प्रेम से बोलो............जय माता दी।।
|| नवरात्री का व्रत एवं पूजन कैसे करे :
कब और कैसे करें नवरात्री उद्यापन ..??? ||
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हम सभी मां भगवती के पावन पर्व नवरात्र महोत्सव को सदियों से मनाते आ रहे है। इस वर्ष यह पर्व शारदीय नवरात्र कल दिनांक: 7 अक्टूबर 2021 से प्रारम्भ हो रहा है जो 14 अक्टूबर 2021 तक चलेगा। 15 अक्टूबर को विजया दशमी मनाई जाएगी। उसी दिन मातारानी का विसर्जन भी होगा। इस बार घट स्थापना (कलश स्थापना) का मुहूर्त : सुबह 11: 37 से लेकर दोपहर 12:23 तक का है। इस बार नवरात्र 9 दिन की न होकर 8 दिन की ही है। इस बार माता रानी डोली में सवार होकर आ रही है। नवरात्रों के दौरान भारत की धरती मां अंबे के जयकारों से गूंज उठती है। स्त्रियां इस दौरान अपने परिवार सहित इन पावन नवरात्रों के दिन मां शक्ति की पूजा-आराधना करती हैं। वैसे तो नवरात्र साल में चार होते हैं, पर इनमें आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक (शारदीय नवरात्र) और चैत्र
जय बजरंग बली हनुमान
मंगल मूर्ति राम दुलारे
आन पड़ा अब तेरे द्वारे
हे बजरंगबली हनुमान
हे महावीर करो कल्याण
हे महावीर करो कल्याण
तेरे द्वारे जो भी आया,
खाली नहीं कोई लोटाया
दुर्गम काज बनावन हारे
मंगलमय दीजो वरदान
मंगल मूर्ति राम दुलारे
आन पड़ा अब तेरे द्वारे
हे बजरंगबली हनुमान
हे महावीर करो कल्याण
हे महावीर करो कल्याण
🌹🙏 मंगल सुप्रभात 🙏🌹
🌹🙏 जय जय श्री राधे 🙏🌹
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ये देखिये विधवा विलाप करनेवाली कांग्रेस का सच ?
अपमानित हूँ, स्तब्ध हूँ, क्रोधित हूँ....
राष्ट्र ध्वजा को अपमानित कर लाल किले पर चढ़ बैठे..
नई कहानी गद्दारी की आज कमीने गढ़ बैठे..
वीरों के बलिदान का देखो उनको कैसा मूल्य मिला..
आज तिरंगा अपमानित है शर्मिदा है लाल किला..
खालिस्तानी पाकिस्तानी टुकड़े-टुकड़े वाले हैं..
इनको गंगा मत समझो ये केवल गन्दे नाले हैं..
क्या एक प्रदेश के रहने वाले ही किसान कहलाते हैं..
जो बाकी किसानो के हक़ को लूट लूट कर खाते हैं..
दाता वाता कोई नहीं ये नीच निकम्मे अभिमानी..
कुछ कुत्ते बस चाह रहे हैं करना केवल मनमानी..
लज्जित करके संविधान को गुंडे आग लगाते हैं..
झूठे नीच जिहादी देखो दिल्ली रोज जलाते हैं..
कल तक जिनको मान गर्व का प्रहरी समझा जाता था..
गुरुओं सा बलिदानी उनको केहरी समझा जाता था..
शौर्य शेर सा बलिदानों परिपाटी ही भूल गए..
खालिस्तानी फंडिंग से ही सारे नल्ले फूल गए..
देश विरोधी, धर्म विरोधी क्या क
लक्ष्मी माता की जय हो।।
कर्मो का लेखा - जोखा !
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*बेटा बन कर, बेटी बनकर, दामाद बनकर, और बहु बनकर कौन आता है ? जिसका तुम्हारे साथ कर्मों का लेना देना होता है। लेना देना नहीं होगा तो नहीं आयेगा।*
*एक फौजी था। उसके मां नहीं बाप नहीं थे। शादी नहीं की,बच्चे नहीं ,भाई नहीं, बहन नहीं, अकेला ही कमा कमा के फौज में जमा करता जा रहा था। थोड़े दिन में एक सेठ जी जो फौज में माल सप्लाई करते थे उनसे उनका परिचय हो गया और दोस्ती हो गई ।*
*सेठ जी ने कहा जो तुम्हारे पास पैसा है वो उतने के उतने ही पड़ा हैं ।तुम मुझे दे दो मैं कारोबार में लगा दूं तो पैसे से पैसा बढ़ जायेगा इसलिए तुम मुझे दे दो।*
*फौजी ने सेठ जी को पैसा दे दिया। सेठ जी ने कारोबार में लगा दिया। कारोबार उनका चमक गया, खूब कमाई होने लगी कारोबार बढ़ गया। थोड़े ही दिन में लड़ाई छिड़ गई।*
*लड़ाई में फौजी घोड़ी पर चढ़कर लड़ने गया। घोड़ी इतनी बदतमीज थी कि जितनी ज़ो