13/12/2022
कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार में नंबर वन होने से निवेशक निवेश नहीं कर रहे प्रदेश मेंः अनिता भदेल केन्द्र सरकार की अर्थव्यवस्था सकारात्मकता की ओर अग्रसर है, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार राज्य की अर्थव्यवस्था को डुबोने की कगार पर ला दिया हैः अनिता भदेल जब-जब कांग्र्रेस सरकार सत्ता में आई है तब-तब राजस्थान की अर्थव्यवस्था कमजोर हुई हैः अनिता भदेल जयपुर, 12 दिसंबर, 2022। भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर जन आक्रोश यात्रा को लेकर पूर्व मंत्री एवं विधायक अनिता भदेल ने प्रेस वार्ता में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि, भाजपा द्वारा राजस्थान में चल रही जन आक्रोश यात्रा को जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है, कांग्रेस सरकार के राजस्थान में बढ़ते भ्रष्टाचार से जनता अब तंग आ चुकी है, भ्रष्टाचार की बानगी राजस्थान के पीपलखूंट में 1 हजार करोड़ रूपए की लाइम स्टॉन की माइंस को गहलोत सरकार ने मार्बल की माइंस बताकर सिर्फ 5 करोड़ रूपए में ऑक्शन कर अपने चहेतों को दे दी। शेष बचा हुआ राजस्व यदि सरकारी के खजाने में आता तो राजस्थान के विकास की योजनाओं में काम आता, गहलोत सरकार ने सिफ पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय प्रचलित योजनाओं के नाम बदले है। भदेल ने कहा कि, राजस्थान भ्रष्टाचार में नंबर वन पर है, जिसकी वजह से राजस्थान के विकास की गति बंद हो चुकी है। कांग्रेस सरकार जनता से वादों को नहीं पूरा कर उनके साथ वादाखिलाफी कर धोखा दे रही है। जब-जब कांग्र्रेस सरकार सत्ता में आई है तब-तब राजस्थान की अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है। राज्य की अर्थव्यवस्था की बदहाली से मालूम चलता है कि मार्च 2019 तक प्रतिव्यक्ति कर्ज 38 हजार रूपए था, जो वर्तमान में दुगुना होकर लगभग 70 हजार रूपए हो गया है, यदि राजस्थान की कांग्रेस सरकार इसी गति से चलती रही तो 2023 तक प्रति व्यक्ति कर्जा 86 हजार रूपए हो जाएगा। भदेल ने कहा कि, राजस्थान में अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ठप हो चुकी है, कांग्रेस सरकार ने राज्य में कई वेलफेयर योजना बंद कर दी, साथ ही तीन वर्षो से किसानों को बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी को भी बंद कर दिया गया। राजस्थान में पेट्रोल-डीजल के दाम पूरे देश में सबसे अधिक है भदेल ने कहा कि, आज पूरे देश में सबसे अधिक मंडी टैक्स राजस्थान की किसानों पर लगाया गया है, बिजली के दरे महंगी होने से नए व्यापारियों ने कोई भी नई यूनिट राजस्थान में नहीं लगाकर दूसरे राज्यों में लगा रहे है। वर्ष 2021-22 में कांग्रेस सरकार ने घोषणा की थी कि हर उपखंड मुख्यालय में औद्योगिक इकाइयां विकसित करेंगे लेकिन वर्तमान में 144 उपखंड मुख्यालय ऐसे है जहां कोई औद्योगिक इकाइयां स्थापित नहीं हुई है। राजस्थान सरकार पर 2019 में कर्जा लगभग 3 लाख 3 हजार 600 करोड़ रूपए था, जो 2022 में दुगुना हो गया है, जितना कर्जा 70 वर्षों में नहीं लिया गया उतना अशोक गहलोत सरकार ने मात्र 3 वर्षो में लिया है। वर्ष 2022-23 में प्रदेश पर कर्जा 5 लाख 80 हजार करोड़ हो चुका है, यदि सरकार कर्जा यूं ही लेती रही तो वर्ष 2023-24 में 7 लाख 18 हजार करोड़ हो जाएगा। कांग्रेस सरकार के वर्तमानकाल में 2 लाख 76 हजार से ज्यादा कर्जे का भार डाल चुकी है, कर्जा 2019 की तुलना में 136 फीसदी बढ़ गया है। कर्ज को लेकर आरबीआई ने राजस्थान सरकार को कई बार आगाह किया लेकिन राजस्थान की कांग्रेस सरकार नहीं चेती। भदेल ने कहा कि, कांग्रेस सरकार ने औद्योगिक इंडस्ट्रीज पर विभिन्न टैक्स और सेस का भार डाल दिया है, व्यापारी टैक्स चुकाए, नए-नए फॉर्म भरे या अपना उद्यौग जारी रखे। जिसमें बिल्डिंग मटेरियल सेस के रूप में 1 प्रतिशत टैक्स, फायर के रूप में 400 रूपए प्रति मीटर का सेस और साथ ही यूडी, शहरी टैक्स का भार और अन्य कई प्रकार के टैक्स व्यापारियों पर लगा दिए है। भदेल ने कहा कि, राजस्थान के व्यापारी राज्य से अपने व्यापार को दूसरे राज्य में पलायन करने को मजबूर है। नए निवेशक राजस्थान में नहीं आना चाहते क्योंकि व्यापारियों में यह संशय बना हुआ है कि कब यहां मुख्यमंत्री बदल जाए यह किसी को नहीं पता। केन्द्र सरकार की अर्थव्यवस्था जहां सकारात्मकता की ओर अग्रसर है वहीं दूसरी और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार राज्य की अर्थव्यवस्था को डुबोने की कगार पर लेकर आ गई है।
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