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Janvarta News Agency Janvarta News Agency (Sahas Sach Dikhane Ka). To cater the increasing demand for news and information in the era of rapidly evolving technologies & trends.

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26/04/2024
हूई है कईयों की जांच,न आई इन पर कोई आंच,कि पैसा बोलता है।
08/04/2024

हूई है कईयों की जांच,न आई इन पर कोई आंच,कि पैसा बोलता है।

https://youtu.be/5KyYnJ_TWBk?si=hTZk4nW4YhXWriH-*चैनल को सस्क्राइव करना न भूलें*
05/04/2024

https://youtu.be/5KyYnJ_TWBk?si=hTZk4nW4YhXWriH-

*चैनल को सस्क्राइव करना न भूलें*

देश में नफ़रत की राजनीति चुनाव से पहले बढ़ती जा रही है सोशल मीडिया पर जैसे एक दूसरे धर्म को नीचा दिखाने में अनपढ़ जि...

https://youtu.be/NYu4pjXFyDY?si=WFsi8CMGKz7X9kk_*चैनल को सस्क्राइव करना न भूलें*
27/03/2024

https://youtu.be/NYu4pjXFyDY?si=WFsi8CMGKz7X9kk_

*चैनल को सस्क्राइव करना न भूलें*

मुख्तार अंसारी से मिलने बांदा पहुंचे अफजाल अंसारी, योगी सरकार को कहा थैंक्स, किया बड़ा दावा !!बाहुबली मुख्तार अंसा.....

https://youtu.be/YIympS9pl7c?si=_9VKNvOqbix1oiux*चैनल को सस्क्राइव करना न भूलें*
27/03/2024

https://youtu.be/YIympS9pl7c?si=_9VKNvOqbix1oiux

*चैनल को सस्क्राइव करना न भूलें*

रामपुर में लोस चुनाव का सपा ने किया बहिष्कारसपा जिलाध्यक्ष अजय सागर ने प्रेसवार्ता में दी जानकारीबोले-सपा किसे च.....

https://youtu.be/edecUYQi12o?si=Pw5wGLgzCoEYGV40*चैनल को सस्क्राइव करना न भूलें।*
03/03/2024

https://youtu.be/edecUYQi12o?si=Pw5wGLgzCoEYGV40

*चैनल को सस्क्राइव करना न भूलें।*

लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका को देखते हुए भाजपा अपनी रणनीति तैयार कर चुकी है तो कांग्रेस घुटने टेकत...

https://youtu.be/FBs8dj2hnt8?si=tUen9KXthOGTiKFY*चैनल को सस्क्राइव करना न भूलें*
26/02/2024

https://youtu.be/FBs8dj2hnt8?si=tUen9KXthOGTiKFY

*चैनल को सस्क्राइव करना न भूलें*

में पुलिस पर दुर्व्यवहार का आरोप लगा अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन!कैदियों को जेल से लाई गई वैनें भी गई रोकी।पुल....

https://youtu.be/sEDric1HriQ?si=67LWmX1bPMETkSjf*चैनल को सस्क्राइव करना न भूलें*
23/02/2024

https://youtu.be/sEDric1HriQ?si=67LWmX1bPMETkSjf

*चैनल को सस्क्राइव करना न भूलें*

मुफ़्ती सलमान अजहरी साहब को अहमदाबाद सेंट्रल जेल से वडोदरा जेल भेज दिया गया है!सलमान साहब को मोडासा कोर्ट से बेल म.....

https://youtu.be/-e8F5E_PtF8?si=xlEcci_N95vquZcn*चैनल को सस्क्राइव करना न भूलें*
22/02/2024

https://youtu.be/-e8F5E_PtF8?si=xlEcci_N95vquZcn

*चैनल को सस्क्राइव करना न भूलें*

आप देख रहे हैं लोक लाज खबर लखनऊ से जहां अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति पर हुए अत्याचार के विरोध में भीम आर्मी एकत....

https://youtu.be/N8fjOpl2u18?si=rcmY9t30BmZInMZJ
19/02/2024

https://youtu.be/N8fjOpl2u18?si=rcmY9t30BmZInMZJ

मैंने कहा था 19 February को में मीरा रोड जाऊँगा पुलिस कमिश्नर को मिलूँगा और एक निवेदन दूँगा उन के ख़िलाफ़ जो वहाँ आकर भड़क.....

https://youtu.be/15-N9MMoh8c?si=65hI8XkprNiV2Pxpलखनऊ दुबग्गा थाना अंतर्गत बंधक बनाकर लूटअंधे चौकी स्थित विनय प्रताप की ए...
14/02/2024

https://youtu.be/15-N9MMoh8c?si=65hI8XkprNiV2Pxp

लखनऊ दुबग्गा थाना अंतर्गत बंधक बनाकर लूट

अंधे चौकी स्थित विनय प्रताप की एजेंसी में हुई लूट

अंधे की चौकी के पास ई रिक्शा एजेंसी में हुई लूट

लुटेरों ने एजेंसी वर्कर को बुरी तरह पीटा

ई रिक्शा एजेंसी के गल्ले से 40000 कैश और तीन न्यू ई रिक्शा लुटेरे लेकर हुए फरार

दिन के 4:00 बजे बेखौफ लुटेरों ने जगन्य घटना को दिया अंजाम

पीड़ित ने बताया 5 से 6 घंटे लूट की घटना को हुए हो गए लेकिन पुलिस ने अभी तक नहीं की कोई कारवाई

पीड़ित का आरोप चौकी जाने पर पुलिस ने दूसरे थाने का मामला बताकर किया गुमराह

थाना दुबग्गा अंतर्गत अंधे की चौकी का पूरा मामला

https://youtu.be/HRTf5OMUecI?si=0algERz-Hby3mdXz
13/02/2024

https://youtu.be/HRTf5OMUecI?si=0algERz-Hby3mdXz

खबर दिल्ली से जहां आज किसानों का दिल्ली में आगमन था । जिस को रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने रास्तों को जिस तरह बंद कर ....

https://youtu.be/Pd4Z5-jjqZE?si=6mPFNCGLc_3bPYno*सच पहुंचाएंगे हम आप तक**चैनल को सस्क्राइव करना न भूलें*
13/02/2024

https://youtu.be/Pd4Z5-jjqZE?si=6mPFNCGLc_3bPYno

*सच पहुंचाएंगे हम आप तक*

*चैनल को सस्क्राइव करना न भूलें*

लखनऊयूपी मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं का कल से आगाज़मदरसा परीक्षाओं के लिए बनाए गए 509 केंद्रदो पालियों में संचालित हो.....

*चरणचुम्बन कलमकार और पत्रकारिता का दमन**मो० ताहिर अहमद वारसी की कलम से*कभी समय था चरणचुम्बन कलमकारों को स्पष्ट शब्दों मे...
12/02/2024

*चरणचुम्बन कलमकार और पत्रकारिता का दमन*

*मो० ताहिर अहमद वारसी की कलम से*

कभी समय था चरणचुम्बन कलमकारों को स्पष्ट शब्दों में दलाल कहा जाता था।मगर तब इन की संख्या बहुत कम हुआ करती थी।और पत्रकारों की संख्या अधिक होती थी । परंतु शासन प्रशासन की अन्देखी ने कलमकारों की नस्ल खत्म करने के लिए ऐसे चरणचुम्बन कलमकारों को महत्व देकर निष्पक्ष कलमकारों को और उनके लेखों को दबा दिया है।अब तो जितना बड़ा पैसे वाला जितनी शान बान वाला उतना बड़ा पत्रकार चाहे कलम पकड़ने की तमीज न हो मोबाइल में बोल कर मैसेज करता हो मगर दिखावा वहीं जो दिखाई दे। सूचना से लेकर बैनर तक सभी चरणचुम्बन में लगे हुए हैं। सिर्फ कार्ड गले में टांग कर कलमकार बनने का शौक ।और 100 रूपए वसीली ही शायद सोत्र बनती जा रही है।अनुभव ,शिक्षा का कोई महत्व नहीं रहा।पैसा फेंको बैनर निकालो पैसा फेंको मान्यता प्राप्त करो।और प्रशासन पर धौंस जमा कर वसूली करो ।हद तो तब होती है जब सब्जी से लेकर चाय के ठेलों तक कलमकार की धौंस देते शर्म नहीं आती।शर्म बेच कर खाने वाले ही मीडिएटर बन सकते है।एक सच्चा कलमकार लिखना छोड़ सकता है मगर चरणचुम्बन कर कलम को बेच नहीं सकता।अब तो लोगों को अपराधी सिद्ध करने में भी कलमकारों का बड़ा योगदान रहता है। कभी पुलिस मुकदमे के बाद कलमकार मामले की अपने स्तर से जांच कर लेख या खबर प्रकाशित करते थे जो न्यायालय तक मान्य होती थी। परंतु अब तो बिना जांच पड़ताल के पुलिस के प्रेस नोट के सहारे चरणचुम्बन करते हुए तुरंत गुडवर्क की आड़ में कितनों की जिन्दगी बर्बाद करने वाले हरामखोर भी अपने को कलमकार कहते और डींगे हांकते नहीं थकते । दलालों के क्षेत्र बंटे हैं।अपने अपने क्षेत्र के ठेकेदार सुबह से देर रात तक अवैध खनन से 100या 500 रूपए की वसूली या लकड़ी काटने वालों से वसूली कर दलाली करने वाले जुआ,चकला,सट्टा,नशे की सामग्री बेचने वालों से वसूली कर अपना और बच्चों का पेट पालने वाले कलमकार कहे जा रहे हो तो कलमकार के लिए इस से ज्यादा शर्म करने वाली और क्या बात हो सकती है। पत्रकार के पेपर का पता नहीं पेपर है तो खबर का पता नहीं सूचना को कोई जानकारी नहीं बस हजार रुपए में कार्ड या मोबाइल में यू ट्यूब चैनल बनाया और बन गया कलमकार।शासन प्रशासन की उदासीनता ने कलमकारों के अस्तित्व को जिस प्रकार जानबूझ कर खतरे में डाला है आने वाले समय शासन यह शब्द का अर्थ ही कुछ और होगा। कुछ संस्थान इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर इस क्षेत्र में कार्य करने की ओर अग्रसर है अभी प्रकाशन न करने की हिदायत के साथ एक कलमकार ट्रस्ट के चेयरमैन ने कहा जल्द ही इस मुद्दे पर चर्चा के बाद राज्यपाल महोदय को ज्ञापन सौंपा जाएगा और मुख्यमंत्री महोदय से भी मिल कर अपनी मान सम्मान की बात रखी जाएगी साथ ही अनुभव और शिक्षा के आधार से जांच कर पत्रकारों का चयन किया जाएगा साथ ही पत्रकार सुरक्षा कानून को प्रमुखता से लागू करने के लिए भी संवेधानिक लड़ाई भी लड़ी जाएगी। मौजूदा समय में कलमकारों का कोई मान सम्मान नहीं रहा लोग इन्हें गिरी हूई नजरों से देखते हैं।यह सब शायद चरणचुम्बन कलमकारों के कारण ही पत्रकारिता का दमन हो रहा है।

https://youtu.be/LCOjp1ygYp4?si=pBT-jqe7Zmp9kdOs
10/02/2024

https://youtu.be/LCOjp1ygYp4?si=pBT-jqe7Zmp9kdOs

मुम्बई महाराष्ट्र से जहां वरिष्ठ पत्रकार निखिल वागले की गाड़ी पर हमला: निखिल वागले पुणे जा रहे थे रास्ते में BJP कार.....

*मड़ियांव पुलिस ने नहीं दर्ज की अब तक रेप पीड़िता की रिपोर्ट।**आरोपियों के पैसा और राजनीतिक संरक्षण के कारण रेप पीड़िता ...
01/02/2024

*मड़ियांव पुलिस ने नहीं दर्ज की अब तक रेप पीड़िता की रिपोर्ट।*

*आरोपियों के पैसा और राजनीतिक संरक्षण के कारण रेप पीड़िता के पास न्याय का मात्र एक विकल्प न्यायालय।*

टके की कलम और टके के कलमकार।मो० ताहिर अहमद वारसी की कलम सेएक समय था जब क्षेत्रीय कलमकार से क्षेत्रीय जनता और क्षेत्रीय अ...
12/01/2024

टके की कलम और टके के कलमकार।

मो० ताहिर अहमद वारसी की कलम से

एक समय था जब क्षेत्रीय कलमकार से क्षेत्रीय जनता और क्षेत्रीय अधिकारी अपनी बात कहते थे और मदद मांगते थे यही हाल जिले के कलमकारों का था और यही देश के बड़े कलमकारों का ।वक्त बदलता गया धीरे-धीरे कलमकारों की न कलम रही और न ही रचनाएं ।कभी एक कलमकार मुंशी प्रेमचंद हुआ करते थे जो चवन्नी का हाथी जैसी रचनाएं लिख कर समाज को आईना दिखाया करते थे। मगर समय बदल चुका हैअब तो सब डिजिटल है मुंह से बोलो तो मोबाइल स्वयं लिख देता है। जिस कारण कलमकार समाप्त होने की कगार पर है।कभी रचना करने के बाद प्रकाशन की चिन्ता हुआ करती थी परंतु अब लिखा और तुरन्त वाट्स ऐप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे एकाउंट पर शेयर ,न विज्ञापन की चिंता न प्रकाशन की ।इसी लिए बेरोजगारी के दौर में नाम के कलाकारों की बढ़ती संख्या ने कलमकारों को टके का बना दिया। ऊंची ऊंची शान , सूट-बूट की आन, बड़ी बड़ी गाडियां ऊपर से गाड़ी पर लगा कलमकार का टैक आज बस यही कलमकार की पहचान मानी जाती है।जो जितनी ज्यादा बेईमान, मक्कारों के साथ फोटो खींच कर सोशल मीडिया पर डाले और जितनी मक्कारी कर बड़ी बड़ी गाड़ियों से टहले वो उतना बड़ा कलमकार ।ऐसी में आम जनमानस भी कलमकार की पहचान भूल चुका है।कभी सब्जी के ठेले पर कलमकार होने की धौंस जमा कर फोकट में सब्जी घर जाती है।तो कभी चाय वाले पर धौंस जमा कर फोकट की चाय सुड़कते है और शान से अपने आप को कलमकार कहते हैं।मगर शायद यह कलमकार की आड़ में हरामखोर हो चुके हैं।बस एक बार कैसे भी कलमकार का बिल्ला लग गया फिर क्या । फिर तो आ जीवन सोशल मीडिया से दो दो लाइन के कलमकार तैयार।एक चाय की टपरी पर जब मैं पहुंचा तो देखा की एक व्यक्ति बीच में बड़ी ठाठ से बैठा सिगरेट के कश और एक हाथ से चाय पीकर लोगों को अपने गुड़गांन की गाथा सुना रहा था ।फ्ला दरोगा जी हमारे मित्र हैं फ्ला सिपाही हमारा चेला है कोई काम हो खाली हमारा फोन ही काफी है।और आस पास बैठ युवक जी दादा ,जी दादा का जाप जप रहें थे मानो चाय की टपरी पर उन्हें साक्षात कलमकारों के गुरू घंटाल मिल गए हो। मैंने चाय वाले से जब पूछा यह कौन है तो उसने फुस्फुसाते हुए बताया सब हरामखोर है।आ जाते हैं बैठ कर फोकट की चाय पिलाओ ,सिगरट ,मसाला खिलाओ पैसे के नाम पर हिसाब में लिख लो और चाय वाला यह कहकर महोदय के घर तक पहुंच गया। मैं सोचने लगा यार जब पैसे नहीं देते तो यह चाय क्यों देता है आखिर मुझसे रहा नहीं गया मैं ने घुमा कर पूछा तुम कैसे जानते हो यह कलमकार हैं तो उसने बताया हमको क्या पता हमने कभी इन की रचना तो पढ़ी नहीं । हां सब कहते हैं ये कलमकार हैं और आए दिन दरोगा जी को भी चाय पिलाने लाते हैं और यही लेन-देन भी हो जाता है। गाड़ी पर भी कलमकार लिखा है।बाकि हमने कभी कोई रचना तो देखी नहीं हां पूर्व में एक दरोगा जी बहुत ईमानदार आए थे ।वो उन्हो ने साफ मना कर दिया कि दलाली लेकर मेरे पास मत आना ।तो यह सब गिरोह के साथ उन के पीछे पड़ गए कि दरोगा जी यहां खाते हैं दरोगा जी यहां सोते हैं और यहां बैठते हैं और जब कुछ नहीं मिला तो दरोगा जी ने एक गरीब को कुछ पैसे घर के खर्च के लिए दिए थे लौटाते समय फोटो खींच कर वाट्स ऐप वाट्स ऐप खेल कर उन्हें भी हटवा दिया।हमने पूछा तो तुम अपना पैसा क्यो नही मांगते तो टपरी वाला बोला साहब गरीब आदमी हूं सड़क किनारे दुकान लगाकर परिवार का पेट पालता हूं इन से कौन भिड़े दुकान हटवा कर बेरोजगार नहीं होना।तब मेरी समझ में आया की आखिर टके की कलम तो होती ही थी मगर अब तो टके के कलमकार भी होने लगे वाहहहहह डिजिटल इन्डिया वाहहहहहहह

*पत्रकारिता की आड़ में वसूली का कारोबार।**ठेले,खोमचे, फुटपाथ विक्रेता तक परेशान,कौन ले संज्ञान।**मो० ताहिर अहमद वारसी**ल...
31/10/2023

*पत्रकारिता की आड़ में वसूली का कारोबार।*

*ठेले,खोमचे, फुटपाथ विक्रेता तक परेशान,कौन ले संज्ञान।*

*मो० ताहिर अहमद वारसी*

*लखनऊ:-पत्रकारो पर वसूली का इल्ज़ाम नया नहीं है। पूर्व में भी सैकड़ों पत्रकारों पर मुकदमे वसूली के मुकदमे लिख चुके हैं। परंतु जिस प्रकार उत्तर प्रदेश की राजधानी में दिन प्रतिदिन पत्रकारों की संख्या में बाढ़ आती जा रही है वैसे वैसे पत्रकारों पर वसूली के आरोपों की घटनाएं बढ़ती जा रही है।बढ़ती बेरोजगारी में पढ़ें लिखे से लेकर अनपढ़ तक सभी पत्रकार हैं।जिन्हें कलम पकड़ना भी नहीं आता वो भी पत्रकार और जिन्हें खबरों का ज्ञान नहीं वो भी पत्रकार और हर पत्रकार अपने आप में बहुत बड़ा पत्रकार हैं उन का अपना क्षेत्र है अपना थाना हैं। जहां मात्र उनका ही सिक्का चलता है।हद तो तब हूई जब यह जानकारी मिली कि कुछ तो न्यूज पेपर व पत्रकार संगठन भी वसूली के दम पर चल रहे हैं।महीने का जो ज्यादा वसूली का हिस्सा देगा उसे उतना बड़ा पद मिल जाए गा।ऐसे कृत्यों ने समाचार पत्रों और संगठनों को तो संचालित कर दिया मगर पत्रकारों के मान सम्मान को कहां पहुंचा दिया यह शायद उन लोगों को पता नहीं या ऐसे लोग इस से मतलब रखना भी नहीं चाहते। लखनऊ में और विशेष कर लखनऊ ट्रांसगोमती में ऐसे लोगों की लहर है इन का अपना एक बड़ा गिरोह है जिस के मुखियाओं पर ही दर्जनों मुकदमे पंजीकृत हैं। और यह लोग अपनी बात मनवाने व वर्चस्व बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। चाहे अवैध खनन हो या अवैध मंडियां या अवैध स्टैंड या अवैध हास्पिटल या मानक विहीन स्कूल या किसी पर फर्जी मुकदमा लिखाना हो ये सब करवा सकते हैं।हद तो तब हूई जब गुडम्बा व मड़ियांव थाना क्षेत्र के कुछ खोमचे व फुटपाथ दुकानदारों ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि शाम को प्रतिदिन 100 रू देना पड़ता है न दो तो पुलिस से दुकान फेंकवाने की धमकी दी जाती है।जिस कारण कोई दुकानदार भय के कारण इन तथाकथित लोगों के खिलाफ मुंह खोलने से बचते हैं।एक चाय के टपरी वाले ने बताया कि सुबह से शाम तक दसयों सिगरेट और चाय मुफ्त में दो न दो तो अवैध अतिक्रमण की खबर छप जाएगी ।हम गरीब लोग हैं साहब हमें तो हर चीज़ पर टैक्स देना ही है चाहे सरकार ले या गुन्डे या ये तथाकथित लोग ।ऐसे लोगों के खिलाफ खड़े होने वालों के खिलाफ यह सब लामबंध होकर अपने किसी चहीते से तहरीर दिलाकर और स्वयं गवाह बन फर्जी मुकदमा लिखाने से भी गुरेज नहीं करते।यही कारण है कि कोई सम्मानित पत्रकार या समाज सेवी इन का विरोध नहीं करता। मान सम्मान, प्रतिष्ठा का इन से दूर दूर तक कोई सरोकार नहीं है। इन्हें कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों द्वारा ही अपने स्वार्थ के लिए पैदा किया गया है।जो आज तक गरीब हो या अमीर थाना हो या सड़क सब कहीं इन का कारोबार चलता है।अगर शासन प्रशासन द्वारा अलग से एक टीम का गठन कर अभियान चलाया जाए तो शायद उत्तर प्रदेश की राजधानी में ही पत्रकारों की लाखों की संख्या घटकर सैकड़ों में आ जाए। और आम जनमानस को भी वसूली से निजात मिल सके।*

*एक ओर महिला आरक्षण बिल दूसरी ओर दलित महिला पत्रकार का उत्पीड़न, भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी में कई दिनों ...
25/09/2023

*एक ओर महिला आरक्षण बिल दूसरी ओर दलित महिला पत्रकार का उत्पीड़न, भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी में कई दिनों से न्याय के आस में डरी महिला पत्रकार*

तथाकथित लोगों द्वारा ट्विटर के माध्यम से आलाधिकारियों को किया गया गुमराहतथाकथित लोगों द्वारा केंद्र राज्य मंत्री के बेटे...
29/08/2023

तथाकथित लोगों द्वारा ट्विटर के माध्यम से आलाधिकारियों को किया गया गुमराह

तथाकथित लोगों द्वारा केंद्र राज्य मंत्री के बेटे को बदनाम करने का चल रहा षड्यंत्र

बीते दिनों अवैध निर्माण को लेकर पत्रकार निखिल मिश्रा व पत्रकार नरेंद्र कुमार ने सोशल मीडिया पर एक जानकारी साझा वायरल की थी

जिसे माल थाना प्रभारी ने तुरंत संज्ञान लेते हुए मौके पर फोर्स भेज काम रुकवाया गया था।

खबर का खंडन करते हुए तथाकथित लोगों ने क्षेत्रीय सांसद व केंद्र राज्य मंत्री के बेटे विकास किशोर की छवि को धूमिल करने का किया प्रयास

लगातार तथा कथित लोग फर्जी सोशल मीडिया पर तहरीर वायरल कर पुलिस को किया गुमराह

थाना प्रभारी माल का कहना है हमें कोई नहीं मिली एप्लीकेशन

लगातार फर्जी खबर हो रही आए दिन वायरल

आखिरकार सुबे के मुख्यमंत्री कब लेंगे संज्ञान

रंगदारी के आरोप लगा कर पत्रकार की छवि कर रहे थे धूमिल ।

पत्रकारों में भारी रोष के बाद थाना प्रभारी माल को लिखित शिकायत दे कर की जांच की मांग ।

धैर्य मीडिया एसोसिएशन मामले को लेकर जाएगा शासन, प्रशासन तक।

अब किसी पत्रकार को फर्जी मुकदमे में फंसाने वालों को कभी माफ नहीं किया जाएगा दीपक सिंह तोमर राष्ट्रीय अध्यक्ष धैर्य मीडिया एसोसिएशन

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