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Aarambha 2014 is a technical cm cultural event which is to be held at Sobhasaria Group of Institutions in November 2014. Various plays of various events are the part of it. One side, the solid wave of technicality will rise. On the other hand, the rhythmic sense of Living music, will go live. Its an intra-college competition, in which a numerous colleges will take part to set a new theory of winn

ing and a go. So all of you are invited to be a part of such an auspicious cm bizarre TECHNOCREDIBILITY.

विनेश फोगाट की कहानी उनके संघर्षों और अडिग संकल्प की कहानी है, हरियाणा के बलाली गांव में एक पहलवान परिवार में जन्मी विने...
07/08/2024

विनेश फोगाट की कहानी उनके संघर्षों और अडिग संकल्प की कहानी है, हरियाणा के बलाली गांव में एक पहलवान परिवार में जन्मी विनेश ने कई कठिनाइयों का सामना किया है, 2016 रियो ओलंपिक्स में गंभीर घुटने की चोट से उनका करियर लगभग खत्म हो गया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी,उन्होंने न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक संघर्ष भी किया और खेल में वापसी की

पेरिस ओलंपिक्स 2024 से पहले, विनेश को भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के साथ कई विवादों का सामना करना पड़ा उन्होंने और अन्य शीर्ष पहलवानों ने संघ पर प्रबंधन की खराबी, प्रशिक्षण सुविधाओं की कमी और चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया,इन विवादों ने न केवल उनके प्रशिक्षण और तैयारी को प्रभावित किया बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ाया खिलाड़ियों ने बेहतर सुविधाओं और चयन प्रक्रिया में सुधार की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किए और खेल प्राधिकरण (SAI) और अन्य सरकारी निकायों से समर्थन प्राप्त करने के लिए संघर्ष किया,

सरकार से लेकर सरकार समर्थकों ने कितना कुछ इस लड़की के लिए नही कहा, इतने ओछे आरोप लगाए गए कि कोई भी होता तो टूट जाता, सरकारी आदेश पर पुलिस द्वारा सड़को पर घसीटा गया, हर दिन खून के आंसू रुलाए गए, और उन आसुंओ को भी ड्रामा करार दे दिया गया

इन सभी चुनौतियों के बावजूद, विनेश का संकल्प अडिग रहा,पेरिस ओलंपिक्स में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने पहले क्वार्टरफाइनल में यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को 7-5 से हराया और फिर सेमीफाइनल में क्यूबा की युसनेलिस गुज़मैन लोपेज़ को 5-0 से हराकर फाइनल में जगह बनाई, उनकी इस जीत ने उन्हें भारत की पहली महिला पहलवान बना दिया जो ओलंपिक्स के फाइनल में पहुंची

विनेश की यह विजय उन तमाम संघर्षशील आत्माओं के लिए एक प्रेरणा है, जो हर दिन अपने अधिकारों और न्याय के लिए लड़ रहे हैं,यह जीत उन सब के लिए एक करारा जवाब है, जो हमारे खिलाड़ियों की मेहनत और संघर्ष को अनदेखा करते हैं

विनेश फोगाट की यह कहानी एक प्रमाण है कि जब तक हमारी सरकारें और संघ अपने खिलाड़ियों का सही तरीके से समर्थन नहीं करेंगे, तब तक हमारे खिलाड़ियों को अपने हौसले और मेहनत के बल पर ही आगे बढ़ना पड़ेगा, उनकी इस जीत ने साबित कर दिया है कि असली ताकत इरादों और संघर्ष में होती है, न कि सत्ता और पद में!

अंत में बस इतना ही के अब फ्लाइट मोड पर ही रखना लड़की.. खुद को भी और अब अपने फोन को भी!

❤️

05/08/2024

चमचों भक्तों या फिर संतरी मंत्री को अक्सर ये कहते आपने सुना होगा कि हमने हमारी मिज़ाइलो का नाम दिया पृथ्वी,त्रिशूल,ब्रह्मोस, वहीं पाकिस्तान ने नाम दिया गौरी,बाबर इत्यादि आक्रांताओं (इंवेडर्स) पर ,यही फर्क है हम में और उनमें

मुझे आजतक ये तर्क समझ नही आया जो राजनाथ जी ने भी दिया है, इससे पहले कांग्रेस काल में भी डिफेंस मिनिस्टर अक्सर ये तर्क देते थे और जहाँ तक मुझे याद है ये तर्क सबसे ज़्यादा वो कैनेडीआई भारत का भक्त तारिख फतह देता आया है

तो समझ ना आने वाली बात ये है कि मिज़ाइल के नाम से क्या फर्क पड़ता है? बनी तो मास डिस्ट्रक्शन करने हथियार के रूप में ही है ना? ऐसा तो नही है उनकी गौरी यहाँ फटेगी बारूद निकलेगा और हमारी अग्नि जाकर चूल्हा जला देगी बिरयानी के देगचे के नीचे.. या उनकी बाबर यहाँ लाखों इंसानों को मारेगी हमारी पृथ्वी जाकर पौधे लगा आएगी लाहौर में

अरे भाई मिज़ाइल का नाम चिंटू मिज़ाइल भी हो तो फर्क क्या पड़ता है? वहाँ जाकर चिंटू कपूर के गाने मेरी उमर में नौजवानों दिल ना लगाना गाते हुए मटक के थोड़ी आ जाएगी, मिज़ाइल का काम है फट के सबकी फाड़ना और वो चाहे जो नाम हो फटने ही छोड़ी जाती है और तबाही मचाने ही बनाई जाती है!

This 51-year-old man from Turkey wear no kit, no specialized lenses, eye cover, or ear protection, and secured the silve...
01/08/2024

This 51-year-old man from Turkey wear no kit, no specialized lenses, eye cover, or ear protection, and secured the silver medal. Hats off! 🙏

24/07/2024

शेर की जगह गाय या भैंस पालना ज्यादा सही रहता है। एक तो आपको दूध दही खाने को मिलेगी, दूसरे जान जाने का जोखिम भी नहीं रहेगा।

गंभीर और अगरकर की प्रेस कांफ्रेंस से निकले कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स :-- कोहली और रोहित 2027 का odi वर्ल्ड कप खेलेंगे अगर फ...
23/07/2024

गंभीर और अगरकर की प्रेस कांफ्रेंस से निकले कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स :-

- कोहली और रोहित 2027 का odi वर्ल्ड कप खेलेंगे अगर फिट रहे तो
- सूर्या को टी20 पर केंद्रित रखेंगे
- जडेजा odi में और शमी टेस्ट में अभी भी रोस्टर में
- गिल तीनों फॉर्मेट में दिखेंगे
- हार्दिक की फिटनेस उसकी कप्तानी के आड़े आयी
- गायकवाड़ सभी सीनियर खिलाड़ियों को पानी पिलायेगा 2027 तक
- संजू सेमसन। वो कौन है ?

22/07/2024

चीनी हटा दो मतलब, ज़िन्दगी से शुगर इन्टेक ख़त्म कर लो।
फिर खांड, बूरा, शक्कर, ये सब अगर कोई अल्टरनेटिव के लिए बोल रहा है तो बकवास कर रहा है।
बंद मतलब एकदम बंद शुगर इन्टेक।

एक हमारे पड़ोस में अंकल है वो बोलते के डायबिटीज है इसलिए शुगर फ्री गन्ने का रस पीते हैं।
मैंने पूछा वो क्या होता है तो बोले के गन्ने का रस बेचने वाला गन्ने का फीका वाला हिस्सा रस निकाल के पिला देता है।
मैंने अंकल को बोला के मैंने इस से बड़ी बकवास आजतक नहीं सुनी, तो उन्होंने थैंक यू बोल दिया मेरे को।

ऐसी ही बकवास खांड बूरा शक्कर वाली है।

सारी शुगर बंद कर दो 5 साल उम्र बढ़ जायेगी कम से कम।
एक साल बाद ही फरक समझ आ जाएगा, और मेरे को दुआएं फेंक फेंक के मारोगे घर से बैठे बैठे ही।

21/07/2024

सबर का फल मीठा होता है!

होता होगा हमको सुधीर का फल दो

इससे जात का अंदाजा कैसे लगेगा
21/07/2024

इससे जात का अंदाजा कैसे लगेगा

छतरी तो पकड़ता है हर कोईलेकिन सही जगह पकड़े कोई कोई
20/07/2024

छतरी तो पकड़ता है हर कोई
लेकिन सही जगह पकड़े कोई कोई

18/07/2024

आज दुग्गल साब साइबर सिक्योरटी एक्सपर्ट बने थे,

बताए के मैं तो हर बार लॉग आउट कर लेता हूँ काम खत्म होने पर, यह टिप आप भी फॉलो करें

गनीमत है इतना ही कहा वरना जितना दिमाग है लाडो सा में वे यह भी कह सकते थे साइबर सेल से की आप काम करने के बाद सेल निकाल लिया करिए सिर्फ साइबर बचेगा सेल नही रहेगी तो कोई हैक नही कर पाएगा

राहुल के बुरे दिन कैसे शुरू हुए?? शुरू हुए भट्टा परसौल से। किसानों की जमीन सरकारी प्रोजेक्ट के लिए लेने, और उचित मुआवजा ...
17/07/2024

राहुल के बुरे दिन कैसे शुरू हुए??

शुरू हुए भट्टा परसौल से। किसानों की जमीन सरकारी प्रोजेक्ट के लिए लेने, और उचित मुआवजा न मिलने की समस्या को लेकर वे किसानों से मिलने जाना चाहते थे।

यूपी सरकार ने रोका, तो वे नाटकीय तऱीके से मोटरसायकिल में बैठकर चले गए। यह पहली गलती थी।
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दूसरी गलती थी, उड़ीसा में नियमगिरी का दौरा। यहां उन्होंने अपना फेमस जुमला बोला- आई एम योर सोल्जर एट डेल्ही..

राहुल, गरीबो का सिपाही बनने की कोशिश कर रहे थे। यह अच्छी बात तो नही थी।

गरीबो का सिपाही बनने के लिए आपको अमीरों के किले पर चढ़ाई करनी पड़ेगी। और अमीर जब आपका मित्र ही हो, तो चढ़ाई क्यो करना??

क्योकि नियमगिरी और भट्टा परसौल के बाद भू अधिग्रहण क़ानून आया। किसानों को जमीन के चौगुने मोल मिले,लेकिन अमीरों के प्रोजेक्टों की कॉस्ट तो चौगुनी हो गई। यह कीमत मुनाफे में छेद करती है। नुकसान देती है।

आखिर यह दुश्मनी क्यो निकाली राहुल ने??
●●
यूपीए-2 सरकार भी अपने पैरों पर जमकर कुल्हाड़ी मार रही थी। और उसमे आगे आगे थे- जयराम रमेश।

वे पर्यावरण मंत्री थे।

अब मंत्री को लालबत्ती कार लेनी चाहिए, बंगले में रहना चाहिए। चुपचाप फीते काटने चाहिए और नोट लेकर, नोटशीट पर दस्तखत करने चाहिए। पर मंत्रीजी एआईए- एसआईए स्टडी को पढ़ने लगे

जयराम रमेश ने अपना जॉब सीरियसली ले लिया। पर्यावरणीय मानकों पर सैंकड़ो प्रोजेक्ट रद्द किए, खारिज किया, फच्चर फंसा दिया। धनपशुओं के अरबो अधर में लटक गए।

अब हाथियों के कॉरिडोर के लिए, माइंस प्रोजेक्ट को रोकने का काम, कोई बुद्धिमान नेता करता है क्या??

जिस देश मे अक्ल से बड़ी भैंस होती है, वहां हाथी बड़ा या उद्योगपति? आप बताओ।
●●
एक के बाद ऐसे कई मामले हुए, और सरकार अमीर विरोधी सरकार बन गयी।

लेकिन अमीरों के हाथ, सरकार से भी लम्बे होते है। और चैनल उनमे से एक होता है।

देश के 30 में से 18 चैनल उसी के थे, जिसके लड़के के ब्याह में रिहन्ना नाचती है। लिहाजा सारे चैनल सुर बदलने लगे।

जो घोटाले, पांच सात साल बाद, कोर्ट खारिज करने वाला था, उनका तुरत फुरत मीडिया ट्रायल चला। चैनल के पर्दे पर आपकी अदालत लगी। एंकरों ने मनमोहन सरकार को, टीवी पर दोषी करार दे दिया।
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एक कंगारु कोर्ट रामलीला मैदान में भी लगाई गई। टीवी ने उसे 60-60 घण्टे का अनब्रोकन कवरेज दिया। इन कोशिशों से एकाएक, हवा बदलने लगी।

दरअसल तूफान पैदा हो गया।

जो बड़े बड़े पंखे लगाकर पैदा किया गया था। इन पंखों का कनेक्शन उन्ही घरानों से जुड़ा था, जिनके ब्याह में जस्टिन बीबर नाचता है।
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सरकार बदली, और फिर उसी मीडिया ने पप्पूकरण शुरू किया। टीवी और सोशल मीडिया पर 5 साल, एकतरफा नरेटिव चला।

पप्पू, पप्पू, पप्पू...

राहुल फिर भी लड़े। भीतर लड़े, बाहर लड़े, लेकिन अकेले। न कांग्रेस साथ थी, न जनता, न मीडिया, न सिस्टम। उस पर बीच चुनाव बालाकोट का ड्रामा।

यूँ समझिये, 2019 में अभिमन्यु को घेरकर मारा गया। जो सरकार बदलनी चाहिए थी, मजबूत होकर लौटी।

राहुल भी महज 8 सीटें बढ़ा सके।
●●
इस्तीफे, और साल दो साल की उहापोह के बाद राहुल ने फिर सर उठाया। वह किया, जो पहले नही किया था।

जनता से जुड़े। जो शब्दो से कह पाने में सफल न हुए, देहभाषा बोल गई। अब उसकी आंखें बोलती है, बदन बोलता है, देश सुनता है।

समझता भी है।
●●
पप्पू करण का वह दौर गुजर चुका है। राहुल मिट्टी पकड़ पहलवान की तरह अखाड़े में डटे हैं। पहले से कहीं ज्यादा मुखर, चमकदार, ताकतवर, निर्भय नजर आते हैं।

लेकिन अंदाज वही अक्खड़ है। वे खेत मे दिख जाएंगे, नाई की दुकान में, किसी बढई या मिस्त्री की वर्कशाप में दिख जाएंगे, सड़को पर चलते दिख जाएंगे...

लेकिन आज भी यह बन्दा, उस ब्याह में नही दिखता जहां देश का सारा पोलिटीकल क्लास नाचता है।
●●
यह तब जब सबसे बड़ा उद्योगपति, खुद न्योता लेकर दस जनपथ पहुँचा। राहुल नही मिले, वे भगदड़ में मरे लोगो को सांत्वना देने चले गए। मणिपुर चले गए। गुजरात चले गए।

एंटीलिया में हाजिरी नही दी,
सर न झुकाया।

इस जिद्दी लड़के के इसी अंदाज का कायल हूँ। अब भले ही इसी अंदाज ने जिसने पंद्रह साल पहले, कांग्रेस का, राहुल का, देश का सितारा डुबोया था।
●●
पर अच्छा लगता है, कि तमाम झँजवात में गिरने, बिखरने, टूटने के बावजूद भी कोई है जो डरा नही है, डिगा नही, बदला नही है।

वो आज भी अड़ा है..
वहीं खड़ा है।

भट्टा परसौल के किसानों से घिरा, नियमगिरी के आदिवासियों के बीच उस मंच पर, जहां से आती हुई आवाज, वैसी की वैसी रवानियत के साथ, कानो में गूंज रही है..

आई एम योर सोल्जर एट डेल्ही..
●●
और मैं कहता हूँ...बी देयर माई बॉय,

योर एरा हैज कम...
साभार Reborn Manish भैया

ब्राह्मणों की नैतिकता मात्र कमजोर और गरीबों को सताने के वक्त ही काम आता है, मजबूत और अमीरों की देहरी पर लौंडा नाच करता ह...
15/07/2024

ब्राह्मणों की नैतिकता मात्र कमजोर और गरीबों को सताने के वक्त ही काम आता है, मजबूत और अमीरों की देहरी पर लौंडा नाच करता है।

इतिहास गवाह है।

13/07/2024

कई मित्र पूछ रहे हैं के हर पोस्ट में "कई मित्र पूछ रहे हैं" वाला जुमला क्यों इस्तेमाल करते हो।

दरअसल ये जुमला इस्तेमाल करने से पढ़ने वालों को लगता है के किसी सामायिक टॉपिक पर बात चल रही है।
अब सामायिक टॉपिक लिमिटेड रहते हैं जिनपर ज्यादातर फसबूकिये कलम घिस चुके होते हैं मेरे नींद से उठने से पहले ही,
आप मुझे फेसबुक का सबसे लीचड़ लेखक समझ सकते हैं,
इसलिए मुझे कोई एकदम विरला सा टॉपिक ढूंढना पढता है अपने पाठकों को कंटेंट देते रहने के लिए,
और क्यूंकि विरले टॉपिक्स में ज्यादा लोगों को इंटरेस्ट रहता नहीं, इसलिए आपको ये दिखाना पड़ेगा के ये टॉपिक भी काफी लोगों में रिलेवेंट है,
इसलिए मैं लिख देता हूँ पोस्ट के शुरू में के "कई मित्र पूछ रहे हैं",

अब पाठक क्या है के मेरे ज्यादातर ऐसे हैं जिन्हे दीन दुनिया की कोई खबर नहीं है, ज्यादातर रील्स देखने के लिए फेसबुक लॉगिन करते हैं, रील्स देख देखकर ही उनकी सारी एनर्जी खर्च हो चुकी होती है इसलिए वो दिमाग भी नहीं लगाते के इस टॉपिक पर इसके अलावा और किसी ने नहीं लिखा है दुनिया में, तो डिमांड भी कहाँ से ही आयी होगी।

13/07/2024

कई मित्र पूछ रहे हैं के अनंत अम्बानी की शादी में इतना समय क्यों लग रहा है,
पचास तो प्री-वेडिंग कर ली।

इसका जवाब ये है के जब किसी को भी लगता है के वर वधु में से कोई एक 19 है दुसरे के आगे तो सगाई और शादी के बीच साल डेड साल रख लिया जाता है गैप, ताकि अगर लड़का या लड़की वाकआउट करना चाहे तो कर सकता है, पंडितों को एक्स्ट्रा दक्षिणा दी जाती है शुभ मुहूर्त साल डेड साल बाद का निकालने के लिए।

ऐसी डिलेड शादी के बाद लड़का लड़की दोनों के पास ये बहाना नहीं रहता के मेरी तो मत मारी गयी थी जो तुमसे शादी कर ली,
क्यूंकि दोनों को कहीं भाग जाने या लड़ झगड़ के रिश्ता तोड़ने का पर्याप्त मौक़ा दिया जाता है,
ये माँ बाप का खुद को सेफ गार्ड करने का बहुत पुराना तरीका है। आम तौर पर ये ट्रिक्स तब अपनाई जाती है जब या तो लड़का दहेज़ के लालच में शादी कर रहा हो, या लड़की रूप रंग की बजाय सरकारी नौकरी की लालच में कर रही हो।

ऐसे रिश्ते फिर आगे लम्बे चलते हैं। दोनों ही मन में कुढ़ते रहते हैं लेकिन बोलता कोई कुछ नहीं है।

12/07/2024

एक महीने से मोहल्ले की एक लड़की को इम्प्रेस करने की कोशिश कर रहा था ,
थोड़ा थोड़ा होने भी लगी ,
उसके सपनों का शाहरुख खान बन चुका था मैं ,
आज किसी बहाने से घर आई और मेरे बारे में पूछा ,

मम्मी ने बताया हगने गया है 😐

12/07/2024

एक शहीद की बीवी पर कई जगह बहस चल रही है।
तर्क वितर्क हैं दोनों तरफ से, माता पिता का बयान है के बहु कीर्ति चक्र लेकर मायके चली गयी है।

अब लोग दोनों तरफ के तर्क दे रहे हैं के लड़की का 5 महीने पहले ही विवाह हुआ था क्या ही ससुराल में जुडी होगी वो,
दूसरा ये दे रहे हैं के ये तो किसी और से विवाह कर लेगी माँ बाप का क्या होगा।

मैंने ऐसे केसेस अपने घर में ही देखे हैं, हमारे घर में युवा शहीद भी हो चुका है, और एक एक्सटेंडेड परिवार में युवा विधवा भी हुई थी हमारी पिछली पीढ़ी में।

मेरा ऐसे मामलों में साफ़ साफ़ तर्क है के लड़की की तुरंत दूसरी जगह शादी कर देनी चाहिए।
हमने अपनी ताई का केस देखा है, एक युवा विधवा को क्या क्या नहीं सहना पड़ता, आप सोच भी नहीं सकते।
फिल्मों जैसी दुनिया नहीं है असल में, साल भर में सारी हमदर्दी हवा हो जाती है, फिर लड़की को मनहूस से लेकर बदचलन तक का जबरदस्ती सफर करवाया जाता है,
तरह तरह की अफवाहों और कहानियों से जोड़ दिया जाता है।

और लड़की की पूरी ज़िन्दगी पड़ी है आगे। इसलिए उसका मायके जाना या जल्द ही दूसरी शादी कर लेना बिलकुल सही फैसला होगा अगर लड़की के माँ बाप ये फैसला लेते हैं तो, क्यूंकि जितना डिले करेंगे उतना ही दूसरा विवाह मुश्किल होता जाता है। और इस मुश्किल होने में केवल उम्र कारक नहीं होती।
हाँ अगर लड़की के बच्चा होता तो सिचुएशन थोड़ी कॉम्प्लिकेटेड हो जाती है, लेकिन तब भी दूसरा विवाह किसी भी दिन बेस्ट ऑप्शन है।

माता पिता के लिए समाज को आगे आना चाहिए, आर्मी को आगे आना चाहिए, और मैंने देखा है के आर्मी आती है आगे, शहीदों के परिजनों के बारे में खबर रखते हैं आर्मी वाले और मदद भी करते हैं हमारे परिवार का तो ये एक्सपीरियंस रहा है।

मुआवज़ा माता पिता को भी मिलना चाहिए, शहीद की पेंशन भी माता पिता और बीवी को भी मिलना चाहिए, क्यूंकि दोनों ही की ज़िन्दगी बिलकुल भी आसान नहीं गुजरने वाली है, जिन्होंने अपने घरों में युवा विधवा या अकेला बेटा शहीद वाले केस देखें होंगे वो सब जानते होंगे।
इस केस में दोनों में से किसी पक्ष को भी विलन बनाना मुझे लगता है हमारे समाज की बहुत छोटी सोची होगी, क्यूंकि ज्यादातर ने ऐसे मामले नज़दीक से देखे ही नहीं है।

10/07/2024

मिर्जापुर का ये किरदार पूरे सीजन में लार जैसा मुँह लटकाए घूमते रहता है। मानो समाज और सिस्टम ने इसकी गांव मार रखी हो। जबकि सारे फसाद की जड़ ये बुड्ढा स्वयं हैं।

न ये पहले एपिसोड में केस लड़ने की जिद करता। न मुन्ना इसके घर जाता और न ही मुन्ना और गुड्डू में बवाल होता।

ये बुड्ढा अपनी जिद और हुतियापे को उसूलों का नाम देते फिर रहा है।

इसके फर्जी उसूलों के चक्कर में इसका छोटा बेटा बबलू....इसकी बहु स्वीटी....और अब इसका दामाद रॉबिन तक मारा जा चुका है....बड़ा बेटा गुड्डू तो सनकी गैंगस्टर बन ही चुका है।

पूरे पूर्वांचल से लेकर बिहार तक में सैकड़ों लोग मारे जा चुकें हैं सिर्फ इस बुड्ढे के उसूलों के चक्कर में।

जल्दी पहुंचिए, आप सबके लिए पार्टी रखी है।
10/07/2024

जल्दी पहुंचिए, आप सबके लिए पार्टी रखी है।

😂
10/07/2024

😂

BCCI सचिव जय शाह और विराट कोहली की उम्र एक ही है, 35 साल,लेकिन देखने से कोई कह नहीं सकता ये बात क्यूंकि जय शाह कोहली से ...
09/07/2024

BCCI सचिव जय शाह और विराट कोहली की उम्र एक ही है, 35 साल,
लेकिन देखने से कोई कह नहीं सकता ये बात क्यूंकि जय शाह कोहली से काफी जवान दीखते हैं।

08/07/2024

सोशल साइटों की क्रांति से प्रेरित एक व्यक्ति ने अपना सिम बीएसएनएल में पोर्ट करा लिया, अब वो वापस जियो में पोर्ट कराने के लिए तीन दिन से कस्टमर केयर का नम्बर डायल कर रहा है लेकिन लग नहीं रहा है और मैसेज भी फेल हो जा रहा है..।

सावधान रहें सतर्क रहें..।

07/07/2024

भारी वर्षा की वजह से ट्रेन लेट चलेगी

ये हर बार का है, मुझे समझ नही आता भारी वर्षा को बिठाते क्यों हैं, उतारो न ट्रेन से, कोई हल्की सुनीता/अनिता बिठाओ, टाइम से तो चले ट्रेन्स!

07/07/2024

इंडिया ज़िम्बाब्वे जैसी फालतू सीरीज पर पोस्ट करने वालों को केवल इसलिए अखंड बेरोज़गार कहने से डर रहा हूँ के कहीं ये लोग पलटकर ये ना कह दें के तुम भी तो दिन में 36 पोस्ट्स करते हो फालतू चीज़ों पर। 😞

06/07/2024

मिर्ज़ापुर का तीसरा सीज़न लग रहा है यूपी के किसी मोई भगत से लिखवा लिए हैं,

अयोध्या की हार से लेकर कम सीटों के आने तक का गुस्सा उसने धाराप्रवाह ज़बरदस्ती गालियां ठूंस कर बिना सर पैर का सीज़न लिख दिया है,

भाई मत बनाओ आगे कुछ, खत्म कर दो नही हो पा रहा तुमसे मुन्ना भैया मर चुके गुड्डू भैया को मर जाना चाहिए अब, गोली पोली दद्दा पद्दी वगैरा को देखने का कोई मन नही है

06/07/2024

कल अपनी लिस्ट के सभी क्रिकेट फैंस को ब्लॉक करूँगा।

इतनी सुन्दर लड़की वो भी 10-12 फुट की, और तुम लोगों ने आजतक नहीं बताया,
मैं कबसे अपने पेज पर स्मृति मंधाना और एलिसे पैरी के नाम से ही फेक खबरे फैला रहा हूँ।

कल एक पोस्ट में जय शाह की भी तारीफ कर दी थी क्यूंकि कंटेंट नहीं था।

बाबर ने आजतक इंडिया के खिलाफ फिफ्टी भी नहीं मारी है odi में। 😞
11/09/2023

बाबर ने आजतक इंडिया के खिलाफ फिफ्टी भी नहीं मारी है odi में। 😞

जब वक़्त करवट लेता है न तो सल्तनत से शहज़ादे भी उठा लिए जाते हैं..
20/02/2023

जब वक़्त करवट लेता है न तो सल्तनत से शहज़ादे भी उठा लिए जाते हैं..

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