगे 72 वर्षों तक अर्थात 2153 तक यह 16 जनवरी को रहेगी।

ज्ञातव्य रहे, कि *सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश* (संक्रमण) का दिन मकर संक्रांति के रूप में जाना जाता है। इस दिवस से, मिथुन राशि तक में सूर्य के बने रहने पर सूर्य उत्तरायण का तथा कर्क से धनु राशि तक में सूर्य के बने रहने पर इसे दक्षिणायन का माना जाता है।

सूर्य का धनु से मकर राशि में संक्रमण प्रति वर्ष लगभग 20 मिनिट विलम्ब से होता है। स्थूल गणना के आधार पर तीन वर्षों में यह अंतर एक घंटे का तथा 72 वर्षो में पूरे 24 घंटे का हो जाता है।

*यही कारण है, कि अंग्रेजी तारीखों के मान से, मकर-संक्रांति का पर्व, 72 वषों के अंतराल के बाद एक तारीख आगे बढ़ता रहता है।*

विशेष:- यह धारणा पूर्णतः भ्रामक है, कि मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को आता है।
#संपूर्ण_व्यवस्था_परिवर्तन #कत्लखाने_घेराव_आंदोलन

 #संपूर्ण_व्यवस्था_परिवर्तन  #कत्लखाने_घेराव_आंदोलन
24/12/2022

#संपूर्ण_व्यवस्था_परिवर्तन #कत्लखाने_घेराव_आंदोलन

क्रांतिवीर जिसको 🇮🇳आज़ाद भारत🇮🇳 मे नेहरू ने हत्यारा कहा था - अमर बलिदानी खुदीराम बोस जी“बहुत गरीब हूँ मैं, मेरे पास मेरी ...
03/12/2022

क्रांतिवीर जिसको 🇮🇳आज़ाद भारत🇮🇳 मे नेहरू ने हत्यारा कहा था - अमर बलिदानी खुदीराम बोस जी

“बहुत गरीब हूँ मैं, मेरे पास मेरी भारत माँ को देने के लिए सिर्फ मेरे प्राण थे, जिसे मैं दे रहा”

3 दिसंबर को जयंती पर शत शत नमन...

#संपूर्ण_व्यवस्था_परिवर्तन #कत्लखाने_घेराव_आंदोलन

29/11/2022
शूर्यवंशी क्षत्रियों के वंशज,  सिर कटने के बाद भी कई घंटों तक मुगलों से युद्ध करने वाले देवती के शासक बडग़ुर्जर क्षत्रिय...
26/11/2022

शूर्यवंशी क्षत्रियों के वंशज, सिर कटने के बाद भी कई घंटों तक मुगलों से युद्ध करने वाले देवती के शासक बडग़ुर्जर क्षत्रिय राजपूत राजा अशोकमल (ईसरदास)- जी ।। 🙏

देवती के बडग़ुर्जर क्षत्रिय राजपूत राजा कुम्भाजी के दूसरे पुत्र अशोकमल थे। राजा अशोकमल अपने पिता राजा कुम्भाजी के बाद देवती के राजा बने, राजा अशोकमल को ईसरादास के नाम से भी जाना जाता है। राजा कुम्भा ने आमेर नरेश पृथ्वीसिंह से अपनी पुत्री भगवती का विवाह किया हुआ था। राजा अशोकमल यानि ईसरादास का जयपुर नरेश मानसिंह के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था और उधर अकबर ने ईसरदास से डौला मांग लिया, पर राजा अशोकमल (ईसरदास) ने अकबर को डौला नहीं दिया और ना ही मुगलों से कोई समझौता किया। राजा अशोकमल द्वारा अकबर को डौला न देने पर, अकबर ने राजा अशोकमल और उनके राज्य देवती पर आक्रमण कर दिया और दूसरी तरफ जयपुर नरेश मानसिंह भी अपनी सेना लेकर देवती पर चढ़ आए, अकबर की सहायता के लिए। इधर देवती नरेश राजा अशोकमल ने मुगलों से कोई समझौता न करते हुए शत्रु के आक्रमण का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हो गये, उन्होंने अपनी सेना को तैयार किया और 1557 ईस्वी को बडग़ुर्जर राजपूत राजा अशोकमल (ईसरदास) ने युद्ध करते हुए देवती के पाण्डूपोल के पास मुगल सेना को रोक दिया। दोनों तरफ से भयंकर युद्ध हुआ। मुगल सेना विशाल होते हुए भी राजा अशोकमल (ईसरदास) ने मुगलों पर इतना भयंकर आक्रमण किया कि मुगलों को तीतर-बितर कर दिया और भारी संख्या में अपनी तलवार से मुगलों को मौत के घाट उतार दिया। अन्त में मुगलों ने छल कपट से काम लेते हुए राजा अशोकमल पर धोखे से वार करके उनका सिर धड़ से अलग कर दिया। राजा अशोकमल (ईसरदास) सिर कटने के बाद भी कई घंटों तक मुगलों से लड़ते रहे और वही पर वीरगति को प्राप्त हो गए। जहां पर राजा अशोकमल ने वीरगति प्राप्त की वहां पर उनका छोटा-सा स्थान बना हुआ है, जिसको फेटा के जुझारजी के नाम से लोग पूजते हैं। ज्येष्ठ महिने के शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार और शनिवार को यहां मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से लोग अपनी इच्छाएं पूरी करने के लिए जुझारजी के धोक देने आते हैं।राजा अशोकमल (ईसरदास) के युद्ध में वीरगति प्राप्त करने का समाचार जब देवती में पहुंचा तब क्षत्राणियों ने जौहर किया और अपने कुल व क्षात्रधर्म के यश को बनाए रखने के लिए जलती ज्वाला में भस्मीभूत हो गई। इस युद्ध में राजा अशोकमल (ईसरदास) की वीरता के कारण उनकी चारों दिशाओं में बड़ी ख्याति हुई। जन सामान्य में एक दोहा अब भी बड़े गर्व से गाया जाता है:-
दाग न लाग्यो देवती, ईसर गयो अदग्ग।।

अर्थात् राजा अशोकमल (ईसरदास) के कारण देवती को दाग नहीं लगा यानि मुगलों से किसी प्रकार का समझौता नही किया और स्वयं अदग्ग(किसी प्रकार का दाग नहीं लगा) रहते हुए जुझार हुए। आज भी राजा अशोकमल (ईसरदास) का मंदिर हजारों लोगों की श्रद्धा का केन्द्र बना हुआ है।राजा अशोकमल के युद्ध में वीरगति प्राप्त होने के बाद मुगल सेना देवती पर चढ़ आई और देवती को खूब लुटा और वहां भयंकर कत्ले-आम किया। इस प्रकार देवती को पूर्णतया नष्ट कर दिया गया। पुरानी देवती पहाड़ के ऊपर बसी हुई थी, नई देवती पहाड़ के नीचे बसी हुई है। अलवर के राजगढ़ क्षेत्र से टहला रोड पर 25 किलोमीटर आगे देवती आता है, अब यह एक छोटा-सा गांव मात्र ही है।

हमें भी संपूर्ण व्यवस्था परिवर्तन के लिए कुछ एसे ही महान योद्धाओं की आवश्यकता है..! अधिक जानकारी के लिए व्हाट्सएप करें 8105067724 पर..!

्षात्र_धर्म ⚔️💪
्री_राम 🙏
्री_कृष्णा 🙏

क्षत्रिय धर्म युगे: युगे: ⚔️

#क्षत्रिय #क्षत्रिय_विरासत #शूर्यवंशी_क्षत्रिय #चन्द्रवंशी_क्षत्रिय #शूर्यवंशी_क्षत्रिय_राजपूत #चन्द्रवंशी_क्षत्रिय_राजपूत #क्षत्रिय_यानि_राजपूत #राजपूत #राजपुताना #ठाकुर #राजन्य #राजपुत्र #भारतवर्षै #आर्यावर्तै
-
जय माॅं भवानी ⚔️
जय एकलिंग महाराज ⚔️

#संपूर्ण_व्यवस्था_परिवर्तन #कत्लखाने_घेराव_आंदोलन

आज हमारी एक ऐसे व्यक्ति से मुलाकात हुई जो राजीव भाई जी के विचारों और उनके उद्देश्यों को लोगों तक पहुंचाने के लिए हमारे स...
21/11/2022

आज हमारी एक ऐसे व्यक्ति से मुलाकात हुई जो राजीव भाई जी के विचारों और उनके उद्देश्यों को लोगों तक पहुंचाने के लिए हमारे साथ फिल्म बनाने के संदर्भ में अपनी पूरी टीम के साथ चलने के लिए तैयार हुए हैं अगर आगे इसी तरह राजीव भाई जी का आशीर्वाद रहा तो जल्द ही हम लोग फिल्म के माध्यम से राजीव भाई जी के विचार लोगों तक पहुंचाने में सक्षम हो पाएंगे..! राजीव भाई अमर रहे..! वंदे मातरम..!

 #तक्षशिला_विश्वविद्यालय (Takshashila university)तक्षशिला विश्वविद्यालय की स्थापना लगभग 2700 साल पहले की गई थी.. इस विश्...
28/10/2022

#तक्षशिला_विश्वविद्यालय (Takshashila university)
तक्षशिला विश्वविद्यालय की स्थापना लगभग 2700 साल पहले की गई थी.. इस विश्विद्यालय में लगभग 10500 विद्यार्थी पढ़ाई करते थे.. इनमें से कई विद्यार्थी अलग-अलग देशों से ताल्लुुक रखते थे.. वहां का अनुशासन बहुत कठोर था.. राजाओं के लड़के भी यदि कोई गलती करते तो पीटे जा सकते थे.. तक्षशिला राजनीति और शस्त्रविद्या की शिक्षा का विश्वस्तरीय केंद्र था .. वहां के एक शस्त्रविद्यालय में विभिन्न राज्यों के 103 राजकुमार पढ़ते थे...!!

आयुर्वेद और विधिशास्त्र के इसमे विशेष विद्यालय थे.. कोसलराज प्रसेनजित, मल्ल सरदार बंधुल, लिच्छवि महालि, शल्यक जीवक और लुटेरे अंगुलिमाल के अलावा चाणक्य और पाणिनि जैसे लोग इसी विश्वविद्यालय के विद्यार्थी थे.. कुछ इतिहासकारों ने बताया है.. कि तक्षशिला विश्विद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय की तरह भव्य नहीं था.. इसमें अलग-अलग छोटे-छोटे गुरुकुल होते थे.. इन गुरुकुलों में व्यक्तिगत रूप से विभिन्न विषयों के आचार्य विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करते थे...!!
#संपूर्ण_व्यवस्था_परिवर्तन #कत्लखाने_घेराव_आंदोलन

05/10/2022

रावण का पूरा नाम क्या था ???

वंदेमातरम
03/09/2022

वंदेमातरम

18/04/2022

एक उत्कृष्ट प्रदर्शन जो हमारी सनातन परंपरा और संस्कृति को दर्शाता है।

रघुलीला स्कूल ऑफ म्यूजिक स्टूडेंट्स, मैसूर, कर्नाटक से नगरसंकीर्तन। हमारी संस्कृति हमारा गोरव..जय सनातन..🙏🙏
#कत्लखाने_घेराव_आंदोलन #संपूर्ण_व्यवस्था_परिवर्तन

03/03/2022

चमड़े की सभी चीजों का बहिष्कार करें। आपके शौंक के लिए ये मासूम क्यों मारे जाएं।👇👇
#कत्लखाने_घेराव_आंदोलन #संपूर्ण_व्यवस्था_परिवर्तन

19/12/2021

हमारी भाषा, भूषा, भोजन, भेषज (औषधि),भजन सब स्वदेशी होनी चाहिए। अभी सब विदेशी है भाषा अंग्रेजी है, भूषा सर्ट पैंट,कोट विदेशी है, भोजन पिज्जा,बर्गर,चिकेन,अंडा सब विदेशी है, भेषज एलोपैथी विदेशी है,भजन राॅक,पाॅप,डीजे सब विदेशी है।

30/11/2021

जिन्हें सनातन धर्म का मजाक बनाने में आनंद मिलता है, ये वीडियो उन लोगों के लिए है। -25℃ में नहाते हुए इस साधु का वीडियो भारतीय सेना ने बनाया था। वास्तव में यह सनातन धर्म की विद्या का एक पहलू है। इन जैसे महान साधु, संतों की बदौलत यह धरा आज भी पवित्र है।

जिन्हें सनातन धर्म मे खामी नजर आती है, वे इस दृश्य को हमेशा याद रखें।

जय सनातन..!
#संपूर्ण_व्यवस्था_परिवर्तन

19/11/2021

झुकती है सरकार झुकाने वाला चाहिए जय किसान आदोलन.. उसी प्रकार संपूर्ण व्यवस्था परिवर्तन भी संभव है बस करने वाला चाहिए ताकि राजीव भाई जी के विचारों का भारत निर्माण कर सकें..! वंदेमातरम..!

हर समस्या के लिए प्रधानमंत्री को ही क्यों जिम्मेदार ठहराया जाता हैं ?जवाब :- मैं अपनी बात को एक उदाहरण के माध्यम से कहना...
29/10/2021

हर समस्या के लिए प्रधानमंत्री को ही क्यों जिम्मेदार ठहराया जाता हैं ?
जवाब :- मैं अपनी बात को एक उदाहरण के माध्यम से कहना चाहूंगा :- आपके परिवार में एक शादी का फंक्शन है | जिसका पूरा मैनेजमेंट करने के लिए आपने मुझे ₹ 2,00,000 सैलरी देकर चुना | मुझे जिम्मा सौंपा गया है कि जितनी भी प्रकार की व्यवस्थाएं हैं वह अच्छी तरीके से हो व खर्चा कम से कम हो |
अब मेरा काम है कि मैं अच्छे हलवाई को, अच्छे टेंट वाले को, अच्छे पानी वाले को , लाइट डेकोरेशन वाले को, खाने के लिए राशन खरीदने वाले को, साफ सफाई व्यवस्था करने वाले को, चुनकर उनकी जिम्मेदारी से उन्हें अवगत कराऊँ |
*मेरा काम इन सारी व्यवस्थाओं पर नजर रखना है | ऐसा सिस्टम बनाना की सारी व्यवस्थाएं व्यवस्थित हो, अच्छी हो |*
मेरा बनाया हुआ सिस्टम व्यवस्थित चले इसके अलावा मेरा कोई काम नहीं है | इसी बात की आप मुझे ₹ 2,00,000 सैलरी दे रहे हैं |
अब शादी प्रोग्राम में जहां लोग खड़े हैं वहां कीचड़ जमा हो रहा है,
पीने के पानी में कीचड़ की स्मेल आ रही है,
बिजली के तार नंगे हैं जहां लोगों के करंट आने की शिकायत आ रही है |
2-3 मेहमान कीचड़ फिसल कर गिर चुके हैं |
हलवाई की लापरवाही से मिठाइयों में सड़न की बदबू आ रही है |
कार्यक्रम में रोशनी पर्याप्त नहीं हैं
|
डेकोरेशन की आधी लाइटें चल ही नहीं रही है |
वेटर शराब पीकर गालियां निकाल रहे हैं |
महिला मेहमानों के साथ बदतमीजी कर रहे हैं |
खाद्य सामग्री पूरी ना बनने से आधे मेहमान भूखे ही चले गए हैं |
इन विभिन्न प्रकार की शिकायतों के लिए आप
हलवाई ,
लाइट वाले,
पानी वाले ,
डेकोरेशन वाले,
सफाई वाले को दोष देंगे ?
आप अपनी शिकायत इन लोगों को दर्ज कराएंगे ?
या
*मुझे ( मैनेजर ) को ?*
यह सारा जिम्मा मेरा था मेरी लापरवाही से आपको हजारों असुविधाओं का सामना करना पड़ा | आप मुझे सैलरी देने के बजाय करोड़ों के नुकसान की भरपाई की मांग का मुकदमा करेंगे व तुरन्त मुझे नौकरी से निकाल देगें | किसी भी कमी व असुविधा के लिये सिर्फ मैं जिम्मेदार था | ना हलवाई , लाईट वाला, टेंट वाला ~को आप दोषी मान सकते हैं |
अब आप समझ चुके होगें की हर समस्या के लिये प्रधानमंत्री जी को कानून बनाने की मांग क्यों करता हूँ |
नागरिकों में परिवर्तन उपदेश से नहीं कानून व्यवस्था से आता है |
उपदेश से बदलाव आते तो भारत में हजारों संत व 50 धार्मिक चैनल 24 घंटे उपदेश दे रहे हैं | हमारा देश परम शक्तिशाली होता | 🙏🏻
इसलिए #संपूर्ण_व्यवस्था_परिवर्तन बहुत जरूरी है

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