17/11/2023
जोहार
🌻🌺 17 नवंबर, 1913 में मानगढ़ में भीलों को एकत्रित कर 1507 आदिवासियों पर अंग्रेजी सरकार के दलालों रजवाड़ों ने भील हत्याकांड करवा दिया, इसके बाद #रास्तापाल_हत्याकांड (कालीबाई शहादत ) ये दोनों ही आदिवासियों को स्वशासन और भीलीस्तान से अनभिज्ञ रखने की साज़िश का हिस्सा था..
🌺🌻वर्तमान के भील प्रदेश, राजस्थान अंग्रेजी समय में स्वतंत्र रजवाड़े के अंदर के आदिवासी क्षेत्र थे, जहां अंग्रेजों ने ब्रिटिश भारत की तरह सभी कानून नहीं लगाए[इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 1947 सेक्शन 7 (b,c)]
🌻🌺सामंतों ने बहुत कोशिश की भीलों की स्वशासन व्यवस्था पर अंग्रेजी शासन घुसाने का, अंग्रेज खुद नहीं आए.. रजवाड़े ही प्रतिनिधि थे..
🌻🌺 #अंग्रेज भी सरकारी अंग्रेजी शराब के माध्यम से भील आदिवासियों को गुलाम बनाना चाहते थे, उनके भील प्रदेश में घुसना चाहते थे, इसलिए समाजसेवी और स्वतंत्रता सेनानी #गोविंद गुरु, व उनके सहयोगियों क्रमशःकुरिया, लेम्बा, वाला रोत, जोरजी, कलजी, भेमा, कालू, गलिया, कुरा, पुंजा , ज्योति महाराज आदि ने भक्ति भगत आंदोलन के नाम पर शराबबंदी का, मुख्यतः अंग्रेजी शराबबंदी का प्रचार किया था , जिससे भील अंग्रेजों के गुलाम होने से बच गए, और भीलों में जबरदस्त जागरूकता आने लगी. जिससे चिढ़ कर 17 नवंबर 1913 में मानगढ़ में भीलों को एकत्रित कर 1507 आदिवासियों पर अंग्रेजी सरकार के दलालों रजवाड़ों ने भील हत्याकांड करवा दिया।
🌻🌺इसी बीच 3 जून 1947 को ब्रिटिश एटली का प्लान आया, जिसमें करार किया गया कि हम अंग्रेज़ देश छोड़ कर जा रहे हैं, जिन क्षेत्रों पर हम ने शासन किया वह क्षेत्र भारत सरकार के अधीन करते हुए जा रहे हैं..
स्वतंत्र रजवाड़े और आदिवासी क्षेत्र इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट सेक्शन 7b,c के तहत चाहे तो अपना अलग देश बना सकते हैं या चाहे तो भारत या पाकिस्तान में मिल सकते हैं .. भील प्रदेश में उस वक्त भीलीस्तान की मांग चल रही थी और अंदरूनी तरह से भीलों में यह बात पहुंचाई जा रही थी..
🌻🌺अंग्रेजों के चाटुकार रजवाड़ों को यह बात मालूम चली तो नमक मिर्च लगाकर अपने आकाओं तक पेश कर दिया जिस कारण से मानगढ़ हत्याकांड भी हुआ तथा सभी शिक्षित भीलों को शक की नजर से देखा जाने लगा.. यही कारण है की भीलो के #भक्ति और #स्कूलों में पढ़ाई पर इनको आपत्ति होने लगी ताकि भील जागरूक ना हो जाए और एकत्रित ना हो..
🌺🌻आदिवासियों का गढ़ है- दक्षिणी राजस्थान. इस क्षेत्र का एक जिला हैं, डूंगरपुर.इस जिले का एक गाँव हैं रास्तापाल. भारत की आजादी के पहले तक यहाँ को सरकारी स्कुल नही था. उस समय एक पाठशाला चला करती थी. इन्हे प्रजामंडल चलाता था. इस पाठशाला के सरक्षक थे श्री नानाभाई खांट जो प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे. इस पाठशाला में श्री सेंगाभाई रोत पढ़ाने का काम करते थे. इसी वजह से वीर बाला चौदह साल की कालीबाई कलासुआ और नानाभाई खांट की अंग्रेजी प्रतिनिधि, रजवाड़ों ने हत्या कर दी..
🌻🌺17 नवंबर, 1913 में मानगढ़ में भीलों को एकत्रित कर 1507 आदिवासियों पर अंग्रेजी सरकार के दलालों रजवाड़ों ने भील हत्याकांड करवा दिया,
जोहार नमन पुरखों को 🙏🙏
काॅपी पेस्ट बबीता कच्छाप के वल से।
अमर शहीद आदिवासी वीर पुरखों को जोआर 🙏🙏🙏