26/01/2023
जब कभी किसी ने पूछा...
तेरा वजूद क्या है...
कौन हो तुम... तेरी पहचान क्या है...
नैना ने हर बार मुस्कुराकर कहा...
मेरी पहचान सिर्फ़ इतनी है...
की जरूरत बे ज़रूरत...
ख़ुद का बचाव बखूबी आवे...
जो मुझे समझे की मैं लड़की हूँ...
दायरे और कुरीति के डर में रहना है...
उसकी भद्रा तो ऊपरवाला समय-समय पर स्वयं उतारे हैं...
असल में...
मैं समंदर हूँ...
दिखने में शांत...
पर लहरों से अपनी सबको चौका दे...
मुझे कोई अपने दबाव में रखने की सोच भी ना सके है...
तेज़ दबाव से तो भारी जहाज भी समंदर में डूब जावे हैं...
मुझे सलाह देने से पहले...
सलाहकार अपनी जानकारी दो बार खँगाले हैं...
मैं शक्ति हूँ... मन की शक्ति...
जिसकी ऊर्जा की तेज़ तक पहुँचने वाले...
पहले ही जल जावे हैं...