"राष्ट्र सोच"राष्ट्र प्रेम और कर्तव्यनिष्ठा की भावना से ओत-प्रोत एक ऐसा मंच है,जो आपके विचारों की प्रखरता को पूरी आजादी के साथ विश्व पटल पर प्रेषित करता है।उसकी इस भावना के पीछे छुपी हुई है वह "सोच"जो राष्ट्र निर्माण की भावना से अभिसिंचित है।वास्तव में राष्ट्र निर्माण एक ऐसी परिकल्पना है जिसमें राष्ट्र से जुड़े हर पहलू का ध्यान रखना आवश्यक है।
कुछ लोग राष्ट्र निर्माण मात्र और मात्र राजनीतिक प्रतिन
िधित्व से जोड़कर देखते हैं,परन्तु राष्ट्र निर्माण मात्र राजनीति से ही नहीं होता,राष्ट्र निर्माण होता है हर उस राष्ट्र वासी से जो न्याय और अन्याय के बीच फर्क करना जानता है।यदि देश में निवास करने वाला प्रत्येक व्यक्ति यह ठान ले कि हमें अन्याय नहीं सहना है,अन्याय नहीं करना है तो राष्ट्र निर्माण की वह बुनियाद पड़ेगी जिस पर खड़ी होने वाली बुलंदियां विश्व व्यापी होंगी।
इन्हीं बुलंदियों को गढ़ने के लिए "राष्ट्र सोच"उन सभी बिन्दुओं को अपनी आवाज प्रदान करेगा जो अब तक अछूते रहे हैं।इस प्रयास में जन-जन की भागीदारी की अपेक्षा है ताकि हर कोई गर्व से कह सके "जन-गण-मन अधिनायक जय हे..."