02/10/2023
पापा !
आज आपको गए छह साल गुज़र गए. कैलेंडर कहता है छह साल, दिल कहता है छह लम्हा भी नहीं. जैसे आज अभी की ही बात हो. आज की यह तारीख़ मेरी ज़िंदगी के कैलेंडर से कोई डिलीट कर दे. और बस यहीं सब कुछ रोक दे, जब आप थे, जब आप हो. आपके जाने को अब भी मैं इंकार करता हूँ. क्योंकि वे वादाख़िलाफ़ी है. आप तो बचपन से कहते थे कि मेरा बेटा ये करेगा, मेरा बेटा वो करेगा, मेरा नाम करेगा, मेरा काम करेगा. और जब थोड़ा सा सम्हलना शुरू ही किया कि आप चले गए. इतनी भी क्या जल्दी थी?
वैसे आज आप होते तो शायद मुझ पर थोड़ा सा ही सही, सुकून महसूस तो करते ही कि जिन बातों को आप मुझे बचपन से समझाते गए, थोड़ी सी समझ आना शुरू हुईं, थोड़ी देर से ही सही. आप द्वारा बताए गए विचारो और रास्तो पर ही मैं चलने का प्रयास कर रहा हूँ! उम्मीद ताक़तवर होती है, आप होते तो थोड़ा डर कम लगता मुझे!
फिर भी जानते हो पापा! आप आज भी मेरे आस पास होते ही हो, जब भी अकेला महसूस करता हूँ, आपको अपने पास पाता हूँ! मुझे पता है कि आपके मुताबिक़ वैचारिक तेवर, हिम्मत, बेबाक़ी, निडरता, ईमानदारी मेहनती कभी नहीं हो सकूँगा. मगर बस आपको अपने भीतर महसूस करता रहूँगा! पापा, आप ऐसे ही मुझमें धड़कते रहना🙏
आई मिस यू पापा 🙏🌹❤️