30/10/2021
क्या हो गया है लोगो को........
इन लोगो को आप क्या कहेंगे बताया जा रहा है कि यह वीडियो यूपी के जौनपुर ज़िले का है जिसमे एक बुजुर्ग महिला की पिटाई कुछ लोग करते हुए दिखाई दे रहा है।
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क्या हो गया है लोगो को........
इन लोगो को आप क्या कहेंगे बताया जा रहा है कि यह वीडियो यूपी के जौनपुर ज़िले का है जिसमे एक बुजुर्ग महिला की पिटाई कुछ लोग करते हुए दिखाई दे रहा है।
The video of a village boy performing a pole vault jump without any training showcases raw, natural talent of India
Sometime funs vedio
Gurgaon sheetal Mata mandir
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यह कुम्भ का मेला अभी तक चल रहा है ।
या
यह भाजपा की रैली अभी तक चल रही है ।
हैदराबाद।
जिंदगी का कडवा सत्य।
शुक्र करो #किसानो की #सरकार है 🙄तभी इतने उछल रहे हो।
अगर की सरकार होती तो तुम्हारे #ट्रेक्टरो की #टायर_टयूब निकालकर तुम्हारे #गले मे #डालकर #आग लगा देते 🤐🤐*
नहीं तो ये देखो और करो इस को।
😥😥👇👇
12 जनवरी 1998... कांग्रेस राज में भी किसानों ने अपनी खराब स्थिति को लेकर एक किसान आंदोलन शुरू किया था
सिर्फ 300 गोलियां चली तो केवल 27 किसानों की मौत हुई और आंदोलन खत्म हो गया!😭🤔🧐
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बेहद खूबसूरत समझदार है ये नन्ही चिडियाँ, जो बूढी माॅ को खाना खिला रही है।
💥💥😂😂💥💥
* #कांग्रेस के #किसान नेता जो #अकेले अपने दम पर 3600 करोड़ रुपए देने की बात कर रहे हैं!*😍
*तो सोचो,*
*कितने लाखों करोड़ो की #चोट लगी है इन #कमीशनखोर #दलालों #बिचौलियों की छाती पर?*🧐
युद्ध भूमि के मैदान में अन्तिम पोटीन लेता हुआ। नोजवान 🤣🤣🤣
👌
Big monster best action movie
जानिए हजारों साल पहले मन्दिरो का निर्माण क्यो करवाया गया!
अगर विचारों में कोई उदारता नहीं! तो सुन्दरता का कोई मोल नहीं!
ये नागा बाबा ने वैज्ञानिक को भी फेल कर दिया!
ातन
भारत का #रेडियो_एक्टिविटी मैप उठा लें, हैरान हो जायेंगे ! भारत सरकार के #न्युक्लियर_रिएक्टर के अलावा सभी #ज्योतिर्लिंगों के स्थानों पर सबसे ज्यादा रेडिएशन पाया जाता है।
शिवलिंग और कुछ नहीं बल्कि न्युक्लियर रिएक्टर्स ही तो हैं, तभी तो उन पर जल चढ़ाया जाता है, ताकि वो शांत रहें। महादेव के सभी प्रिय पदार्थ जैसे कि बिल्व पत्र, आकमद, धतूरा, गुड़हल आदि सभी न्युक्लिअर एनर्जी सोखने वाले हैं। क्यूंकि शिवलिंग पर चढ़ा पानी भी रिएक्टिव हो जाता है इसीलिए तो जल निकासी नलिका को लांघा नहीं जाता।
#भाभा_एटॉमिक_रिएक्टर का डिज़ाइन भी शिवलिंग की तरह ही है।
शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ जल नदी के बहते हुए जल के साथ मिलकर औषधि का रूप ले लेता है। तभी तो हमारे पूर्वज हम लोगों से कहते थे कि महादेव शिवशंकर अगर नाराज हो जाएंगे तो प्रलय आ जाएगी। ध्यान दें कि हमारी परम्पराओं के पीछे कितना गहन विज्ञान छिपा हुआ है। जिस संस्कृति की कोख से हमने जन्म लिया है, वो तो चिर सनातन है। विज्ञान को #परम्पराओं का जामा इसलिए पहनाया गया है ताकि वो प्रचलन बन जाए और हम भारतवासी सदा वैज्ञानिक जीवन जीते रहें।..
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में ऐसे महत्वपूर्ण शिव मंदिर हैं जो केदारनाथ से लेकर रामेश्वरम तक एक ही सीधी रेखा में बनाये गये हैं। आश्चर्य है कि हमारे पूर्वजों के पास ऐसा कैसा विज्ञान और तकनीक था जिसे हम आज तक समझ ही नहीं पाये? उत्तराखंड का #केदारनाथ, तेलंगाना का कालेश्वरम, आंध्रप्रदेश का कालहस्ती, तमिलनाडु का #एकंबरेश्वर, #चिदंबरम और अंततः #रामेश्वरम मंदिरों को 79°E 41’54” Longitude की भौगोलिक सीधी रेखा में बनाया गया है।
यह सारे मंदिर प्रकृति के 5 तत्वों में लिंग की अभिव्यक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसे हम आम भाषा में पंचभूत कहते हैं। #पंचभूत यानी पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष। इन्हीं पांच तत्वों के आधार पर इन पांच शिवलिंगों को प्रतिष्टापित किया गया है। जल का प्रतिनिधित्व #तिरुवनैकवल_मंदिर में है, आग का प्रतिनिधित्व #तिरुवन्नमलई में है, हवा का प्रतिनिधित्व #कालाहस्ती में है, पृथ्वी का प्रतिनिधित्व #कांचीपुरम् में है और अतं में अंतरिक्ष या आकाश का प्रतिनिधित्व #चिदंबरम मंदिर में है! वास्तु-विज्ञान-वेद का अद्भुत समागम को दर्शाते हैं ये पांच मंदिर।
भौगोलिक रूप से भी इन मंदिरों में विशेषता पायी जाती है। इन पांच मंदिरों को योग विज्ञान के अनुसार बनाया गया था, और एक दूसरे के साथ एक निश्चित भौगोलिक संरेखण में रखा गया है। इस के पीछे निश्चित ही कोई विज्ञान होगा जो मनुष्य के शरीर पर प्रभाव करता होगा।
इन मंदिरों का करीब पाँच हज़ार वर्ष पूर्व निर्माण किया गया था जब उन स्थानों के अक्षांश और देशांतर को मापने के लिए कोई उपग्रह तकनीक उपलब्ध ही नहीं थी। तो फिर कैसे इतने सटीक रूप से पांच मंदिरों को प्रतिष्टापित किया गया था? उत्तर भगवान ही जानें।
केदारनाथ और रामेश्वरम के बीच 2383 किमी की दूरी है। लेकिन ये सारे मंदिर लगभग एक ही समानांतर रेखा में पड़ते हैं।आखिर हज़ारों वर्ष पूर्व किस तकनीक का उपयोग कर इन मंदिरों को #समानांतर रेखा में बनाया गया है, यह आज तक रहस्य ही है। श्रीकालहस्ती मंदिर में टिमटिमाते दीपक से पता चलता है कि वह वायु लिंग है।तिरुवनिक्का मंदिर के अंदरूनी पठार में जल वसंत से पता चलता है कि यह जल लिंग है। #अन्नामलाई पहाड़ी पर विशाल दीपक से पता चलता है कि वह अग्नि लिंग है। कंचिपुरम् के रेत के स्वयंभू लिंग से पता चलता है कि वह पृथ्वी लिंग है और चिदंबरम की निराकार अवस्था से भगवान की निराकारता यानी आकाश तत्व का पता लगता है।
अब यह आश्चर्य की बात नहीं तो और क्या है कि #ब्रह्मांड के #पांच_तत्वों का प्रतिनिधित्व करने वाले पांच लिंगों को एक समान रेखा में सदियों पूर्व ही प्रतिष्टापित किया गया है। हमें हमारे पूर्वजों के ज्ञान और बुद्दिमत्ता पर गर्व होना चाहिए कि उनके पास ऐसी विज्ञान और तकनीकी थी जिसे आधुनिक विज्ञान भी नहीं भेद पाया है। माना जाता है कि केवल यह पांच मंदिर ही नहीं अपितु इसी रेखा में अनेक मंदिर होंगे जो केदारनाथ से रामेश्वरम तक सीधी रेखा में पड़ते हैं। इस रेखा को #शिव_शक्ति_अक्श_रेखा भी कहा जाता है। संभवतया यह सारे मंदिर कैलाश को ध्यान में रखते हुए बनाये गये हों जो 81.3119° E में पड़ता है!? उत्तर शिवजी ही जाने। ...
कमाल की बात है "महाकाल" से शिव ज्योतिर्लिंगों के बीच कैसा सम्बन्ध है......??
#उज्जैन से शेष ज्योतिर्लिंगों की दूरी भी है रोचक-
उज्जैन से सोमनाथ- 777 किमी
उज्जैन से ओंकारेश्वर- 111 किमी
उज्जैन से भीमाशंकर- 666 किमी
उज्जैन से काशी विश्वनाथ- 999 किमी
उज्जैन से मल्लिकार्जुन- 999 किमी
उज्जैन से केदारनाथ- 888 किमी
उज्जैन से त्रयंबकेश्वर- 555 किमी
उज्जैन से बैजनाथ- 999 किमी
उज्जैन से रामेश्वरम्- 1999 किमी
उज्जैन से घृष्णेश्वर - 555 किमी
हिन्दू धर्म में कुछ भी बिना कारण के नहीं होता था ।
उज्जैन पृथ्वी का केंद्र माना जाता है, जो सनातन धर्म में हजारों सालों से मानते आ रहे हैं। इसलिए उज्जैन में सूर्य की गणना और ज्योतिष गणना के लिए मानव निर्मित यंत्र भी बनाये गये हैं करीब 2050 वर्ष पहले ।
•*•और जब करीब 100 साल पहले पृथ्वी पर काल्पनिक रेखा (कर्क) अंग्रेज वैज्ञानिक द्वारा बनायी गयी तो उनका मध्य भाग उज्जैन ही निकला। आज भी वैज्ञानिक उज्जैन ही आते हैं #सूर्य और #अन्तरिक्ष की जानकारी के लिये।
ाकाल
बॉलीवुड वाले लिबाडुओ का बहुत बडी पोल खोल
अगर भारतीय महिलाएं विदेश जाती हैं, 😎
तो भी वे पापड़ बनाना बंद थोड़े न करेंगी।
😏😂😂
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क्या हो गया है लोगो को........ इन लोगो को आप क्या कहेंगे बताया जा रहा है कि यह वीडियो यूपी के जौनपुर ज़िले का है जिसमे एक बुजुर्ग महिला की पिटाई कुछ लोग करते हुए दिखाई दे रहा है।
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यह कुम्भ का मेला अभी तक चल रहा है । या यह भाजपा की रैली अभी तक चल रही है । हैदराबाद।
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