26/10/2024
ट्रांस वेलफेयर सोसाइटी ने विशेष बच्चों के साथ मनाया दिवाली उत्सव
जयपुर की ट्रांस वेलफेयर सोसाइटी ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दिवाली 2024 का उत्सव विशेष बच्चों के साथ मनाया । इस खास मौके पर ट्रांस वेलफेयर सोसाइटी की मुख्य संरक्षक निर्मला सेवानी और डॉ. पूजा अग्रवाल ने बच्चों के साथ मिलकर खुशियों को साझा किया। बच्चों और अतिथियों के साथ मस्तीभरे गीतों पर परफोर्मेंस दी जिसमें बच्चों को दिवाली के उपहार और मिठाइयाँ वितरित की गईं।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि तोर पर माननीय सांसद मंजू शर्मा जी, श्री अमरनाथ जी महाराज (श्री हनुमान चालीसा प्रबंध समिति संरक्षक), रानीसा भुवनेश्वरी जी (राव राजेंद्र सिंह जी की पत्नी) ने भी कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
विशिष्ट अतिथि के रूप में 2 मिलियन फॉलोअर्स वाले यूट्यूबर जट्ट प्रभजोत, साहिबा, सोमेन्द्र हर्ष, कमलजीत सिंह, अंशु हर्ष, शिल्पी भार्गव, डॉ. सीमा राठौड़, जया राठौड़, मनोज पांडे, शिवाकांता पांडे, अप्लव सक्सेना, नीलम सक्सेना, पूनम राठौर, सुनीता मीणा, और दिव्या सिंह शामिल रहे। इसके अलावा
कार्यक्रम में श्री अमरनाथ जी महाराज ने सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ करवाया, जिससे वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भर गया। ट्रांस वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्ष कोमल चौहान ने बताया कि उनकी संस्था पिछले 12 वर्षों से विशेष बच्चों के लिए कार्य कर रही है। संस्था की संरक्षक डॉ. पूजा अग्रवाल ने कहा कि बच्चों की परफॉर्मेंस देखकर ऐसा लगा ही नहीं कि वे बधिर हैं; सभी ने पूरी ऊर्जा, जोश और मुस्कान के साथ नृत्य किया और उत्सव का आनंद लिया।
कार्यक्रम में भाव नृत्य कला अकादमी की छात्राओं ने राजस्थानी लोक नृत्य की प्रस्तुति के साथ स्पेशल बच्चो ने भी मनमोहक प्रस्तुतियां दी
अध्यक्ष कोमल चौहान ने कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बताते हुए कहा कि इसका मकसद बच्चों को खुशियाँ देना है, ताकि वे भी दिवाली की खुशी वैसे ही महसूस कर सकें जैसे अन्य सभी लोग करते हैं। बच्चों के लिए डांस प्रोग्राम, लजीज व्यंजन, उपहार में स्कूल बैग्स, टिफ्फीन, बॉक्स, चॉक्लेट, स्टेशनरी, लड्डू, गेम्स, मिठाइयाँ, पटाखे आदि उपहार दिए गए और साथ ही दीपक जलाकर रोशनी से भरी दिवाली मनाई गई, कार्यक्रम में 150 बच्चो को उपहार दिए गए साथ ही बच्चो के लिए मैजिक शो एवं मिनी मिक्की माउस ने जमकर घूम मचाया !!
इस सुंदर और भावपूर्ण कार्यक्रम का संचालन अप्लव सक्सेना ने किया , जिसमें सभी बच्चों ने अपनी मासूमियत और खुशियों से सबका दिल जीत लिया। इस दिवाली ने साबित किया कि खुशियाँ बांटने से ही खुशियाँ बढ़ती हैं, और बच्चों की मुस्कान से सजी यह दिवाली सभी के लिए यादगार बन गई।
कार्यक्रम का एकमात्र उदेश्य बच्चो को खुशिया देने से है