Chenaram bikundia sant wani

Chenaram bikundia sant wani सभी मित्रों से निवेदन है कि हमारे संतवाणी पेज को फॉलो करें क्योंकि मैं भी आगे बढूं आपके साथ अपनों के साथ संतवाणी गायक चेनाराम रतकुड़िया

29/01/2025

सांई तेरा बंदा ने बलिहारी
#संतवाणी #दादूवाणी #भजन

27/01/2025

#पलटू साहेब की वाणी #संतवाणी

26/01/2025
21/01/2025

Moti Das Nathuram Kumawat Deepu Jahel Madpuriya #सत साहेब

18/01/2025

खेड़ापाचार्य श्री रामदास जी महाराज की वाणी
राम सुमरता #रामदास होय कर्म को नाश !
बरसंता उगे नहीं गेला माही घास!!
#रामसनेही #खेड़ापा
#रामदासजीमहाराजकीवाणी

18/01/2025

#गुरुवाणी #दादूवाणी #कबीरशब्दावली #राजस्थानकेकबीर #संतवाणी #सतगुरुवाणी

15/01/2025

#संतवाणी #कबीरवाणी #भक्तिसंगीत

लुंबाराम जी महाराज की जयंती पर सभी मित्रों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं
15/01/2025

लुंबाराम जी महाराज की जयंती पर सभी मित्रों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं

https://youtu.be/9H6B0B38RbUसंत श्री लुंबाराम जी महाराज जीवन दर्शनसंत श्री लुंबाराम जी महाराज का उत्तरण जन्म अनेक महान स...
15/01/2025

https://youtu.be/9H6B0B38RbU
संत श्री लुंबाराम जी महाराज जीवन दर्शन
संत श्री लुंबाराम जी महाराज का उत्तरण जन्म अनेक महान संत ऋषि मुनियों की तपोस्थली भारत भूमि की राजस्थान राज्य शूरवीर संतों की भूमि में जोधपुर जिला में भोपालगढ़ के पास एक छोटे से गांव बारनी खुर्द में मेघ कुल मैं विक्रम संवत 1986 माघ बद्दी बीज शुक्रवार के दिन पिता श्री गोपाराम जी की धर्मपत्नी माताजी श्रीमती दली बाई की कोख से हुआ आप चार भाई-बहनों में सबसे बड़े थे आपके छोटे भाई का नाम कुनाराम दो बहने भाटी बाईऔर चकुबाई थी आप जब करीब 4 वर्ष की शिशु अवस्था में थे तब चेचक की बीमारी के कारण आपके नेत्रों की ज्योति चली गई बाल्यावस्था में भी आपकी लगन संत महात्माओं के प्रति अति तिर्व थी एवं सत्संग कथा कथा कीर्तन में अति जिज्ञासा थी तत्पश्चात आप करीब 10 ,11 वर्ष की किशोरावस्था में ही घर छोड़कर कड़ी लगन से वैराग्य धारण करके परमात्मा की प्राप्ति के लिए निकल पड़े एवं पास ही के गांव खांगटा पहुंचे वहीं कटानिया के मंदिर में विराजमान वितरा गि संत महात्मा श्री हेमाराम जी महाराज से भेंट हुई उन्होंने बताकर अपने चरण शरण में बैठा लिया आप स्वयं तो आध्यात्मिक ज्ञान के पिपासी थे इसलिए आप सतगुरु के सानिध्य में आध्यात्मिक खोज भक्ति मार्ग में लग गए तथा वही आप अपने संगीत कला में वीणावे हारमोनियम बजाना सीखें आप उन्हीं दिनों खांगटा एवं चौकड़ी की पर्वतीय जगहों में जाकर गुरुदेव के सानिध्य में सुमिरन भजन साधना की तब उपरांत आप गुरुदेव के साथ यत्र तत्र जगह-जगह सत्संग में जाने लगे आपका कम अवस्था में संगीत सीखने मधुर कंठ होने के कारण आप जब शब्दवाणी बोलते तो बड़े बड़े ज्ञानी हैं सत्संग प्रेमी जन बड़े ही प्रसन्न चित्त होकर सुनते थे आप की मधुर वाणी में इतना आकर्षण था कि आप आपके मुखारविंद से एक बार जो वाणी सुन लेते वह बार-बार सुनने की चेष्टा करते आपको सत्संग में पधारने के लिए बार-बार आग्रह किया करते थे उन्हीं की विनती सुनकर गुरुदेव के साथ पाली जिला में गुरुद्वारा सांडिया पिपलिया पाठवा देवली आदि अन्य गांव में सत्संग किया ऐसे सत्संग में जाते-जाते खांगटा गांव के भक्त जनों के साथ आप श्री भोलाराम जी महाराज की देवरी में आने जाने लगे उस वक्त वैराग्य वान महात्मा श्री घमंडी राम जी महाराज अपनी रहनी करनी सभा मधुर वाणी आदि जीवन की विलक्षणता को देखकर अति प्रसन्न हुए आपको वही देवरी में स्थाई रूप से रहने के लिए कहा लेकिन आप वहां नहीं रुके और कहा कि मैं एक जगह नहीं रहना चाहता हूं करीब विक्रम संवत 2004 की बात है आप श्री भोलाराम जी महाराज की देवरी पधारे थे वहां पर अलाव के भक्त गुर्जर श्री शिव नारायण जी एवं गोपाराम जी आदि कई सेवक हाजिर थे वहां पर जब आपने वाणी शब्द बोले तो आपके मधुर में कंठ से सुरीली वाणी सुनकर श्री गोपाराम जीता भाई ने श्री गंभीराम जी से पूछा यह छोटी अवस्था में सन्त कहां विराजते हैं तथा विशेष अनुरोध किया कि इन संतो को हमारे सत्संग में असोला आपके साथ ले आना इसके फलस्वरूप आप प्रथम बार हरसोलाव गांव में श्री घमंडी राम जी महाराज के साथ श्री गोप जी धाबाई के सत्संग में पधारे वहां के लोग मधुर में वाणी सुनकर प्रसन्न चित्त हुए तथा प्रधान जी श्री रामचंद्र जी धाबाई शिवनारायण जी तथा कहीं जिज्ञासु सेवक शिष्य बन गए और बहुत विनती करके आप वही प्रधान जी के घर रोक लिया वहां प्रधान जी के घर रहते हुए सत्संग में जगह-जगह आने जाने लगे जो जो प्रेम भाव आपके प्रति बढ़ता गया आपकी रहनी करनी पर अति प्रसन्न होकर श्रीमान प्रधान जी रामचंद्र जी धाबाई आपको बिना पूछे ही हरसोलाव गांव के बाद दक्षिण में पहाड़ी पर एक छोटी सी कुटिया सर्वप्रथम संवत 2005 में बनवाई तथा आपसे वहां स्थाई रूप से विराजमान होने का आग्रह किया तब आपने स्थाई रूप से रहने को मना कर दिया और पश्चाताप किया कि मैं एक जगह नहीं रहना चाहता था आप मुझे बंधन में डाल रहे हो लेकिन बार-बार आग्रह करने पर आपने हरसोलाव में स्थाई रूप से देना स्वीकार किया सत्संग के माध्यम से ज्ञान प्रचार प्रसार में लगे तथा धीरे धीरे बहुत से जिज्ञासु जन आने लगे पूनम अवश्य कुटिया में सत्संग होने लगा निरंतर लोगों की श्रद्धा पड़ने लगी वह दूर दूर तक आपकी ख्याति और प्रशंसा फैल गई श्रद्धालु जनों की जिज्ञासा से आपने विशेष रुप से जिला नागौर जोधपुर पाली के कहीं-कहीं पूरे राजस्थान में सत्संग के माध्यम से परिभ्रमण करके जन-जन के हृदय में ज्ञान की जागृति की
आपके व्यक्तित्व में वाणी की कोमलता वचन की दृढ़ता सहनशीलता निर्विरोध साधारण है आहार का संयम आपने करीब पूरे जीवन काल में दिन में एक बार भोजन ग्रहण करना एवं मृदुभाषी आदि यह संतमत के लक्षण विशेष रूप से दिखाई देते थे
आपने विक्रम संवत 2042 फाल्गुन बदी नवमी के दिन 12:04 पर हजारों लोगों के बीच पंच भौतिक शरीर को छोड़कर सतलोक परमधाम सिधारे
धन्य हो ऐसे महान संत जन सदा इस संसार में अवतरित होकर लोगों को बहुत सागर से मुक्ति मार्ग में अग्रसर करते रहे
सप्रेम साहेब
आप ही के जीवन दर्शन पर मैंने एक पद की रचना की है जो आपके चरणों में समर्पित करता हूं
धन्य साहेब लुंबारामजी
आया आया इन जग में माई
लाखों ही जीव भटक रहे
नीज राह दर्शाई !! टैर!!
माघ बदी गुरु बीज ने, मानुष तन पाई !
गांव बारनी रेे मायने ,घर घर बंठे बधाई!!१!!
गोपाजी घर जन्म लियो, दलीबाई मंगल गाई!
संत पधारिया पालणे ,सोहन थाल बजाई!!२!!
कंचन काठ कर मानयो, नहीं मोह अलुजाई !
दुस्ट मित्र सम जानियो हरी से लीव लाई!!३!!
भक्ति करी संसार में ,तजी मान बड़ाई !
सतनाम सुमिरन किया ,लिया सायब रिझाई!!४!!
हरसोलाव के मायने ,साहेब गुण गाई!
"चेनाराम" पर राखजो गुरुवर अपनी छत्रछाई !!५!!
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=504417467584896&id=114428196583827

❖Album : Rajasthani Bhajan❖Singer : Chaina Ram Bikundiya Ratkuriya❖Lyrics : Chaina Ram Bikundiya Ratkur...

13/01/2025

अरण की चोरी करें सुई का करे दान !
ऊंचा चढ़ने जोवे मारे कब आवे विमान !!
#संतवाणी #कबीरवाणी

13/01/2025

कंपनी कर्मचारियों के साथ लोहड़ी पर्व मनाया

13/01/2025

#संतवाणी #कबीरभजन #कबीरअमृतवाणी

12/01/2025

#आरती #भजन #संतवाणी #कबीरवाणी

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