24/11/2024
कुमार सत्यम,
जो की किसी परिचय के मोहताज़ नहीं हैं मनोरंजन और संगीत उद्योग में सबसे प्रसिद्ध में से एक एक अद्भुत गायक हैं जो सूफी, भजन, ग़ज़ल और उप-शास्त्रीय में विशेषज्ञता रखते हैं। बिहार के बाँका जिले के गोकुला गाँव में एक भट्ट ब्राह्मण परिवार में जन्मे कुमार सत्यम अपने परिवार में संगीत की 13वीं पीढ़ी हैं, वह बिहार और झारखंड के प्रख्यात संगीतकार स्वर्गीय पं. ललन जी महाराज के बेटे एवं स्वर्गीय पं. रामाशीष महाराज के पोते हैं।. गायन के लिए संगीत भास्कर 2012 और हारमोनियम वादन के लिए युवा उत्सव में स्वर्ण पदक विजेता।उन्होंने 2000 से अधिक कार्यक्रमों में प्रदर्शन किया है भारत में एग्रीप्लास्ट (बैंगलोर), फीनिक्स मार्केट सिटी (बैंगलोर), क्यूरा फार्मास्युटिकल (पटना) जैसी कंपनियों के प्रतिष्ठित आयोजनों सहित, बिहार महोत्सव, अवध मोहत्सव, मैनपाट मोहत्सव, मंदार महोत्सव, सिंहेश्वर महोत्सव, सोनपुर महोत्सव, अयोध्या महोत्सव और ओशो महोत्सव आदि जैसे ना जाने कितने महोत्सवों में भी उन्होंने अपनी अविश्वसनीय प्रतिभा दिखाई। इसके अलावा देश के हर एक राज्य में इन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है।पंकज उधास, अनूप जलोटा,सोनू निगम, वडाली ब्रदर्स आदि जैसे कई अन्य दिग्गज और समकालीन कलाकारों के साथ भी प्रदर्शन किया।वह कांच की चूड़ियां, याद याद बस याद रह जाती है, लोग राहों में काँटे बिछाते रहे, भूल शायद ये हमसे बड़ी हो गई, जैसे कई ग़ज़लों की अपनी प्रस्तुति के साथ यूट्यूब पर एक प्रसिद्ध कलाकार हैं और ग़ज़ल खानदानी रईस की प्रस्तुति के साथ 7 लाख से अधिक प्रशंसकों के साथ यूट्यूब पर एक घरेलू नाम बन गए हैं और लगातार बढ़ रहे हैं| आज की युवा पीढ़ी में ख़ासकर इनका बोलबाला है और इन्हें हर तबके के लोग सुनते हैं और प्यार करते हैं। ग़ज़ल गायिकी में आज के समय में सबसे ज़्यादा सुने जाने वाले कुमार सत्यम की के बारे में आप क्या ख़याल रखते हैं कृपया कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएँ।