15/11/2023
सन 2020 की बात थी, महीना अप्रैल का था। मेरे ससुर जी को कोरोना रोग ने जखेड़ लिया था। उनको चलना भी नही हो रहा था, हम लोग वर्धा शहर के zopadpatti एरिया मे रहते है, क्यो की गरीबी इंसान का इम्तिहान लेती है। जैसे तैसे करके ऑटो से मै, मेरी सास और ससुर हम तीनों लोग सेवाग्राम हॉस्पिटल मे लेकर गए, तो डॉक्टर ने कहा कि यहा पर कोरोना के बेड फुल है, आप लोग गवर्नमेंट हॉस्पिटल मे लेकर जाओ, तो वहा से हम लोग गवर्नमेंट हॉस्पिटल मे गए, वहा पर भी डॉक्टर ने कहा कि यहां पर कोरोना के बेड फुल है, आप लोग सावंगी के हॉस्पिटल मे लेकर जाओ, पेशेंट की हालात बिघड़ती जा रही थी, समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करू। जैसे तैसे सावंगी हॉस्पिटल मे पहुंचे तो वहां पर भी डॉक्टर ने कहा कि यहां पर भी कोरोना के बेड फुल है, 4 बजे कुछ पेशेंट को छुट्टी होने वाली है तब तक रुकना पड़ेगा। तब मेरे पैरो तले जमीन खिसक गई, हिम्मत ने और किस्मत ने साथ देना छोड़ दिया था। लेकिन हमारे पास कोई उपाय नहीं था, क्यो की गरीबी की वजह से हम लोग प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कर नही पा रहे थे, क्योंकि हमारे पास पैसे नहि थे, पेशेंट की हालात बिघड़ते ही जा रही थी, डॉक्टर को बताने के बाद पेशंट को गेट पर ही ऑक्सीजन लगाया। शाम होते आ रही थी तब कुछ पेशंट को छुट्टी हुई, तब मेरे ससुर को भरती लिया, तब जाके मेरे जान मे जान आ गई।
कोरोना पेशंट के साथ किसीको रहना allow नही था, तो मैं और मेरी सास हॉस्पिटल से घर आये। जैसे मै घर आया, बाथरूम मे गया और बहोत रोया, मुझे अपने उपर शर्म सी महसूस हुई, क्योंकि गरीबी के वजह से ससुर जी का इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल मे नही कर सका। उस समय मैंने मेरी wife सोनू को ये वादा किया कि इसके बाद ऐसी कोई भी प्रॉब्लम्स life मे आए, तो मैं उसके लिए तैयार रहूंगा, किसिके सामने पैसे के लिए कभी हाथ ना फैलाना पड़े।
कुछ ही दिनों के बाद मैने डिजिटल मार्केटिंग सिखा और मैंने income के कही सारे रास्ते तैयार किए, ताकि पैसों का प्रोब्लम मेरे पास कभी ना हो।
ये मेरे जिवन की सच्ची कहानी है, अगर आप डिजिटल मार्केटिंग या वेबसाइट डिजाइन सीखना चाहते है तो यूट्यूब पर Meri Digital Duniya इस चैनल पर सभी विडियो है आप देख सकते है।
इस कहानी पर आपकी क्या राय है तो मुझे कॉमेंट मे बता सकते है।