22/11/2024
*श्मशान में चिता पर लेटा व्यक्ति हुआ जिंदा: 4 घंटे पहले मृत किया था घोषित*
झुंझुनूं जिले में एक अजीब और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति, जिसे मृत घोषित कर दिया गया था, श्मशान घाट में चिता पर रखे जाने के बाद अचानक जिंदा हो गया। व्यक्ति की सांसें चलने लगीं और शरीर में हरकत होने लगी।
मामला इस प्रकार है- बगड़ स्थित मां सेवा संस्थान के आश्रय गृह में रहने वाले 47 वर्षीय रोहिताश, जो मूक-बधिर हैं और अनाथ हैं, की गुरुवार दोपहर तबीयत बिगड़ने पर उन्हें झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल लाया गया। अस्पताल की इमरजेंसी में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित किए जाने के बाद रोहिताश के शव को मोर्चरी में डी-फ्रीज में रखा गया। करीब दो से ढाई घंटे बाद पुलिस की मौजूदगी में पंचनामा बनाकर शव को मां सेवा संस्थान के पदाधिकारियों को सौंप दिया गया। इसके बाद शव को पंच देव मंदिर के पास स्थित श्मशान घाट ले जाया गया।
जब शव को चिता पर रखा गया, तो वहां अचानक रोहिताश की सांसें चलने लगीं और उनका शरीर हिलने लगा। यह देखकर वहां मौजूद लोग डर गए। तुरंत एंबुलेंस बुलाकर रोहिताश को बीडीके अस्पताल वापस ले जाया गया। जहा उसका इलाज चल रहा है। झुंझुनूं कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार महेंद्र मुंड और सामाजिक अधिकारिता विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पवन पूनिया अस्पताल पहुंचे। इस मामले की जांच के लिए प्रशासन ने विशेष टीम गठित की है।
बगड़ थानाधिकारी हेमराज मीणा ने कहा है कि घटना की हर पहलू से जांच की जा रही है। फिलहाल, डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारी घटना की गहन समीक्षा कर रहे हैं। अस्पताल द्वारा मृत घोषित किए जाने के बाद रोहिताश की सांस फिर कैसे चलीं?-डी-फ्रीज में दो से ढाई घंटे तक शव रखने के बाद जीवन के लक्षण कैसे दिखाई दिए? यह मामला जिले भर में चर्चा का विषय बन गया है।
प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे अस्पताल उधर, कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार महेंद्र मूंड, सामाजिक अधिकारिता विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पवन पूनिया भी अस्पताल पहुंचे। मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल में पीएमओ डॉ. संदीप पचार की मौजूदगी में करीब 1.30 घंटे तक डॉक्टरों की बैठक हुई।
कलेक्टर ने रात करीब 10.30 बजे पीएमओ डॉक्टर संदीप पचार, सामाजिक अधिकारिता विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पवन पूनिया सहित अन्य अधिकारियों को अपने बंगले पर बुलाया और मामले की जानकारी ली।
*जीवित व्यक्ति को मृत घोषित करने पर झुंझुनू के तीन डॉक्टरों को किया गया निलंबित*
राजकीय बीडीके अस्पताल, झुंझुनू की आपातकालीन इकाई में एक जीवत व्यक्ति को मृत घोषित करने की घोर लापरवाही बरतने के कारण जिला कलक्टर, झुंझुंनू से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर तीन चिकित्सकों को जांच विचारधीन रखते हुए राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम-1958 के नियम-13 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार द्वारा निलम्बित करने के आदेश जारी किए गए हैं। निलंबित किए जाने वालों में डॉ संदीप पंचार, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, बीडीके अस्पताल, डॉ योगेश कुमार जाखड, चिकित्सा अधिकारी (मेडिसिन), सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, मन्ड्रेला, झुंझुनू जो वर्तमान में बीडीके अस्पताल, झुंझुंनू में कार्य व्यवस्था के अन्तर्गत कार्यरत है। डॉ नवनीत मील, चिकित्सा अधिकारी, बीडीके अस्पताल शामिल हैं। डॉ संदीप पंचार, क. वि. (चर्मरोग) का निलम्बन अवधि में मुख्यालय मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी, जैसमलेर, डॉ योगेश कुमार जाखड, चिकित्सा अधिकारी (मेडिसिन) का निलम्बन अवधि में मुख्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बाडमेर एवं डॉ नवनीत मील, चिकित्सा अधिकारी का निलम्बन अवधि में मुख्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जालौर के कार्यालय में रहेगा।