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बीग बॉस

शास्त्रों के अनुसार पंचांग का पठन व श्रवण शुभ माना जाता हैhttp://thenamastebharat.in/astro-5/भारतीय पंचांग का आधार विक्र...
26/04/2021

शास्त्रों के अनुसार पंचांग का पठन व श्रवण शुभ माना जाता है
http://thenamastebharat.in/astro-5/
भारतीय पंचांग का आधार विक्रम संवत है ....

  ज्योतिष शास्त्र

जन्म कुंडली में भाव क्या होते हैं..... https://thenamastebharat.in/astro-4/जानिए भाव का क्या अर्थ होता है .......
25/04/2021

जन्म कुंडली में भाव क्या होते हैं.....
https://thenamastebharat.in/astro-4/
जानिए भाव का क्या अर्थ होता है .......

ज्योतिष शास्त्र

बन सकते हैं करोड़पति इन तरीकों को अपनाने परhttp://thenamastebharat.in/crypto-currency/जानिए कैसे करें आभासी मुद्रा का का...
11/04/2021

बन सकते हैं करोड़पति इन तरीकों को अपनाने पर
http://thenamastebharat.in/crypto-currency/
जानिए कैसे करें आभासी मुद्रा का कारोबार

दुनिया के किसी भी व्यक्ति, संस्था तथा देश को अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए और आपसी लेनदेन को बढ़ावा देने क....

ग्रामीण बैंक की स्थापना यात्रा व Role of AIGBWO/OOhttp://thenamastebharat.in/gramin-bank/Man behind *Equal pay for Equal...
09/04/2021

ग्रामीण बैंक की स्थापना यात्रा व Role of AIGBWO/OO
http://thenamastebharat.in/gramin-bank/
Man behind *Equal pay for Equal Work* Non other than 🙏 *R.K.Gautam*

  Rakesh Kumar Gautam {Man Behind NIT} AIGBWO Foundation Day 06 April: Preface- Regional Rural Banks were established in the year 1975 as Commercial and Co-operative Banks failed to cater the needs of SF, MF n Landless Agriculture Labourer taking the Banking Services in hitherto far flung areas to ...

ममता ने सहानुभूति का नाटक और पैर में चोट लगने का ड्रामा क्यों किया ? आज ही ममता बनर्जी ने अपना नामांकन पत्र नंदीग्राम से...
10/03/2021

ममता ने सहानुभूति का नाटक और पैर में चोट लगने का ड्रामा क्यों किया ?

आज ही ममता बनर्जी ने अपना नामांकन पत्र नंदीग्राम से दायर किया था । शाम को ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में एक सभा की... भाषण खत्म करके ममता बनर्जी बाहर निकलीं ।

तभी ममता ने ये आरोप लगा दिया कि चार पांच गाड़ियां जबरदस्ती आईं और उनका पैर कुचल दिया गया जिससे उनके पैर में चोट लग गई और सूजन आ गई ।

अब ममता ने इशारों ही इशारों में बीजेपी पर आरोप लगा दिया है कि साजिश करके उनको घायल कर दिया गया है

ममता बनर्जी अस्पताल में भर्ती हो गईं और उनको देखने के लिए उनके परिवार के लोग भी पहुंच रहे हैं

अब सवाल ये है कि क्या ममता वाकई में घायल हुई हैं या फिर वो कोई नाटक कर रही हैं ?

ममता के आसपास 300 पुलिस वाले सिक्योरिटी में रहते हैं कोई भी अन्य गाड़ी तो उनके काफिले के पास फटक भी नहीं सकती है ऐसे में ममता बनर्जी के दावे पर विश्वास करना काफी मुश्किल है

दरअसल ममता बनर्जी इस वक्त एक बहुत बड़े राजनीतिक संकट से जूझ रही हैं . ममता बनर्जी एक बहुत सफल राजनेता हैं और वो इस बात को बहुत अच्छी तरह से समझती और जानती हैं कि उनकी सरकार के खिलाफ पूरे स्टेट में एक गुस्से का माहौल है

गुस्से के माहौल की सबसे बड़ी वजह है साल 2018 में पंचायत चुनाव में हुई हिंसा

इस हिंसा में पंचायत चुनाव के दौरान 37 प्रतिशत सीटों पर टीएमसी निर्विरोध ही जीत गई थी क्योंकि ममता के कैडर ने अपने विरोधियों के खिलाफ इतना रक्तपात किया कि लोग डर गए थे

उसके बाद 2019 मे ममता को बीजेपी के हाथों बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा पहली बार बीजेपी ने 2019 में 18 लोकसभा सीटें जीत लीं ।
बीजेपी को लाभ इसलिए हुआ क्योंकि ममता बनर्जी के कैडर की हिंसा की वजह से पूरे पश्चिम बंगाल मे डर का माहौल मालूम पड़ता है कई विश्लेषक भी ऐसा दावा कर चुके हैं

इसके अलावा भी आए दिन ममता पर ये आरोप लगते रहते हैं कि वो बीजेपी नेताओं के काफिलों पर अपने कैडर के द्वारा हमले करवाती रहती हैं

अपनी इसी सब निगेटिव इमेज को ठीक करने के लिए संभवत: ममता बनर्जी ने सहानुभूति हासिल करने का चुनावी प्लान तैयार किया है

अब ममता खुद पर बीजेपी के कैडर के द्वारा हमले की बात कहके अपनी पूरी पार्टी को गंगा स्नान करवाना चाहती हैं

इसके अलावा भी अब ममता पूरे स्टेट में घूम घूम कर ये प्रचार करेंगी कि जब चुनाव आयोग का राज पश्चिम बंगाल में चल रहा है उस वक्त बीजेपी ने यानी केंद्र ने साजिश करके उन्हें घायल करने की कोशिश की है ।

मोमता ने हिंदुओं पर वैसे ही अत्याचार किए जैसे बंगाल के नवाब ने चैतन्य महाप्रभु पर किए थे. इतिहास खुद को दोहराता है... बा...
20/02/2021

मोमता ने हिंदुओं पर वैसे ही अत्याचार किए जैसे बंगाल के नवाब ने चैतन्य महाप्रभु पर किए थे.

इतिहास खुद को दोहराता है... बार बार दोहराता है क्योंकि लोग बदलना नहीं चाहते हैं ना तो इस देश का मुसलमान बदला... मुसलमान आज भी जिहाद के रास्ते पर चल रहा है और ना ही आज का हिंदू बदला जो कि आज भी सेक्युलरिज्म के रास्ते पर चल रहा है... इसीलिए इतिहास खुद को बार बार दोहराता है

चैतन्य महाप्रभु का जन्म 1484 ईस्वी में बंगाल के नदिया जिले में हुआ था... उस समय बंगाल का नवाब हुसैन शाह था. हुसैन शाह की मुस्लिम सेनाएँ बहुत तेजी से हिंदुओं का दमन कर रही थीं... हिंदू बहिन बेटियों की इज्जत आबरू का कोई मोल नहीं रह गया था. गौमांस खिलाकर ब्राह्मणों को लगातार मुसलमान बनाया जा रहा था.
ऐसे समय में चैतन्य महाप्रभु का जन्म हुआ था और उन्होंने हिंदू धर्म के बीच प्रचार के लिए हरिनाम संकीर्तन पर जोर दिया... उनका एक मंत्र आज भी महामंत्र है जिसे निमाई कहा जाता है... ये मंत्र है... हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे !!

पूरे बंगाल में चैतन्य महाप्रभु की वाणी गूंजने लगी... लोग भक्तिभाव में झूमने लगे... बंगाल के नवाब की नाक के नीचे जगह जगह कृष्ण और राम के संकीर्तन शुरू हो गए... नवाब इससे क्रोधित हो उठा... फिर क्या था क़ाज़ियों ने हरिनाम कहने वालों पर अत्याचार शुरू कर दिये

चैतन्य महाप्रभु पर गौमांस के टुकड़े फेंके गए... कितने ही हिंदुओं को कठोर दंड और यातनाएँ देनी शुरू की गई... पूरे नदिया जिले में हिंदू स्त्रियों का सतीत्व भंग किया गया । महिलाओं और पुरुषों के होठों पर जरदस्ती गौमांस के टुकड़े छुआए गए... बच्चों तक को काट डाला गया और ये सब इसलिए क्योंकि हिंदू अपनी ही धरती पर राम कृष्ण नाम का संकीर्तन कर रहे थे.

इस वक्त बंगाल में मोमता का राज चल रहा है और मोमता ने भी ठीक इसी तरह हिंदुओं की दुर्गापूजा वगैरह पर तरह तरह की बंदिशें लगाने की कोशिश की हैं जिसके बाद हाईकोर्ट तक को दख़लंदाज़ी करनी पड़ी है.

ऐसी स्थिति में ये बात बिलकुल साफ है... कि अगर बंगाल का हिंदू नहीं जागा तो स्थितियाँ बहुत ही ज्यादा विकट हो जाएँगी... इस वक्त भी मुस्लिमों के समर्थन से मोमता की सरकार चल रही है और आगे फिर ऐसा ही हुआ तो बंगाल में हिंदुओं को बहुत ज़्यादा कष्ट झेलने पड़ेंगे .

नमस्कार, सुप्रभात                                 👉🏿प्रस्तुत है आपके लिए पुरानी चलचित्र का संग्रह सिर्फ 95 दिनो के लिए. ...
08/02/2021

नमस्कार, सुप्रभात 👉🏿प्रस्तुत है आपके लिए पुरानी चलचित्र का संग्रह सिर्फ 95 दिनो के लिए. घर बैठे आनंद लिजिए और मित्रों को भी भेट कीजिए. 🌹🌷🙏 *Color version of old B / W movies. Make the most of your free time to watch these movies.*

1. *Munimji (1955)*
https://youtu.be/AMnyj32QY9s

2. *Kathputli (1957)*
https://youtu.be/waHxaYYORq4

3. *Jan Pahchan (1950)*
https://youtu.be/WjAeC9K5Nbc

4. *Solva Saal (1958)*
https://youtu.be/_YqeWmhOZqo

5. *Biraj Bahu (1954)*
https://youtu.be/W-ydx6DYTDE

6. *Do Ustad (1959)*
https://youtu.be/o3tP6esVP9Y

7. *Raj Hath (1956)*
https://youtu.be/mrB7_Ayi_mk

8. *Khazanchi (1941)*
https://youtu.be/stIrd9HwdX4

9. *Sanam (1950)*
https://youtu.be/XBfnD03aGDg

10. *Abe Hayat (1955)*
https://youtu.be/fpDwk74tCyQ

11. *Chhoti Bahen (1959)*
https://youtu.be/osX37-r-nFk

12. *Jailor (1958)*
https://youtu.be/-lMCBt-lRWQ

13. *Samrat Chandrgupt (1958)*
https://youtu.be/WslBL3xT4ZI

14. *Ek Saal (1957)*
https://youtu.be/s08kBN_GOuo

15. *Najma (1943)*
https://youtu.be/KBt07nulQ7o

16. *Nastik (1954)*
https://youtu.be/tIHH35b_tUE

17. *Mirza Sahiban (1947)*
https://youtu.be/-vQjjW5xrB8

18. *Lal Haveli (1944)*
https://youtu.be/Ga8a8T1Ms6c

19. *Rani Rupmati (1957)*
https://youtu.be/Wvbk405vvaw

20. *Tarana (1951)*
https://youtu.be/bmgwSsANzmw

21. *Pukar (1939)*
https://youtu.be/SwEPBqh9IWg

22. *Nau Do Gyaraha (1957)*
https://youtu.be/b1MT9vK4yQA

23. *Seema (1955)*
https://youtu.be/8GUF45GkGo0

24. *Sangdil (1952)*
https://youtu.be/EQjEuMrJKTM

25. *Sharada (1957)*
https://youtu.be/U1nludCDuH0

26. *House No 44 (1955)*
https://youtu.be/y4OLdXIh4Gk

27. *Ek Hi Raasta (1956)*
https://youtu.be/cPdr4G1ZCN0

28. *Phagun (1958)*
https://youtu.be/-QRUD5uIT8g

29. *Parivar (1956)*
https://youtu.be/8buYQnaEzRE

30. *Basant Bahar (1956)*
https://youtu.be/2TmkPrfNgio

31. *Insan Jag Utha (1959)*
https://youtu.be/D_lEgc7RZUo

32. *Parineeta (1953)*
https://youtu.be/m4tSI-q1Qgg

33. *Dhool Ka Phool (1959)*
https://youtu.be/pdiIIfkOT84

34. *Apradhi Kaun (1957)*
https://youtu.be/SeutkdWaBSo

35. *Sahara (1958)*
https://youtu.be/WbTJz-bPDwM

36. *Aag (1948)*
https://youtu.be/3nQTsl7sQxQ

37. *Badal (1951)*
https://youtu.be/3SpsnTEARlQ

38. *Sujata (1959)*
https://youtu.be/Cucrm4nIDZM

39. *Shaheed (1948)*
https://youtu.be/t61tNnrNIkA

40. *Aah (1953)*
https://youtu.be/xsLU2fA30Y8

41. *Morni (1956)*
https://youtu.be/bTCgWjbgV_A

42. *Dil Deke Dekho (1959)*
https://youtu.be/Icw-b_RPzps

43. *Ujala (1959)*
https://youtu.be/Voj-dOFF5LM

44. *Daag (1952)*
https://youtu.be/cgZK-hm1WZc

45. *Afasana (1951)*
https://youtu.be/dt4hXP1UBJ4

46. *Sadhna (1958)*
https://youtu.be/c9iSEUhZCo4

47. *Chirag Kahan Roshni Kahan (1959)*
https://youtu.be/3ZQW7Nt9J-E

48. *Mirza Ghalib (1954)*
https://youtu.be/eOaWO8o9zYM

49. *Mela (1948)*
https://youtu.be/B29Odynx4AI

50. *Goonj Uthi Shehnai (1959)*
https://youtu.be/O0KapR--GUk

51. *Raj Tilak (1958)*
https://youtu.be/JhYWKJoup1I

52. *Pocket Maar (1956)*
https://youtu.be/gKodGa0gwHM

53. *Kaagaz Ke Phool (1969)*
https://youtu.be/gmexCC02M_Q

54. *Kali Topi Lal Rumal (1959)*
https://youtu.be/a2D5qwOyk_8

55. *Miss Mary (1957)*
https://youtu.be/HGqtTCIOjvA

56. *Andaz (1949)*
https://youtu.be/sXrvTHjR4AI

57. *Dillagi (1949)*
https://youtu.be/Oo4WknneMKg

58. *Love Marriage (1959)*
https://youtu.be/3s1VF3kqzZQ

59. *Patanga (1949)*
https://youtu.be/Z_2_gAESuvU

60. *Anand Math (1952)*
https://youtu.be/x43R2GKt6D8

61. *Jagte Raho (1956)*
https://youtu.be/BJ7o1ZqyCg0

62. *Uran Khatola (1955)*
https://youtu.be/-C4B73lb6Aw

63. *Barsaat (1949)*
https://youtu.be/Ah_UBSUAprQ

64. *Chhoo Mantar (1958)*
https://youtu.be/Dk53yg8Fc8o

65. *Paigham (1959)*
https://youtu.be/-XjpFlMdJKU

66. *Anari (1959)*
https://youtu.be/UgPIdP24ChI

67. *Albela (1951)*
https://youtu.be/7zRLfmpNx-c

68. *Mr & Mrs 55 (1955)*
https://youtu.be/LEou8ZY6EQc

69. *Amar (1954)*
https://youtu.be/7x-rmrAmQnk

70. *Jugnu (1947)*
https://youtu.be/TxwIP9yUOkI

71. *Babul (1955)*
https://youtu.be/hLsaENrElr8

72. *Chandrlekha (1948)*
https://youtu.be/Y2Y1TiCh0rs

73. *Azad (1955)*
https://youtu.be/Db6cFtJ_HrA

74. *Awaara (1951)*
https://youtu.be/wTamciZrEhs

75. *Baiju Bawra (1952)*
https://youtu.be/MFyjHLWfsFc

76. *Kala Pani (1958)*
https://youtu.be/AOSVQ1Bftbg

77. *Pyaasa (1957)*
https://youtu.be/QdsfMtmimHw

78. *Bahar (1951)*
https://youtu.be/Av7M5z8n7VQ

79. *Baazi (1951)*
https://youtu.be/R--Kfsjjj9c

80. *Anmol Ghadi (1946)*
https://youtu.be/ml5o5v8qLX4

81. *CID (1956)*
https://youtu.be/4lJ-dc9b53M

82. *Mahal (1949)*
https://youtu.be/wZJxLA7rrjA

83. *Do Bigha Zamin (1953)*
https://youtu.be/uDRFnWkgZHQ

84. *Achhut Kanya (1936)*
https://youtu.be/D017NzpfLNY

85. *Madhumati (1958)*
https://youtu.be/NA0c5qbf530

86. *Nagin (1954)*
https://youtu.be/CANjajPNufk

87. *Sikandar (1941)*
https://youtu.be/4Ve0HkClFjA

88. *Paying Guest (1957)*
https://youtu.be/R1yk2IIVL88

89. *Yahudi (1958)*
https://youtu.be/YRPRxyU4zjA

90. *Chalti Ka Naam Gaadi (1958)*
https://youtu.be/6jFSEmqLztI

91. *Tumsa Nahi Dekha (1957)*
https://youtu.be/M8zaW99gg3M

92. *Boot Polish (1955)*
https://youtu.be/uvdxroyRR1Q

93. *Howrah Bridge (1958)*
https://youtu.be/b5KOG8ioQT8

94. *Devdas (1955)*
https://youtu.be/Mfh2iRyVkrg

95. *Shri 420 (1955)*
https://youtu.be/AFp5i2S2hyA. 🙏 *अशोक कुमार चौधरी* 🍅सादर !

Munimji [1955] |Color| Full Hindi Movie | Dev Anand | Nalini Jaywant | Pran AmeetaPlease subscribe to our channel! We need your support and motivation to kee...

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26/12/2020

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आप एवं आपके समस्त परिजन को प्रकाशोत्सव की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ दीवाली: अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व भारत व.....

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09/11/2020

https://thenamastebharat.in/bihar-election-2020-result/ क्लिक 👆🏾करें *बिहार चुनाव परिणाम* पल-पल की खबरों के लिए देखिए *नमस्ते Bharat* का विशेष अंक.

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08/11/2020

*Diwali -Chhath Puja Offer :. Write for Namaste भारत ~ The Voice of New India* and Get Amazon Vouchers लिखे और, विजेता बनें https://thenamastebharat.in/

कार्तिक मास की अमावस्या से छठा दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि में छठ का पर्व मनाया जाता है। इस बार छठ का पर्व 20...

रेणुजी की जीवनी के साथ उनके उपन्यास *"मारे गए गुलफाम पर आधारित फिल्म "तीसरी कसम"* आग्रह है पढ़ें-देखें और कमेंट बॉक्स मे ...
21/10/2020

रेणुजी की जीवनी के साथ उनके उपन्यास *"मारे गए गुलफाम पर आधारित फिल्म "तीसरी कसम"* आग्रह है पढ़ें-देखें और कमेंट बॉक्स मे अपनी राय भी लिखें. *टीम नमस्ते Bharat* प्रतिदिन नवीनतम रूप में, प्रस्तुत होता है, आज भी बहुत कुछ.

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औषधियों में विराजमान नवदुर्गा मां दुर्गा के अवतार के सम्बंध में अनेक मत है, एक मत यह कहता है कि ब्रह्माजी के दुर्गा ...

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13/10/2020

https://thenamastebharat.in/. वैश्विक विकास में जहाँ औद्योगिक क्रांति, कम्प्यूटर क्रांति का महत्वपूर्ण योगदान रहा वहीं अब दुनिया *आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस* *(कृत्रिम बुद्धिमत्ता* की दिशा में अग्रसर हो रहा है. आइए जानते हैं क्या है *Artificial Intelligence* आर्टिकल पढ़ने के उपरांत *कमेंट बॉक्स* में अपनी राय अवश्य लिखें.

सुशील कुमार जायसवाल जोगेंद्र नाथ मंडल का जन्म बंगाल के बरीसल जिले के मइसकड़ी में हुआ था । वो एक पिछड़ी जाति से आते थ...

12/09/2020

अग्निवेश नामक एक वामपंथी आर्यसमाज जॉइन करता है और देखते ही देखते आर्य प्रतिनिधि सभा में फूट डालकर एक गुट पर कब्जा करता है।

वह सामाजिक कार्यकर्ता होने का दिखावा करते हुए जगह जगह हिन्दू धर्म पर चोट करने के व्याख्यान देता फिरता है।

अग्निवेश एक एनजीओ स्थापित करता है बचपन बचाओ।

कैलाश सत्यार्थी भी इसी प्रकार के दो-तीन एनजीओ बनाता हैं। कुछ पुस्तकें लिखता है।

फिर ये दोनों अलग अलग समय विदेशी देशी पुरस्कारों से पुरस्कृत होते हैं।

फिर चीन इन दोनों दलालों को करोड़ों रुपए देता है।

चीन भारत में कालीन यानी कारपेट बेचना चाह रहा था!

लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश के भदोही जो अपने कालीन उद्योग के लिए पूरे विश्व में प्रख्यात था और भदोही के कालीन बेहद अच्छे और सस्ते होते थे इसलिए चीन अपने कालीन यानी कारपेट को भारत में नहीं बेच पा रहा था ।

भदोही में एक दो नहीं बल्कि हजारों कालीन की यूनिट थी जो अपने कालीन को विदेशों में एक्सपोर्ट करती थी। एक जमाने में भदोही ने ईरान के कालीन इंडस्ट्रीज को भी टक्कर दिया!

फिर चीन के ये दलाल कैलाश सत्यार्थी और अग्निवेश एक फर्जी फिल्म बनाते हैं, जिसमें यह दिखाया जाता है कि छोटे-छोटे बच्चों को जबरदस्ती पकड़कर भदोही लाया जाता है और उन्हें बधुआ मजदूर बनाकर उनसे दिन-रात कालीन बनवाया जाता है।

उन्होंने अपने दावे में एक फर्जी तर्क यह लगा दिया कि छोटे बच्चों की उंगलियां पतली होती हैं इसलिए धागों के बीच में आसानी से चली जाती है और गांठ बांधने में आसानी रहती है और इन्होंने कई ऐसे बच्चों के वीडियो बनाएं जिसमें बच्चों की उंगलियों में खून दिखाने के लिए लाल रंग लगा दिया गया।

उसके बाद इस फिल्म को लेकर कैलाश सत्यार्थी और अग्निवेश अमेरिका यूरोप सहित दुनिया के कई देशों में जाते हैं और वहां बकायदा प्रोजेक्टर पर फिल्म दिखाते हैं कि आप लोग भारत से कालीन मत खरीदिए क्योंकि भारत में बच्चों से कालीन बनाया जाता है, और देखिए बच्चों की हालत कितनी खराब होती है?

और वह फिल्म देख कर तमाम विदेशी कंपनियां जो भारत से कालीन खरीदती थी उन्होंने कालीन खरीदना बंद कर दिया।

फिर जब भदोही का कालीन उद्योग बर्बाद होने लगा तब सरकार ने एक और कोशिश की उन्होंने कालीन को एक ऐसा मार्का (रुगमार्क) देना शुरू किया जो इस बात का प्रमाण करता था कि इसे बच्चों ने नहीं बनाया है जैसे डायमंड के लिए एक सर्टिफिकेट होता है कि यह ब्लड डायमंड नहीं है उसी तरह उन्होंने रुगमार्क नामक एक सर्टिफिकेट बनाया जो इस बात का प्रमाण था कि इस कालीन को बच्चों ने नहीं बनाया है।

लेकिन यह लॉबी इतनी तगडी है कि अग्निवेश और कैलाश सत्यार्थी के लोग कालीन फैक्ट्रियों में जाते हैं, मालिकों को धमकाते हैं, उन्हें ब्लैकमेल करते हैं, फर्जी मुकदमे और इवेंट बनाते हैं। अखबार, मीडिया में ऐसी बहस होती है। बालश्रम और बचपन बचाओ का आर्तनाद होता है।

इस तरह भदोही का कालीन उद्योग पूरी तरह से बर्बाद हो जाता है।

तब इसमें चीन की एंट्री होती है।

आज आप भारत के किसी भी मॉल में जाइए वहां आपको मेड इन चाइना कालीन मिलेगा!!
साभार...

11/09/2020

इतिहास के अनुसार *"यौन अपराध"* इस्लाम की देन है !
यदि टाईम हो तो पढ़ें अन्यथा खिसक लें !
अद्भूत लेख ~बलात्कार का आरंभ~

मुझे पता है 90 % बिना पढ़े ही निकल लेंगे😢

*आखिर भारत जैसे देवियों को पूजने वाले देश में बलात्कार की गन्दी मानसिकता कहाँ से आयी* ~~

आखिर क्या बात है कि जब प्राचीन भारत के रामायण, महाभारत आदि लगभग सभी हिन्दू-ग्रंथ के उल्लेखों में अनेकों लड़ाईयाँ लड़ी और जीती गयीं, *परन्तु विजेता सेना द्वारा किसी भी स्त्री का बलात्कार होने का जिक्र नहीं है।*

तब आखिर ऐसा क्या हो गया ?? कि आज के आधुनिक भारत में बलात्कार रोज की सामान्य बात बन कर रह गयी है ??

~श्री राम ने लंका पर विजय प्राप्त की पर न ही उन्होंने और न उनकी सेना ने *पराजित लंका की स्त्रियों को हाथ लगाया*

~महाभारत में पांडवों की जीत हुयी लाखों की संख्या में योद्धा मारे गए। पर किसी भी *पांडव सैनिक ने किसी भी कौरव सेना की विधवा स्त्रियों को हाथ तक न लगाया*.

अब आते हैं ईसापूर्व इतिहास में~

220-175 ईसापूर्व में यूनान के शासक "डेमेट्रियस प्रथम" ने भारत पर आक्रमण किया। 183 ईसापूर्व के लगभग उसने पंजाब को जीतकर साकल को अपनी राजधानी बनाया और पंजाब सहित सिन्ध पर भी राज किया। (लेकिन उसके पूरे समयकाल में बलात्कार का कोई जिक्र नहीं।*

~इसके बाद "युक्रेटीदस" भी भारत की ओर बढ़ा और कुछ भागों को जीतकर उसने "तक्षशिला" को अपनी राजधानी बनाया। *बलात्कार का कोई जिक्र नहीं।*

~"डेमेट्रियस" के वंश के मीनेंडर (ईपू 160-120) ने नौवें बौद्ध शासक "वृहद्रथ" को पराजित कर सिन्धु के पार पंजाब और स्वात घाटी से लेकर मथुरा तक राज किया परन्तु उसके *शासनकाल में भी बलात्कार का कोई उल्लेख नहीं मिलता।*

~ *"सिकंदर"* ने भारत पर लगभग 326-327 ई .पू आक्रमण किया जिसमें हजारों सैनिक मारे गए । इसमें युद्ध जीतने के बाद भी राजा "पुरु" की बहादुरी से प्रभावित होकर सिकंदर ने जीता हुआ राज्य पुरु को वापस दे दिया और "बेबिलोन" वापस चला गया ।

विजेता होने के बाद भी *"यूनानियों" (यवनों)* की सेनाओं ने *किसी भी भारतीय महिला के साथ बलात्कार नहीं किया और न ही "धर्म परिवर्तन" करवाया*

~इसके बाद *"शकों"* ने भारत पर आक्रमण किया (जिन्होंने ई.78 से शक संवत शुरू किया था)। "सिन्ध" नदी के तट पर स्थित "मीननगर" को उन्होंने अपनी राजधानी बनाकर गुजरात क्षेत्र के सौराष्ट्र , अवंतिका, उज्जयिनी,गंधार,सिन्ध,मथुरा समेत महाराष्ट्र के बहुत बड़े भू भाग पर 130 ईस्वी से 188 ईस्वी तक शासन किया। परन्तु *इनके राज्य में भी बलात्कार का कोई उल्लेख नहीं।*

~इसके बाद तिब्बत के *"युइशि" (यूची)* कबीले की लड़ाकू प्रजाति *"कुषाणों"* ने "काबुल" और "कंधार" पर अपना अधिकार कायम कर लिया। जिसमें "कनिष्क प्रथम" (127-140ई.) नाम का सबसे शक्तिशाली सम्राट हुआ।जिसका राज्य "कश्मीर से उत्तरी सिन्ध" तथा "पेशावर से सारनाथ" के आगे तक फैला था। कुषाणों ने भी भारत पर लम्बे समय तक विभिन्न क्षेत्रों में शासन किया। परन्तु *इतिहास में कहीं नहीं लिखा कि इन्होंने भारतीय स्त्रियों का बलात्कार किया हो* ।

~इसके बाद "अफगानिस्तान" से होते हुए भारत तक आये *"हूणों"* ने 520 AD के समयकाल में भारत पर अधिसंख्य बड़े आक्रमण किए और यहाँ पर राज भी किया। ये क्रूर तो थे परन्तु *बलात्कारी होने का कलंक इन पर भी नहीं लगा।*

~इन सबके अलावा भारतीय इतिहास के हजारों साल के इतिहास में और भी कई आक्रमणकारी आये जिन्होंने भारत में बहुत मार काट मचाई जैसे "नेपालवंशी" "शक्य" आदि। पर *बलात्कार शब्द भारत में तब तक शायद ही किसी को पता था।*

अब आते हैं मध्यकालीन भारत में~
जहाँ से शुरू होता है *इस्लामी आक्रमण* ~
और *यहीं से शुरू होता है भारत में बलात्कार का प्रचलन!*

~सबसे पहले 711 ईस्वी में "मुहम्मद बिन कासिम" ने सिंध पर हमला करके राजा "दाहिर" को हराने के बाद *उसकी दोनों "बेटियों" को "यौनदासियों" के रूप में "खलीफा" को तोहफा भेज दिया*

तब शायद भारत की स्त्रियों का पहली बार बलात्कार जैसे कुकर्म से सामना हुआ जिसमें *"हारे हुए राजा की बेटियों" और "साधारण भारतीय स्त्रियों" का "जीती हुयी इस्लामी सेना" द्वारा बुरी तरह से बलात्कार और अपहरण किया गया ।*

~फिर आया 1001 इस्वी में *"गजनवी"* । इसके बारे में ये कहा जाता है कि इसने "इस्लाम को फ़ैलाने" के उद्देश्य से ही आक्रमण किया था।

"सोमनाथ के मंदिर" को तोड़ने के बाद इसकी सेना ने हजारों *"काफिर औरतों" का बलात्कार किया* फिर उनको अफगानिस्तान ले जाकर *"बाजारों में बोलियाँ" लगाकर "जानवरों" की तरह "बेच" दिया* ।

~फिर *"गौरी"* ने 1192 में "पृथ्वीराज चौहान" को हराने के बाद भारत में "इस्लाम का प्रकाश" फैलाने के लिए "हजारों काफिरों" को मौत के घाट उतर दिया और उसकी "फौज" ने " *अनगिनत हिन्दू स्त्रियों" के साथ बलात्कार कर उनका "धर्म-परिवर्तन" करवाया*

~ये विदेशी मुस्लिम अपने साथ औरतों को लेकर नहीं आए थे।

~मुहम्मद बिन कासिम से लेकर सुबुक्तगीन, बख्तियार खिलजी, जूना खाँ उर्फ अलाउद्दीन खिलजी, फिरोजशाह, तैमूरलंग, आरामशाह, इल्तुतमिश, रुकुनुद्दीन फिरोजशाह, मुइजुद्दीन बहरामशाह, अलाउद्दीन मसूद, नसीरुद्दीन महमूद, गयासुद्दीन बलबन, जलालुद्दीन खिलजी, शिहाबुद्दीन उमर खिलजी, कुतुबुद्दीन मुबारक खिलजी, नसरत शाह तुगलक, महमूद तुगलक, खिज्र खां, मुबारक शाह, मुहम्मद शाह, अलाउद्दीन आलम शाह, बहलोल लोदी, सिकंदर शाह लोदी, बाबर, नूरुद्दीन सलीम जहांगीर,

~ *अपने हरम में "8000 रखैलें रखने वाला शाहजहाँ"*

~ *इसके आगे अपने ही दरबारियों और कमजोर मुसलमानों की औरतों से अय्याशी करने के लिए "मीना बाजार" लगवाने वाला "जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर"*

~ *मुहीउद्दीन मुहम्मद से लेकर औरंगजेब तक बलात्कारियों की ये सूची बहुत लम्बी है* जिनकी फौजों ने हारे हुए राज्य की लाखों *"काफिर महिलाओं" "(माल-ए-गनीमत)" का बेरहमी से बलात्कार किया* और "जेहाद के इनाम" के तौर पर कभी वस्तुओं की तरह "सिपहसालारों" में बांटा तो कभी बाजारों में "जानवरों की तरह उनकी कीमत लगायी" गई।

~ *ये असहाय और बेबस महिलाएं "हरमों" से लेकर "वेश्यालयों" तक में पहुँची। इनकी संतानें भी हुईं पर वो अपने मूलधर्म में कभी वापस नहीं पहुँच पायीं।*

~ *एकबार फिर से बता दूँ कि मुस्लिम "आक्रमणकारी" अपने साथ "औरतों" को लेकर नहीं आए थे।*

~वास्तव में *मध्यकालीन भारत में मुगलों द्वारा "पराजित काफिर स्त्रियों का बलात्कार" करना एक आम बात थी क्योंकि वो इसे "अपनी जीत" या "जिहाद का इनाम" (माल-ए-गनीमत) मानते थे।*

~ *केवल यही नहीं इन सुल्तानों द्वारा किये अत्याचारों और असंख्य बलात्कारों के बारे में आज के किसी इतिहासकार ने नहीं लिखा।*

~बल्कि खुद इन्हीं सुल्तानों के साथ रहने वाले लेखकों ने बड़े ही शान से अपनी कलम चलायीं और बड़े घमण्ड से अपने मालिकों द्वारा काफिरों को सबक सिखाने का विस्तृत वर्णन किया।

~ *गूगल के कुछ लिंक्स पर क्लिक करके हिन्दुओं और हिन्दू महिलाओं पर हुए "दिल दहला" देने वाले अत्याचारों के बारे में विस्तार से जान पाएँगे। वो भी पूरे सबूतों के साथ।*

~इनके सैकड़ों वर्षों के खूनी शासनकाल में भारत की हिन्दू जनता अपनी महिलाओं का सम्मान बचाने के लिए देश के एक कोने से दूसरे कोने तक भागती और बसती रहीं।

~ *इन मुस्लिम बलात्कारियों से सम्मान-रक्षा के लिए हजारों की संख्या में हिन्दू महिलाओं ने स्वयं को जौहर की ज्वाला में जलाकर भस्म कर लिया।*

~ठीक इसी काल में कभी स्वच्छंद विचरण करने वाली भारतवर्ष की हिन्दू महिलाओं को भी मुस्लिम सैनिकों की दृष्टि से बचाने के लिए पर्दा-प्रथा की शुरूआत हुई।

~महिलाओं पर अत्याचार और बलात्कार का इतना घिनौना स्वरूप तो 17वीं शताब्दी के प्रारंभ से लेकर 1947 तक अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी के शासनकाल में भी नहीं दिखीं। अंग्रेजों ने भारत को बहुत लूटा परन्तु बलात्कारियों में वे नहीं गिने जाते।

~ *1946 में मुहम्मद अली जिन्ना के डायरेक्टर एक्शन प्लान, 1947 विभाजन के दंगों से लेकर 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम तक तो लाखों काफिर महिलाओं का बलात्कार हुआ या फिर उनका अपहरण हो गया। फिर वो कभी नहीं मिलीं।*

~इस दौरान स्थिती ऐसी हो गयी थी कि *"पाकिस्तान समर्थित मुस्लिम बहुल इलाकों" से "बलात्कार" किये बिना एक भी "काफिर स्त्री" वहां से वापस नहीं आ सकती थी।*

~जो स्त्रियाँ वहां से जिन्दा वापस आ भी गयीं वो अपनी जांच करवाने से डरती थी।

~जब डॉक्टर पूछते क्यों तब ज्यादातर महिलाओं का एक ही जवाब होता था कि *"हमपर कितने लोगों ने बलात्कार किये हैं ये हमें भी पता नहीं"*

~विभाजन के समय पाकिस्तान के कई स्थानों में सड़कों पर काफिर स्त्रियों की *"नग्न यात्राएं (धिंड) "निकाली गयीं, "बाज़ार सजाकर उनकी बोलियाँ लगायी गयीं"*

~और 10 लाख से ज्यादा की संख्या में उनको दासियों की तरह खरीदा बेचा गया।

~20 लाख से ज्यादा महिलाओं को जबरन मुस्लिम बना कर अपने घरों में रखा गया। (देखें फिल्म "पिंजर" और पढ़ें पूरा सच्चा इतिहास गूगल पर)।

~इस विभाजन के दौर में हिन्दुओं को मारने वाले सबके सब विदेशी नहीं थे। इन्हें मारने वाले स्थानीय मुस्लिम भी थे।

~ *वे समूहों में कत्ल से पहले हिन्दुओं के अंग-भंग करना, आंखें निकालना, नाखुन खींचना, बाल नोचना, जिंदा जलाना, चमड़ी खींचना खासकर महिलाओं का बलात्कार करने के बाद उनके "स्तनों को काटकर" तड़पा-तड़पा कर मारना आम बात थी।*

अंत में *कश्मीर की बात* ~
~19 जनवरी 1990~

~सारे कश्मीरी पंडितों के घर के दरवाजों पर नोट लगा दिया जिसमें लिखा था~ *"या तो मुस्लिम बन जाओ या मरने के लिए तैयार हो जाओ या फिर कश्मीर छोड़कर भाग जाओ लेकिन अपनी औरतों को यहीं छोड़कर "* ।

~लखनऊ में विस्थापित जीवन जी रहे कश्मीरी पण्डित संजय बहादुर उस मंजर को याद करते हुए आज भी सिहर जाते हैं।

~वह कहते हैं कि "मस्जिदों के लाउडस्पीकर" लगातार तीन दिन तक यही आवाज दे रहे थे कि यहां क्या चलेगा, "निजाम-ए-मुस्तफा", 'आजादी का मतलब क्या "ला इलाहा इलल्लाह", 'कश्मीर में अगर रहना है, "अल्लाह-ओ-अकबर" कहना है।

~और 'असि गच्ची पाकिस्तान, बताओ "रोअस ते बतानेव सान" जिसका मतलब था कि हमें यहां अपना पाकिस्तान बनाना है, कश्मीरी पंडितों के बिना मगर कश्मीरी पंडित महिलाओं के साथ।

~ *सदियों का भाईचारा कुछ ही समय में समाप्त हो गया जहाँ पंडितों से ही तालीम हासिल किए लोग उनकी ही महिलाओं की अस्मत लूटने को तैयार हो गए थे।*

~सारे कश्मीर की मस्जिदों में एक टेप चलाया गया। जिसमें मुस्लिमों को कहा गया की वो हिन्दुओं को कश्मीर से निकाल बाहर करें। उसके बाद कश्मीरी मुस्लिम सड़कों पर उतर आये।

~उन्होंने कश्मीरी पंडितों के घरों को जला दिया, कश्मीर पंडित महिलाओ का बलात्कार करके, फिर उनकी हत्या करके उनके "नग्न शरीर को पेड़ पर लटका दिया गया"।

~कुछ महिलाओं को बलात्कार कर जिन्दा जला दिया गया और बाकियों को लोहे के गरम सलाखों से मार दिया गया।

~कश्मीरी पंडित नर्स जो श्रीनगर के सौर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में काम करती थी, का सामूहिक बलात्कार किया गया और मार मार कर उसकी हत्या कर दी गयी।

~बच्चों को उनकी माँओं के सामने स्टील के तार से गला घोंटकर मार दिया गया।

~कश्मीरी काफिर महिलाएँ पहाड़ों की गहरी घाटियों और भागने का रास्ता न मिलने पर ऊंचे मकानों की छतों से कूद कूद कर जान देने लगी।

~लेखक राहुल पंडिता उस समय 14 वर्ष के थे। बाहर माहौल ख़राब था। मस्जिदों से उनके ख़िलाफ़ नारे लग रहे थे। पीढ़ियों से उनके भाईचारे से रह रहे पड़ोसी ही कह रहे थे, 'मुसलमान बनकर आज़ादी की लड़ाई में शामिल हो या वादी छोड़कर भागो'।

~राहुल पंडिता के परिवार ने तीन महीने इस उम्मीद में काटे कि शायद माहौल सुधर जाए। राहुल आगे कहते हैं, "कुछ लड़के जिनके साथ हम बचपन से क्रिकेट खेला करते थे वही हमारे घर के बाहर पंडितों के ख़ाली घरों को आपस में बांटने की बातें कर रहे थे और हमारी लड़कियों के बारे में गंदी बातें कह रहे थे। ये बातें मेरे ज़हन में अब भी ताज़ा हैं।

~1989 में कश्मीर में जिहाद के लिए गठित जमात-ए-इस्लामी संगठन का नारा था- 'हम सब एक, तुम भागो या मरो'।

~घाटी में कई कश्मीरी पंडितों की बस्तियों में सामूहिक बलात्कार और लड़कियों के अपहरण किए गए। हालात और बदतर हो गए थे।

~ *कुल मिलाकर हजारों की संख्या में काफिर महिलाओं का बलात्कार किया गया।*

~आज आप जिस तरह दाँत निकालकर धरती के जन्नत कश्मीर घूमकर मजे लेने जाते हैं और वहाँ के लोगों को रोजगार देने जाते हैं। उसी कश्मीर की हसीन वादियों में आज भी सैकड़ों कश्मीरी हिन्दू बेटियों की बेबस कराहें गूंजती हैं, जिन्हें केवल काफिर होने की सजा मिली।

~घर, बाजार, हाट, मैदान से लेकर उन खूबसूरत वादियों में न जाने कितनी जुल्मों की दास्तानें दफन हैं जो आज तक अनकही हैं। घाटी के खाली, जले मकान यह चीख-चीख के बताते हैं कि रातों-रात दुनिया जल जाने का मतलब कोई हमसे पूछे। झेलम का बहता हुआ पानी उन रातों की वहशियत के गवाह हैं जिसने कभी न खत्म होने वाले दाग इंसानियत के दिल पर दिए।

~लखनऊ में विस्थापित जीवन जी रहे कश्मीरी पंडित रविन्द्र कोत्रू के चेहरे पर अविश्वास की सैकड़ों लकीरें पीड़ा की शक्ल में उभरती हुईं बयान करती हैं कि यदि आतंक के उन दिनों में घाटी की मुस्लिम आबादी ने उनका साथ दिया होता जब उन्हें वहां से खदेड़ा जा रहा था, उनके साथ कत्लेआम हो रहा था तो किसी भी आतंकवादी में ये हिम्मत नहीं होती कि वह किसी कश्मीरी पंडित को चोट पहुंचाने की सोच पाता लेकिन तब उन्होंने हमारा साथ देने के बजाय कट्टरपंथियों के सामने घुटने टेक दिए थे या उनके ही लश्कर में शामिल हो गए थे।

~अभी हाल में ही आपलोगों ने टीवी पर "अबू बकर अल बगदादी" के जेहादियों को काफिर "यजीदी महिलाओं" को रस्सियों से बाँधकर कौड़ियों के भाव बेचते देखा होगा।

~ *पाकिस्तान में खुलेआम हिन्दू लड़कियों का अपहरण कर सार्वजनिक रूप से मौलवियों की टीम द्वारा धर्मपरिवर्तन कर निकाह कराते देखा होगा* ।

~ *बांग्लादेश से भारत भागकर आये हिन्दुओं के मुँह से महिलाओं के बलात्कार की हजारों मार्मिक घटनाएँ सुनी होंगी।*

~यहाँ तक कि *म्यांमार में भी एक काफिर बौद्ध महिला के बलात्कार और हत्या के बाद शुरू हुई हिंसा के भीषण दौर को देखा होगा।*

~केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनियाँ में इस सोच ने मोरक्को से ले कर हिन्दुस्तान तक सभी देशों पर आक्रमण कर वहाँ के निवासियों को धर्मान्तरित किया, संपत्तियों को लूटा तथा इन देशों में पहले से फल फूल रही हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता का विनाश कर दिया।

~ *परन्तु पूरी दुनियाँ में इसकी सबसे ज्यादा सजा महिलाओं को ही भुगतनी पड़ी...*
*बलात्कार के रूप में*

~आज सैकड़ों साल की गुलामी के बाद समय बीतने के साथ धीरे-धीरे ये बलात्कार करने की मानसिक बीमारी भारत के पुरुषों में भी फैलने लगी।

~ *जिस देश में कभी नारी जाति शासन करती थीं, सार्वजनिक रूप से शास्त्रार्थ करती थीं, स्वयंवर द्वारा स्वयं अपना वर चुनती थीं, जिन्हें भारत में देवियों के रूप में श्रद्धा से पूजा जाता था आज उसी देश में छोटी-छोटी बच्चियों तक का बलात्कार होने लगा और आज इस मानसिक रोग का ये भयानक रूप देखने को मिल रहा है* !
✍️ 🙏🙏🙏🙏

03/09/2020

🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥 लो भाई 3 पूर्व भारतीय प्रधानमंत्रियों पर प्रश्नोत्तर।

Q1: थुसु रहमान बाई नाम से महिला कौन है?
Ans: पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की माँ।

Q2: जवाहरलाल नेहरू के पिता कौन हैं?
Ans: श्री मुबारक अली

Q3: मोतीलाल नेहरू और जवाहरलाल नेहरू के बीच क्या संबंध है?
Ans: मुबारक अली की मृत्यु के बाद मोतीलाल नेहरू, थुसु रहमान बाई के दूसरे पति हैं। मोतीलाल मुबारक अली के कर्मचारी के रूप में काम कर रहा था और वह उसके लिए दूसरी पत्नी है। तो मोतीलाल नेहरू जवाहरलाल नेहरू के सौतेले पिता हैं।

Q4: क्या जवाहरलाल नेहरू कश्मीरी पंडित जन्म से हैं?
Ans: नहीं, पिता और माता दोनों ही मुसलमान हैं।

Q5: क्या जवाहरलाल नेहरू अपने सौतेले पिता की वजह से अपना हिन्दू नाम रखे हुए थे?
Ans: हाँ, क्योंकि ये नाम एक पर्दा था। लेकिन मोतीलाल भी खुद कश्मीर पंडित नहीं हैं।

Q6: मोतीलाल के पिता कौन हैं और पंडित उनके नाम के साथ कैसे जुड़ गए?
Ans: मोतीलाल के पिता जमुना नहर (नेहर) के ग़यासुद्दीन गाज़ी हैं जो 1857 के विद्रोह के बाद दिल्ली भाग गए और फिर कश्मीर चले गए।
वहाँ उन्होंने अपना नाम गंगाधर नेहरू में बदलने का फैसला किया ('नहर/नेहर' 'नेहरू' बन गए) और "पंडित" को इस नाम के सामने इसलिए रखा कि वे लोगों को अपनी जाति पूछने का कोई मौका न दे। अपने सिर पर टोपी (टोपी) के साथ पंडित गंगाधर नेहरू इलाहाबाद चले गए।
उनके बेटे मोतीलाल ने लॉ की डिग्री पूरी की और लॉ फर्म के लिए काम करना शुरू किया।

Q7: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के माता-पिता कौन हैं?
Ans: जवाहरलाल नेहरू के सौतेले पिता से जन्मे मंसूर अली (मुस्लिम) और कमला कौल नेहरू (एक कश्मीरी पंडित)।

Q8: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के माता-पिता कौन हैं?
A: जहांगीर फ़िरोज़ खान (फ़ारसी मुस्लिम) और इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू उर्फ ​​मामूना बेगम खान।

इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू उर्फ ​​मामूना बेगम खान- w/o जहांगीर फिरोज खान (फारसी मुस्लिम), जिन्होंने बाद में मोहनदास करमचंद गांधी की सलाह पर अपना नाम बदलकर गांधी रख लिया।

उनके दो बेटे राजीव खान (पिता फिरोज जहांगीर खान) और संजीव खान (नाम बाद में बदलकर राजीव गांधी व संजय गांधी हो गए) संजय के पिता भी फिरोज़ नही बताये जाते।

Q9: क्या जवाहरलाल नेहरू (भारत के पूर्व प्रधानमंत्री), मुहम्मद अली जिन्ना (पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री) और शेख अब्दुल्ला (कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री) एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं?

Ans: हाँ।
*ऊपर बताए गए तीन लोगों की माताओं में एक ही पति मोतीलाल नेहरू थे।*
*जिन्ना की मां मोतीलाल की चौथी पत्नी हैं।*
*अब्दुल्ला मोतीलाल की 5 वीं पत्नी जो उनके घर की मेड थी के माध्यम से है।*

*इसलिए दोनों के पिता एक ही थे। जबकि जवाहर लाल के पिता मोतीलाल जवाहर लाल के सौतेले पिता हैं।*

Q10: आपको ये सभी उत्तर कहां से मिले, जबकि मुझे इतिहास की पुस्तकों में ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है, जिसका मैंने अध्ययन किया है?
Ans: एम. ओ. मथाई (जवाहरलाल नेहरू के निजी सहायक) की जीवनी से।
👉 *एम.ओ. मथाई!!*

*एक ही नारा एक ही नाम जय सनातन जय श्री🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 राम*

बंदे मातरम
जय भारत
जय माँ भारती🚩🚩🚩🚩
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