08/04/2023
अपनी #मृत्यु और अपनों की मृत्यु #डरावनी लगती है। बाकी तो मौत को enjoy ही करता है इंसान ...
मौत के स्वाद का #चटखारे लेता मनुष्य ...
थोड़ा #कड़वा लिखा है पर मन का लिखा है ...
मौत से प्यार नहीं , मौत तो हमारा #स्वाद है।---
बकरे का,गाय का,भेंस का,ऊँट का,सुअर का,हिरण का,तीतर का, मुर्गे का,हलाल का,बिना हलाल का, ताजा बकरे का,भुना हुआ बकरे का,छोटी मछली, #बड़ी मछली,
हल्की आंच पर सिका हुआ #मछली।
न जाने कितने बल्कि अनगिनत स्वाद हैं मौत के।
क्योंकि मौत किसी और की, और स्वाद हमारा....
स्वाद से कारोबार बन गई #मौत।
मुर्गी पालन, मछली पालन, बकरी पालन, पोल्ट्री फार्म्स।
नाम "पालन" और मक़सद "हत्या"❗
#स्लाटर हाउस तक खोल दिये। वो भी #ऑफिशियल।
गली गली में खुले नये बिरयानी #रेस्टॉरेंट, मौत का कारोबार नहीं तो और क्या हैं ? मौत से प्यार और उसका कारोबार इसलिए क्योंकि मौत हमारी नही है।
जो हमारी तरह बोल नही सकते, #अभिव्यक्त नही कर सकते, अपनी सुरक्षा स्वयं करने में समर्थ नहीं हैं,
उनकी असहायता को हमने अपना बल कैसे मान लिया ?
कैसे मान लिया कि उनमें #भावनाएं नहीं होतीं ?
या उनकी आहें नहीं निकलतीं ?
#डाइनिंग टेबल पर हड्डियां नोचते बाप बच्चों को सीख देते है, बेटा कभी किसी का दिल नही दुखाना ! किसी की आहें मत लेना ! किसी की #आंख में तुम्हारी वजह से आंसू नहीं आना चाहिए !
बच्चों में झुठे #संस्कार डालते बाप को, अपने हाथ मे वो हडडी दिखाई नही देती, जो इससे पहले एक शरीर थी, जिसके अंदर इससे पहले एक #आत्मा थी, उसकी भी एक मां थी ...??
जिसे काटा गया होगा ? जो कराहा होगा ? जो तड़पा होगा ?
जिसकी आहें निकली होंगी ? जिसने बद्दुआ भी दी होगी ?
कैसे मान लिया कि जब जब धरती पर #अत्याचार बढ़ेंगे तो
भगवान सिर्फ तुम इंसानों की #रक्षा के लिए अवतार लेंगे ..❓
क्या मूक #जानवर उस परमपिता #परमेश्वर की संतान नहीं हैं .❓
क्या उस ईश्वर को उनकी रक्षा की #चिंता नहीं है .. ❓
धर्म की आड़ में उस #परमपिता के नाम पर अपने स्वाद के लिए कभी ईद पर बकरे काटते हो, कभी दुर्गा मां या भैरव बाबा के सामने बकरे की #बली चढ़ाते हो।
कहीं तुम अपने स्वाद के लिए मछली का भोग लगाते हो।
पर मरा कटा एक बेजुबान ही 😌
कभी सोचा ...??
क्या ईश्वर का #स्वाद होता है ? ....क्या है उनका भोजन ?
किसे ठग रहे हो ?
भगवान को ? वाहेगुरु को ? अल्लाह को ? जीसस को ? या स्वयं को ?
#मंगलवार को नानवेज नही खाता ...!
आज शनिवार है इसलिए नहीं ...!
अभी रोज़े चल रहे हैं ....!
#नवरात्रि में तो सवाल ही नही उठता ....!
झूठ पर झूठ.....झूठ पर झूठ.झूठ पर झूठ ..
हमारे बच्चों को अगर कोई ऐसे खाए तो हमें कैसा लगेगा ??
#कर्म का #फल मिल कर रहता है ये याद रखना ।
ईश्वर ने #विवेक सिर्फ तुम्हे दी । ताकि तमाम योनियों में भटकने के बाद मानव योनि में तुम #जन्म_मृत्यु के चक्र से निकलने का रास्ता ढूँढ सको। लेकिन तुमने इस मानव योनि को पाते ही स्वयं को #भगवान समझ लिया।
प्रकृति के साथ रहो।
प्रकृति के होकर रहो।
शुभम यादव उन्नाव
मो.8960008348
एक पशु प्रेमी