viral clip video

viral clip video Vira video clips and trending video

06/08/2024

Namo ghat

Banaras

05/08/2024

Namo ghat

21/07/2024

साढ़ की सवारी 😂😂 Banaras

20/05/2024

3d hologram jise aap free me bana sakte hai

19/05/2024

रबर कैसा बनता है आइए जानते है
Rabar making

16/05/2024

क्या टैलेंट है भाई ,

,
,
,
,


#गांव

11/05/2024

This farmer's hard work deserves a like,
इस किसान की मेहनत का एक लाइक तो बनता है,

#गांव

11/05/2024

घूमती हुई बाल्टी में गेंद कैसे डालें
How to put a ball in a rotating bucket


#रील्स #वायरल #बॉल

09/05/2024

Chicken curry vs Pitai 😂😝

08/05/2024

गरीबों का SRK 😂 😝

,
,
,
,
,
,
,
,
,
,
,
,
,
,



08/05/2024

मौत कभी भी बता कर नही आती 😭😭😭

,
,
,
,
,
,
,
,
,
,

07/05/2024

जादुई तरबूज का खेल

Jadui tarbuz khel

07/05/2024

Insan se bana murgi

19/04/2024

Hi everyone kaise hai sabhi

04/03/2024

एक समय शहर से कुछ ही दूरी पर एक मंदिर का निर्माण किया जा रहा था। मंदिर में लकड़ी का काम बहुत था इसलिए लकड़ी चीरने वाले बहुत से मज़दूर काम पर लगे हुए थे। यहां-वहां लकड़ी के लठ्टे पडे हुए थे और लठ्टे व शहतीर चीरने का काम चल रहा था। सारे मज़दूरों को दोपहर का भोजन करने के लिए शहर जाना पड़ता था, इसलिए दोपहर के समय एक घंटे तक वहां कोई नहीं होता था। एक दिन खाने का समय हुआ तो सारे मज़दूर काम छोड़कर चल दिए। एक लठ्टा आधा चिरा रह गया था। आधे चिरे लठ्टे में मज़दूर लकड़ी का कीला फंसाकर चले गए। ऐसा करने से दोबारा आरी घुसाने में आसानी रहती है।
तभी वहां बंदरों का एक दल उछलता-कूदता आया। उनमें एक शरारती बंदर भी था, जो बिना मतलब चीजों से छेड़छाड़ करता रहता था। पंगे लेना उसकी आदत थी। बंदरों के सरदार ने सबको वहां पड़ी चीजों से छेड़छाड़ न करने का आदेश दिया। सारे बंदर पेड़ों की ओर चल दिए, पर वह शैतान बंदर सबकी नजर बचाकर पीछे रह गया और लगा अड़ंगेबाजी करने।
उसकी नजर अधचिरे लठ्टे पर पड़ी। बस, वह उसी पर पिल पड़ा और बीच में अड़ाए गए कीले को देखने लगा। फिर उसने पास पड़ी आरी को देखा। उसे उठाकर लकड़ी पर रगड़ने लगा। उससे किर्रर्र-किर्रर्र की आवाज़ निकलने लगी तो उसने गुस्से से आरी पटक दी। उन बंदरो की भाषा में किर्रर्र-किर्रर्र का अर्थ ‘निखट्टू’ था। वह दोबारा लठ्टे के बीच फंसे कीले को देखने लगा।
उसके दिमाग में कौतुहल होने लगा कि इस कीले को लठ्टे के बीच में से निकाल दिया जाए तो क्या होगा? अब वह कीले को पकड़कर उसे बाहर निकालने के लिए ज़ोर आजमाईश करने लगा। लठ्टे के बीच फंसाया गया कीला तो दो पाटों के बीच बहुत मज़बूती से जकड़ा गया होता हैं, क्योंकि लठ्टे के दो पाट बहुत मज़बूत स्प्रिंग वाले क्लिप की तरह उसे दबाए रहते हैं।
बंदर खूब ज़ोर लगाकर उसे हिलाने की कोशिश करने लगा। कीला जोर लगाने पर हिलने व खिसकने लगा तो बंदर अपनी शक्ति पर खुश हो गया।
वह और ज़ोर से खौं-खौं करता कीला सरकाने लगा। इस धींगामुश्ती के बीच बंदर की पूंछ दो पाटों के बीच आ गई थी, जिसका उसे पता ही नहीं लगा।
उसने उत्साहित होकर एक जोरदार झटका मारा और जैसे ही कीला बाहर खिंचा, लठ्टे के दो चिरे भाग फटाक से क्लिप की तरह जुड़ गए और बीच में फंस गई बंदर की पूंछ। बंदर चिल्ला उठा।
तभी मज़दूर वहां लौटे। उन्हें देखते ही बंदर ने भागने के लिए ज़ोर लगाया तो उसकी पूंछ टूट गई। वह चीखता हुआ टूटी पूंछ लेकर भागा।
.............................
कहानी सुनाकर करटक बोला, “इसीलिए कहता हूँ कि जिस काम से कोई अर्थ न सिद्ध होता हो, उसे नहीं करना चाहिए। व्यर्थ का काम करने से जान भी जा सकती है। अरे, अब भी पिंगलक जो शिकार करके लाता है, उससे हमें भरपेट भोजन तो मिल ही जाता है। तब बेकार ही झंझट में पड़ने से क्या फायदा!"

दमनक बोला, “तो तुम क्या केवल भोजन के लिए ही जीते हो? यह तो ठीक नहीं। अपना पेट कौन नहीं भर लेता! जीना तो उसका ही उचित है, जिसके जीने से और भी अनेक लोगों का जीवन चलता हो। दूसरी बात यह कि शक्ति होते हुए भी जो उसका उपयोग नहीं करता और उसे यों ही नष्ट होने देता है, उसे भी अंत में अपमानित होना पड़ता है!"

करटक ने कहा, “लेकिन हम दोनों तो ऐसे भी मंत्रीपद से च्युत हैं। फिर राजा के बारे में यह सब जानने की चेष्टा करने से क्या लाभ? ऐसी हालत में तो राजा से कुछ कहना भी अपनी हँसी उड़वाना ही होगा। व्यक्ति को अपनी वाणी का उपयोग भी वहीं करना चाहिए, जहाँ उसके प्रयोग से किसीका कुछ लाभ हो!"

“भाई, तुम ठीक नहीं समझते। राजा से दूर रहकर तो रही-सही इज्जत भी गँवा देंगे हम। जो राजा के समीप रहता है, उसीपर राजा की निगाह भी रहती है और राजा के पास होने से ही व्यक्ति असाधारण हो जाता है।''

करटक ने पूछा, “तुम आखिर करना क्या चाहते हो?"

“हमारा स्वामी पिंगलक आज भयभीत है।'' दमनक बोला, “उसके सारे सहचर भी डरे-डरे-से हैं। मैं उनके भय का कारण जानना चाहता हूँ।"

“तुम्हें कैसे पता कि वे डरे हुए हैं?''

“लो, यह भी कोई मुश्किल है! पिंगलक के हाव-भाव, चाल-ढाल, उसकी बातचीत, आँखों और चेहरे से ही स्पष्ट जान पड़ता है कि वह भयभीत है। मैं उसके पास जाकर उसके भय के कारण का पता करूँगा। फिर अपनी बुद्धि का प्रयोग करके उसका भय दूर कर दूँगा। इस तरह उसे वश में करके मैं फिर से अपना मंत्रीपद प्राप्त करूँगा।''

करटक ने फिर भी शंका जताई, “तुम इस विषय में तो कुछ जानते नहीं कि राजा की सेवा किस प्रकार करनी चाहिए। ऐसी स्थिति में उसे वश में कैसे कर लोगे?''

दमनक बोला, “राजसेवा के बारे में मैं नहीं जानता, यह तुम कैसे कह सकते हो? बचपन में पिता के साथ रहकर मैंने सेवाधर्म तथा राजनीति के विषय में जो कुछ भी सुना, सब अच्छी तरह सीख लिया है। इस पृथ्वी में अपार स्वर्ण है; उसे तो बस शूरवीर, विद्वान्‌ तथा राजा के चतुर सेवक ही प्राप्त कर सकते हैं।''

करटक को फिर भी विश्वास नहीं आ रहा था। उसने कहा, “मुझे यह बताओ कि तुम पिंगलक के पास जाकर कहोगे क्या?"

“अभी से मैं क्या कहूँ! वार्ततालाप के समय तो एक बात से दूसरी बात अपने आप निकलती जाती है। जैसा प्रसंग आएगा वैसी ही बात करूँगा। उचित-अनुचित और समय का विचार करके ही जो कहना होगा, कहूँगा। पिता की गोद में ही मैंने यह नीति-वचन सुना है कि अप्रासंगिक बात कहनेवाले को अपमान सहना ही पड़ता है, चाहे वह देवताओं के गुरु बृहस्पति ही क्यों न हों।''

करटक ने कहा, “तो फिर यह भी याद रखना कि शेर-बाघ आदि हिंस्र जंतुओं तथा सर्प जैसे कुटिल जंतुओं से संपन्न पर्वत जिस प्रकार दुर्गण और विषम होते हैं उसी प्रकार राजा भी क्रूर तथा दुष्ट व्यक्तियों की संगति के कारण बड़े कठोर होते हैं। जल्दी प्रसन्‍न नहीं होते और यदि कोई भूल से भी राजा की इच्छा के विरुद्ध कुछ कर दे तो साँप की तरह डसकर उसे नष्ट करते उन्हें देर नहीं लगती।”

दमनक बोला, ''आप ठीक कहते हैं। बुद्धिमान व्यक्ति को स्वामी की इच्छा के अनुकूल कार्य करके उसे प्रसन्‍न करना चाहिए। इसी मंत्र से उसे वश में किया जा सकता है।"

करटक ने समझ लिया कि दमनक ने मन-ही-मन पिंगलक से मिलने का दृढ़ निश्चय कर लिया है। वह बोला, “ऐसा विचार है तो अवश्य जाओ। बस, मेरी एक बात याद रखना कि राजा के पास पहुँचकर हर समय सावधान रहना। तुम्हारे साथ ही मेरा भविष्य भी जुड़ा है। तुम्हारा पथ मंगलमय हो।''

करटक की अनुमति पाकर दमनक उसे प्रणाम करके पिंगलक से मिलने के लिए चल पड़ा।

सुरक्षा के लिए व्यूह के बीचोबीच बैठे पिंगलक ने दूर से ही दमनक को अपनी ओर आते देख लिया। उसने व्यूह के द्वार पर नियुक्त प्रहरी से कहा, “मेरे पूर्व महामंत्री का पुत्र दमनक आ रहा है। उसे निर्भय प्रवेश करने दो और उचित आसन पर बैठाने का प्रबंध करो।"

दमनक ने बेरोक-टोक पिंगलक के पास पहुँचकर उसे प्रणाम किया। साथ ही उसका संकेत पाकर वह निकट ही दूसरे मंडल में बैठ गया।

सिंहराज पिंगलक ने अपना भारी पंजा उठाकर स्नेह दिखाते हुए दमनक के कंधे पर रखा और आदर के साथ पूछा, “कहो, दमनक, कुशल से तो रहे? आज बहुत दिनों के बाद दिखाई पड़े। किधर से आ रहे हो?'

दमनक बोला, ''महाराज के चरणों में हमारा क्या प्रयोजन हो सकता है! किंतु समय के अनुसार राजाओं को भी उत्तम, मध्यम तथा अधम-हर कोटि के व्यक्ति से काम पड़ सकता है। ऐसे भी हम लोग महाराज के सदा से ही सेवक रहते आए हैं। दुर्भाग्य से हमें हमारा पद और अधिकार नहीं मिल पाया है तो भी हम आपकी सेवा छोड़कर कहाँ जा सकते हैं। हम लाख छोटे और असमर्थ सही, किंतु कोई ऐसा भी अवसर आ सकता है, जब महाराज हमारी ही सेवा लेने का विचार करें।”

पिंगलक उस समय उद्विग्न था। बोला, “तुम छोटे-बड़े या समर्थ-असमर्थ की बात छोड़ो, दमनक। तुम हमारे मंत्री के पुत्र हो, अत: तुम जो भी कहना चाहते हो, निर्भय होकर कहो।''

अभयदान पाकर भी चालाक दमनक ने राजा के भय के विषय में सबके सामने बात करना ठीक नहीं समझा। उसने अपनी बात कहने के लिए एकांत का अनुरोध किया।

पिंगलक ने अपने अनुचरों की ओर देखा। राजा की इच्छा समझकर आसपास के जीव-जंतु हटकर दूर जा बैठे।

एकांत होने पर दमनक ने बड़ी चतुराई से पिंगलक की दुखती रग ही छेड़ दी। बोला, “स्वामी, आप तो यमुना-तट पर पानी पीने जा रहे थे, फिर सहसा प्यासे ही लौटकर इस मंडल के बीच इस तरह चिंता से व्यग्र होकर क्यों बैठे हैं? ''

दमनक की बात सुनकर सिंह पहले तो सकुचा गया। फिर दमनक की चतुराई पर भरोसा करके उसने अपना भेद खोल देना उचित समझा। पल-भर सोचकर बोला, “दमनक, यह जो रह-रहकर गर्जना-सी होती है, इसे तुम भी सुन रहे हो न?

“सुन रहा हूँ, महाराज!"

“बस, इसीके कारण मैं क्षुब्ध हूँ।तट पर यही गर्जना बार-बार हो रही थी। लगता है, इस वन में कोई विकट जंतु आ गया है। जिसकी गर्जना ही इतनी भयंकर हैं, वह स्वयं कैसा होगा! इसीके कारण मैं तो यह जंगल छोड़कर कहीं और चले जाने का विचार कर रहा हूँ।''

दमनक ने कहा, ''लेकिन मात्र शब्द सुनकर भय के मारे अपना राज्य छोड़ना तो उचित नहीं है, महाराज! शब्द अथवा ध्वनि का क्या है। कितने ही बाजों की ध्वनि भी गर्जना की-सी बड़ी गंभीर होती है और अपने पुरखों का स्थान छोड़ने से पहले पता तो करना ही चाहिए कि ध्वनि का कारण कया है। यह तो गोमायु गीदड़ की तरह डरने की बात हुई, जिसे बाद में पता चला कि ढोल में तो पोल-ही-पोल है।''

पिंगलक ने पूछा, '“गोमायु गीदड़ के साथ कया घटना हुई थी?'' दमनक गोमायु की कहानी सुनाने लगा--

02/03/2024

एक बार की बात है जब एक शेर जंगल में सो रहा था। उस समय एक चूहा उसके शरीर में उछल कूद करने लगा अपने मनोरंजन के लिए। इससे शेर की नींद ख़राब हो गयी और वो उठ गया साथ में गुस्सा भी हो गया।

sher chuha Short Moral Story in Hindi
वहीँ फिर वो जैसे ही चूहे को खाने को हुआ तब चूहे ने उससे विनती करी की उसे वो आजाद कर दें और वो उसे कसम देता है की कभी यदि उसकी जरुरत पड़े तब वो जरुर से शेर की मदद के लिए आएगा। चूहे की इस साहसिकता को देखकर शेर बहुत हँसा और उसे जाने दिया।

कुछ महीनों के बाद एक दिन, कुछ शिकारी जंगल में शिकार करने आये और उन्होंने अपने जाल में शेर को फंसा लिया। वहीँ उसे उन्होंने एक पेड़ से बांध भी दिया। ऐसे में परेशान शेर खुदको छुड़ाने का बहुत प्रयत्न किया लेकिन कुछ कर न सका। ऐसे में वो जोर से दहाड़ने लगा।

उसकी दहाड़ बहुत दूर तक सुनाई देने लगी। वहीँ पास के रास्ते से चूहा गुजर रहा था और जब उसने शेर की दहाड़ सुनी तब उसे आभास हुआ की शेर तकलीफ में है। जैसे ही चूहा शेर के पास पहुंचा वो तुरंत अपनी पैनी दांतों से जाल को कुतरने लगा और जिससे शेर कुछ देर में आजाद भी हो गया और उसने चूहे को धन्यवाद दी। बाद में दोनों साथ मिलकर जंगल की और चले गए।

16/02/2024

हाथी और कुत्ते की कहानी | Hathi aur Kutte ki Kahani
एक समय की बात है किसी राज्य में एक शक्तिशाली राजा राज्य करता था। उस राजा के महल में बहुत से हाथी थे किंतु राजा का सबसे प्रिय हाथी सरमन था। सरमन बहुत ही शक्तिशाली और बुद्धिमान हाथी था । राजा जब भी लड़ाई के मैदान में जाता तो हमेशा सरमन पर ही सवार होकर जाता था और अपना हर युद्ध जीत कर आता था।

राजा ने सरमन के लिए एक अलग ही कक्ष बना रखा था जिसमें सरमन रहता और खाता पीता था। सरमन की सेवा के लिए अलग से महावत लगा हुआ था। सरमन हाथी जहां रहता था उसी के पास कुत्ते का एक बच्चा भी रहता था । राजा का प्रिय हाथी होने के कारण सरमन को तरह-तरह के स्वादिष्ट पकवान दिए जाते थे ।

सरमन के खाने के बाद जो भी जूठन बचती उसे चुपके से कुत्ते का बच्चा खा लेता था। सरमन शक्तिशाली होने के साथ ही बहुत ही दयालु प्रवृत्ति का हाथी था । उसने देखा कि कुत्ते का बच्चा उसकी जूठन खाकर अपना पेट भरता है तो उसने कुत्ते के बच्चे से कहा- ” तुम मेरे खाने के बाद जो बचता है उसे क्यूँ खाते हो ? तुम आज से मेरे संथ ही खाना खाया करो ।

“कुत्ते का बच्चा बोला- ” आप राजा के प्रिय हाथी हो मै आपके सांथ खाना कैसे खा सकता हूँ |”

कुत्ते के बच्चे की बातें सुनकर सरमन हाथी बोला- ” एक काम करो तुम मेरे मित्र बन जाओ फिर तो हम दोनोंसांथ में बैठ कर खाना खा सकते हैं |”

हाथी अकेला बोर होता था उसने कुत्ते के बच्चे के सांथ दोस्ती कर ली और दोनों सांथ में खाना खाते और खेलते थे । धीरे-धीरे कुत्ते का बच्चा बड़ा होने लगा और अच्छा भोजन खाने के कारण काफी हष्ट पुष्ट हो गया। एक दिन व्यापारी उस रास्ते से गुजर रहा था । व्यापारी की नजर उस कुत्ते पर पड़ी और उसने सोचा की इतना हष्ट पुष्ट कुत्ता मेरे घर की रखवाली के लिए अच्छा रहेगा। व्यापारी ने महावत को कुछ रुपए का लालच दिया । महावत का कुत्ते पर कोई अधिकार नहीं था फिर भी पैसे के लालच में उसने व्यापरी को कुत्ता बेंच दिया । व्यापारी कुत्ते को अपने साथ ले गया।
उधर कुत्ता भी हाथी से बिछड़ कर बहुत दुखी था । कुत्ते के जाने से सरमन हाथी भी उदास रहने लगा और और उसने खाना पीना कम कर दिया। धीरे-धीरे हाथी कमजोर होने लगा । राजा ने जब हाथी की ऐसी हालत देखी तो वह बहुत चिंतित हुआ और उसने महावत से हाथी के कमजोर होने का कारण पूछा।
महावत को को भी समझ में नहीं आ रहा था कि हाथी को क्या हो रहा है। राजा ने राजवैध को बुलाया और पूछा- ” मेरे इस प्रिय हाथी को क्या हुआ यह दिन प्रतिदिन कमजोर होता जा रहा है । राजवैध ने हाथी का परिक्षण किया और रजा को जवाब दिया- ” महाराज ! हाथी किस के वियोग से दुखी है इसी कारण इसने खाना पीना छोड़ दिया है और कमजोर होने लगा है |
राजा ने जब इसके बारे में जानकारी एकत्र की तो उसे पता चला कि हाथी की दोस्ती एक कुत्ते से थी और कुत्ते के जाने के बाद से ही हाथी का स्वास्थ्य खराब हुआ है। राजा ने अपने सैनिकों को आज्ञा दी कि किसी भी तरह उस कुत्ते का पता लगाकर उसे वापस लाया जाए। सैनिकों ने कुत्ते का पता लगाकर व्यापारी सहित कुत्ते को राजा के सामने पेश किया।

व्यापारी ने रजा को पूरी बात बतलाई | राजा बहुत दयालु प्रवृत्ति का था उसने महावत और व्यापारी को माफ कर दिया और कुत्ते को हाथी के पास भेज दिया। कुत्ते को देखते ही हाथी अत्यंत प्रसन्न हुआ और कुत्ते को अपनी सूंढ़ में लपेट कर अपनी पीठ पर बैठा लिया। हाथी से मिलकर कुत्ता भी फूला नहीं समा रहा था। कुत्ते के आते ही हाथी ने फिर से खाना शुरू कर दिया और पहले की तरह हष्ट-पुष्ट और स्वस्थ हो गया।

शिक्षा – हाथी और कुत्ते की कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि दोस्ती में कोई बड़ा छोटा या अमीर गरीब नहीं होता।

15/02/2024

भागलपुर नामक शहर में राज अपनी मां के साथ रहता था। वाह बहुत ही ज्यादा नेक दिल इंसान था। एक दिन एक बात है राज की मां राज से कहती है कि चलो मार्केट जाना है मैं अकेले सारा सामान नहीं ला पाऊंगी ऐसे मत तुम करो मेरे साथ हो मुझे सामान लेकर आना।

फिर भी राज कहता है कि मेरा मन नहीं है कहीं जाने का मैं कहीं नहीं जा सकता हूं मुझे अकेला छोड़ दो। तभी मां कहती है कि अगर तुम नहीं जाओगे मार्केट तो मैं तो नाम बाहरी संबंध कैसे लाऊंगी साथ ही साथ मुझे मेरे शरीर में दर्द भी है यही समय तुम्हें साथ में ले जाना चाह रही हूं।
काफी देर बीत जाने के बाद राज कहता है कि चलो ठीक है मैं आपके साथ जाने के लिए तैयार हूं परंतु जल्दी सामान खरीद कर जल्दी घर आ जाना है मार्केट में किसी भी प्रकार का देरी नहीं करना चाहता हूं मैं। साथ ही साथ मुझे अच्छा नहीं लग रहा है और मैं घर पर ही रहना चाहता हूं।

जैसे ही राज और उसकी मां मार्केट करनी निकलती है और राज भी साथ साथ जाता है। कुछ दूर जाने के बाद राज के मोबाइल में फोन आता है और राज कहता है कि ” तुम्हें तुम इतने दिन कहां थे तुम्हारा कभी फोन नहीं आ रहा था आज अचानक कि मेरा याद आया है रुखसार, इतना कहते हैं राज फोन काट देता है।
फिर राज और उसकी मां शॉपिंग करने लगते हैं शॉपिंग करते करते राज के सामने में वही लड़के जिन्होंने फोन किया था सामने आ जाती है। राज के सामने रुखसार आने के बाद राज का हां भाव ही बदल जाता है क्योंकि राज पहले से ही उस लड़के से प्यार किया करता था। लेकिन कुछ गलतफहमी होने के कारण है रुखसार राज को छोड़कर किसी और लड़के से प्यार करने लगी थी।

राज और अवसर दोनों जब आमने-सामने हुआ तो दोनों देखकर एक दूसरे को मुस्कुराया और फिर दोनों दोनों अपने घर चले गए हैं। घर जाते ही राज अपने मोबाइल से रुखसार को फोन करता है और कहता है कि “आज तुम बहुत खुश हो और आज तुम बहुत खूबसूरत की लग रही थी”।
तभी रुखसार कहती है कि मेरा तुमसे बात करने का कोई मतलब ही नहीं बनता है मैं अंकित के साथ बहुत खुश हूं। तभी राज कहता है कि अच्छी बात है तुम अपनी जिंदगी तुम्हारी मर्जी जैसे तुम भी हो लेकिन मैं अभी तुमसे बहुत प्यार करता हूं और सदा करता रहूंगा। फिर रुखसार कहती है कि तुम मेरे पास फोन क्यों करते हो हमको तुमसे कोई काम नहीं है मैं अपनी जिंदगी में अंकित के साथ बहुत ज्यादा खुशी खुशी रहती हूं।

उसके बाद राज निराश होकर फोन काट देता है और सोने के लिए अपने घर चला जाता है। अंकित रुखसार का वर्तमान का बॉयफ्रेंड था वह हमेशा से मतलब के हर आज के बाद से वही रुखसार के पास फोन किया करता था और सारी प्रकार के बातें किया करता है तथा शादी करने के लिए भी वादा किया था।
अंकित एक प्रकार का शक करने वाला लड़का था वह रुखसार को हमेशा फोन करके कहां करता था कि ” तुम कहां जाती हो कहां आती हो तुम्हारा फोन इतना क्यों बिजी रहता है इत्यादि” इन बातों को सुनकर अनुसार भी कभी-कभी गुस्से में आ जाती थी और कहती थी कि मेरी फैमिली है मेरे मम्मी पापा है मेरे दोस्त यार है मैं उन सभी से भी बात करती हूं।

एक बार रुखसार किसी पार्टी में गई हुई थी और अंकित फोन पर फोन करेगा उसे मोबाइल में साउंड इतनी तेज होने के कारण उसका फोन आने की रिंग नहीं सुनाई दी और वह जब बाहर निकला तो देखा कि उनके फोन में बहुत सारा मिस कॉल है अंकित। लेकिन पार्टी में बिजी होने के कारण रुखसार अंकित का फोन नहीं उठा पाती है और जब दोबारा रुखसार इधर से अंकित के पास फोन करते हैं तो अंकित कहता है कि ” मैं जब भी तुम्हारे पास फोन करता हूं तुम्हारा फोन बिजी आता है क्या तुम्हारे मन में कोई बात चल रहा है तो मुझे बताओ”।
एक दिन अंकित रुखसार को फोन करता और करता है कि तुम्हें मेरे साथ घूमने जा रहा था अगर तुम नहीं जाओगे तो जितना भी तुम्हारा फोटो है मेरे पास प्राइवेट फोटो मैं सभी को लेकर तुम्हारे घर में दिखा दूंगा। वह भी बहुत चीजें घर पर अंकित रुखसार को ब्लैकमेल करने लगा था मुझे कहीं भी घूमने जाने के लिए। धीरे-धीरे रुखसार को अंकित का सोच के बारे में पता चल गया।

एक दिन अंकित सच में रुखसार के घर आ गया और रुखसार के घर में उसके पापा को सबसे बता दिया था। साथ ही अंकित ने रुखसार के घरवालों को रुखसार के सभी प्राइवेट फोटो के दिखा दिए थे तभी उनके घर वालों ने रुखसार की शादी अंकित के साथ करने का फैसला कर लिया था। लेकिन रुखसार इस शादी से बिल्कुल भी निराश था वह खुश नहीं था।
वह अपने पिता जी और घरवालों को कहता कि मैं उससे शादी नहीं करूंगी। इससे उसके घरवाले दबाव में डालकर उतार को कहता है कि तुम्हें उससे शादी करनी ही होगी क्योंकि तुम्हारा प्राइवेट फोटो उसके पास है। कभी रुखसार कहती है कि मैं किसी भी कीमत में से शादी नहीं करने वाला हूं चाहे जो भी हो जाए। सभी घरवाले कहते हैं कि तुम्हारे सभी प्राइवेट फोटोज के पास है अगर वह सोशल मीडिया पर लिख कर दिया तो तुम्हारी शादी कहां होगी।

शादी के लिए रुखसार को अब सभी लोग जबरदस्ती करने लगे थे उसके घर वाले। जब उन दोनों की जबरदस्ती शादी हो रही थी तो रुखसार की सहेली सारी बात जाकर रुखसार की पहली बॉयफ्रेंड को बता देती है।
कुछ ही देर बाद राज वही जगह पर पहुच जाता है और पूछता है “ये सब क्या चल रहा है।” रुखसार के साथ। तभी रुखसार के घरवाले सारी बात राज को बता देती है। लेकिन राज रुखसार से बहुत ही ज्यादा प्यार करता था। इसी कारण से राज तुरंत ही शादी के लिए राजी हो जाता है और कहता है कि अगर कोई नही करेगा शादी तो मैं रुखसार से शादी करने के लिए तैयार हूँ।

यह सुनकर रुखसार के मन-तन में जान में जान आयी वह मुस्कुराई और जल्दी स्व जाकर राज से लिपट गयी। अब रज भी बहुत खुश था क्योंकि राज ने पुलिस थाना में अंकित के खिलाफ FIR किया था। पुलिस आयी और अंकित को पकड़ कर लेकर चल गई।
फिर उसके बाद से अंकित अब तक जेल में हवा खा रहा था। अब तो रुख्सार की शादी भी हो गयी थी राज के साथ। अब वो दोनों मज़े में अपनी जिंदगी गुजार रहें थे। इसीलिए कहा जाता है कि हमेशा सभी के साथ अच्छा करो नहीं तो ऊपर वाला किसी के साथ अच्छा करता है किसी के साथ बुरा करता है। जो जिसके साथ ऐसा करता है उसको वैसा ही मिलता है।

15/02/2024

भागलपुर नामक शहर में राज अपनी मां के साथ रहता था। वाह बहुत ही ज्यादा नेक दिल इंसान था। एक दिन एक बात है राज की मां राज से कहती है कि चलो मार्केट जाना है मैं अकेले सारा सामान नहीं ला पाऊंगी ऐसे मत तुम करो मेरे साथ हो मुझे सामान लेकर आना।

फिर भी राज कहता है कि मेरा मन नहीं है कहीं जाने का मैं कहीं नहीं जा सकता हूं मुझे अकेला छोड़ दो। तभी मां कहती है कि अगर तुम नहीं जाओगे मार्केट तो मैं तो नाम बाहरी संबंध कैसे लाऊंगी साथ ही साथ मुझे मेरे शरीर में दर्द भी है यही समय तुम्हें साथ में ले जाना चाह रही हूं।
काफी देर बीत जाने के बाद राज कहता है कि चलो ठीक है मैं आपके साथ जाने के लिए तैयार हूं परंतु जल्दी सामान खरीद कर जल्दी घर आ जाना है मार्केट में किसी भी प्रकार का देरी नहीं करना चाहता हूं मैं। साथ ही साथ मुझे अच्छा नहीं लग रहा है और मैं घर पर ही रहना चाहता हूं।

जैसे ही राज और उसकी मां मार्केट करनी निकलती है और राज भी साथ साथ जाता है। कुछ दूर जाने के बाद राज के मोबाइल में फोन आता है और राज कहता है कि ” तुम्हें तुम इतने दिन कहां थे तुम्हारा कभी फोन नहीं आ रहा था आज अचानक कि मेरा याद आया है रुखसार, इतना कहते हैं राज फोन काट देता है।
फिर राज और उसकी मां शॉपिंग करने लगते हैं शॉपिंग करते करते राज के सामने में वही लड़के जिन्होंने फोन किया था सामने आ जाती है। राज के सामने रुखसार आने के बाद राज का हां भाव ही बदल जाता है क्योंकि राज पहले से ही उस लड़के से प्यार किया करता था। लेकिन कुछ गलतफहमी होने के कारण है रुखसार राज को छोड़कर किसी और लड़के से प्यार करने लगी थी।

राज और अवसर दोनों जब आमने-सामने हुआ तो दोनों देखकर एक दूसरे को मुस्कुराया और फिर दोनों दोनों अपने घर चले गए हैं। घर जाते ही राज अपने मोबाइल से रुखसार को फोन करता है और कहता है कि “आज तुम बहुत खुश हो और आज तुम बहुत खूबसूरत की लग रही थी”।
तभी रुखसार कहती है कि मेरा तुमसे बात करने का कोई मतलब ही नहीं बनता है मैं अंकित के साथ बहुत खुश हूं। तभी राज कहता है कि अच्छी बात है तुम अपनी जिंदगी तुम्हारी मर्जी जैसे तुम भी हो लेकिन मैं अभी तुमसे बहुत प्यार करता हूं और सदा करता रहूंगा। फिर रुखसार कहती है कि तुम मेरे पास फोन क्यों करते हो हमको तुमसे कोई काम नहीं है मैं अपनी जिंदगी में अंकित के साथ बहुत ज्यादा खुशी खुशी रहती हूं।

उसके बाद राज निराश होकर फोन काट देता है और सोने के लिए अपने घर चला जाता है। अंकित रुखसार का वर्तमान का बॉयफ्रेंड था वह हमेशा से मतलब के हर आज के बाद से वही रुखसार के पास फोन किया करता था और सारी प्रकार के बातें किया करता है तथा शादी करने के लिए भी वादा किया था।
अंकित एक प्रकार का शक करने वाला लड़का था वह रुखसार को हमेशा फोन करके कहां करता था कि ” तुम कहां जाती हो कहां आती हो तुम्हारा फोन इतना क्यों बिजी रहता है इत्यादि” इन बातों को सुनकर अनुसार भी कभी-कभी गुस्से में आ जाती थी और कहती थी कि मेरी फैमिली है मेरे मम्मी पापा है मेरे दोस्त यार है मैं उन सभी से भी बात करती हूं।

एक बार रुखसार किसी पार्टी में गई हुई थी और अंकित फोन पर फोन करेगा उसे मोबाइल में साउंड इतनी तेज होने के कारण उसका फोन आने की रिंग नहीं सुनाई दी और वह जब बाहर निकला तो देखा कि उनके फोन में बहुत सारा मिस कॉल है अंकित। लेकिन पार्टी में बिजी होने के कारण रुखसार अंकित का फोन नहीं उठा पाती है और जब दोबारा रुखसार इधर से अंकित के पास फोन करते हैं तो अंकित कहता है कि ” मैं जब भी तुम्हारे पास फोन करता हूं तुम्हारा फोन बिजी आता है क्या तुम्हारे मन में कोई बात चल रहा है तो मुझे बताओ”।
एक दिन अंकित रुखसार को फोन करता और करता है कि तुम्हें मेरे साथ घूमने जा रहा था अगर तुम नहीं जाओगे तो जितना भी तुम्हारा फोटो है मेरे पास प्राइवेट फोटो मैं सभी को लेकर तुम्हारे घर में दिखा दूंगा। वह भी बहुत चीजें घर पर अंकित रुखसार को ब्लैकमेल करने लगा था मुझे कहीं भी घूमने जाने के लिए। धीरे-धीरे रुखसार को अंकित का सोच के बारे में पता चल गया।

एक दिन अंकित सच में रुखसार के घर आ गया और रुखसार के घर में उसके पापा को सबसे बता दिया था। साथ ही अंकित ने रुखसार के घरवालों को रुखसार के सभी प्राइवेट फोटो के दिखा दिए थे तभी उनके घर वालों ने रुखसार की शादी अंकित के साथ करने का फैसला कर लिया था। लेकिन रुखसार इस शादी से बिल्कुल भी निराश था वह खुश नहीं था।
वह अपने पिता जी और घरवालों को कहता कि मैं उससे शादी नहीं करूंगी। इससे उसके घरवाले दबाव में डालकर उतार को कहता है कि तुम्हें उससे शादी करनी ही होगी क्योंकि तुम्हारा प्राइवेट फोटो उसके पास है। कभी रुखसार कहती है कि मैं किसी भी कीमत में से शादी नहीं करने वाला हूं चाहे जो भी हो जाए। सभी घरवाले कहते हैं कि तुम्हारे सभी प्राइवेट फोटोज के पास है अगर वह सोशल मीडिया पर लिख कर दिया तो तुम्हारी शादी कहां होगी।

शादी के लिए रुखसार को अब सभी लोग जबरदस्ती करने लगे थे उसके घर वाले। जब उन दोनों की जबरदस्ती शादी हो रही थी तो रुखसार की सहेली सारी बात जाकर रुखसार की पहली बॉयफ्रेंड को बता देती है।
कुछ ही देर बाद राज वही जगह पर पहुच जाता है और पूछता है “ये सब क्या चल रहा है।” रुखसार के साथ। तभी रुखसार के घरवाले सारी बात राज को बता देती है। लेकिन राज रुखसार से बहुत ही ज्यादा प्यार करता था। इसी कारण से राज तुरंत ही शादी के लिए राजी हो जाता है और कहता है कि अगर कोई नही करेगा शादी तो मैं रुखसार से शादी करने के लिए तैयार हूँ।

यह सुनकर रुखसार के मन-तन में जान में जान आयी वह मुस्कुराई और जल्दी स्व जाकर राज से लिपट गयी। अब रज भी बहुत खुश था क्योंकि राज ने पुलिस थाना में अंकित के खिलाफ FIR किया था। पुलिस आयी और अंकित को पकड़ कर लेकर चल गई।
फिर उसके बाद से अंकित अब तक जेल में हवा खा रहा था। अब तो रुख्सार की शादी भी हो गयी थी राज के साथ। अब वो दोनों मज़े में अपनी जिंदगी गुजार रहें थे। इसीलिए कहा जाता है कि हमेशा सभी के साथ अच्छा करो नहीं तो ऊपर वाला किसी के साथ अच्छा करता है किसी के साथ बुरा करता है। जो जिसके साथ ऐसा करता है उसको वैसा ही मिलता है। #कहानियां #हिंदीकहानिया

14/02/2024

दिल्ली में एक कॉलेज में मनीषा और अंकित एक साथ पढ़ाई करते थे। मनीषा और अंकित बचपन के पुराने दोस्त से क्योंकि उनके घर आसपास इसे और दोनों पड़ोसी थे। जो मनीषा और अंकित छोटे-छोटे हुआ करते थे तभी से ही दोनों एक साथ एक ही स्कूल बताएं कि कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं अभी तक।

दोनों को एक साथ रहते रहते करीब करीब 18 से 20 साल का वक्त गुजर गया था क्योंकि उन्होंने स्कूल से लेकर अपनी कॉलेज की पढ़ाई तक एक ही कॉलेज से एक ही साथ में किया करते थे। उस समय वे दोनों मतलब के मनीषा और अंधी एक साथ एक ही कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे राहों में
दोनों में इतनी ज्यादा गहरी मित्रता होने के कारण भाभी दोनों हमेशा साथ साथ रहते थे। इसी कारण से कॉलेज के सभी लोग उन दोनों के बीच में प्यार है ऐसा मानते थे। लेकिन शांति और मनीषा के दिल में ऐसा कुछ भी नहीं था वे दोनों सिर्फ एक अच्छे दोस्त से।

एक दिन अंकित कहता है कि ” मनीषा हम दोनों की दोस्ती के चर्चे पूरे कॉलेज में है और लोग हम दोनों को काफी बुरा भला कहते हैं।, तभी मनीषा कहती है कि ना ही तुम्हारे दिल में कुछ है मेरे लिए नहीं मेरे दिल में तुम्हारे लिए कुछ है हम दोनों एक सिर्फ पवित्र दोस्त हैं हम दोनों के बीच में प्यार जैसा कोई चीज नहीं है।
उसके बाद अंकित कहता है कि ” तुम सही कह रही हो लेकिन हम दोनों को लोग ऐसे कहते हैं मुझे ऐसा नहीं लगता और हम दोनों जब एक साथ होते हैं तो लोगों को काफी ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता होगा। तभी मनीषा कहते हैं कि जिसको जो बोलना है बोलने दो हमारे तुम्हारे बीच ऐसा कुछ है ही नहीं तो हमें कोई दिक्कत नहीं होगी हम सब दिन साथ में ही रहेंगे। उसके बाद आकर कहता है कि ” चाहे कुछ भी हो जाए जब तक मेरी जान में जान है मैं सदा तुम्हारा दोस्त बनकर आऊंगा दुनिया चाहे कुछ भी कहे।,
तभी कॉलेज में नामांकन का कार्य चल रहा था इसे क्लास में एक खूबसूरत लड़की आई थी इसका नाम स्वीटी था। स्वीटी देखने में बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही थी और जब अंकित उसे देखा तो वह पहली बार में ही स्वीटी को पसंद कर लिया था। लेकिन यह बात ना तो स्वीटी को पता थी और ना ही मनीषा।

एक दिना अंकित मनीषा को बुलाकर कहता है कि वह लड़की जो नहीं रही कॉलेज में आई है जिसका नाम स्वीटी है वह मुझे बहुत पसंद है अगर तुम्हारा उसको बनता है तो तुम जाकर मेरे लिए बात करो। यह सुनकर हमेशा कहती है कि यह तो अच्छी बात है वह तो बहुत अच्छी लड़की है देखने में बहुत ज्यादा खूबसूरत है तुमने अच्छी लड़की पसंद की है।
फिर जैसे मनीषा एक दिन मौका देखती है वह छोटी को अपने पास बुला कर कहती है कि मेरा दोस्त मतलब कि अंकित तुमसे कुछ कहना चाहता है। फिर अंकित को उसके सामने बुलाता है और कहता है कि तुम दोनों आपस में बात कर लो। लेकिन जब अंकित स्वीटी से बात करने लगता है और कहता है कि छोटी में तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करता हूं और तुम मुझे बहुत ज्यादा पसंद हो।
इतना सुनने के बाद स्वीटी कहती है कि मैं ही नहीं पूरा कॉलेज तथा पूरी आसपुर के सभी लोग जानते हैं कि तुम्हारा और मनीषा का बहुत ज्यादा चक्कर चल रहा है। पूरा कॉलेज तुम्हारे मनीषा के बारे में बोल रहे हैं यह दोनों प्रेमी प्रेमिका है हमेशा एक साथ रहते हैं और एक दूसरे को प्यार भी करते हैं। ऐसे में मैं तुमसे कैसे प्यार कर सकती हूं लेकिन यह बात अलग है लेकिन मैं भी तुम्हें जब से देखी हूं तब से तुम्हारे प्यार में पागल हूं।

स्वीटी हम किसे कहते हैं ” जब मैंने पहली बार ही तुम्हें देखा तो तुम्हें पसंद कर लिया था लेकिन लोगों की बातें सुनकर कि मनीषा तुम्हारी गर्लफ्रेंड है तो मैं अपने दिल से इस प्यार को निकाल दिया था। लेकिन नाम से अब तुम खुद ही बोल रहे हो क्या तुम दोनों के बीच में कुछ नहीं है तो मैं तुम्हारे प्यार को एक्सेप्ट करता हूं और मैं भी आई लव यू करता हूं।
उसके बाद अंकित और स्वीटी दोनों आपस में गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड बन जाते हैं और दोनों एक साथ रहने लगते हैं। एक दिन कॉलेज में किसी फंक्शन होने का ऐलान हुआ था सभी लोगों की तैयारियों में जुट गए थे जल्द ही Party का दिन भी नजदीक आ गया था।

पूरी दुनिया अभी भी मास्क में चल रही थी क्योंकि वह दौर जिनमें बस कुछ ही दिन पहले लॉकडाउन खत्म हुआ था पूरे शहर में। फंक्शन कॉलेज में शुरू हो गया था सभी लोग फंक्शन में मास्क पहने हुए पार्टी में इंजॉय कर रहे थे। तभी उस पार्टी से निकलकर एक लड़का मनीषा को बुलाती है और कहती है कि चलो दूसरे कमरे में तुम्हें कुछ बात करनी है।
जब मनीषा बाहर निकलती है उसे साथ जाने के लिए भी उन्हें नहीं पता था कि कोई और उन्हें बुला रहा है मस्त लगाने के बावजूद भी उन्हें कुछ पता नहीं चला पा रहा हूं। लेकिन आपको बता दें कि वह अंकित नहीं था बल्कि कॉलेज का कोई लड़का था जिससे मनीषा भी अनजान थी।

फिर दूसरों में ले जाकर मनीषा से गलत व्यवहार करता है तथा गलत गलत कार्य करता है। तभी मनीषा बेहोश हो जाती है और वह लड़का वहां से भाग जाता है। जब भी यह बात अंकित को पता चलती है कि मनीषा किसी के साथ बाहर गई है बहुत ढूंढते ढूंढते उसी कमरे में पहुंच जाता है। अंकित जब मनीषा को देखता है तो उसे बेहोशी की हालत में पाया उसे उठाकर दिल के लिए अस्पताल ले गया और अस्पताल में भर्ती कर दिया।
दो-तीन दिन होने के बाद मनीषा को हो जाता है और उन्हें तबीयत सही नहीं लगती है। तभी मनीषा अंकित से कहती है कि मेरे साथ किसी ने बहुत बुरा बर्ताव किया है मुझे अकेले रूम में ले जाकर मेरे साथ मेरा सिर्फ काम किया है। अंकिता मनीषा को दिलासा दिला तार कहना है कि जिंदा मत करो मैं हूं ना तुम्हें किसी भी प्रकार का कोई दिक्कत नहीं होगा।

तभी मनीषा कैसी है कि जब यह बात पूरी कॉलेज में पहुंच जाएगी और पूरे आस-पड़ोस हो पहुंच जाएगी मेरे घरवाले के पास पहुंच जाएगी तो लोग क्या कहेंगे और मैं अपने घर वाले को क्या जवाब दूंगी। तभी अंकित कहता है कि तुम चिंता मत करो यार आज हम दोनों के बीच ही रहेगा और मैं कुछ ही दिनों में यह तुम्हारे साथ गलत किया है उसे पकड़ा ही लूंगा।
धीरे-धीरे समय बीता गया दो-तीन महीने बाद मनीषा को पता चलता है कि वह प्रेग्नेंट है। तभी मनीषा कहती है कि अंकित अब यह बात मेरी घरवाली सुनेगी तो क्या कहेंगे आप मुझे जीने का मन नहीं कर रहा है मुझे मरने का मन कर रहा है। तभी अंकित कहता है कि तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारा सबसे अच्छा दोस्त हूं और मैंने वादा किया था कि जिंदगी भर तुम्हारा साथ दूंगा।

फिर मनीषा को दिलासा देते हुए अंकित कहता है कि कोई बात नहीं है तुम अपने घर वालों को बता सकती हो कि अंकित ही तुम्हारे बच्चे का बाप है। मनीषा ऐसा ही करती है धीरे-धीरे घरवाले समेत पूरी कॉलेज में पता चल जाता है। जब दोनों कॉलेज जाता है तो लोग देखकर हंसते हैं और कहते हैं कि देखो दोनों में बहुत ज्यादा पवित्र मित्रता थी लेकिन दोनों ने एक दूसरे के साथ गलत संबंध बनाकर अपने दोस्त को प्रेग्नेंट कर दिया।
इन सभी बातों को सुनकर संगीत को बहुत ज्यादा बुरा लगता था लेकिन उन्होंने अपने दोस्त है मनीषा से वादा किया था कि उन्हें किसी प्रकार या कोई तकलीफ नहीं होने देगा। जैसे ही समय बीतता गया और मनीषा का बच्चा जब जन्म लिया तो तभी अंकित कहता है कि अब मैं तो पुलिस को बता दूंगा पुलिस छानबीन करेगी बच्चा भी पैदा हो गया है इनका डीएनए और मिलान हो जाएगा।
अंकित इस बात को पुलिस को बता देता है पुलिस अपने स्तर पर छानबीन शुरू कर देती है और असली गुनाहगार का पता लगा लेता है। पुलिस ने कॉलेज की सीसीटीवी फुटेज की मदद से असली गुनाहगार का पता लगा लेता है वह लड़का उसी कॉलेज का अक्षय नाम का लड़का था। फिर हमेशा के बच्चे पैदा अक्षय का डीएनए मिला ना होता है दोनों का डीएनए एक जैसा पाया जाता है और असली गुनहगार को पकड़ लिया जाता है।

फिर दोनों के घर वाले को बुलाकर उनकी शादी कराई जाती है। और फिर संगीत अपनी जिम्मेवारी से छुटकारा पाता है। यह देखकर मनीषा के घर वाले बता कॉलेज के सभी लड़के लड़कियां अंकिता खूब तारीफ करता है और कहता है कि तुम दोनों को जैसे ही अच्छे दोस्त और सच्चे मित्र थे वैसे ही अभी भी है हम ही लोगों को गलत पता चल गया था। सच्ची मित्रता तो तुम दोनों के अंदर ही है।

Address

Varanasi
Varanasi
221001

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when viral clip video posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to viral clip video:

Videos

Share


Other Gaming Video Creators in Varanasi

Show All