88-अल-घाशिया-سورة الغاشية-Hindi-हिंदी (Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-AlShourbaji
88-अल-घाशिया-سورة الغاشية-Hindi-हिंदी (Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-AlShourbaji... [क्या तुम्हें उस छा जानेवाली की ख़बर पहुँची है?(1)उस दिन कितने ही चेहरे गिरे हुए होंगे,(2)कठिन परिश्रम में पड़े, थके-हारे(3)दहकती आग में प्रवेश करेंगे(4)खौलते हुए स्रोत से पिएँगे,(5)उनके लिए कोई खाना न होगा सिवाय एक प्रकार के ज़री के,(6)जो न पुष्ट करे और न भूख मिटाए(7)उस दिन कितने ही चेहरे प्रफुल्लित और सौम्य होंगे,(8)अपने प्रयास पर प्रसन्न,(9)उच्च जन्नत में,(10)जिसमें कोई व्यर्थ बात न सुनेंगे(11)उसमें स्रोत प्रवाहित होगा,(12)उसमें ऊँची-ऊँची मसनदें होगी,(13)प्याले ढंग से रखे होंगे,(14)क्रम से गाव तकिए लगे होंगे,(15)और हर ओर क़ालीने बिछी होंगी(16)फिर क्या वे ऊँट की ओर नहीं देखते कि कैसा बनाया गया?(17)और आकाश की ओर कि कैसा ऊँचा किया गया?(18)और पहाड़ो की ओर कि कैसे खड़े किए गए?(19)और धरती की ओर कि कैसी बिछाई गई?(20)अच्छा तो नस
66-अत-तहरिम-سورة التحريم-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan
66-अत-तहरिम-سورة التحريم-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan... [ऐ नबी! जिस चीज़ को अल्लाह ने तुम्हारे लिए वैध ठहराया है उसे तुम अपनी पत्नियों की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए क्यो अवैध करते हो? अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है(1)ऐ ईमान लानेवालो! अपने आपको और अपने घरवालों को उस आग से बचाओ जिसका ईधन मनुष्य और पत्थर होंगे, जिसपर कठोर स्वभाव के ऐसे बलशाली फ़रिश्ते नियुक्त होंगे जो अल्लाह की अवज्ञा उसमें नहीं करेंगे जो आदेश भी वह उन्हें देगा, और वे वही करेंगे जिसका उन्हें आदेश दिया जाएगा(6)ऐ इनकार करनेवालो! आज उज़्र पेश न करो। तुम्हें बदले में वही तो दिया जा रहा है जो कुछ तुम करते रहे हो(7)ऐ ईमान लानेवाले! अल्लाह के आगे तौबा करो, विशुद्ध तौबा। बहुत सम्भव है कि तुम्हारा रब तुम्हारी बुराइयाँ तुमसे दूर कर दे और तुम्हें ऐसे बाग़ों में दाख़िल करे जिन
67-अल-मुल्क-سورة الملك-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan
67-अल-मुल्क-سورة الملك-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan... [जिसने पैदा किया मृत्यु और जीवन को, ताकि तुम्हारी परीक्षा करे कि तुममें कर्म की दृष्टि से कौन सबसे अच्छा है। वह प्रभुत्वशाली, बड़ा क्षमाशील है। -(2)जिसने ऊपर-तले सात आकाश बनाए। तुम रहमान की रचना में कोई असंगति और विषमता न देखोगे। फिर नज़र डालो, "क्या तुम्हें कोई बिगाड़ दिखाई देता है?"(3)फिर दोबारा नज़र डालो। निगाह रद्द होकर और थक-हारकर तुम्हारी ओर पलट आएगी(4)हमने निकटवर्ती आकाश को दीपों से सजाया और उन्हें शैतानों के मार भगाने का साधन बनाया और उनके लिए हमने भड़कती आग की यातना तैयार कर रखी है(5)जिन लोगों ने अपने रब के साथ कुफ़्र किया उनके लिए जहन्नम की यातना है और वह बहुत ही बुरा ठिकाना है(6)जब वे उसमें डाले जाएँगे तो उसकी दहाड़ने की भयानक आवाज़ सुनेंगे और वह प्रकोप से बिफर रही होगी।(7)ऐसा प्र
68-अल-कलाम-سورة القلم-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan
68-अल-कलाम-سورة القلم-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan... [तुम अपने रब की अनुकम्पा से कोई दीवाने नहीं हो(2)निश्चय ही तुम्हारे लिए ऐसा प्रतिदान है जिसका क्रम कभी टूटनेवाला नहीं(3)निस्संदेह तुम एक महान नैतिकता के शिखर पर हो(4)अतः शीघ्र ही तुम भी देख लोगे और वे भी देख लेंगे(5)कि तुममें से कौन विभ्रमित है(6)निस्संदेह तुम्हारा रब उसे भली-भाँति जानता है जो उसके मार्ग से भटक गया है, और वही उन लोगों को भी जानता है जो सीधे मार्ग पर हैं(7)अतः तुम झुठलानेवालों को कहना न मानना(8)वे चाहते है कि तुम ढीले पड़ो, इस कारण वे चिकनी-चुपड़ी बातें करते है(9)तुम किसी भी ऐसे व्यक्ति की बात न मानना जो बहुत क़समें खानेवाला, हीन है,(10)कचोके लगाता, चुग़लियाँ खाता फिरता हैं,(11)भलाई से रोकता है, सीमा का उल्लंघन करनेवाला, हक़ मारनेवाला है,(12)क्रूर है फिर अधम भी।(13)इस कारण कि वह धन और बेटोंव
71-नूह-سورة نوح-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan
71-नूह-سورة نوح-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan... [उसने कहा, "ऐ मेरे रब! मैंने अपनी क़ौम के लोगों को रात और दिन बुलाया(5)"किन्तु मेरी पुकार ने उनके पलायन को ही बढ़ाया(6)"और जब भी मैंने उन्हें बुलाया, ताकि तू उन्हें क्षमा कर दे, तो उन्होंने अपने कानों में अपनी उँगलियाँ दे लीं और अपने कपड़ो से स्वयं को ढाँक लिया और अपनी हठ पर अड़ गए और बड़ा ही घमंड किया(7)"फिर मैंने उन्हें खुल्लमखुल्ला बुलाया,(8)"फिर मैंने उनसे खुले तौर पर भी बातें की और उनसे चुपके-चुपके भी बातें की(9)"और मैंने कहा, अपने रब से क्षमा की प्रार्थना करो। निश्चय ही वह बड़ा क्षमाशील है,(10)"वह बादल भेजेगा तुमपर ख़ूब बरसनेवाला,(11)"और वह माल और बेटों से तुम्हें बढ़ोतरी प्रदान करेगा, और तुम्हारे लिए बाग़ पैदा करेगा और तुम्हारे लिए नहरें प्रवाहित करेगा(12)"तुम्हें क्या हो गया है कि तुम (अपने दिलों में) अ
75-अल-कियामा-سورة القيامة-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan
75-अल-कियामा-سورة القيامة-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan... [नहीं, मैं क़सम खाता हूँ क़ियामत के दिन की,(1)और नहीं! मैं कसम खाता हूँ मलामत करनेवाली आत्मा की(2)क्या मनुष्य यह समझता है कि हम कदापि उसकी हड्डियों को एकत्र न करेंगे?(3)क्यों नहीं, हम उसकी पोरों को ठीक-ठाक करने की सामर्थ्य रखते है(4)बल्कि मनुष्य चाहता है कि अपने आगे ढिठाई करता रहे(5)पूछता है, "आख़िर क़ियामत का दिन कब आएगा?"(6)तो जब निगाह चौंधिया जाएगी,(7)और चन्द्रमा को ग्रहण लग जाएगा,(8)और सूर्य और चन्द्रमा इकट्ठे कर दिए जाएँगे,(9)उस दिन मनुष्य कहेगा, "कहाँ जाऊँ भागकर?"(10)कुछ नहीं, कोई शरण-स्थल नहीं!(11)उस दिन तुम्हारे रब ही ओर जाकर ठहरना है(12)उस दिन मनुष्य को बता दिया जाएगा जो कुछ उसने आगे बढाया और पीछे टाला(13)नहीं, बल्कि मनुष्य स्वयं अपने हाल पर निगाह रखता है,(14)यद्यपि उसने अपने कितने ही बहाने पेश किए हो(15)
77-अल-मुर्सलत-سورة المرسلات-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan
77-अल-मुर्सलत-سورة المرسلات-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan... [निस्संदेह जिसका वादा तुमसे किया जा रहा है वह निश्चित ही घटित होकर रहेगा(7)अतः जब तारे विलुप्त (प्रकाशहीन) हो जाएँगे,(8)और जब आकाश फट जाएगा(9)और पहाड़ चूर्ण-विचूर्ण होकर बिखर जाएँगे;(10)और जब रसूलों का हाल यह होगा कि उन का समय नियत कर दिया गया होगा -(11)किस दिन के लिए वे टाले गए है?(12)फ़ैसले के दिन के लिए(13)और तुम्हें क्या मालूम कि वह फ़ैसले का दिन क्या है? -(14)तबाही है उस दिन झूठलाने-वालों की!(15)क्या ऐसा नहीं हुआ कि हमने पहलों को विनष्ट किया?(16)फिर उन्हीं के पीछे बादवालों को भी लगाते रहे?(17)अपराधियों के साथ हम ऐसा ही करते है(18)तबाही है उस दिन झुठलानेवालो की!(19)क्या ऐस नहीं है कि हमने तुम्हे तुच्छ जल से पैदा किया,(20)फिर हमने उसे एक सुरक्षित टिकने की जगह रखा,(21)एक ज्ञात और निश्चित अवधि तक?(22)फिर हमने अन्दाजा
80-अबसा-سورة عبس-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan
80-अबसा-سورة عبس-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan... [उसने त्योरी चढ़ाई और मुँह फेर लिया,(1)विनष्ट हुआ मनुष्य! कैसा अकृतज्ञ है!(17)उसको किस चीज़ से पैदा किया?(18)तनिक-सी बूँद से उसको पैदा किया, तो उसके लिए एक अंदाजा ठहराया,(19)फिर मार्ग को देखो, उसे सुगम कर दिया,(20)फिर उसे मृत्यु दी और क्रब में उसे रखवाया,(21)फिर जब चाहेगा उसे (जीवित करके) उठा खड़ा करेगा। -(22)कदापि नहीं, उसने उसको पूरा नहीं किया जिसका आदेश अल्लाह ने उसे दिया है(23)अतः मनुष्य को चाहिए कि अपने भोजन को देखे,(24)कि हमने ख़ूब पानी बरसाया,(25)फिर धरती को विशेष रूप से फाड़ा,(26)फिर हमने उसमें उगाए अनाज,(27)और अंगूर और तरकारी,(28)और ज़ैतून और खजूर,(29)और घने बाग़,(30)और मेवे और घास-चारा,(31)तुम्हारे लिए और तुम्हारे चौपायों के लिेए जीवन-सामग्री के रूप में(32)फिर जब वह बहरा कर देनेवाली प्रचंड आवाज़ आएगी,(33)जिस दिन आदमी भागेगा
81-अत तक्वीर-سورة التكوير-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan
81-अत तक्वीर-سورة التكوير-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan... [जब सूर्य लपेट दिया जाएगा,(1)सारे तारे मैले हो जाएँगे,(2)जब पहाड़ चलाए जाएँगे,(3)जब दस मास की गाभिन ऊँटनियाँ आज़ाद छोड़ दी जाएँगी,(4)जब जंगली जानवर एकत्र किए जाएँगे,(5)जब समुद्र भड़का दिया जाएँगे,(6)जब लोग क़िस्म-क़िस्म कर दिए जाएँगे,(7)और जब जीवित गाड़ी गई लड़की से पूछा जाएगा,(8)कि उसकी हत्या किस गुनाह के कारण की गई,(9)और जब कर्म-पत्र फैला दिए जाएँगे,(10)और जब आकाश की खाल उतार दी जाएगी,(11)जब जहन्नम को दहकाया जाएगा,(12)और जब जन्नत निकट कर दी जाएगी,(13)तो कोई भी क्यक्ति जान लेगा कि उसने क्या उपस्थित किया है(14)अतः नहीं! मैं क़सम खाता हूँ पीछे हटनेवालों की,(15)चलनेवालों, छिपने-दुबकने-वालों की(16)साक्षी है रात्रि जब वह प्रस्थान करे,(17)और साक्षी है प्रातः जब वह साँस ले(18)निश्चय ही वह एक आदरणीय संदेशवाहक की लाई हुई वाण
82-अल-इन्फिकार-سورة الانفطار-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan
82-अल-इन्फिकार-سورة الانفطار-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan... [जबकि आकाश फट जाएगा(1)और जबकि तारे बिखर जाएँगे(2)और जबकि समुद्र बह पड़ेंगे(3)और जबकि क़बें उखेड़ दी जाएँगी(4)तब हर व्यक्ति जान लेगा जिसे उसने प्राथमिकता दी और पीछे डाला(5)ऐ मनुष्य! किस चीज़ ने तुझे अपने उदार प्रभु के विषय में धोखे में डाल रखा हैं?(6)जिसने तेरा प्रारूप बनाया, फिर नख-शिख से तुझे दुरुस्त किया और तुझे संतुलन प्रदान किया(7)जिस रूप में चाहा उसने तुझे जोड़कर तैयार किया(8)कुछ नहीं, बल्कि तुम बदला दिए जाने का झुठलाते हो(9)जबकि तुमपर निगरानी करनेवाले नियुक्त हैं(10)प्रतिष्ठित लिपिक(11)वे जान रहे होते है जो कुछ भी तुम लोग करते हो(12)निस्संदेह वफ़ादार लोग नेमतों में होंगे(13)और निश्चय ही दुराचारी भड़कती हुई आग में(14)जिसमें वे बदले के दिन प्रवेश करेंगे(15)और उससे वे ओझल नहीं होंगे(16)और तुम्हे
84-अल-इन्शिकाक-سورة الانشقاق-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan
84-अल-इन्शिकाक-سورة الانشقاق-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan... [और वह अपने रब की सुनेगा, और उसे यही चाहिए भी(2)जब धरती फैला दी जाएगी(3)और जो कुछ उसके भीतर है उसे बाहर डालकर खाली हो जाएगी(4)और वह अपने रब की सुनेगी, और उसे यही चाहिए भी(5)ऐ मनुष्य! तू मशक़्क़त करता हुआ अपने रब ही की ओर खिंचा चला जा रहा है और अन्ततः उससे मिलने वाला है(6)फिर जिस किसी को उसका कर्म-पत्र उसके दाहिने हाथ में दिया गया,(7)तो उससे आसान, सरसरी हिसाब लिया जाएगा(8)और वह अपने लोगों की ओर ख़ुश-ख़ुश पलटेगा(9)और रह वह व्यक्ति जिसका कर्म-पत्र (उसके बाएँ हाथ में) उसकी पीठ के पीछे से दिया गया,(10)तो वह विनाश (मृत्यु) को पुकारेगा,(11)और दहकती आग में जा पड़ेगा(12)वह अपने लोगों में मग्न था,(13)उसने यह समझ रखा था कि उसे कभी पलटना नहीं है(14)क्यों नहीं, निश्चय ही उसका रब तो उसे देख रहा था!(15)अतः कुछ नहीं, मैं क़सम खाता ह
92-अल-लैल-سورة الليل-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan
92-अल-लैल-سورة الليل-Hindi-हिंदी (Muhammad Farooq Khan मोहम्मद फ़ारूक़ ख़ान) and (Muhammad Ahmed मोहम्मद अहमद)-Radwan... [साक्षी है रात जबकि वह छा जाए,(1)और दिन जबकि वह प्रकाशमान हो,(2)और नर और मादा का पैदा करना,(3)कि तुम्हारा प्रयास भिन्न-भिन्न है(4)तो जिस किसी ने दिया और डर रखा,(5)और अच्छी चीज़ की पुष्टि की,(6)हम उस सहज ढंग से उस चीज का पात्र बना देंगे, जो सहज और मृदुल (सुख-साध्य) है(7)रहा वह व्यक्ति जिसने कंजूसी की और बेपरवाही बरती,(8)और अच्छी चीज़ को झुठला दिया,(9)हम उसे सहज ढंग से उस चीज़ का पात्र बना देंगे, जो कठिन चीज़ (कष्ट-साध्य) है(10)और उसका माल उसके कुछ काम न आएगा, जब वह (सिर के बल) खड्ड में गिरेगा(11)निस्संदेह हमारे ज़िम्मे है मार्ग दिखाना(12)और वास्तव में हमारे अधिकार में है आख़िरत और दुनिया भी(13)अतः मैंने तुम्हें दहकती आग से सावधान कर दिया(14)इसमें बस वही पड़ेगा जो बड़ा ही अभागा होगा,(15)जिसने झुठलाया और मुँह फेरा(16)और उससे बच