Divya Kashi दिव्य काशी

Divya Kashi दिव्य काशी काशी दर्शन

 #दर्शन दशाश्वमेध घाट स्थित सिद्ध पीठ श्री बड़ी शीतला माता मंदिर के भूगर्भ  गुफा में विराजमान श्री आदिकाल भैरव नाथ जी का...
07/12/2023

#दर्शन दशाश्वमेध घाट स्थित सिद्ध पीठ श्री बड़ी शीतला माता मंदिर के भूगर्भ गुफा में विराजमान श्री आदिकाल भैरव नाथ जी का भैरव अष्टमी पूजन सिंगर आरती का दिव्य दर्शन करें
#दिव्य_काशी
Kashi दिव्य काशी

दर्शन काशी विश्वनाथ जी कीहर हर महादेवहर हर गंगे
07/12/2023

दर्शन काशी विश्वनाथ जी की
हर हर महादेव
हर हर गंगे

05/12/2023
05/12/2023

इस पेज से जुड़े तमाम साथियों को बताना चाहता हूं कि आज महाअष्टमी के उपलक्ष में लाट भैरव बाबा का पूजन दर्शन एवं भैरवाष्टक पाठ सम्पन्न कराया जायेगा। अतः दर्शन के अभिलाषी प्रेमी संध्या 4:30 से पेज पर दर्शन प्राप्त कर सकते हैं।

हर हर महादेव
03/12/2023

हर हर महादेव

Kashi ke rajadhiraj Maharaj Baba Vishwanath ji ka darshanHar har Mahadev Jay Vishwanath
04/08/2023

Kashi ke rajadhiraj Maharaj Baba Vishwanath ji ka darshan
Har har Mahadev
Jay Vishwanath

04/12/2022

Jai mahakaal

हर हर महादेव !!!जय विश्वनाथ !!!!
23/11/2022

हर हर महादेव !!!
जय विश्वनाथ !!!!

Har Har Mahadev
09/10/2022

Har Har Mahadev

Nageshwar bhagwan ki jai
11/08/2022

Nageshwar bhagwan ki jai

Om namah shivaya
10/08/2022

Om namah shivaya

महामृत्युंजय मन्त्र के आगे क्वांटम मशिन बेबस।।हर हर महादेवदुनिया के 50 विश्वविद्यालयों के 500 वैज्ञानिक कर रहे शोध।।
19/07/2022

महामृत्युंजय मन्त्र के आगे क्वांटम मशिन बेबस।।
हर हर महादेव

दुनिया के 50 विश्वविद्यालयों के 500 वैज्ञानिक कर रहे शोध।।

Har Har Shambhu.....
16/07/2022

Har Har Shambhu.....

समस्त काशीवासी को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएंगुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:। गुरुर्साक्षात् परब...
13/07/2022

समस्त काशीवासी को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं
गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:।
गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।।

जय मां संकठा
17/06/2022

जय मां संकठा

17/06/2022

हर हर महादेव मित्रों

ऊँ हं हनुमते नमः
07/06/2022

ऊँ हं हनुमते नमः

बाबा काल भैरव की जय
02/06/2022

बाबा काल भैरव की जय

"वट सावित्री व्रत कथा"पौराणिक कथा के अनुसार, सावित्री राजर्षि अश्वपति की पुत्री थीं, जो अपने पिता की एकमात्र संतान थीं. ...
29/05/2022

"वट सावित्री व्रत कथा"

पौराणिक कथा के अनुसार, सावित्री राजर्षि अश्वपति की पुत्री थीं, जो अपने पिता की एकमात्र संतान थीं. सावित्री का विवाह द्युमत्सेन के पुत्र सत्यवान से हुआ. नारद जी ने सावित्री के पिता अश्वपति को बताया कि सत्यवान गुणवान और धर्मात्मा है, लेकिन वह अल्पायु है. विवाह के एक साल बाद ही उसकी मृत्यु हो जाएगी.

पिता ने सावित्री को काफी समझाया, लेकिन वह नहीं मानीं. उन्होंने कहा कि सत्यवान ही उनके पति हैं, वह दूसरा विवाह नहीं कर सकती हैं. सत्यवान अपने माता पिता के साथ वन में रहते थे, सावित्री भी उनके साथ रहने लगीं.

नारद जी ने सत्यवान की मृत्यु का जो समय बताया था, उससे पूर्व समय से सावित्री उपवास करने लगीं. जिस दिन सत्यवान की मृत्यु का दिन निश्चित था, उस दिन वह लकड़ी काटने के लिए जंगल में जाने लगे, तो सावित्री भी उनके साथ वन में गईं.
सत्यवान जैसे ही पेड़ पर चढ़ने लगे, वैसे ही उनके सिर में तेज दर्द होने लगा. वह वट वृक्ष के नीचे आकर सावित्री की गोद में सिर रखकर लेट गए. कुछ समय बाद सावित्री ने देखा कि यमराज मयदूतों के साथ सत्यवान के प्राण लेने आए हैं. वे सत्यवान के प्राण को लेकर जाने लगे. उनके पीछे पीछे सावित्री भी चलने लगीं.

कुछ समय बाद यमराज ने देखा कि सावित्री उनके पीछे पीछे चली आ रही हैं, तो उन्होंने सावित्री से कहा कि सत्यवान से तुम्हारा साथ धरती तक ही था. अब तुम वापस लौट जाओ. सावित्री ने कहा कि जहां पति जाएंगे, वहां उनके साथ जाना एक पत्नी का धर्म है.यमराज सावित्री के पतिव्रता धर्म से बहुत प्रसन्न हुए और वर मांगने को कहा. सावित्री ने अपने सास ससुर की आंखों की रोशनी वापस आने का वर मांगा. यमराज ने वह वरदान दे दिया. ​कुछ समय बाद यमराज ने देखा कि सावित्री अभी भी उनके पीछे चल रही हैं, तो उन्होंने फिर एक वरदान मांगने को कहा. सावित्री ने अपने ससुर का खोया राजपाट वापस मिलने का वरदान मांगा. यमराज ने वह भी वरदान दे दिया.

इसके बाद भी सावित्री यमराज के पीछे चलती रहीं. यमराज ने उनसे एक और वरदान मांगने को कहा. सावित्री ने सत्यवान के 100 पुत्रों की माता बनने का वरदान मांगा. अपने वचन से बंधे यमराज ने सावित्री को 100 पुत्रों की माता होने का वरदान दिया और सत्यवान के प्राण लौटा दिए. वे वहां ये अदृश्य हो गए.

सावित्री वहां से लौटकर वट वृक्ष के पास आ गईं. उन्होंने देखा कि सत्यवान पुन:जीवित हो गए हैं, उनको यमराज ने जीवन दान दे दिया है. सावित्री के व्रत और पतिव्रता धर्म से सत्यवान को दोबारा जीवन मिल गया और उनके ससुर को खोया राजपाट भी मिल गया. वे पहले की तरह देखने भी लगे.इसके बाद से ही सुहागन महिलाएं वट सावित्री व्रत करने लगीं, ताकि उनके भी पति की आयु लंबी हो, उन्हें भी पुत्र सुख प्राप्त हो और उनका वैवाहिक जीवन सुखमय हो........

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पवन तनय संकट हरण मंगल मूर्ति रूप। राम लखन सीता सहित हृदय बसहू सुर भूप।।
27/05/2022

पवन तनय संकट हरण मंगल मूर्ति रूप।
राम लखन सीता सहित हृदय बसहू सुर भूप।।

हर हर महादेव शंभू काशी विश्वनाथ गंगे
26/05/2022

हर हर महादेव शंभू काशी विश्वनाथ गंगे

23/02/2022

अखिल भारतीय ब्राह्मण संरक्षण संघ भारत के सम्मान समारोह कार्यक्रम का दृश्य

पंडित महामना मदन मोहन मालवीय जी एवं  श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी की जयंती पर शत-शत नमन  #आचार्य_कुन्दन_पाण्डेय
25/12/2021

पंडित महामना मदन मोहन मालवीय जी एवं श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी की जयंती पर शत-शत नमन #आचार्य_कुन्दन_पाण्डेय

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