21/03/2022
माँस, मछली खाना गलत क्यो कहा गया है ?
अनाज खाना सही क्यो कहा गया है ?
जब कि चेतना, जीवन तो दोनों में ही है,
एक दिन, ऐसा प्रश्न किसी सज्जन ने मुझसे किया , मैं मुस्कुरा कर बोला कि इस प्रश्न का उत्तर वाकई में आप को चाहिए तो मैं सिर्फ कोसिस कर सकता हूँ
और यदि बहस कुतर्क ही करना है तो मैं अपनी हार पहले ही मान लेता हूँ कि मुझे पता नही 😊😊😊
वैसे भी किसी सोते हुए व्यक्ति को जगाया जा सकता है, परन्तु जो जान बूझ कर लेटा है,सोने का नाटक कर रहा है,उठना ही नही चाहता , तो फिर उसे जगाना लगभग असंभव है
तो वो बोले कि मुझे वास्तव में जानना है
मैंने कहा ठीक है, पहले मेरे प्रश्न का जवाब दो , खूब सोच समझ कर ही जवाब देना
मान लो कि ऐसी परिस्थिति आ जाय कि तुम्हारे सामने , एक 10-12 साल का बच्चा और एक 70-75 साल का बूढ़ा व्यक्ति पानी मे डूब रहे है, और परिस्थितिवश तुम सिर्फ एक को ही बचा सकते हो, दोनो को नही,
तो तुम किसे बचावोगे ??
उसने जवाब दिया कि बच्चे को
ठीक है, फिर यदि तुम्हारे घर के उसी 70-75 साल के व्रद्ध के ऊपर तुम्हारा बैल हमला कर दे ,जो बैल खेत जोतता है तो क्या उस व्रद्ध को बचाने की आखरी कोशिस में तुम उस बैल को मार सकते हो ??
वो बोला -- हाँ
अब यदि उस बैल को सांप काटने आये तो क्या उस बैल को बचाने के आखरी प्रयास में सांप को मार दोंगे ??
वो बोला -- हाँ
मैं बोला कि तुम ऐसा क्यो करोगे या करते हो ??
क्योकि तुम्हारी नजर में
सांप की जिन्दगी से बैल की जिंदगी की वैल्यू ज्यादा है,
बैल से ज्यादा उस वृद्ध इंसान की वैल्यू ज्यादा है,
उस वृद्ध इंसान से ज्यादा बच्चे की जिंदगी
ठीक ऐसे ही
चेतना, जीवन तो सब मे है, किसमे ज्यादा एक्टिव चेतना है या इस प्रकृति में मानव जीवन के लिये कौन ज्यादा महत्वपूर्ण रोल अदा कर रहा है , उसी आधार पर , ये प्रकृति किसी की importance महत्ता देखती है
ये रहस्य , प्रकृति के रहस्य, हमारे देश के ऋषि , मुनियों ने हजारों साल पहले जान लिए थे, क्योकि वो प्रकृति के बहुत करीब थे
वो जानते थे कि अपने आर्थिक स्वार्थ , अहंकार के कारण हम बहुत सी चीजें नही देख पाएंगे,
बरगद का पेड़, पीपल का पेड़, तुलसी का पौधा, फल नही देता है, परन्तु बहुत सी निगेटिव एनर्जी को खत्म करता है, हवा को शुद्ध करता है, इसलिये बरगद,पीपल,तुलसी की पूजा का सिस्टम बनाया,इंसान को इनसे भावनात्मक जोड़ा,
कौवे को पित्तर पक्छ में पूर्वज मान कर उसे खिलाने का, पूजने का, बचाने का, सिस्टम बनाया ,क्योकि कौवा सुन्दर दिखता नही,बोलता नही, परन्तु कौवा पीपल के फल को खा कर उसके बीज को लैट्रिन से निकालता है तो उसी बीज