19/06/2023
काल एक रहस्यमय और अद्वितीय विषय है जो हमारे जीवन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमारी सार्वभौमिक अनुभवों को निर्धारित करता है, समय के चक्र को अचल और अविच्छेद्य माना जाता है। वेद और पुराणों में भी समय के महत्त्व को गहराई से व्यक्त किया गया है। इन प्राचीन ग्रंथों में समय की प्रकृति, उसके अवतरण और प्रभाव के बारे में व्यापक विचार व्यक्त किए गए हैं। चलिए, हम इस अद्भुत विषय को गहराई से समझने का प्रयास करें। समय, वेदों में "काल" या "काला" के रूप में उल्लेखित है, जिसे दिवस-रात, अहोरात्र, मास, ऋतु, वर्ष और युग के माध्यम से प्रकट किया गया है। ये अवधियाँ हमारे जीवन को आयाम देती हैं और संसार की सृष्टि और प्रलय की प्रक्रिया को नियंत्रित करती हैं। वेदों में समय को ईश्वरीय शक्ति के रूप में स्वीकार किया गया है, जो सृष्टि के प्रवाह का संचालन करती है। अध्यात्मिक संदर्भ में, योगियों और ऋषियों ने समय क ो अद्वैत ब्रह्म के अंश के रूप में व्यक्त किया है। वे समय को निर्माणकर्ता और विनाशकर्ता के रूप में देखते हैं, जो सृष्टि का अभिन्न अंग है। समय को उन्होंने एक अद्वितीय, अचल और अनंत शक्ति के रूप में प्रमाणित किया है। वेदों में समय के विभिन्न पहलुओं पर विचार किए गए हैं। वेदों के विभिन्न मन्त्रों में समय की महत्वपूर्णता को प्रस्तुत किया गया है। यहां कुछ मन्त्रों का उल्लेख किया जा रहा है जो समय के महत्त्व को स्पष्ट करते हैं: 1. मन्त्र: "कालोऽस्मि लोकक्षयकृत्प्रवृद्धः" (भगवद्गीता, ११.३२) अर्थ: "मैं संहार करने वाला काल हूँ, जो लोकों का संहार करने के लिए प्रवृत्त हुआ है।" 2. मन्त्र: "सहस्रयुगपर्यन्तमहर्यद्ब्रह्मणो विदुः" (मुण्डक उपनिषद्, १.४०) अर्थ: "ब्रह्मा की एक दिव्य वर्ष आयु को सहस्र युगों तक ही जानते हैं।" 3. मन्त्र: "असतो मा सद्गमय" (बृहदारण्यक उपनिषद्, १.३.२८) अर्थ: " हमें असत्य से सत्य की ओर ले चलो।" ये मन्त्र वेदों में समय के अनुभव को गहराई से व्यक्त करते हैं। समय ब्रह्मा और ईश्वर के विशेष गुणों का प्रतिष्ठान करता है, जो सृष्टि, संहार और सृष्टि के पुनरावर्तन का संचालन करते हैं। ये मन्त्र हमें यह समझाते हैं कि समय हमारे जीवन का महत्त्वपूर्ण एवं अभिन्न हिस्सा है, जिसे हमें उच्च सत्य की ओर ले जाना चाहिए। वेदों और पुराणों में समय की उपेक्षा नहीं की गई है। इन प्राचीन ग्रंथों ने समय को ईश्वरीय शक्ति के रूप में स्वीकार किया है, जो हमारे जीवन को आयाम देती है, सृष्टि के प्रवाह का संचालन करती है और हमें सत्य की ओर ले जाती है। इसलिए, हमें समय के महत्व को समझने और उसे हमारे लक्ष्य की प्राप्ति में उपयोग करने की आवश्यकता है। यह ज्ञान हमें मानवीय संवेदना को स्थायी करने, जीवन को समृद्ध और उद्यमी बनाने में सहायता करेगा। जबकि समय एक रहस्यमय और अद्वितीय विषय है, लेकिन यह हमारे जीवन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। समय हमारे सार्वभौमिक अनुभवों को निर्धारित करता है और हमारे जीवन को एक सीमित संकल्पित क्षेत्र में बांधता है। वेद और पुराणों में समय की प्रकृति, उसके अवतरण और प्रभाव के बारे में व्यापक विचार व्यक्त किए गए हैं। यहां उल्लेख किए गए ग्रंथों में समय को ब्रह्मा के संचालन करने वाले एक ईश्वरीय शक्ति के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसे ईश्वर का एक अंश माना जाता है, जो सृष्टि को समय के माध्यम से नियंत्रित करता है। आध्यात्मिक संदर्भ में, समय को योगियों और ऋषियों ने अद्वैत ब्रह्म के अंश के रूप में व्यक्त किया है। वे समय को सृष्टि का निर्माणकर्ता और विनाशकर्ता मानते हैं, जो सृष्टि का अभिन्न अंग है। इन दृष्टिकोण से, समय को एक अद्वितीय, अचल और अनंत शक्ति के रूप में प्रमाणित किया जाता है। वेदों में समय की विभिन्न पहलुओं पर विचार किए गए हैं और समय की महत्वपूर्णता को प्रस्तुत किया गया है। उदाहरण के लिए, भगवद्गीता में कहा गया है कि भगवान कृष्ण खुद को "लोकक्षयकृत्प्रवृद्धः" यानी संहार करने वाले काल के रूप में प्रकट करते हैं। इसके अलावा, मुण्डक उपनिषद् में ब्रह्मा की दिव्य आयु को सहस्र युगों तक ही जानने वाले कहा गया है। इन मन्त्रों के माध्यम से हमें समय के महत्त्व को समझाया जाता है और हमें सत्य की ओर आग्रह किया जाता है। समय ब्रह्मा और ईश्वर के विशेष गुणों का प्रतिष्ठान करता है, जो सृष्टि, संहार और सृष्टि के पुनरावर्तन का संचालन करते हैं। इस प्रकार, समय हमारे जीवन का महत्त्वपूर्ण और अभिन्न हिस्सा है और हमें सत्य की ओर ले जाना चाहिए। यह ज्ञान हमें मानवीय संवेदना को स्थायी करने, जीवन को समृद्ध और उद्यमी बनाने में सहायता करेगा। समय के महत्व को समझने और उसे अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में उपय ोग करने के लिए, हमें उसका समय का उपयोग और प्रबंधन करना आवश्यक होता है। इसके लिए, हमें अपने कार्यक्रमों और कार्यों को समय के अनुसार नियोजित करना चाहिए, संगठित रहना चाहिए और समय के साथ समझौता करना चाहिए। हमें समय के महत्व को समझने के बाद उसे सर्वश्रेष्ठ तरीके से उपयोग करने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि हम अपने जीवन को समृद्ध, उद्यमी और अर्थपूर्ण बना सकें।
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