Madhavaah

Madhavaah Hare krishna My Life
Radhe Radhe

Chant Hare krishna hare krishna krishna krishna hare hare ✨❤️Hare Ram hare Ram Ram Ram hare hare 🚩🚩
07/12/2022

Chant Hare krishna hare krishna krishna krishna hare hare ✨❤️
Hare Ram hare Ram Ram Ram hare hare 🚩🚩

Meri bal gopal
29/11/2022

Meri bal gopal

Shri Radhe Krishna 🌸🥰                                              #🌹
27/11/2022

Shri Radhe Krishna 🌸🥰

#🌹

Jay Shree Sita Rama 🚩 Har Har Mahadev 🙌
27/11/2022

Jay Shree Sita Rama 🚩 Har Har Mahadev 🙌

Radhe Radhe 🌸❤️Chant-Hare krishna hare krishna krishna krishna hare hare hare ram hare ram ram ram hare hare 🙌🙌❤️       ...
17/11/2022

Radhe Radhe 🌸❤️

Chant-Hare krishna hare krishna krishna krishna hare hare hare ram hare ram ram ram hare hare 🙌🙌❤️

🙏

Shree Radhekrishna✨❤️Chant:- Hare krishn hare krishn krishn krishn hare hareHare Ram hare Ram Ram Ram hare hare         ...
15/11/2022

Shree Radhekrishna✨❤️

Chant:- Hare krishn hare krishn krishn krishn hare hare
Hare Ram hare Ram Ram Ram hare hare

श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय 2, श्लोक 20)न जायते म्रियते वा कदाचि नायं भूत्वा भविता वा न भूयःअजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो न ...
14/11/2022

श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय 2, श्लोक 20)
न जायते म्रियते वा कदाचि नायं भूत्वा भविता वा न भूयः
अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो न हन्यते हन्यमाने शरीरे ||

अर्थ:- यह आत्मा किसी काल में भी न जन्मता है और न मरता है और न यह एक बार होकर फिर अभावरूप होने वाला है। यह आत्मा अजन्मा नित्य शाश्वत और पुरातन है शरीर के नाश होने पर भी इसका नाश नहीं होता।

श्री कृष्ण कहते हैं तेरा(मनुष्य) मूल स्वरुप आत्मा है, शरीर मात्र एक माध्यम, शरीर की मदद से इस संसार से हम संवाद
(communicate) कर पाते हैं|

Chant:- Hare krishna hare krishna krishna krishna hare hare
Hare Ram hare Ram Ram Ram hare hare 🙌❤️

maha

श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय 2, श्लोक 14) मात्रास्पर्शास्तु कौन्तेय शीतोष्णसुखदुःखदाः ।आगमापायिनोऽनित्यास्तांस्तितिक्षस्व भा...
13/11/2022

श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय 2, श्लोक 14)
मात्रास्पर्शास्तु कौन्तेय शीतोष्णसुखदुःखदाः ।
आगमापायिनोऽनित्यास्तांस्तितिक्षस्व भारत ।।

अर्थ: हे कुंतीपुत्र! इंद्रिय और विषयों का संयोग तो सर्दी-गर्मी, की तरह सुख-दुःखादि देने वाला है, यह अहसास हमेशा रहने वाला नहीं है, इसलिये हे भारत! उनको तू सहन कर और इनसे विचलित न हो।

यहाँ श्री कृष्ण कह रहे हैं, इस संसार में दुःख सुख का ही एक दूसरा पहलू है, दुःख का अनुभव करके ही हमें सुख की अनुभूति होती है, लेकिन श्री कृष्ण कहते हैं, मनुष्य तू सुख और दुखों के अनुभव से विचलित मत हो, उनसे आशक्ति मत रख, ऐसे जीवन जियो जैसे कुछ हुआ ही न हो| दुःख में न दुखी हो और सुख में न सुखी हो, चित्त को स्थिर रखो|






Chant-Hare krishna hare krishna krishna krishna hare hare
Hare Ram hare Ram Ram Ram hare hare ✨❤️




🙏
mahabharat

Radhe Radhe ✨❤️
13/11/2022

Radhe Radhe ✨❤️
















Ayodhya Deepotsav 2022फॉलो करें Dhanush Bhardwaj उचित श्रेय दिए बिना रीपोस्ट न करें- Hkmlife Dhanush Bhardwaj           ...
24/10/2022

Ayodhya Deepotsav 2022

फॉलो करें Dhanush Bhardwaj

उचित श्रेय दिए बिना रीपोस्ट न करें- Hkmlife Dhanush Bhardwaj

# poi

11/10/2022

#सनातनधर्म
#हिंदुत्व
#श्रीमद् #भागवत
#भगवतगीता
#कल्प #समय #समयचक्र

कल्प हिन्दू समय चक्र की बहुत लम्बी मापन इकाई है। मानव वर्ष गणित के अनुसार 360 दिन का एक दिव्य अहोरात्र होता है। इसी हिसाब से दिव्य 12000 वर्ष का एक चतुर्युगी होता है। 71 चतुर्युगी का एक मन्वन्तर होता है और 14 मन्वन्तर/ 1000 चतुरयुगी का एक कल्प होता है। यह शब्द का अति प्राचीन वैदिक हिन्दू ग्रन्थों में उल्लेख मिलता है। यह बौद्ध ग्रन्थों में भी मिलता है, हालाँकि बहुत बाद के काल में, वह भी हिन्दू वैदिक धर्म ग्रन्थ से लिया हुआ ही है। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि बुद्ध एक हिन्दू परिवार में जन्में हिन्दू ही थे जिनके लगभग 500 वर्ष पश्चात् उनके अनुयायी राजकुमार सिद्धार्थ जो बोध ग्यान के बाद गौतम बुद्ध नाम से प्रसिद्ध हुए।
हिन्दू समय इकाइयां
सृष्टिक्रम और विकास की गणना के लिए कल्प हिन्दुओं का एक परम प्रसिद्ध मापदंड है। जैसे मानव की साधारण आयु सौ वर्ष है, वैसे ही सृष्टिकर्ता ब्रह्मा की भी आयु सौ वर्ष मानी गई है, परंतु दोनों गणनाओं में बड़ा अन्तर है। ब्रह्मा का एक दिन 'कल्प' कहलाता है, उसके बाद प्रलय होता है। प्रलय ब्रह्मा की एक रात है जिसके पश्चात्‌ फिर नई सृष्टि होती है।
चारों युगों के एक चक्कर को चतुर्युगी अथवा पर्याय कहते हैं। 1000 चतुर्युगी अथवा पर्यायों का एक कल्प होता है। ब्रह्मा के एक मास में तीस कल्प होते हैं जिनके अलग-अलग नाम हैं, जैसे श्वेतवाराह कल्प, नीललोहित कल्प आदि। प्रत्येक कल्प के 14 भाग होते हैं और इन भागों को 'मन्वंतर' कहते हैं। प्रत्येक मन्वंतर का एक मनु होता है, इस प्रकार स्वायंभुव, स्वारोचिष्‌ आदि 14 मनु हैं। प्रत्येक मन्वंतर के अलग-अलग सप्तर्षि, इद्रं तथा इंद्राणी आदि भी हुआ करते हैं। इस प्रकार ब्रह्मा के आज तक 50 वर्ष व्यतीत हो चुके हैं, 51 वें वर्ष का प्रथम कल्प अर्थात्‌ श्वेतवाराह कल्प प्रारंभ हुआ है। वर्तमान मनु का नाम 'वैवस्वत मनु' है और इनके 27 कल्प बीत चुके हैं, 28 वें कल्प के भी तीन युग समाप्त हो गए हैं, चौथे अर्थात्‌ कलियुग का प्रथम चरण चल रहा है।
युगों की अवधि इस प्रकार है - सत्युग 17,28,000 वर्ष; त्रेता 12,96,000 वर्ष; द्वापर 8,64,000 वर्ष और कलियुग 4,32,000 वर्ष। अतएव एक कल्प 1000 चतुर्युगों के बराबर यानी चार अरब बत्तीस करोड़ (4,32,00,00,000) मानव वर्ष का हुआ।

#श्री #राधे #गोविंद
#वृंदावन #गोकुल #हरे #कृष्णा #धर्म

25/08/2022
25/08/2022

Radhe Kishori Daya Kro ❤️🌹



Tags-

15/08/2022

Happy independence day 🙌

Address

Shastri Puram Aawas Vikas Colony

Telephone

+917253010938

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Madhavaah posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Madhavaah:

Videos

Shortcuts

  • Address
  • Telephone
  • Alerts
  • Contact The Business
  • Videos
  • Claim ownership or report listing
  • Want your business to be the top-listed Media Company?

Share