04/01/2025
सब #बकवास ही तो है,
आप को लगेगा ये तो अजीब #बकवास है, लेकिन ये सत्य है👇
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पिछले 68 सालों में पीपल, नीम और बरगद के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना बन्द किया गया है ?
पीपल का पेड़ कार्बन डाई ऑक्साइड का 100% एबजॉर्बर है, बरगद का पेड़ 80% और नीम का पेड़ 75 % !
इसके बदले लोगों ने #विदेशी #यूकेलिप्टस को लगाना शुरू कर दिया, जो #जमीन को जल समाप्ति की और ले जाता है...
आज हर जगह #यूकेलिप्टस, #गुलमोहर और अन्य #सजावटी #पेड़ो ने ले ली है ।
अब जब #वायुमण्डल में रिफ्रेशर ही नहीं रहेगा तो गर्मी बढ़ना तो तय ही है, और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा !
अब हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का 🌳 लगायें जिससे आने वाले कुछ ही साल में प्रदूषण मुक्त भारत होगा ।
शायद आपको पता होगा कि,
पीपल के पत्ते का बहुत हल्का और उसका डंठल पतला होता है, जिस वजह से बिना वातावरण में ज्यादा हवा ना होने के बाद भी हर #मौसम में पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं ।
पीपल के पेड़ को पेड़ों का राजा कहा जाता है ।
पीपल की वंदना में एक श्लोक भी है ।
मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु, सखा शंकरमेवच।
पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम, वृक्षराज नमस्तुते।।
अब करने योग्य काम ये है कि:
ये जीवन देने वाले पेड़ों को ज्यादा से ज्यादा लगाने के लिए समाज में जागरूकता बढ़ायें !
बाग बगीचे बनाइये, पेड़ पौधे लगाइये, बगीचों को फालतू के खेल का मैदान ना बनाएं... जैसे मनुष्यों को हवा के साथ पानी की भी जरूरत है, वैसे ही पेड़ पौधों को भी हवा के साथ पानी की जरूरत होती हैं.
बरगद एक लगाइये, पीपल रोपें पाँच।
घर घर नीम लगाइये, यही पुरातन साँच।।
यही पुरातन साँच, आज सब मान रहे हैं।
भाग जाय प्रदूषण सभी अब जान रहे हैं ।।
विश्वताप मिट जाये, होय हर जन मन गदगद।
धरती पर त्रिदेव हैं, नीम पीपल और बरगद।।
अब अगर अपने यहां तक पढ़ लिया है तो कृपया कर के ये संदेश को जरूर करे!