29/03/2023
News Scoop: The National Payments Corporation of India (NPCI) informed that Unified Payments Interface (UPI) transactions of Rs 2,000 or more made through Prepaid Payment Instruments (PPIs) will attract an interchange fee. The move is reported to be aimed at boosting income for banks and payment service providers, who are reportedly grappling with the high cost of UPI transactions. The fee will be charged from April 1 and the interchange pricing will be reviewed by September 30, 2023.
So, what does this mean in simple words ? Here are few key takeaways:
1. UPI payments made through PPIs, i.e. digital wallets like Paytm Wallet, will now attract a fee of 1.1 per cent if the transaction value is Rs 2,000 or more.
2. This fee will not be applicable for wallet transactions of value less than Rs.2000.
3. Charges will be levied on the merchant side. This means that merchants may or may not pass on additional charges to consumers.
4- Regular UPI transactions, which are done directly from one bank account to another, it will be free.
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News Scoop: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बताया कि प्रीपेड भुगतान उपकरण (PPIs) के माध्यम से किए जाने वाले 2,000 रुपये या उससे अधिक के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लेनदेन पर इंटरचेंज शुल्क लगेगा। बताया गया है कि इस कदम का उद्देश्य बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं के लिए आय बढ़ाना है, जो कथित तौर पर यूपीआई लेनदेन की उच्च लागत से जूझ रहे हैं। शुल्क 1 अप्रैल से लिया जाएगा और इंटरचेंज मूल्य निर्धारण की समीक्षा 30 सितंबर, 2023 तक की जाएगी।
तो, आसान भाषआ में इसका क्या मतलब है ? प्वॉइंट्स में समझिए:
1. PPI के माध्यम से किए गए UPI पेमेंट, यानी पेटीएम वॉलेट जैसे डिजिटल वॉलेट से, पर अब लेनदेन का मूल्य 2000 रुपये या उससे अधिक होने पर 1.1 प्रतिशत शुल्क लगेगा।
2. 2000 रुपये से कम मूल्य के वॉलेट लेनदेन पर यह शुल्क नहीं लगेगा।
3. शुल्क व्यापारी पक्ष पर लगाया जाएगा। इसका मतलब है कि उपभोक्ताओं को व्यापारी अतिरिक्त शुल्क दे भी सकते हैं और नहीं भी।
4- नियमित UPI लेनदेन, जो सीधे एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में किए जाते हैं, वो निःशुल्क रहेगा।