07/02/2023
खुदा एक है या..... काई सारे???
Diaclaimer :
ये post मात्र ज्ञान और विवेकशीलता के आधार पर तैयार किया गया है जिसका उद्देश्य मात्र ज्ञान साझा करना है इसका उद्देश्य किसी भी धर्म जाति समुदाय को ठेस पहुंचाना कदापि नहीं है।
खुदा एक है या..... काई सारे???
इसका जवाब ढूंढने से पहले हमें ये जानना चाहिए कि खुदा कहते किसे हैं...?
खुदा तो वो होता जो कयामत लाता है...
खुदा को हिंदी में भगवान, उर्दू में सारे जहां का रब (मालिक) और अरबी में रब्बुल आलमीन कहा जाता है..
लेकिन सारे शब्दों का मतलब और निचोड़ एक ही है।
भगवान का मतलब होता है धन या संपत्ति का मालिक या धारक...धन दुनिया का धन नहीं..
बल्कि पूरी कायनात का मालिक
और रब्बुल आलमीन का मतलब भी होता है सारे जहां का मालिक।
(याद रहे हमारी दुनिया पूरी कायनात नहीं बल्कि एक छोटा सा जहां है..)
हमारे मिल्कीवे (Milkyway) और एंड्रोमेडा (Andromeda) आकाशगंगाओ (Galaxies) के अलावा ऐसे बहुत सारे गैलेक्सीज है जिनके अंदर ना जाने कितने ही चांद और सूरज और दुनियाए मौजुद होंगी।
तो भगवान सारे आलम,सारे जहां, पूरी कयानात का रब यानी मालिक होता है..
अब रहा सवाल की खुदा एक है या कई सारे??
तो अगर तर्क की बात करें तो..
अगर भगवान कई सारे होते तो उन में प्रतियोगिताए भी होती लड़ाईयां भी होतीं..
जब दो बड़ी बड़ी शक्ति आमने सामने हो जबकि दोनों की शक्ति बराबर है.. तो फिर उनमें से हर एक चाहेगा ना कि मैं अकेला ही भगवान कहलाऊ...
मानलो अगर कोई बुद्धिजीवी ये कहे कि भगवान कई होने के बावजूद एक भगवान की शक्ति दूसरे भगवान से कम या ज्यादा होती है जैसा कि कई धर्मों का ये कॉन्सेप मिलता है तो आप उस खुदा को कैसे खुदा कह सकते हो जिसकी शक्ति दूसरे भगवान से कम हो।
क्योंकि भगवान तो creator को कहते हैं। तो वो कैसा भगवान है जो अपनी शक्तियां creat नही कर पाता ?
अब फिर कोई बोले कि वो कर सकता है मगर करेगा नहीं।
तो फिर ऐसे भगवान की जरूरत हीं क्या जो किसी आगे कमज़ोर बना रहे जबकि वो मजबूत बन सकता है।
और अगर वो अपनी शक्तियां बढ़ाता है तो फिर एक वक्त ऐसा आएगा की उनमें मुकाबला होना लाज़िम होगा।
और ऐसा नही होगा की कोई भी भगवान हार जाए या मारा जाए अगर एक के साथ भी ऐसा हो जाए तो वो कभी भगवान था ही नहीं।और अगर कोई नही मरता फिर तो ये युद्ध हमेशा हमेशा चलता ही रहे। क्योंकि उनमें सुलह होना यानि कि उन्हों ने जो चाहा वो न होना । अगर ऐसा हो जाए तो वो दोनो भगवान के लिस्ट बाहर हो जाएंगे। क्योंकि भगवान जो चाहता है उसे होना तय होता है। और अगर ये लड़ाई यूं ही चलती रहे फिर हमारा जो ये दुनिया का सिस्टम इतना इंतजामिया तौर पे चल रहा है ये ऐसा कभी न चलता ।
और अगर हम सिर्फ दुनिया और उसकी श्रेष्ठ प्राणि यानी मनुष्यो से संबंधित बात करें...
तो अगर दुनिया के कई भगवान होते तो और सारे भगवान अपने अलग अलग इंसान को दुनिया में भेजते..
तो कांसेप्ट कुछ इस तरह का होता शायद...
कि सारे भगवान कम से कम एक जोड़ा अपने हिसाब से बनाया हुआ दुनिया के बनने के बाद सबसे पहले इंसानी जोड़ा के रूप में दुनिया में भेजते..
1
मानलो एक जोड़ा वैसा हो जैसा कि हमलोग हैं..
यानि एक सर हो उसपे बाल हो फिर माथा हो उसपे 2 भौहें उसके नीचे 2 आंखें, नीचे एक नाक, साइड्स में 2 कान वगैरह...
2
दूसरा जोड़ा जो कि दूसरे भगवान ने बनाया होगा...
उसके टांगों के जगह हाथ हो और हाथो के जगह पे टांग हो,कान के जगह पे 2 नांक, नाक के जगह पे एक कान हो,
आंख के जगह पे दो मुंह हो और मुंह के जगह पे एक आंख हो आदि..
3
वैसे ही तीसरा भी अजीब ओ गरीब तारीके से बनाया गया हो...
और हम सब जानते हैं कि ऐसा होता तो हमें और भी अजीबोगरीब टाइप के इंसान दिखते l
तो क्या इस हिसाब से भी कई भगवान होने का कॉन्सेप्ट प्रैक्टिकल है..?
आईए अब देखते हैं उन किताबों क
की ओर जिन किताबों को ईश्वरीय किताब कहा जाता है।
अगर हम धार्मिक ग्रंथो की बात करें हर उन सब में कहीं ना कहीं किसी ना किसी अंदाज से भगवान के एक होने की बात स्पाश रूप से बताया गया है..
अगर रेफरेंस की बात करें तो...
Rig Veda :1/164/46- "Learned men called Almighty By various name"
ऋग्वेद: 1/164/46- "विद्वान पुरुष खुदा को विभिन्न नामों से पुकारते हैं"
Yajurveda : 32/3
"God does not have an image,statue or any portrait
यजुर्वेद : 32/3
"भगवान की कोई छवि, मूर्ति या कोई चित्र नहीं है"
यजुर्वेद 40/9 के अनुसार
उन्हें नरक में डाला जाएगा जो प्रकृति चिजो की पूजा करते हैं और उन्हें भी जो मैन मेड चिजो को पूजते हैं...
कुरआन में खुदा के एक होने और बूतों और नेचुरल चीजों को पूछने से रोका गया है।
कुरान 114/1 में कहा गया है कि..
तुम कहो (रसूल) वो अल्लाह एक है।
बाइबिल में भी एक श्लोक है कि कोई ईश्वर नहीं है ईश्वर केवल एक है...
तो हमारे विवेक/तर्क और धार्मिक ग्रंथो से एक बात साफ होती है कि खुदा सिर्फ एक है..
साईं बाबा की भी वाणी सुने ही होंगे आप लोग...
सबका मालिक एक.
वेदों और कुरान में ये भी है..
ईश्वर या खुदा ने किसी को ना जना है और ना हीं किसी ने उसे जना (यानि पैदा किया).
ये बात तो समझने वाली है..
अगर किसी ने उसे यानि खुदा को जना होता है तो वो खुदा से भी बड़ा होता है ना..
और ये बात भी समझ में आने वाली है कि ये सब किसी को जन्म देना पालन पोषण करना ये सब इंसानों और अन्य जानदारों का काम है जो कि दुनियावी जिंदगी है..
मानलो अगर किसी को भगवान जन्म देगा तो फिर वो भी भगवान ही कहलाएगा फिर वो भी किसी को पैदा करेगा..
मतलब फिर एक सिलसिला बन जाएगा GODs का l
मतलब एक अलग ही दुनिया अलग ही फैमिली...
जो सुनने में ही अजीब लग रहा है।
चले अब देखते हैं कि हमने अब तक क्या जाना
हमने जाना कि दुनिया को रचा गया है
जानदारों को पैदा किया गया है
भगवान होता है।
ये भी जाना की भगवान की परिभाषा क्या हो सकती है
और वो एक है।
और उसका कोई प्रतिमान नहीं
उसे ना किसी ने जन्म दिया ना उसने किसी को जाना।
लेकिन एक बात है जो सारे ग्रंथो अलग होकर इस्लामिक ग्रंथ 'कुरआन ' करता है वो ये है कि वो खुदा को सिर्फ एक कहते हुए उसका नाम अल्लाह बताता है।
वो दावा करता है कि कोई माबूद नहीं मगर अल्लाह..
यानि अल्लाह के सिवा कोई भी पूजनीय नहीं।
यानि ऐसा कोई नही जिसकी पूजा की जाए अल्लाह के अलावा।
मतलब क़ुर आन साफ़ तोर पर उसका नाम बताता है..
God मतलब अल्लाह नहीं बल्कि खुदा का नाम अल्लाह है।
वैसे ही यहूदी और ईसाई किताबो के अनुसार भी खुदा का नाम अल्लाह हीं बताया जाता है लेकिन ईसाई धर्म के अनुसार ईसा मसीह को खुदा का बेटा कहा जाता है।
हिंदू धर्म के अनुसार भी भगवान एक ही है लेकिन हिंदू धर्म के अनुसार उसके अनेक अवतार पृथ्वी पर जन्म लेते गए और उन अवतारों को भी भगवान कहा जाता है।
खुदा के कुछ पर्यायवाची Synonyms और उसके माना।
रब - मालिक (उर्दू)
भगवान- क़यनात का मालिक (संस्कृत)
GOD : Generator Operator Destroyer (रचइता चालक विध्वंशक) ( English)
इलाही - शासक (अरबी)
भगवान - श्रृष्टि का मालिक/सर्वोच्च शासक (परमेश्वर)
ईश्वर - पूरी सृष्टि का शासक (हिंदी)
खुदा - शासक (उर्दू)
मा`बूद - (इबादत के लायक/पूजा के लायक) (अरबी)
उम्मीद है हर बार की तरह इस बार भी ये post आपको पसंद आया होगा।
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और आगर आपके ज़ेहन में भी इस तरह का कोई सवाल मौजूद होते हमे कमेंट करें। आशा है आपके मत पर विचार किया जाएगा।