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किस्मत लिखने वाले को भगवान कहते हैं और बदलने वाले को 'भोलेनाथ' आज हम आपको भगवान शिव के एक ऐसे रूप के दर्शन कराएंगे जहां पर ना सिर्फ हिंदू बल्कि कई मुसलमान भी आकर सजदा करते हैं। भगवान शिव का यह अद्भुत मंदिर कानपुर देहात के डेरापुर तहसील में बीहड़ एवम प्रकृति के सुरम्य वातावरण में एक 100 फीट के टीले पर सेंगुर नदी के उत्तर -पूर्व पर स्थापित है। मंदिर की विशेषता यह है कि मंदिर के फर्श के मध्य में उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर एक समाधि है। और इस समाधि के ऊपर उत्तरी सिरे पर शिव लिंग स्थापित है। शिव लिंग के उत्तर में नंदी विराजमान है। जिसे कपालेश्वर महादेव व पीर पहलवान के नाम से जाना जाता है।यह मंदिर वर्षों से हिंदू मुसलमान दोनों की आस्था का प्रतीक बना हुआ है।
आइए हम आपको बताते है किसने करवाया था मंदिर निर्माण
कानपुर देहात के डेरापुर में स्थित कपालेश्वर महादेव के इस अद्भुत
रूरा क्षेत्र के जगनपुर में भागवत कथा का आयोजन किया गया। जगनपुर में जन जाग्रति युवा सेवा समिति व ग्रामीणों के सहयोग से श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा व्यास पंडित जितेंद्र सिंह महाराज मथुरा वृंदावन ने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया। कृष्ण की नटखट लीलाओं को सुनकर श्रोता भी भावुक हो गए। गाने बाजे के साथ श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह का मंचन दिखाया गया। कथा व्यास ने कहा कि भगवान कृष्ण की स्मृति मात्र से सभी को सुख की प्राप्ति होती है। इस दौरान कीर्तिमान द्विवेदी, दीपक तिवारी, प्रतीक द्विवेदी, मोनू तिवारी, गौरव तिवारीआदि लोग मौजूद रहे। जगनपुर मे आयोजित भागवत कथा में कहा कि मनुष्य को अपने मन को स्थिर कर प्रभु नाम की शरण लेनी चाहिए। तभी उसे सुख की प्राप्ति संभव है। मनुष्य को नित्य भगवान की शरण में रहना चाहिए। अच्छे विचार और अच्छे कार्य करने से शुभ परि