19/02/2021
01/2021, दिनांक 19/02/2021
कृषि भवन लखनऊ के पास सड़क पर अपना जीवन व्यतीत करने वाले कुत्तों को आज सुबह सुबह 3 कर्मचारी कुत्तों को घेरकर जाल से पकड़कर अपनी गाड़ी में ठूस रहे थे।
अभी तक वे सभी 15 के लगभग पकड़ चुके है। गाड़ी में से सभी कुत्ते बाहर झांक रहे थे। उनके चेहरे का डर साफ झलक रहा था। सभी कुत्ते एक दूसरे से अंजान थे पर अब वो बाहर की तरह एक दूसरे भौंक नहीं रहे थे । एक दम चुप चाप जाल में से बाहर खड़े अपनी गली के लोगो (जिनको वो बचपन से पहचानते थे) की ओर मदद की निगाह से देख रहे थे। और बाहर खड़े सभी लोग खुश थे और हँस रहे थे। जो कुछ एक दो कुत्ते बचे थे उनका भी गाड़ी वालो को पता बता रहे थे की वो और रह गया है हम आपकी मदद करते है उसको पकड़वाने में।
यह कुत्ता जो फ़ोटो में दिख रहा है उस गाड़ी और ठहाके लगाते हुए लोगो से 100 मीटर दूर खड़ा है और उन सभी को देखकर डरा हुआ है। अब इसके सभी साथी को बंधक बना लिया गया है और ये अकेला रह गया है।
इसके चेहरे पर डर साफ दिख रहा है की अब आखिरी नंबर मेरा ही है।
दिमाग में यही चल रहा होगा की हम हर चीज को समझ सकते है, पहचान कर सकते है पर इंसान को नहीं।