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02/04/2024

کسی کی ہزار تسلیاں وہ کام نہیں کرتیں جو پیارے قرآن کی ایک آیت کر دیتی ہے

لَا تَخَافَآ‌ اِنَّنِىۡ مَعَكُمَاۤ اَسۡمَعُ وَاَرٰى
ڈرو نہیں بیشک میں تمہارے ساتھ ہوں میں سن رہا ہوں اور دیکھ بھی رہا ہوں

(سورۃ طٰہ: 46)

01/04/2024

واہ کیا چیز ہے ہندستان
جب گجرات میں زلزلہ آیا ،پھر فساد ہوا ؎
تو اس وقت بھی کھنڈر بستیوں اور شکستہ دلوں کے درمیان گجرات میں بھائی چارہ کا چمن کسی نے آباد رکھا تو وہ دو ہستیاں تھیں
(۱) نوین چند بھاٹیہ جنھوں نے جگہ دی ؎
(۲) حضرت مولانا محمود اسعد مدنی صاحب جنھوں نے چلڈرن ولیج بسایا
اور اسطرح ساحل کچھ کی اس ریتیلی زمین پر ایک سچے ہندستان کا چمن بس گیا ۔
اس چمن کے ایک اہم چمن ساز ایک اور ہستی ہیں، وہ ہیں مولانا حکیم الدین صاحب قاسمی ، جنرل سکریٹری جمعیۃ علماء ہند

اسی چمن کی زیارت کا موقع ملا ۔



Maulana Mahmood Madani
Jamiat Ulama-i-Hind
Maulana Qasmi

हमारा सबसे बड़ा असासा रब की रहमत और फ़ज़ल है..!!दुआ एक इबादत है, दुआ में बरकत है, दुआ में हिफाज़त है और दुआ से मुआफी है। थोड़...
01/04/2024

हमारा सबसे बड़ा असासा रब की रहमत और फ़ज़ल है..!!

दुआ एक इबादत है, दुआ में बरकत है, दुआ में हिफाज़त है और दुआ से मुआफी है।

थोड़ी सी इबादत बहुत सा सिला देती है और छोटी सी दुआ जिसमें इख़लास, ख़शियत और आजिज़ी हो वो अर्श भी हिला देती है।

दुनिया के सबसे बड़े मुक़द्दस दरबार में जो हाथ पहले गिडगिडाते हुवे दुआ के लिए उठते थे वो आज सेल्फी, तस्वीरों और विडियो कॉल्स के लिए उठते हैं।

"दुआओं में ग़फलत" की वजह से जिंदगियों से सुकून, बरकतें और रहमतें निकल चुकी है।

दुनिया में ज़वाल और ज़िल्लत की एक सबसे बड़ी वजह भी यही है।

मुख्तार अहमद अंसारी हमेशा गरीबों और प्रताड़ित लोगों के मददगार के रूप में जाने जाएंगेजमीअत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना...
31/03/2024

मुख्तार अहमद अंसारी हमेशा गरीबों और प्रताड़ित लोगों के मददगार के रूप में जाने जाएंगे
जमीअत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि उनके परिवार का एक स्वर्णिम इतिहास है

नई दिल्ली, 31 मार्च: जमीअत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने गाजीपुर और मऊ यूपी के प्रसिद्ध राजनीतिक और सामाजिक नेता मुख्तार अंसारी की मौत पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है और कहा है कि उनकी मृत्यु के कारणों के बारे में जनता के संदेह और संशय और परिजनों के असंतोष से न्याय और न्याय प्रवर्तन एजेंसियों पर विश्वास को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है। मौलाना मदनी ने कहा कि केवल न्याय ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि न्याय पर भरोसा और विश्वास भी जरूरी है। हाल ही में यूपी की जेलों और पुलिस हिरासत में कई राजनीतिक और सामाजिक नेताओं की हत्याओं या रहस्यमई मौतों ने जनता के संदेह को और बढ़ा दिया है।

मौलाना मदनी ने कहा कि मुख्तार अहमद अंसारी हमेशा गरीबों और प्रताड़ित लोगों के समर्थक और मददगार के रूप में जाने और पहचाने जाएंगे। मीडिया माफिया डॉन की छवि को उजागर करके उनकी सार्वजनिक लोकप्रियता और सेवा को मिटा नहीं सकता। उन्होंने देश के कानून के अनुसार अपने जीवन का एक लंबा हिस्सा जेल में बिताया है, कानून के अनुसार अपराध की सजा से कोई भी असहमत नहीं है, लेकिन कानून के खिलाफ कैदी के साथ क्रूर व्यवहार और हत्या की अनुमति नहीं है और इस संबध में सरकार को न्याय की मांग पूरी करनी चाहिए। संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसके कारण उनकी लोकप्रियता और समर्थन स्वाभाविक है।

मौलाना मदनी ने कहा कि मुख्तार अहमद अंसारी का परिवार देशभक्ति और देश की निस्वार्थ सेवा से भलीभांति परिचित है। उनकी वंशावली स्वतंत्रता सेनानी डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी और शहीद ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान और भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी जैसी शख्सियतों से मिलती है। उनके दादा डॉ. मुख्तार अंसारी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे और वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के संस्थापक थे। उनका हजरत शेख-उल-हिंद मौलाना महमूद हसन देवबंदी से करीबी रिश्ता था। वह हजरत शेख-उल-हिंद के भक्त थे, सम्मान करने वाले और प्रशिक्षित थे। इसी तरह, 'नौशेरा के शेर' के नाम से मशहूर नाना शहीद ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान ने इस मातृभूमि की महानता के लिए 1948 के युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस परंपरा को दिवंगत के पिता सुभानुल्लाह अंसारी ने भी आगे बढ़ाया। मुख्तार अंसारी के जीवन का एक पहलू यह था कि वह क्षेत्र के गरीबों और जरूरतमंद लोगों के लिए आशा की किरण और मददगार थे।

मौलाना मदनी ने मांग की कि उनकी मौत के कारणों की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच जल्द से जल्द पूरी की जाए, क्योंकि न्याय के सिद्धांतों, न्यायिक प्रणाली में विश्वास और कानून के शासन को बनाए रखने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है।

इस मौके पर मौलाना मदनी ने मुख्तार अंसारी के परिजनों खासकर उनके बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी, अफजाल अंसारी, साहबजादे अब्बास अंसारी, उमर अंसारी, भतीजे सोहैब अंसारी आदि के प्रति हार्दिक सहानुभूति और संवेदना व्यक्त की और मृतक के लिए मगफिरत की दुआ की है।

25/03/2024
24/03/2024

हक़ वाले बोलना छोड़ दें तो बातिल वाले ये गुमान कर लेते हैं कि वो हक़ पर है..!

24/03/2024
माह-ए-रमज़ान में होते हैं तीन अशरे,जानिए इस्लाम में क्या है इनका महत्व.
23/03/2024

माह-ए-रमज़ान में होते हैं तीन अशरे,जानिए इस्लाम में क्या है इनका महत्व.

माह-ए-रमज़ान में होते हैं तीन अशरे,जानिए इस्लाम में क्या है इनका महत्व.
22/03/2024

माह-ए-रमज़ान में होते हैं तीन अशरे,जानिए इस्लाम में क्या है इनका महत्व.

आगरा (इजहार अहमद)। इस्लाम के पाक महीने रमज़ान को तीन भागों में बांटा गया है, जिसका विशेष महत्व होता है. इन्हें तीन अश....

21/03/2024

क्या 2024 का रिज़ल्ट घोषित हो चुका है? अब कोई भी सर्वे लाइये, कोई भी डेटा लाइये, सब सही हो जाएगा। कहीं से फ़िट कर दीजिए, सब सही हो जाएगा। 400 की जगह 543 लिख दीजिए, सही हो जाएगा। विपक्ष का मुख्यमंत्री भी सुरक्षित नहीं। हेमंत सोरेन गिरफ़्तार। केजरीवाल गिरफ़्तार। कांग्रेस का खाता बंद। विपक्ष रहित चुनाव। जनता तय करेगी या जाँच एजेंसी। बेकार का सवाल।

20/03/2024

ایک فلسطینی بچہ سے پوچھا گیا کہ آپ عرب ممالک سے مدد کیوں نہیں مانگتے ،
اس بچہ نے جواب دیا ہمارے مذہب میں مردوں سے مدد مانگنا شرک ہے

एनसीपीसीआर के चेयरमैन को जमीअत उलमा-ए-हिंद का नोटिस- जमीअत ओपन स्कूल के खिलाफ झूठे बयान वापस लें, धार्मिक मदरसों के खिला...
20/03/2024

एनसीपीसीआर के चेयरमैन को जमीअत उलमा-ए-हिंद का नोटिस
- जमीअत ओपन स्कूल के खिलाफ झूठे बयान वापस लें, धार्मिक मदरसों के खिलाफ भ्रामक बयान देना बंद करें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई पर मजबूर होंगे: मौलाना महमूद असद मदनी

नई दिल्ली, 20 मार्च, 2024। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो द्वारा धार्मिक मदरसों और जमीअत ओपन स्कूल को बदनाम करने के खिलाफ जमीअत उलमा-ए-हिंद ने कठोर कदम उठाया है। इस संबंध में जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद की ओर से जानी मानी वकील वृंदा ग्रोवर ने उक्त चेयरमैन को पत्र लिख कर सात दिन के अंदर लिखित रूप से अपना बयान वापस लेने की सलाह दी है, अन्यथा उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञात हो कि गत 13 मार्च में श्री कानूनगो ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल्स (एनआईओएस) को पत्र लिखकर जमीअत उलमा-ए-हिंद के शिक्षण संस्थान "जमीअत ओपन स्कूल अभियान" को 'संगठित अपराध' की संज्ञा दी थी। इसके साथ ही इस पर विदेशों से फंडिंग प्राप्त करने विशेष रूप से पाकिस्तान से संबंध होने का निराधार आरोप लगाया गया था। इस संबंध में चेयरमैन ने एक टीवी चैनल पर भी यह आरोप दोहराया। इसके अलावा उक्त चेयरमैन दीनी मदरसों को बदनाम करने और उन पर बेतुके आरोप लगाने में भी आगे-आगे रहते हैं।
नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जमीअत उलमा-ए-हिंद जैसे ऐतिहासिक और देशभक्त संगठन को बदनाम करने और उस पर झूठे आरोप लगाने की कोशिश किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। साथ ही इतने ऊंचे पद पर बैठे व्यक्ति के लिए यह शोभा नहीं देता। जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष ने इस नोटिस द्वारा लगाए गए आरोपों की निंदा की है। विभिन्न मीडिया चैनलों के माध्यम से फैलाए गए इन आरोपों ने जमीअत ओपन स्कूल की प्रतिष्ठा को प्रभावित किया है, जबकि यह संस्था पिछड़े समुदायों, विशेषकर मुस्लिम अल्पसंख्यकों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समर्पित है।
श्री कानोनगो के दावों के विपरीत, जमीअत ओपन स्कूल कानूनी फ्रेमवर्क के भीतर कार्य करता है और इसका मुख्य उद्देश्य धार्मिक मदरसों के छात्रों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के माध्यम से आधुनिक शिक्षा के अवसर प्रदान करना है। इस पहल का उद्देश्य ऐसे छात्रों को सशक्त बनाना है जो मुख्यधारा के शैक्षिक अवसरों से वंचित हैं ताकि वह सिविल सोसायटी की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। दूसरी ओर, जमीअत किसी भी छात्र को औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने से नहीं रोकती, बल्कि पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को आधुनिक शिक्षा भी प्रदान की जाती है।
श्री कानूनगो जमीअत ओपन स्कूल को 'ओपन मदरसा' का जो नाम दे रहे हैं, वह न केवल गलत है बल्कि दुर्भावनापूर्ण है। साथ ही धार्मिक स्कूलों के बारे में उनकी अपमानजनक टिप्पणियां इन संस्थानों की संवैधानिक पहचान और अधिकारों को नुकसान पहुंचा रही हैं।
उन्हें यह समझना चाहिए कि देश की कानूनी व्यवस्था में 'धार्मिक मदरसों' को मान्यता दी गई है। अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के 1(5) में विशेष रूप उल्लेख है कि यह अधिनियम मदरसों, वैदिक पाठशालाओं और मुख्य रूप से धार्मिक शिक्षा प्रदान करने वाले अन्य संस्थानों पर लागू नहीं होगा। इस प्रकार मदरसों की वैधता को देश के संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 के साथ-साथ विभिन्न राज्य-स्तरीय कानूनों में भी कानूनी रूप से मान्यता दी गई है जो धार्मिक शिक्षा के इन संस्थानों को मान्यता देते हैं।
इसके अलावा, कानूनी रूप से नियुक्त अध्यक्ष होने के नाते, "बच्चों के खिलाफ संगठित अपराध" जैसे वाक्यों का चयन बहुत ही निंदनीय और जमीअत उलमा-ए-हिंद को बदनाम करने वाला कृत्य है। धार्मिक शिक्षा देना अल्पसंख्यकों का मौलिक अधिकार है, अन्य धर्मों द्वारा भी धार्मिक शिक्षा दी जाती है और संस्थाएं स्थापित की जाती हैं। परंतु उन्होंने धार्मिक विद्यालयों को ही निशाना बनाकर पक्षपात का प्रमाण दिया है।
जहां तक वित्तीय मामलों का सवाल है, तो चेयरमैन ने धन जुटाने को पाकिस्तान से जोड़ा है। उन्हें पता होना चाहिए कि जमीअत उलमा-ए-हिंद किसी भी विदेशी योगदान के लिए विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम, 2010 का सख्ती से पालन करती है, और इस उद्देश्य के लिए उसके पास गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक नवीनीकृत एफसीआरए प्रमाणपत्र है। यह कहने की जरूरत नहीं है कि किसी भी पैसे का पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है। एफसीआरए कानून का मामला एनसीपीसीआर के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इसके बावजूद उन्होंने पाकिस्तान का नाम लेकर अपनी सीमाएं लांघी हैं, उनकी बातों की जड़ें झूठ, अनुमान और अविश्वसनीय दावों में निहित हैं।
जमीअत उलमा-ए-हिंद ने मीडिया का ध्यान भी आकर्षित किया है कि वह ऐसे झूठे बयान को जारी करने से बचे जो समाज की भलाई के लिए काम करने वाले संगठनों को बदनाम करने का कारण हैं।

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प्रिय संपादकगण
इस प्रेस विज्ञप्ति को प्रकाशित करने की कृपा करें

साभार
नियाज अहमद फारूकी
सचिव, जमीअत उलमा-ए-हिंद
फोन न. 9312228470

18/03/2024



𝐖𝐞 𝐀𝐩𝐩𝐞𝐚𝐥 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐁𝐞𝐧𝐞𝐟𝐚𝐜𝐭𝐨𝐫𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐖𝐞𝐥𝐥-𝐖𝐢𝐬𝐡𝐞𝐫𝐬 𝐨𝐟 𝐉𝐚𝐦𝐢𝐚𝐭 𝐭𝐨 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐫𝐢𝐛𝐮𝐭𝐞 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐨𝐰𝐧 𝐕𝐚𝐥𝐮𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐄𝐚𝐫𝐧𝐢𝐧𝐠𝐬.ہم ملت کے  #بہی خ...
16/03/2024

𝐖𝐞 𝐀𝐩𝐩𝐞𝐚𝐥 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐁𝐞𝐧𝐞𝐟𝐚𝐜𝐭𝐨𝐫𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐖𝐞𝐥𝐥-𝐖𝐢𝐬𝐡𝐞𝐫𝐬 𝐨𝐟 𝐉𝐚𝐦𝐢𝐚𝐭 𝐭𝐨 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐫𝐢𝐛𝐮𝐭𝐞 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐨𝐰𝐧 𝐕𝐚𝐥𝐮𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐄𝐚𝐫𝐧𝐢𝐧𝐠𝐬.
ہم ملت کے #بہی خواہوں اور #مخیر حضرات سے اپیل کرتے ہیں کہ #جمعیۃ علمائے ہند کی #ملی ورفاہی اور دینی سرگرمیوں کے لیے اپنے #زکوۃ ، #صدقات اور #عطیات اور پاک کمائی سے تعاون کریں۔
#اللہ تعالی ہم سب کی کوششوں کو #قبول فرمائے اور اپنی مرضیات پرچلنے کی توفیق بخشے اور قبولیت سے نوازے (آمین)

𝐘𝐨𝐮 𝐜𝐚𝐧 𝐃𝐨𝐧𝐚𝐭𝐞 𝐓𝐡𝐫𝐨𝐮𝐠𝐡 𝐨𝐮𝐫 𝐰𝐞𝐛𝐬𝐢𝐭𝐞
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11/03/2024

चाँद मुबारक
माह-ऐ- रमज़ान की दिली मुबारकबाद,
दुआओं में याद रखिए।

केंद्र सरकार ने CAA लागू किया ,अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से आने वाले मुस्लिमों को छोड़कर सभी धर्मों के लोगों को ...
11/03/2024

केंद्र सरकार ने CAA लागू किया ,अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से आने वाले मुस्लिमों को छोड़कर सभी धर्मों के लोगों को दी जायेगी भारत की नागरिकता!

Ramzan Mubarak رمضان مبارک 🌙 ✨Jamiat Ulama-i-HindMaulana Mahmood Madani
11/03/2024

Ramzan Mubarak رمضان مبارک 🌙 ✨
Jamiat Ulama-i-Hind
Maulana Mahmood Madani

08/03/2024

किया यही है असली हिंदुस्तान
सिर्फ कुछ मिनट की जुम्मे की नमाज अदा करते हुए नमाजियों को एक पुलिस वाला लाते मार कर उनकी नमाज खराब करता हुआ दिख रहा है।
Inderlok नॉर्थ दिल्ली का मामला है|

07/03/2024

مدرسہ اسلامیہ مظاہرہ العلوم ہاتھرس کے سالانہ اجلاس میں خطاب فرماتے ہوئے،جمعیتہ علماءہند کےناظم عمومی حضرت مولانا حکیم الدین قاسمی صاحب،

29/02/2024

Apni taqat ko Pehchaniye

27/02/2024

ईमान सबसे ज़रूरी और कीमती चीज है

Gracing our Annual Day with their esteemed presence! 🌟 Maulana Ibrahim Tarapuri Sb, our Chief Guest, and Mr. Munawar Zam...
26/02/2024

Gracing our Annual Day with their esteemed presence! 🌟 Maulana Ibrahim Tarapuri Sb, our Chief Guest, and Mr. Munawar Zama, our Guest of Honour, warmly welcomed by Musheer Uzzaman, Headmaster of ZIA.
The luminous gathering also included the esteemed Maulana Mahmood Madani Sb and other distinguished guests.
A day filled with inspiration and celebration at Zaytun International Academy! 🎉
Zaytūn International Academy

An enriching day unfolded at Zaytun International Academy with the esteemed presence of Mr. Munawar Zama, a renowned mot...
17/02/2024

An enriching day unfolded at Zaytun International Academy with the esteemed presence of Mr. Munawar Zama, a renowned motivational speaker and the enthusiastic students of the ongoing Personality Development Workshop.

The event commenced with Tilawat e Quran and Naat, setting a spiritual tone. The school headmaster Mr Musheer Uzzaman presented an introductory overview of ZIA, followed by valuable insights from Mr. Ibrahim Mukadam, offering support at ZIA from the United Kingdom.

The highlight of the day was Mr. Munawar Zama shedding light on the significance of the modern and Islamic education provided by ZIA.

The event concluded with Ml Hakeemuddin Qasmi delivering heartfelt concluding remarks and a dua.

قرآن کی خدمت کرنے والے اللہ کے منتخب اور معتمد بندے ہیں : مفتی ابوالقاسم نعمانی    دارالعلوم دیوبند کےشیخ الحدیث  و مھت...
14/02/2024

قرآن کی خدمت کرنے والے اللہ کے منتخب اور معتمد بندے ہیں : مفتی ابوالقاسم نعمانی
دارالعلوم دیوبند کےشیخ الحدیث و مھتمم کے دست مبارک سے ناظم عمومی جمعیتہ علماء ہند کے صاحبزادگان حافظ ابوبکر اور حافظ محمود سلمہ کی دستار بندی،
ناظم عمومی جمعیۃ علماء ہند نے اپنے خطاب میں کہا کہ اللہ تعالی نے اس امت کی فضیلت قرآن کی وجہ سے عطا فرمائی
مدرسہ یاسینیہ سراج العلوم کھڈا ضلع مظفر نگر کے سالانہ اجلاس عام میں ۱۹ طلبہ کی دستار بندی
آج بتاریخ 14 فروری 2024 بروز بدھ مدرسہ یاسینیہ سراج العلوم کھڈا ضلع مظفر نگر کے سالانہ اجلاس عام کی اختتامی نشست میں حضرت اقدس مولانا مفتی ابو القاسم نعمانی دامت برکاتہم مھتمم و شیخ الحدیث دارالعلوم دیوبند کے دست مبارک سے حافظ ابوبکر اور حافظ محمود سلمہ ابنِ مولانا حکیم الدین قاسمی صاحب جنرل سکریٹری جمعیتہ علماء ہند ، اور مدرسہ سے امسال فارغ ہونے والے19 حفاظ اور 5 حافظہ بچیوں کی دستار بندی عمل میں آئی ۔اس موقعہ پر حضرت والا نے فارغین اور عوام الناس سے ناصحانہ خطاب فرماتے ہوئے حافظ قرآن کی فضیلت پر روشنی ڈالی۔ انھوں نے فرمایا کہ اللہ تعالی نے قرآن مجید کی حفاظت کا وعدہ کیاہے، یہی سبب ہے کہ چھوٹے چھوٹے بچوں کے سینوں میں اس کو محفوظ کرنا آسان بنادیا ہے ۔ہمارے شیخ و مرشد فرماتے تھے کہ بادشاہ وقت اگر کسی سے وعدہ کرلے کہ ہم تمہاری حفاظت کریں گے تو وہ خود تو حفاظت پر کھڑا نہیں ہو سکتا ،بلکہ قریبی اور معتمد کو اس کا م پر لگاتا ہے ۔ اس لیے جن لوگوں اللہ تعالی نے اس کام کے لیے چنا ہے ، وہ انتخاب سے ہی اللہ کا قرب حاصل کرلیتے ہیں ۔ اس کا مطلب صاف ہے کہ قرآن کی خدمت کرنے والے اللہ تعالی کے معتمد اور منتخب بندوں میں شامل ہیں ۔ انھوں نے فرمایا کہ اس میں حفظ کرنے والے طلبہ ہی نہیں بلکہ ادارے کے ذمہ داران ، معاونین اور متعلقین بھی شامل ہیں۔]
اس موقع پر ناظم عمومی جمعیۃ علماء ہند مولانا حکیم الدین قاسمی نے اپنے خطاب میں فرمایا کہ قرآن کی خدمت سے ہی اللہ تعالی اپنے بندوں کا درجہ دنیا و آخرت میں بلند فرماتا ہے ۔ قبل ازیں تشریف آوری کے موقعہ پر مدرسہ کے مھتمم قاری جعفر صاحب، گاؤں کے ذمّے داران، اساتذہ عظام کے علاوہ جمعیتہ یوتھ کلب کے نوجوانوں نے مولانا ابوالقاسم نعمانی صاحب اور مولانا حکیم الدی قاسمی کا والہانہ استقبال کیا ۔اس موقع پر حضرت ناظم عمومی کے ہمراہ مولانا قاری احمد عبداللہ سکریٹری جمعیتہ یوتھ کلب ، مولانا ازہر بن حضرت مولانا حکیم الدین قاسمی، محمد معاذ عابد محمودی میرٹھ اور بھائی محمد سلیم موجود رہے ۔

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