रमेश चन्द्र निषाद

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रमेश चन्द्र निषाद मैं एक कवि हूं और सोशल रिफार्मर हूं।

09/08/2024

जो बनके बैठे देशभक्त ,
वो असली गद्दार हैं,
चोर चौकीदार है,
चोर ही चौकीदार है।

09/08/2024

चलो शुरू करते हैं जातिवादियों के चेहरे का खुलासा...
विनेश फोगाट क्यूं बाहर हुई सभी जानते हैं और सोशल मीडिया पर विनेश फोगाट के खिलाफ कौन अपशब्द लिख रहा है सभी लोग देख रहें हैं, पहचानते तो होगें न आप लोग।

सूर्य कुमार यादव को शून्य कुमार कहना और अपमानजनक आलोचना करना किन लोगों का काम है , पहचानते तो होगें आप लोग।

शिवानी कुमारी को बाहर करवाने में अपने भईया रवि किशन को भला कौन नहीं जानता होगा।

धाविका हिमा दास के खिलाफ षंडयत्र करने वाले कौन लोग हैं।

दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों का हकमारी करने वाले आखिर कौन है।

इन जलन खोरों,मानसिक बीमारों और नार्सिस्टों से आप यह आशा करते हैं कि यह आप को अपना(हिंदू) समझते हैं तो यह भयंकर भूल होगी ।

इन द्रोणाचार्यों को एकलव्य का गोल्ड मेडल नहीं , एकलव्य का अंगूठा चाहिए।

इन्हें न तो भारत के सम्मान से मतलब है और न ही अपमान से। इनके लिये भारत का कोई महत्व ही नहीं है ।

09/08/2024

मैं हार गई मां ,
कुश्ती में नहीं!
राजनैतिक व जातिवादी सिस्टम से।
भारत का नाक कटवा दी,
मैंने नहीं!
देशभक्तों और भारत मां के सपूतों ने।

मैं हार गई मां...
इन झूठों, चालबाजों और देशद्रोहियों से।
जातिवादियों और नस्लवादियों से।
सत्ता के लालचियों से,
तानाशाहों के अन्यायपूर्ण नियमों से।

मैं हार गई मां...
इन द्रोणाचार्यों से,
इन मनुवादियों से,
इन मानसिक बीमारों से।

मैं हार गई मां....
इन ज़ुल्म कारों से,
शोषक अत्याचारों से।
नफ़रत के यारों से,
धरती के हैवानों से।

मैं हार गई मां...
मैं हार गई मां...
Vinesh fogaat

09/08/2024

जातिवाद की राजनीति ने,
देश का बेड़ा गर्क किया ।
खेल की दुनियां में भारत का ,
पदकों का भी नर्क किया।
विनेश फोगाट को बाहर करवा,
सत्तासीनों ने क्या पाया।
यह घटिया कुकर्म कर तुमने,
भारत का केवल नाक कटाया।
जब दम नहीं तुम्हारे अंदर है,
बेटी के बातों को रखना ।
है किसने रोका कुर्सी पर,
जाहिल क्यूं नहीं चाहता तू हटना।
जब न्याय तुम्हारे हाथ नहीं,
है ताकत तेरे साथ नहीं।
कर सकता कोई बात नहीं,
तेरे पास न दिल जज़्बात नहीं।
क्यूं चिपक के बैठा कुर्सी पर ,
इस्तीफा क्यूं तू देता नहीं।

सूचना यदि भगवान की तबियत में सुधार नहीं हुआ तो भगवान कभी मर सकते । भक्तों से अनुरोध है कि आप लोग चिल्ल-पों न मचायें जो क...
31/07/2024

सूचना यदि भगवान की तबियत में सुधार नहीं हुआ तो भगवान कभी मर सकते । भक्तों से अनुरोध है कि आप लोग चिल्ल-पों न मचायें जो कुछ होता है भगवान की मर्जी से होता है।

20/07/2024

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18/07/2024

अगर योगी जी को हटाया गया तो सारा रायता बिखर जायेगा।
यह सच है कि शाह और मोदी में इतनी हिम्मत नहीं है कि योगी जी को हटा देंगे।
कारण :-
१. यूपी में हारी योगी जी की वजह से हुई क्योंकि योगी जी इवीएम घोटाले में शाह और मोदी का साथ नहीं दिये। योगी जी को डर था की पूर्ण बहुमत मिलते ही उन्हें हटा दिया जायेगा।
२.शाह और मोदी से ज्यादा करीब हैं योगी इस समय संघ के।
३.यूपी बडा़ प्रदेश है और योगी के समर्थन में कम से कम १५-१८ सांसद होने का अनुमान है।
४.यूपी में गुजराती कम्पनियों द्वारा बड़ा घोटाला किया गया है जिसमें शाह एंड कम्पनी शामिल हैं ।
५.इस समय विधायकों का सबसे बड़ा समूह ,ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष/ सदस्य योगी के पूर्ण समर्थन में हैं।
इसलिए योगी मजबूत है । शाह और मोदी उन्हें नहीं हटा सकते।

14/07/2024

नास्तिक और आस्तिक एक सिक्के के दो पहलू हैं,आस्तिक भगवान को मानता जबकि जानता नहीं। नास्तिक ईश्वर को नहीं मानता जबकि वह ईश्वर के पीछे हाथ धोकर पड़ा रहता है। नास्तिक जिसके अस्तित्व को नकारता है, उसीपर वह सबसे अधिक बहस करता है । मतलब साफ है कि वह ईश्वर के जाल से बाहर नहीं निकल पाया है।

भगवान है या नहीं, यह किसी को नहीं पता । मगर यह तय है कि भगवान के नाम पर धंधा करने वाले , फ्राड करने वाले , शासन करने वाले, शोषण करने वालों से दुनियां भरी पड़ी है।

अभी किसी के पास इतनी सामर्थ्य नहीं है कि वह ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकार या नकार सके।

11/07/2024

आखिर हमारे देश में रील की दीवानगी क्यूं ?
आखिर हमारे देश में क्रिकेट की इतनी दीवानगी क्यूं?

29/06/2024

आदमी को गुस्सा क्यों आता है?

जब भी कोई आदमी या औरत के मनोइच्छा के विपरीत कोई काम होता है या उसकी इच्छा पूर्ति नहीं होती है तब उसे गुस्सा आता है।
गुस्सा आना एक जेनेटिक प्रॉब्लम हो सकता है लेकिन अधिकांशत या पारिवारिक संस्कार और माहौल पर निर्भर करता है कि हमारा
परिवरिश किस तरह के परिवार और माहौल में हुआ है।

गुस्सा करने वाले लोग भावनात्मक रूप से कमजोर होते हैं। ऐसे लोग अपने भावनाओं पर नियंत्रण नहीं कर पाते, उन्हें छोटी-छोटी बातों पर या छोटी-छोटी घटनाओं पर बहुत ही हर्ट होता है। और ऐसे लोग गुस्सा करना शुरू कर देते हैं।

गुस्सा करने वाले लोग अक्सर दो तरह के होते हैं:-
या तो वह गलत होंगे अथवा वह सही होंगे। यह बातें तो लगभग सारे लोग जानते हो पर कैसे पता लगे कि सामने वाला जो व्यक्ति गुस्सा कर रहा है वह सही है या गलत।
गलती करने वाला इंसान अक्सर झूठ बोलता है और अपने बचाव में नए-नए कहानियां बनाता है। गलती करने वाले इंसान से जब सवाल जवाब किया जाता है और वह सवालों का सही जवाब नहीं दे पता है अथवा नहीं देना चाहता है तो उसे गुस्सा आता है। अक्सर वह अपने गुस्से को अपने से कमजोरों पर उतरना चाहता है या उतरता है क्योंकि उसके पास अपने कमियों को दूर करने का कोई उपाय नहीं होता है और वह चाहता भी नहीं है।

जबकि सही इंसान को गुस्सा इसलिए आता है कि वह सही होता है और वह चाहता है की लोग उसके सामने जब हो तो सच बोलें।

17/06/2024

जो लोग ग़लती करके मान लेते हैं ,उनसे वह ग़लती होने की संभावना कम हो जाती है।

15/06/2024

जीवन में हर आदमी के सामने कभी न कभी बहुत बुरा समय आता है, जिसे झेलना पड़ता है।

कोई टूट जाता है , तो कोई हार जाता है परिस्थितियों से ।

जीवन मे बुरा समय जब भी आये चाहे वह मानसिक या आर्थिक हो, आप खुद कमजोर मत बनाओ ।

दुगने बल के साथ मानसिक या आर्थिक लडाई लडने को तैयार रहो और लड़ो , जीत आप की होगी।

वजह कुछ भी एक न एक दिन आप सारी वजहों को पीछे छोड़ देंगे, और मंजिल दौड़ती हुई आप के पास आ जायेगी।

मेरे नए टॉप फ़ैन का बहुत-बहुत आभार! 💎 Solhu Prasad
22/05/2024

मेरे नए टॉप फ़ैन का बहुत-बहुत आभार! 💎 Solhu Prasad

20/05/2024

धर्म क्या है ?

डाक्टर अंबेडकर के शब्दों में कहें तो मात्र धारणा है।

लेकिन यदि हम हिन्दू, इस्लाम,सिख, बौद्ध,जैन ईसाई आदि के नजरिये से देखें तो ईश्वर का संदेश है , जो इंसान को सही रास्ते पर लाता है।

सभी धर्मों की कुछ प्रमुख बातें -

१.ईश्वर है - आजतक कोई किताब धर्म ग्रन्थ यह साबित नहीं कर पाया कि ईश्वर है।

२.सर्वव्यापी है- और जब ईश्वर है ही नहीं तो सर्वव्यापी कैसे?

३.उसके मर्जी के बिना पत्ता नहीं हिलता - मतलब चोरी , ब्लातकार, बेईमानी,हत्या , निर्बलों को सताया जाना अगर यह सब ईश्वर करवाता है तो वह बड़ा ही निर्दयी है । फिर लोगों की ग़लती क्या ।
ऐसा ईश्वर जिसमें यह सारी कमी है वह तो जूते खाने वाला है ।

४.हमारी किताब में लिखी बात ही अंतिम सत्य है- अगर आप की किताब की बात अंतिम सत्य होता तो अब तक खोजें जा रहे चीजें नहीं होती ।

५.ईश्वर एक है सिर्फ हिंदू धर्म को छोड़कर।

६.सभी धर्मों के ईश्वर के अपने घर हैं।

यह सभी धर्मों का मोटा मोटी सारांश है।

धर्म की किताबों की ऐसी बहुत सारी बातें आपको बचपन से धारण करवाया जाता है फिर एक समय आता है आप उसे सच मानने लगते हैं।

यही है आपका और हमारा धर्म...
क्रमशः अगले अंक में।

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