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हम जीवन में धन कमाने में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि हम भूल ही जाते हैं, धन जीवन जीने के लिए होता है, जीवन धन कमाने के लि...
09/04/2025

हम जीवन में धन कमाने में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि हम भूल ही जाते हैं, धन जीवन जीने के लिए होता है, जीवन धन कमाने के लिए नहीं !

पूरे संसार में सबसे अच्छी किताब, हम स्वयं है खुद को समझ लीजिए, सब समस्याओं का समाधान मिल जाएगा !                        ...
08/04/2025

पूरे संसार में सबसे अच्छी किताब, हम स्वयं है खुद को समझ लीजिए, सब समस्याओं का समाधान मिल जाएगा !

जो व्यक्ति सही मात्रा में भोजन करता है, सही समय पर नींद लेता है, जिसकी जीवन शैली व्यवस्थित है, जो अनुशासन में रहता है, व...
06/04/2025

जो व्यक्ति सही मात्रा में भोजन करता है, सही समय पर नींद लेता है, जिसकी जीवन शैली व्यवस्थित है, जो अनुशासन में रहता है, वह हमेशा स्वस्थ रहता है। ऐसे लोगों से रोग दूर रहते हैं।

अमेरिका के टेनेसी राज्य में रहने वाले 12 साल के Jackson Oswalt ने वो कर दिखाया जो बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटीज़ और रिसर्च लैब्...
05/04/2025

अमेरिका के टेनेसी राज्य में रहने वाले 12 साल के Jackson Oswalt ने वो कर दिखाया जो बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटीज़ और रिसर्च लैब्स में वैज्ञानिक सालों से करने की कोशिश कर रहे हैं। उसने अपने घर के बेडरूम को ही मिनी लैब में बदल दिया और वहां न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर बना डाला। इस अद्भुत उपलब्धि के बाद अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी के दो एजेंट्स भी उससे मिलने पहुंचे, यह जानने के लिए कि वह ये सब कैसे कर पाया।

न्यूक्लियर फ्यूजन एक बेहद जटिल वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें दो हल्के परमाणु (जैसे हाइड्रोजन) मिलकर एक भारी परमाणु बनाते हैं और इसी दौरान भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। यही प्रक्रिया सूरज और अन्य तारों में होती है, जो उन्हें ऊर्जा का स्रोत बनाती है। और यही तकनीक भविष्य में पृथ्वी पर अक्षय ऊर्जा का सबसे साफ और शक्तिशाली माध्यम बन सकती है।

Jackson ने पुराने लैब उपकरण, वैक्यूम पंप, और हाई-वोल्टेज इलेक्ट्रॉनिक्स की मदद से इस फ्यूजन रिएक्टर को बनाया। उसने अपने माता-पिता की मदद से हज़ारों डॉलर के पार्ट्स जुटाए और महीनों की रिसर्च के बाद सफलतापूर्वक फ्यूजन प्रक्रिया को अंजाम दिया।

इस उपलब्धि ने न सिर्फ उसे दुनिया के सबसे कम उम्र के फ्यूजन वैज्ञानिकों की सूची में शामिल कर दिया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि जुनून, ज्ञान और जिज्ञासा की कोई उम्र नहीं होती।

2019 के बाद पहली बार, अमेरिका की कैलिफोर्निया स्थित ऑरोविल झील का जलस्तर 440 फीट से ऊपर पहुंच गया है। इस बढ़ते जलस्तर की...
05/04/2025

2019 के बाद पहली बार, अमेरिका की कैलिफोर्निया स्थित ऑरोविल झील का जलस्तर 440 फीट से ऊपर पहुंच गया है। इस बढ़ते जलस्तर की मुख्य वजह वायुमंडलीय नदी तूफान (Atmospheric River Storms) और भारी वर्षा रही, जिसने इलाके में रिकॉर्ड तोड़ पानी भर दिया।

जैसे ही झील का जलस्तर ऊपरी सीमा को पार करता है, इसका प्रसिद्ध "ग्लोरी होल" स्पिलवे सक्रिय हो जाता है। यह स्पिलवे एक विशाल फ़नल के आकार की जल निकासी प्रणाली है, जो तब काम में आती है जब जलस्तर नियंत्रण सीमा से ऊपर चला जाता है। यह किसी विज्ञान-फंतासी फिल्म की तरह दिखता है — मानो झील के बीचोंबीच एक बड़ा सुराख हो गया हो, जिसमें पानी तेजी से खिंच रहा हो।

"ग्लोरी होल" दुनिया के सबसे अनोखे स्पिलवेज़ में से एक है। इसका व्यास लगभग 72 फीट है और यह झील के अधिक पानी को सुरक्षित रूप से नदी में छोड़ने का काम करता है ताकि बांध को कोई खतरा न हो।

कैलिफोर्निया में मौसम की यह असामान्यता, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को भी उजागर करती है, क्योंकि वायुमंडलीय नदी तूफान पहले की तुलना में अधिक तीव्र और लगातार हो रहे हैं। इस घटना ने पर्यावरणविदों और वैज्ञानिकों का ध्यान भी खींचा है कि भविष्य में हमें ऐसे और अधिक जलवायु-संबंधी अतिरेक देखने को मिल सकते हैं।

अपनी पीड़ा के लिए संसार को दोष मत दो, अपने मन को समझाओ, तुम्हारे मन का परिवर्तन ही तुम्हारे दुखों का अंत है !           ...
05/04/2025

अपनी पीड़ा के लिए संसार को दोष मत दो, अपने मन को समझाओ, तुम्हारे मन का परिवर्तन ही तुम्हारे दुखों का अंत है !

संसद में वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक पारित होने के बाद देशभर में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। क...
04/04/2025

संसद में वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक पारित होने के बाद देशभर में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। कोलकाता, अहमदाबाद, चेन्नई, हैदराबाद, पटना, लखनऊ और अन्य शहरों में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरकर इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। इन प्रदर्शनों में महिलाओं और बच्चों की भागीदारी भी देखी जा रही है।

नए संशोधन के तहत राज्य वक़्फ़ बोर्डों और केंद्रीय वक़्फ़ परिषद में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, सरकार को वक़्फ़ संपत्तियों के स्वामित्व की पुष्टि करने का अधिकार दिया गया है, जिससे समुदाय में यह चिंता बढ़ गई है कि उनकी धार्मिक संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण हो सकता है। आलोचकों का मानना है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और वक़्फ़ संपत्तियों के अधिग्रहण का रास्ता साफ कर सकता है।

कांग्रेस और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया है और इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने इस विधेयक को मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध साजिश बताया है, जबकि कांग्रेस इसे असंवैधानिक करार दे रही है। दूसरी ओर, सरकार का कहना है कि इस कानून से वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार कम होगा।

राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा। इस बीच, मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों ने इसे कानूनी रूप से चुनौती देने की रणनीति बनाई है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर देशभर में और अधिक विरोध प्रदर्शन देखने को मिल सकते हैं।

हैदराबाद के कांचा गाचीबौली जंगल की 400 एकड़ भूमि को आईटी और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए इस्तेमाल करने की सरकार की...
04/04/2025

हैदराबाद के कांचा गाचीबौली जंगल की 400 एकड़ भूमि को आईटी और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए इस्तेमाल करने की सरकार की योजना का स्थानीय लोग और पर्यावरणविद कड़ा विरोध कर रहे हैं। यह जंगल शहर के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय बैलेंस बनाए रखता है और यहां कई दुर्लभ वनस्पतियाँ, जीव-जंतु और जल स्रोत मौजूद हैं।

राज्य सरकार का कहना है कि इस भूमि का उपयोग आईटी हब, रियल एस्टेट, इंडस्ट्रियल और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए किया जाएगा, जिससे हैदराबाद में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। अधिकारियों के अनुसार, शहर के तेजी से होते विस्तार के चलते इस तरह के नए प्रोजेक्ट जरूरी हैं, ताकि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके।

पर्यावरण विशेषज्ञों और एक्टिविस्ट्स का मानना है कि यह जंगल हैदराबाद के ‘ग्रीन लंग्स’ की तरह काम करता है, जो हवा को शुद्ध करने, तापमान को नियंत्रित रखने और जल संरक्षण में अहम भूमिका निभाता है। इस जंगल की कटाई से शहर में तापमान बढ़ेगा और हीटवेव्स अधिक प्रभावित करेंगी। कांचा गाचीबौली क्षेत्र हैदराबाद के भूमिगत जलस्तर को बनाए रखने में मदद करता है। जंगल में कई दुर्लभ पक्षी, तितलियाँ, छोटे स्तनधारी जीव और औषधीय पौधे पाए जाते हैं, जो इसके पारिस्थितिकी तंत्र को अनमोल बनाते हैं। यह क्षेत्र कार्बन सिंक की तरह काम करता है, जो कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करके प्रदूषण को कम करने में मदद करता है।

हैदराबाद के नागरिकों और स्थानीय गांववासियों को डर है कि इस जंगल की कटाई से बाढ़, सूखा और प्रदूषण की समस्या बढ़ सकती है। वे मांग कर रहे हैं कि सरकार इस क्षेत्र को संरक्षित जंगल घोषित करे और यहां बिना किसी छेड़छाड़ के इको-टूरिज्म, नेचर ट्रेल्स और रिसर्च सेंटर जैसी परियोजनाएं विकसित करे।

सस्टेनेबल डेवलपमेंट के तहत ग्रीन बिल्डिंग टेक्नोलॉजी और अर्बन प्लानिंग का उपयोग कर विकास किया जाए, जिसमें जंगलों को ज्यादा नुकसान न पहुंचे। अगर जंगल काटा जाए, तो दूसरी जगह दोगुने पेड़ लगाए जाएं और इसे कड़ाई से लागू किया जाए। सरकार, स्थानीय समुदाय और पर्यावरण संगठनों के बीच सहयोग हो, ताकि विकास और पर्यावरण का संतुलन बना रहे। जंगल को छेड़े बिना, आईटी और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए अन्य जगहों पर वैकल्पिक भूमि तलाशी जाए।

यह केवल हैदराबाद की समस्या नहीं है, बल्कि भारत के कई बड़े शहरों में इसी तरह ‘विकास और प्रकृति’ के बीच संघर्ष चल रहा है। दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर और कोलकाता जैसे शहरों में भी ग्रीन एरिया कम होते जा रहे हैं, जिससे वायु प्रदूषण, जल संकट और तापमान वृद्धि जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। ऐसे में, सरकारों को ‘सस्टेनेबल अर्बन डेवलपमेंट’ को प्राथमिकता देनी होगी, ताकि प्रकृति और विकास दोनों साथ-साथ आगे बढ़ सकें।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों के लिए कॉलर का नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया है, ज...
04/04/2025

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों के लिए कॉलर का नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया है, जिससे अब ट्रूकॉलर जैसे थर्ड-पार्टी ऐप की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस नए नियम के तहत, जब कोई कॉल आएगा, तो उपयोगकर्ता को कॉलर का वास्तविक नाम दिखाई देगा, जो टेलीकॉम कंपनियों के KYC (Know Your Customer) डेटा पर आधारित होगा।

इस फैसले का मुख्य उद्देश्य स्पैम और धोखाधड़ी वाले कॉल्स को कम करना है, जिससे लोगों को अनजान नंबरों से आने वाले कॉल्स की पहचान करने में आसानी होगी। यह कदम फर्जी कॉल्स, टेलीमार्केटिंग, और साइबर फ्रॉड को रोकने में भी मदद करेगा।

फिलहाल, ट्रूकॉलर जैसे ऐप उपयोगकर्ताओं द्वारा जमा किए गए डेटा के आधार पर कॉलर की जानकारी दिखाते हैं, जो हमेशा सटीक नहीं होती। लेकिन TRAI के नए नियम के तहत, नंबर की पहचान टेलीकॉम ऑपरेटरों द्वारा प्रमाणित डेटा से होगी, जिससे अधिक विश्वसनीयता मिलेगी।

इस बदलाव से न केवल उपयोगकर्ताओं को फायदा होगा, बल्कि दूरसंचार कंपनियों को भी कॉल सुरक्षा और विश्वसनीयता बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह सेवा कब से लागू होगी, इसकी पूरी जानकारी जल्द ही जारी की जाएगी।

ट्रम्प की टैरिफ घोषणा से 25 सेकंड में 2 ट्रिलियन डॉलर की स्टॉक मार्केट गिरावटअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नई टैर...
04/04/2025

ट्रम्प की टैरिफ घोषणा से 25 सेकंड में 2 ट्रिलियन डॉलर की स्टॉक मार्केट गिरावट

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नई टैरिफ नीति की घोषणा के बाद अमेरिकी स्टॉक मार्केट में महज 25 सेकंड के भीतर 2 ट्रिलियन डॉलर की भारी गिरावट दर्ज की गई।

यह गिरावट 2 अप्रैल 2025 को घोषित "लिबरेशन डे" टैरिफ के बाद आई, जिसमें सभी देशों पर 10% का न्यूनतम आयात कर लगाया गया, जबकि कुछ देशों के लिए यह दर और अधिक थी।

3 अप्रैल को बाजार खुलने के साथ ही S&P 500 इंडेक्स में लगभग 1.7 ट्रिलियन डॉलर की गिरावट का अनुमान था, क्योंकि निवेशकों को वैश्विक व्यापार युद्ध और आर्थिक अस्थिरता की आशंका सताने लगी।

जो आपके पास है, आपका संसार है, उसमें खुश रहना सीखिए क्यूंकि भले ही आप मानते होंगे की आप संसार के लिए कुछ नहीं पर कुछ लोग...
04/04/2025

जो आपके पास है, आपका संसार है, उसमें खुश रहना सीखिए क्यूंकि भले ही आप मानते होंगे की आप संसार के लिए कुछ नहीं पर कुछ लोगों के लिए आप पूरा संसार है !

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले पर बड़ा फैसला सुनाते हुए 25,000 शिक्षकों की भर्ती रद्द करने के कलक...
03/04/2025

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले पर बड़ा फैसला सुनाते हुए 25,000 शिक्षकों की भर्ती रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने माना कि ये नियुक्तियां पूरी तरह से धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार से प्रभावित थीं। इस फैसले के बाद बड़ी संख्या में शिक्षक नौकरी गंवा देंगे, जिससे राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है।

ममता बनर्जी की सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी को गंभीर मानते हुए कहा कि ऐसे अनियमित तरीकों से की गई भर्तियों को वैध नहीं ठहराया जा सकता।

यह मामला पश्चिम बंगाल में 2014 से 2021 के बीच स्कूल सेवा आयोग (SSC) द्वारा की गई नियुक्तियों से जुड़ा है। इसमें कई राजनीतिक हस्तियों और अधिकारियों की संलिप्तता की बात सामने आई थी। इस घोटाले को लेकर सीबीआई जांच भी चल रही है, और कई पूर्व मंत्रियों व अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।

इस फैसले के बाद विपक्ष ने ममता सरकार पर तीखा हमला बोला है और इसे राज्य सरकार की नाकामी करार दिया है। वहीं, जिन लोगों की नौकरी गई है, वे अब कानूनी विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।

हम जीवन में धन कमाने में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि हम भूल ही जाते हैं, धन जीवन जीने के लिए होता है, जीवन धन कमाने के लि...
03/04/2025

हम जीवन में धन कमाने में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि हम भूल ही जाते हैं, धन जीवन जीने के लिए होता है, जीवन धन कमाने के लिए नहीं !

अक्षाली शाह एक प्रेरणादायक उद्यमी हैं, जो अपने पिता के 2,556 करोड़ रुपये के विशाल डेयरी कारोबार का नेतृत्व कर रही हैं। उ...
02/04/2025

अक्षाली शाह एक प्रेरणादायक उद्यमी हैं, जो अपने पिता के 2,556 करोड़ रुपये के विशाल डेयरी कारोबार का नेतृत्व कर रही हैं। उनकी यह यात्रा एक छोटे डेयरी व्यवसाय से शुरू हुई, जो आज भारत के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादकों में से एक बन चुका है।

अक्षाली शाह की कंपनी, जिसने पारंपरिक डेयरी व्यवसाय से शुरुआत की थी, अब अत्याधुनिक तकनीकों और नवाचारों का उपयोग कर रही है। वे दूध उत्पादन, प्रोसेसिंग और वितरण में नई रणनीतियों को लागू कर रही हैं, जिससे कंपनी का विस्तार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है।

उनकी नेतृत्व क्षमता और बिजनेस विजन ने न केवल कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है, बल्कि उन्होंने डेयरी उद्योग में स्थिरता, गुणवत्ता और नवाचार को भी प्राथमिकता दी है। वे महिलाओं के लिए एक प्रेरणा हैं, जो पारिवारिक व्यवसायों को सफलतापूर्वक संभालने और उन्हें आगे बढ़ाने का सपना देखती हैं।

भारतीय मूल की इंजीनियर दिव्या त्यागी ने पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में 100 साल पुराने गणितीय पहेली को हल कर विज्ञान...
02/04/2025

भारतीय मूल की इंजीनियर दिव्या त्यागी ने पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में 100 साल पुराने गणितीय पहेली को हल कर विज्ञान और गणित के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह गणितीय समस्या दशकों से वैज्ञानिकों और गणितज्ञों के लिए एक चुनौती बनी हुई थी, जिसे अब सुलझाकर दिव्या त्यागी ने गणित की दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है।

यह गणितीय पहेली उन्नत गणित, संख्या सिद्धांत, या किसी विशेष समीकरण से संबंधित हो सकती है, जिसका उपयोग विज्ञान, इंजीनियरिंग, और भौतिकी में किया जाता है। इस समाधान से गणितीय शोध में एक नई दिशा मिल सकती है और यह आधुनिक तकनीक, कंप्यूटर विज्ञान, तथा भौतिकी में भी उपयोगी साबित हो सकता है।

दिव्या त्यागी के इस महत्वपूर्ण योगदान से न केवल गणितीय समुदाय में उत्साह है, बल्कि यह भारतीय वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए भी गर्व का विषय है। उनका यह शोध भविष्य के वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा और जटिल गणितीय समस्याओं को हल करने की दिशा में नए द्वार खोलेगा।

पूरे संसार में सबसे अच्छी किताब, हम स्वयं है खुद को समझ लीजिए, सब समस्याओं का समाधान मिल जाएगा !                        ...
02/04/2025

पूरे संसार में सबसे अच्छी किताब, हम स्वयं है खुद को समझ लीजिए, सब समस्याओं का समाधान मिल जाएगा !

भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है, और अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप 1960 में चिली में आया था, जिसकी तीव्र...
01/04/2025

भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है, और अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप 1960 में चिली में आया था, जिसकी तीव्रता 9.5 थी। वैज्ञानिकों के अनुसार, यदि भूकंप की तीव्रता 14 से अधिक हो जाए, तो यह पृथ्वी के लिए विनाशकारी हो सकता है।

भूकंप पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों के खिसकने या टकराने के कारण आते हैं। जब प्लेटों के बीच अत्यधिक दबाव बनता है और अचानक ऊर्जा मुक्त होती है, तो भूकंप उत्पन्न होता है। आमतौर पर, 8 से अधिक तीव्रता के भूकंप विनाशकारी माने जाते हैं, क्योंकि वे बड़े पैमाने पर तबाही मचाते हैं और हजारों किलोमीटर तक असर डाल सकते हैं।

अगर किसी भूकंप की तीव्रता 14 से अधिक हो जाए, तो इसकी ऊर्जा इतनी ज्यादा होगी कि यह पूरी पृथ्वी की सतह को हिला सकता है। इस तरह का भूकंप टेक्टोनिक प्लेटों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, जिससे महाद्वीपों में दरारें पड़ सकती हैं और समुद्र तल में बड़े बदलाव हो सकते हैं। इससे कई बड़े ज्वालामुखी सक्रिय हो सकते हैं, जो पृथ्वी के वातावरण को प्रभावित कर सकते हैं और लंबे समय तक जलवायु परिवर्तन का कारण बन सकते हैं।

इतना शक्तिशाली भूकंप प्राकृतिक रूप से आना लगभग असंभव माना जाता है, क्योंकि पृथ्वी की टेक्टोनिक प्रणाली इतनी बड़ी मात्रा में ऊर्जा को स्टोर और रिलीज करने में सक्षम नहीं है। हालांकि, अगर कोई विशाल उल्कापिंड पृथ्वी से टकराए या अत्यधिक शक्तिशाली ज्वालामुखी विस्फोट हो, तो यह भूकंप के समान ही प्रभाव डाल सकता है।

अब तक के सबसे शक्तिशाली भूकंपों में 1960 चिली भूकंप (9.5 तीव्रता), 1964 अलास्का भूकंप (9.2 तीव्रता), 2004 हिंद महासागर भूकंप (9.1 तीव्रता) और 2011 जापान भूकंप (9.0 तीव्रता) शामिल हैं। इन भूकंपों ने लाखों लोगों को प्रभावित किया और सुनामी जैसी विनाशकारी आपदाओं को जन्म दिया।

अगर 14 तीव्रता का भूकंप आया, तो इसके प्रभाव केवल धरती तक ही सीमित नहीं रहेंगे। इतनी जबरदस्त ऊर्जा पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र (Magnetosphere) को प्रभावित कर सकती है, जिससे सैटेलाइट्स और संचार प्रणालियाँ ठप हो सकती हैं। यह गुरुत्वाकर्षण असंतुलन भी पैदा कर सकता है, जिससे समुद्रों के जल स्तर में भारी बदलाव हो सकता है।

हालांकि 14 तीव्रता का भूकंप अब तक केवल एक सैद्धांतिक अवधारणा है, लेकिन यदि ऐसा कभी हुआ, तो यह मानवता और पृथ्वी के लिए सबसे भयानक प्राकृतिक आपदा साबित हो सकता है।

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