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30/05/2024

देश में गांधी की 100% मूर्तियां सरकारों ने बनाई है। दूसरी ओर बाबासाहेब की 99% मूर्तियां समाज ने बनाई हैं। सरकारों ने बमुश्किल 01% मूर्तियां बनाई होंगी।

लेकिन विचारों की ताकत देखिए। आज गांधी खत्म हैं और बाबासाहेब पूरे विश्व में सूरज की तरह चमक रहे हैं।

29/05/2024

बुंदेलखंड दो राज्यों में बंटा हुआ है- यूपी एवं एमपी।

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में SC समुदाय की स्थिति काफी बेहतर है। यहां किसी की हिम्मत नहीं होती कि उन्हें घोड़ी चढ़ने आदि पर मार-पीट सके। उत्पीड़न भी कम है। कारण है- यहां बसपा का मजबूत होना।

वहीं, मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में SC समुदाय के लोगों को घोड़ी पर चढ़ने, सामने कुर्सी पर बैठने... पर अक्सर मारा-पीटा जाता है। यहां जातीय उत्पीड़न अत्यंत ही भयावह है। यहां उनकी कोई सुनवाई नहीं होती।

दोनों बुंदेलखंड क्षेत्रों की सामाजिक एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि एक जैसी है, लेकिन दोनों क्षेत्रों में रह रहे SC समुदाय के लोगों की स्थिति में जमीन आसमान का अंतर है। फिलहाल इसका मूल कारण सत्ता ही है।

उत्तर प्रदेश में बहन मायावती जी के चार बार मुख्यमंत्री रहने की बदौलत यहां SC समाज में आत्मबल एवं आत्मविश्वास बहुत मजबूत है। अगर यहां जातिगत उत्पीड़न होता है तो SC समुदाय की एकजुटता के आगे जातिवादी नेता और पुलिस-प्रशासन को झुकना पड़ता है, और सरकार को संज्ञान लेना पड़ता है। जबकि मध्य प्रदेश में स्थिति काफी अलग है।

मध्य प्रदेश में SC समुदाय के लोग भाजपा और कांग्रेस को समर्थन देते हैं। जबकि इन पार्टियों ने कभी भी उनके उत्थान के बारे में नहीं सोचा। चाहे सरकार बीजेपी की हो या कांग्रेस की, समाज की स्थिति जस की तस है। आज भी कई जगह Dominant OBC और सवर्णों के घरों के आगे चप्पल पहनकर जाने की आजादी नहीं है। घोड़ी चढ़ने, सामने कुर्सी पर बैठने जैसी छोटी-छोटी बातों पर उन्हें मारा-पीटा जाता है। जातीय उत्पीड़न की घटनाएं इतनी भयावह होती हैं कि सोचकर ही रूह कांप जाती है, जैसे सागर की घटना।

मैंने ऐसे अनेक मामलों को उठाया है। कई मामलों में तो मैं स्वयं पीड़ित पक्षों की ओर से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes) के समक्ष याचिकाकर्ता हूँ। मध्य प्रदेश की जनता से मेरी विनम्र अपील है कि आप सब एकजुट होकर बहुजन समाज पार्टी को मजबूत करें। अगर बसपा मजबूत होगी तो कोई जातिवादी आपको हाथ नहीं लगा सकता, क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो बसपा आपके न्याय के लिए और भी मजबूती से लड़ेग।

तथागत बुद्ध कहते है कि "एक जलता हुआ दिया हजारों लोगों को रौशनी देता है, ठीक वैसे ही खुशियां बाटने से आपस में प्यार बढ़ता...
23/05/2024

तथागत बुद्ध कहते है कि "एक जलता हुआ दिया हजारों लोगों को रौशनी देता है, ठीक वैसे ही खुशियां बाटने से आपस में प्यार बढ़ता है। खुशियां बांटने से हमेशा बढ़ती हैं। कभी कम नहीं होती हैं"

बुद्ध पूर्णिमा की आप सभी साथियों को ढेर सारी शुभकामनाएं एवं बहुत-बहुत बधाइयां।

16/05/2024

किसी दलित को हजार पांच सौ लोग जानने लगते हैं वो तुरंत समझने लगता है ,ऐसा मैने कई लोगों को देखा है।
मगर आजतक कोई यादव खुद को तेजस्वी,या अखलेश नही समझता ।
Rajpath By Syed quasim sir

05/05/2024

सुनने में आ रहा है की
श्रावस्ती से सपा से राम शिरोमणि वर्मा का टिकट कट गया है उनके स्थान पे धीरेंद्र प्रताप सिंह धीरू को टिकट दिया गया है

कल 14अप्रैल को dr. बाबा साहब अम्बेडकर जी की 133वी जयंती के उपलक्ष्य में हमारे गांव में बड़े धूमधाम से मनाया गया जो इस जय...
15/04/2024

कल 14अप्रैल को dr. बाबा साहब अम्बेडकर जी की 133वी जयंती के उपलक्ष्य में हमारे गांव में बड़े धूमधाम से मनाया गया जो इस जयंती में शामिल थे जयंती को सफल बनाने के लिए उनको मैं तहे दिल से अपनी तरफ से आभार व्यक्त करता हु और साधुवाद देता हु। जय भीम नमो बुद्धय बाबा साहब अमर रहे

15/03/2024

*बहुजन के अधिकांश नेता अपने स्वार्थ के लिए राजनीति करते हैं। और मनुवादी अपने समाज और अपनी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए राजनीति करते हैं। यही फर्क है दोनों में तभी तो 85% बहुजन मुट्ठीभर लोगों के गुलाम हैं।*

27/02/2024

कसाई जिस मुर्गे को काटने के लिए पिजरे से निकालता है तो वही चीखता है।
बाकी के मुर्गे दाना खाने में मस्त हैं।
यही हाल हैं आज देश की जनता का,जब तक दाना,पानी,मिल रहा है।चलने दो,हमारे ऊपर थोड़ी गुजर रही हैं।
कटु सत्य बात

जाति-जाति में जाति हैं,जो केतन के पात,रैदास मनुष ना जुड़ सके,जब तक जाति न जात।अपने विचारों से सम्पूर्ण जगत में सामाजिक ए...
24/02/2024

जाति-जाति में जाति हैं,
जो केतन के पात,
रैदास मनुष ना जुड़ सके,
जब तक जाति न जात।

अपने विचारों से सम्पूर्ण जगत में सामाजिक एकता व समरसता का सन्देश देने वाले, सामाजिक परिवर्तन के महानायक, मानवता वादी संत शिरोमणि रविदास जी महाराज की जयंती पर समस्त देश वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

यूपी में लीक हुआ समीक्षा अधिकारी RO/ARO का पेपर उत्तर प्रदेश में पेपर लीक और भर्तियों में धांधली रुकने का नाम नहीं ले रह...
11/02/2024

यूपी में लीक हुआ समीक्षा अधिकारी RO/ARO का पेपर

उत्तर प्रदेश में पेपर लीक और भर्तियों में धांधली रुकने का नाम नहीं ले रही हैं एक ओर योगी सरकार राम मंदिर बना कर अपनी पीठ थपथपा रही वहीं दूसरी ओर पेपर लीक नहीं रोक पा रही हैं,विपक्ष असल मुद्दे भूल कर राम मंदिर जाने या ना जाने की बहस में उलझा हैं। ऐसा नहीं हैं कि मुद्दे नहीं हैं लेकिन विपक्ष सरकार को बेरोजगारी और पेपर लीक के मुद्दे पर नहीं घेर पा रहा हैं

21/01/2024

एक विशेष अपील।

दोस्तों, कल राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह है। मेरा समाज के साथियों से अनुरोध है कि बाबासाहेब का नाम लेकर उस पर अमर्यादित टिप्पणी ना करें। राम मंदिर अत्यंत ही संवेदनशील मुद्दा है। अतः मासूम युवाओं को भड़काकर उन्हें केस-मुकदमों में न फंसाएं। प्लीज।🙏

यह देश के पहले दलित राष्ट्रपति थे। उनका सम्पूर्ण जीवन संघर्ष से भरा हुआ था। वे केरल के एक गांव में फूस की झोपड़ी में 192...
18/01/2024

यह देश के पहले दलित राष्ट्रपति थे। उनका सम्पूर्ण जीवन संघर्ष से भरा हुआ था। वे केरल के एक गांव में फूस की झोपड़ी में 1920 में पैदा हुए। उनके पिता आयुर्वेदिक औषधिओं के ज्ञाता थे, इसी से वे अपना परिवार चलाते थे। गरीबी इतनी भयंकर कि 15 किमी. दूर सरकारी स्कूल में पैदल पढ़ने जाते थे। कभी-कभी फीस न होने पर उन्हें कक्षा से बाहर खड़ा होना पड़ता था। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में पढ़ाई की। ज़ब वह भारत लौटे तो उनके प्रोफेसर ने एक पत्र भारत के प्रधान मंत्री जवाहर लाल के नाम उन्हें दिया उस पत्र में उनकी प्रतिभा का उल्लेख था। चूंकि उन्होंने तीन वर्ष का कोर्स 2 साल में विशेष योग्यता के साथ पास किया था। ज़ब वह पत्र उन्होंने नेहरू जी को दिया तो नेहरू जी ने उन्हें राजदूत नियुक्त कर दिया। सेवानिवृत होने पर उन्हें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया। एक बार वे उप राष्ट्रपति रहे। उसके बाद वे भारत के दसवें एवं पहले दलित राष्ट्रपति बने।

1. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को बिना हस्ताक्षर किये फाइल यह कहते हुए वापस कर दी कि 10 न्यायाधीशों के इस पैनल में एक भी SC/ST/OBC का जज क्यों नहीं है। उनके तेवर देखकर सरकार में हड़कंम मच गया तब जाकर मुख्य न्यायाधीश के.जी. बालकृष्णन को बनाया गया, जो #अनुसूचित_जाति के पहले #भारत के मुख्य न्यायाधीश बने। इस व्यवस्था को Sc. St. Obc के लोग भूल नहीं सकते। ये भी केरल के ही थे।
2. दूसरा कड़ा कदम तब उठाया जब वाजपेयी सरकार के सावरकर को भारत रत्न देने के प्रस्ताव को वापस कर दिया !
3. तीसरा कड़ा कदम तब उठाया जब वाजपेयी सरकार के उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रस्ताव ख़ारिज कर दिया।

ऐसे महामहिम की आज जरूरत है !
ऐसे महान पुरुषों को उत्तर भारत के sc. St. Obc. के लोग जानते तक नहीं !

लोगों द्वारा समाज में यह भ्रम फैलाया गया है कि दलित लोग शिक्षा के लायक नहीं थे, जबकि संविधान सभा में 14 महिलाएं ग्रेजुऐट थी एक sc. की महिला ग्रेजुएट थी।
हजारों लोग ब्रिटिश शासन में उच्च शिक्षित थे।
दूसरे महामहिम राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधा कृष्णन जिनके नाम से शिक्षक दिवस मनाया जाता है। वे तथा डॉ केआर नारायणन सभी अंग्रेओं के इंग्लिश माध्यम में पढ़े थे।
महामहिम राष्ट्रपति डॉ० केआर नारायणन जी ने सन् 1948 में अंग्रेजी साहित्य में प्रथम श्रेणी से एमए पास किया। एमए पास करने के बाद उन्होंने' महाराजा कालेज में अंग्रेजी प्रवक्ता पद के लिये आवेदन किया। लेकिन त्रावणकोर के दीवान सीपी रामास्वामी अय्यर ने नारायणन जी को प्रवक्ता पद पर काम करने से रोक दिया और कहा कि आपको सिर्फ़ क्लर्क पद पर ही कार्य करना होगा।
अय्यर के मन में जातीय भेदभाव इस क़दर भरा हुआ था कि वह कामगार किसान आदिवासी-कबाइली जमात के किसी भी युवक-युवतियों को प्रवक्ता पद पर आसीन होते सहन नहीं कर सकता था।
स्वाभिमानी डॉ० केआर नारायणन जी ने क्लर्क की नौकरी पर काम करने से साफ-साफ इंकार कर दिया और इसके ठीक बाद में विवि के दीक्षांत समारोह में बीए की डिग्री लेने से भी मना कर दिया।
इस घटना के 4 दशक बाद सन 1992 में उपराष्ट्रपति बनने पर उनके गृह राज्य केरल विवि के उसी सीनेट में उनका जोरदार स्वागत हुआ।
उस वक़्त की तत्कालीन जातिवादियों पर तंज कसते हुए नारायणन जी ने कहा "आज मुझे उन जातिवादियों के दर्शन नहीं हो रहे हैं', जिन्होंने वंचित जमात का सदस्य होने के कारण इसी विवि में मुझे प्रवक्ता बनने से वंचित कर दिया था"।
1946 में श्री केआर नारायणन जी दिल्ली में डॉ० बी०आर० अम्बेडकर जी से मिलने आये थे। डॉ० अम्बेडकर जी उस समय के वायसराय की काउंसिल में श्रम विभाग के सदस्य थे। नारायणन जी की योग्यता को देखते हुए डॉ० अम्बेडकर जी ने उन्हें दिल्ली में ही भारत ओवरसीज विभाग (जिसे अब "विदेश विभाग "कहा जाता है) में' 250 रुपये प्रतिमाह पर सरकारी नौकरी दिलवा दी।

राजनयिक के तौर पर नारायणन जी टोकियो, लंदन, ऑस्ट्रेलिया, हनोई में स्थित भारतीय उच्चायोग में प्रतिष्टित पदों पर रहे और चीन के राजदूत भी नियुक्त हुए। वहाँ से रिटायर होने के बाद सन 1979 से 1980 तक जेएनयू के कुलपति रहे। सन1980 से 1984 तक अमेरिका के राजदूत भी रहे।
श्री के आर नारायणन जी 14 जुलाई 1997 को भारत के दसवें राष्ट्रपति चुने गए।
श्री के आर नारायणन जी ही वह व्यक्ति थे जिन्होंने वंचित वर्ग के लोगों के लिये' उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश बनने का रास्ता खोला था।
उच्चतम न्यायालय के तत्कलीन मुख्य न्यायाधीश ए एस आनंद ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के लिये दस न्यायविद उच्च न्यायालयों के कानून विशेषज्ञों का एक पैनल बनाकर मंजूरी के लिये राष्ट्रपति को भेजा था
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हमारी नेता,बहुजन समाज पार्टी के तत्वावधान में गरीब, कमजोर, पिछड़ों एवं उपेक्षितों आदि के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की प्रत...
15/01/2024

हमारी नेता,बहुजन समाज पार्टी के तत्वावधान में गरीब, कमजोर, पिछड़ों एवं उपेक्षितों आदि के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की प्रतीक यूपी की चार बार रही यशस्वी मुख्यमंत्री आयरन लेडी कु. मायावती जी, 'बहनजी' को, दिनांक 15 जनवरी 2024 को, उनके 68वें जन्मदिन पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं!

28/12/2023

नर्स से प्यार करना इतना आसान नहीं होता.आप अपनी feeling बताओगे वो दवा लिख देगी

देबूजी झिंगरजी जानोरकर (23 फरवरी, 1876 – 20 दिसम्बर, 1956) जिन्हें बाबा गाडगे नाम से जाना जाता है, वे एक महान संत एवं सम...
20/12/2023

देबूजी झिंगरजी जानोरकर (23 फरवरी, 1876 – 20 दिसम्बर, 1956) जिन्हें बाबा गाडगे नाम से जाना जाता है, वे एक महान संत एवं समाज सुधारक थे,

गाडगे महाराज जो कहते थे कि शिक्षा बड़ी चीज है, पैसे की तंगी हो, तो खाने के बर्तन बेच दो, औरत के लिए कम दाम के कपड़े खरीदो, टूटे-फूटे मकान में रहो पर बच्चों को शिक्षा दिए बिना न रहो।

आधुनिक भारत को जिन महापुरूषों पर गर्व होना चाहिए, उनमें राष्ट्रीय संत गाडगे बाबा का नाम सर्वोपरि है, मानवता के सच्चे हितैषी, सामाजिक समरसता के द्योतक यदि किसी को माना जाए तो वे थे संत गाडगे, संत गाडगे महाराज जी के परिनिर्वाण पर मेरा कोटि-कोटि नमन।

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अब मेरा समाज बताये ग़लत कौन था में या वो ?मेरी हस्ती खेलती ज़िंदगी में एक रोता हुआ आदमी आया जिसने रात रात भर मुझे अपनी द...
09/12/2023

अब मेरा समाज बताये ग़लत कौन था में या वो ?

मेरी हस्ती खेलती ज़िंदगी में एक रोता हुआ आदमी आया जिसने रात रात भर मुझे अपनी दर्द तकलीफ़ संघर्ष की कहानियां सुनाई !! उसे कभी अपनी ज़िंदगी में वो प्यार नहीं मिला जिसकी वो तलाश में था कभी ख़ुश नहीं था अकेला था जीवन में !!
हर दिन यह एहसास कराया की उसे और इस आंदोलन को सफल करने में उसे मेरी जैसी बुद्धिजीवी महिला की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है !! मैंने उसे बहुत समझाया था कि यह रिश्ता ग़लत है लेकिन वो बोलता रहा की यह लोग दो ताकतों एक नहीं होने देना चाहते इसलिए किसी की मत सुनो सिर्फ़ मुझ पर विश्वास करो में हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा !!

में भी अपनी विदेश की ज़िंदगी अपनी ख़ुशियों को छोड़ उसकी हमदर्द बन गई उसकी हर बात मानने लगी उसके संघर्ष की साथी बन गई !! अपनी इज़्ज़त मान सम्मान सब दाव पर लगा दिया सोचा यही क़ुर्बानी होगी मेरी अपनी समाज के लिए !! उसका हर तरीक़े से साथ देने लगी सब ने मना किया था की धोखा मिलेगा लेकिन मैंने किसी की नहीं सुनी सिर्फ़ उसके लिए जीने लगी !!
फिर एक दिन वो आदमी मुझे बीच रास्ते में छोड़ धोखा देके चला जाता है में समझ ही नहीं पायी यह सब मेरे साथ क्यों हुआ मेरी कोई गलती नहीं थी में डिप्रेशन में चली गई !!
में पहली बार अपने घर से दूर विदेश अपने सपने पूरे करने आयी थी कुछ बनने आयी थी लेकिन इस एक हादसे ने मुझे पूरी तरह तोड़ दिया !!

उसने मुझे अपनी ताक़त का एहसास कराया की वो मर्द है कुछ भी करेगा लेकिन समाज उसे अपनाएगी अपना नेता बनाएगी प्यार इज़्ज़त देगी लेकिन एक औरत बदनाम होगी उसे सबके ताने सुनने होंगे !!

इस रिश्ते में मैंने अपना सब कुछ खो दिया लोग गंदा गंदा बोलते रहे मैंने सबकी सुनी !!
वो आया मेरी ज़िंदगी के साथ खेल के चला गया !!

यह मेरी ज़िंदगी का सबसे दर्दनाक हादसा था जिसे में कभी नहीं भूल सकती !!

यूपी बोर्ड ने जारी किया परीक्षा शेड्यूल-------10वीं और 12वीं का परीक्षा शेड्यूल जारी।22 फ़रवरी से शुरु होंगी बोर्ड परीक्...
07/12/2023

यूपी बोर्ड ने जारी किया परीक्षा शेड्यूल
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10वीं और 12वीं का परीक्षा शेड्यूल जारी।
22 फ़रवरी से शुरु होंगी बोर्ड परीक्षाएं।
10वीं में 29 लाख 47 हजार 324 परीक्षार्थी होंगें शामिल।
12वीं में 25 लाख 60 हजार 882 परीक्षार्थी होंगे शामिल।

07/12/2023

एक लड़का जो 2019 में बालिग हो गया। पुलिस में जाने के लिए रोज सुबह-शाम रनिंग करने ग्राउंड पर जाता है। कोरोना आया लेकिन प्रैक्टिस बंद नहीं हुई। बीच में दो बार ऐसा कहा गया कि भर्ती आएगी, वह लड़का प्रयागराज जाकर कोचिंग कर आया लेकिन भर्ती नहीं आई। अब वह लड़का अगले हफ्ते 22 का हो जाएगा। आगे कभी पुलिस भर्ती के लिए अप्लाई नहीं कर पाएगा।

सोचिए यह कितना क्रूर है कि जिस लड़के ने अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा अपने सपने को हासिल करने में लगाया उसे कोई मौका ही नहीं मिला। ये मेरे गांव का युवा है, नाम नहीं लिखने को कहा है।

मैं अक्सर ऐसे लड़कों से मिलता हूं। वह हताश हो चुके हैं। चिंता में उनके बाल झड़ रहे हैं। खुलकर हंस नहीं पाते। कहते हैं कि हमने जिसे वोट दिया उसी ने हमें ठग लिया। कम से कम हमें हमारे सपनों के लिए एक मौका तो देना चाहिए, सिलेक्शन होना या नहीं होना अलग बात है।

बता दूं, यूपी सरकार ने पिछले 5 साल से कोई भी सिविल पुलिस भर्ती नहीं निकाली है। 5 महीने पहले कहा था कि जुलाई में निकालेंगे, लेकिन आज तक नोटिफिकेशन नहीं जारी कर सके, क्योंकि कोई भी एजेंसी यूपी में पुलिस की परीक्षा करवाने के लिए तैयार ही नहीं है। अब इसे सरकार की उपलब्धि समझी जाए या फिर नाकामी। आप समझिए।

सामाजिक क्रांति के अग्रदूत,भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार, आधुनिक भारत के निर्माता, महान विधिवेत्ता,वंचितों और शोषितों...
06/12/2023

सामाजिक क्रांति के अग्रदूत,भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार, आधुनिक भारत के निर्माता, महान विधिवेत्ता,वंचितों और शोषितों के मसीहा, हमारे प्रेरणा स्त्रोत भारत रत्न बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी के परिनिर्वाण दिवस पर कोटि-कोटि नमन

महात्मा ज्योतिबा गोविंदराव फुले :11 अप्रैल 1827 – 28 नवम्बर 1890शिक्षा के दाता, क्रांति सूर्य, समाज सुधारक, समाज प्रबोधक...
28/11/2023

महात्मा ज्योतिबा गोविंदराव फुले :
11 अप्रैल 1827 – 28 नवम्बर 1890

शिक्षा के दाता, क्रांति सूर्य, समाज सुधारक, समाज प्रबोधक और मानवतावादी महात्मा ज्योतिबा फुले जी के परिनिर्वाण पर उन्हें कोटि कोटि नमन।

जब तक भारत रहेगा तब तक भीम रहेगा। बाबा सहाब एक मात्र ऐसी शख्सियत हैं जिनके विरोधी भी उन्हीं के नाम से अपना अस्तित्व बचा ...
26/11/2023

जब तक भारत रहेगा तब तक भीम रहेगा।
बाबा सहाब एक मात्र ऐसी शख्सियत हैं जिनके विरोधी भी उन्हीं के नाम से अपना अस्तित्व बचा रहे हैं। जिनके बाप दादा ने बाबा सहाब का विरोध किया उनके बच्चे आज जय भीम के नारे लगा रहे हैं।

काम ऐसा करो की विरोधी भी सर झुकाए खड़े रहे।
जय भीम जय संविधान

03/11/2023

नाम मोहम्मद शमी 5 ओवर 1 मेडन 18 रन देकर 5 विकेट.नाम मोहम्मद सिराज 7 ओवर 2 मेडन 16 रन देकर 3 विकेट.शमी, सिराज दोनों की गेंद आग उगल रही है. लंका का तो ओपनिंग से एशिया कप फाइनल वाला हाल कर दिया सिराज ने.आगे काम तमाम शमी ने कर दिया.शमी और सिराज दोनों खेल से जवाब दे रहें है.आलोचकों को जवाब दे रहें है, बीसीसीआई के स्वयंभू गॉडफादरों को जवाब दे रहें हैं और जवाब दे रहें हैं उन लोगों को जो धर्म के आधार पर ट्रोल करते हैं, पाकिस्तान के खिलाफ मैच में अगर किसी ओवर में 10 रन चले जाये तो इन्हें ट्रोल करने वालों को जवाब दे रहें है, भले उसी मैच में पांड्या के एक ओवर में 15 रन बनें तो उनसे जवाब नहीं माँगा जाता.शमी के आगे- पीछे इतना संघर्ष है कि आप रो पड़ेंगे. पत्नी से तलाक,मानसिक प्रताड़ना,मैच फिक्सिंग का आरोप, तीन बार आत्महत्या की कोशिश, लेकिन देश के लिए खेलने की तमन्ना ने शमी को ज्वालामुखी में बदल दिया है. वर्ल्ड कप में सिर्फ 3 मैच खेले हैं और 14 विकेट उखाड़े हैं.सिराज के पीछे उनके अब्बू का संघर्ष रहा है. बेटे को ऑटो चलाकर उस लायक बनाया कि देश के लिए खेल सकें. दोनों बेहद गरीब परिवार से निकले खिलाड़ी देश की धड़कन बन गए हैं.शमी सिराज तुम दोनों को ❤️

मोहम्मद शमी हमीं लोगों के जैसे लोवर मिडिल क्लास परिवार से थे। यहां मैच खेलने पर दौड़ा लेते थे, शमी के घर पर भी दौड़ा लेत...
30/10/2023

मोहम्मद शमी हमीं लोगों के जैसे लोवर मिडिल क्लास परिवार से थे। यहां मैच खेलने पर दौड़ा लेते थे, शमी के घर पर भी दौड़ा लेते थे। हम लोग भी पैसा मिलाकर टूर्नामेंट में एंट्री करवाते थे, शमी भी यही काम करते थे। बस अंतर यह था कि शमी एक हाथ से छक्का मार लेते थे। और यह सबकुछ वह जनता की डिमांड पर करते थे। जी हां, शमी गांव में जब खेलते तो बल्लेबाज की हैसियत से खेलते थे।

शमी के जीवन में सबकुछ है। पैसा, इज्जत, देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका लेकिन इसके साथ उनके जीवन में बेवफाई है, धोखा है, एक सूनापन है जो उन्हें ही उनकी बेटी से नहीं मिलने देने के कारण हुआ। तमाम उपलब्धियों के उन्हें 3 बार आत्महत्या का ख्याल आया। घर 23वें फ्लोर पर था, भाई और दोस्तों को लगता था कि यह इसी फ्लोर से कूद जाएगा।

पत्नी द्वारा लगाए गए फिक्सिंग के आरोप के बाद BCCI ने उनसे कॉन्ट्रैक्ट तोड़ लिया। जांच में शमी निर्दोष मिले। शमी एक इंटरव्यू में रो पड़े थे। कहा था कि मैंने कभी नहीं सोचा कि देश के लिए खेलते हुए मैं देश के ही खिलाफ गद्दारी करूंगा। शमी जब तक अच्छा प्रदर्शन करते, टीम में रहते। जैसे ही एक मैच में खराब खेलते बाहर कर दिए जाते। लेकिन शमी की एक खासियत है, वह जब वापसी करते हैं तो इतनी मारक की अच्छे अच्छे बल्लेबाज ढह जाते हैं।

हमने आपके लिए उनकी पूरी कहानी लिखी है। यहां पढ़ सकते हैंः bhaskar.com/local/uttar-pr…

20/10/2023

आजादी से अब तक 48 लोगों को भारत रत्न मिल चुका है, इसमें सिर्फ एक दलित और एक पिछड़ा शामिल है.

लगभग 80 % एक ही वर्ग विशेष के लोगों को भारत रत्न मिला.

क्या ओबीसी एससी एसटी वर्ग की इतनी बड़ी जनसंख्या में सिर्फ दो ही लोग मिले भारत रत्न के लिए ?

क्या इस देश में ओबीसी एससी एसटी वर्ग के लोगों का योगदान बिल्कुल भी नहीं है? जो उनको भारत रत्न नहीं दिया गया।

महामना ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, महान संत गाडगे, जननायक कर्पूरी ठाकुर जैसे अनेको महान व्यक्तियों को छोड़कर, एक क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न दे दिया जाता है, क्या वह ब्राह्मण है इसलिए ?

सचिन तेंदुलकर का एक योगदान बताओ जिसकी वजह से उन्हें भारत रत्न दिया गया अब यह मत बताने आना कि वह अच्छा खेलते थे.

खिलाड़ी तो और भी हैं वह भी अच्छा खेलते है उनको तो नहीं दिया गया, मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग लगातार उठती रही लेकिन नहीं दिया गया.

क्या सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न सिर्फ इसलिए दिया गया कि वह ब्राह्मण थे? कमेंट में जरूर बताना

कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने आरोप लगाया है की समाजवादी पार्टी बीजेपी से मिली हुई है। राय ने कहा अखिलेश यादव भी बीजेपी ...
20/10/2023

कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने आरोप लगाया है की समाजवादी पार्टी बीजेपी से मिली हुई है। राय ने कहा अखिलेश यादव भी बीजेपी से मिले हैं। राय ने कहा की चिरकुट कहे जाने से वो काफी मर्माहत हैं। अखिलेश को ऐसा नहीं कहना चाहिए था। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा की वो प्रमाण दे सकते हैं की सपा की बीजेपी से मिलीभगत है।

सतीश चन्द्र मिश्रा से बसपा ब्राह्मणो की पार्टी हो गई कहने वालों को ढूंढो और पूंछोये शर्मा विधायक मंत्री होते हुए एससी एस...
20/10/2023

सतीश चन्द्र मिश्रा से बसपा ब्राह्मणो की पार्टी हो गई कहने वालों को ढूंढो और पूंछो
ये शर्मा विधायक मंत्री होते हुए एससी एसटी और ओबीसी के आरक्षण को खत्म करने के लिए विधायको का समर्थन जुटाया था
तो अब चन्द्रशेखर की पार्टी को एससी एसटी और ओबीसी विरोधी और ब्राह्मण पार्टी मान लें.एएसपी के चमचो डललो

15/10/2023
15/10/2023

◆◆1951 में ब्रिटैन और अमेरिका ने मिलकर लीबिया की गद्दी पर कबीलाई सरदार इदरीस को किंग बनाकर बिठा दिया. किंग इदरीस के शासन में लीबिया अवाम बेहद गरीब थी लेकिन तेल संपदा में बेहद अमीर मुल्क था.

लीबिया को $100 मिलियन डॉलर सहायता प्रदान कर अमेरिका - ब्रिटेन ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली. अमेरिका की तेल कंपनियों ने लीबिया के तेल को लूटना शुरू कर दिया.

किंग इदरीस की संपत्ति में दिनों दिन इजाफा होता रहा, उसके मंत्री अमीर बनते गए. लेकिन लीबिया के आवाम की हालत बेहद खराब थी. उन्हें साफ पानी, शिक्षा स्वास्थ्य और आवास योजना की जरूरत थी.

किंग इदरीस का शासनकाल लोककल्याणकारी नही था. दूसरी तरफ 1963 में न्यायपालिका व्यवस्था को खत्म कर, उन कबीलाई सरदारों को न्याय करने का अधिकार दिया जो किंग इदरीस के पक्ष में थे.

◆◆◆अफ्रीका में लीबिया के पास सबसे ज़्यादा तेल संपदा का भंडारण है. किंग इदरीस के राज में अमेरिका ब्रिटैन और फ्रांस की तेल कंपनियां जमकर लीबिया के तेल का दोहन कर रही थीं.

किंग इदरीस ने पूरे लीबिया में एक अच्छा अस्पताल तक नही बनाया था जिसमे वह खुद अपने बीमारी का इलाज करवाते. बवासीर रोग का इलाज कराने किंग इदरीस टर्की गए. 27 वर्षीय कर्नल मुअम्मर गद्दाफी ने बिना एक गोली चलाए, किंग इदरीस का तख्ता पलट कर दिया !

कौन है मुअम्मर गद्दाफी ?

गरीब खानाबदोश पशुपालक के घर मुअम्मर गद्दाफी का जन्म हुआ. मुअम्मर गद्दाफी का बचपन बेहद गरीबी में बिता. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कई कई दिन तक ऊंट का दूध पीकर गुजारना पड़ता, कृषि करना भी चाहो तो पानी नही था.

गरीब पशुपालक के बेटे मुअम्मर गद्दाफी ने सत्ता संभालते ही लीबिया में मौजूद सभी देसी विदेशी तेल कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर दिया. उनके इस कदम से उन्होंने पूरी दुनिया को एहसास दिला दिया लीबिया की नई सरकार लोककल्याणकारी सरकार है.

◆◆◆सरकारी नव निर्मित कंपनी National Oil Corporation ऑफ Libya ने अपने देश के तेल को ऊंचे दामों में बेचना शुरू किया. WTO वर्ल्ड बैंक अमेरिका ब्रिटेन और फ्रांस को की नींद हराम हो गई.

वर्ल्ड बैंक ने समझाया हम सहायता देंगे, लेकिन तुम तेल कंपनियों का राष्ट्रीयकरण रद्द कर दो. मुअम्मर गद्दाफी नही झुके, तेल की कमाई से उन्होंने लीबिया को एक समृद्ध देश बना दिया.

1) सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा, जो अनिवार्य थी.
2) वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटी निर्माण किया. जिसमे बेहद सस्ती दरों पर शिक्षा उपलब्ध थी.
3) शहरों में उच्च स्तरीय सरकारी अस्पतालों का निर्माण किया. ग्रामीण इलाकों में जहां दूर दूर तक स्वास्थ्य सेवाओं का का नामो निशान नही था, वहां क्लीनिक शुरू की.
4) महिलाओं को उन्होंने काफी अधिकार दिए. पुरषों के समान नौकरी करने का और सैलरी पाने का अधिकार मिला.
5) बाल विवाह पर प्रतिबंध लगाकर, दंडनीय अपराध बना दिया.
6) जिनके पास खुद के मकान नही थे या वे झुग्गी बस्तियों में रहते थे. ऐसे लोगों को मुअम्मर गद्दाफी की सरकार ने मुफ्त आवास योजना लागू कर घर बनाकर आवंटित किए.

7) कुदरत ने लीबिया को तेल बहुत दिया लेकिन पानी नही दिया. पानी की बहुत किल्लत थी. मुअम्मर गद्दाफ़ी के नेतृत्व में लीबिया ने दुनिया का सबसे बड़ा मानव निर्मित नदी का निर्माण किया. विशाल कार्य पांच फेज में बना जिसका पहला फेज 1989 में पूरा हुआ और आखरी 2007 में.

◆◆◆वर्ल्ड बैंक ने कहा हम पैसा लगते हैं इस परियोजना में, मुअम्मर गद्दाफी ने इनकार कर दिया. पूरी परियोजना में लीबिया का पैसा लगा. 1600 किलोमीटर लंबी मैन मेड रिवर में 2820 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन लगी. 400 के करीब बड़े कुएं खोदे गए. नए नए पानी का के स्रोत की तलाश हुई. मुअम्मर गद्दाफी ने इस दुनिया का आठवां अजूबा कहा, यह आठवां अजूबा लीबिया को 70% साफ पानी मुहैया कराता है.

इस साफ मीठे पानी ने कृषि उत्पादन को बल दिया. लीबिया लाखों तो नही लेकिन हज़ारों टन फल सब्ज़ी अनाज का उत्पादन करने लगा !

लेकिन WTO वर्ल्ड बैंक और अमेरिका लीबिया का समाजवादी विकास पसंद नही आया. मुफ्त शिक्षा सस्ते दामों पर इलाज सुविधा से वर्ल्ड बैंक को सख्त नफरत है. तेल संपदा पर सरकारी अधिकार होना वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाईजेशन को पसंद नही.

◆◆◆लीबिया के तेल संपदा को लूटने के लिए अमेरिका ने मुअम्मर गद्दाफी का 2011 में तख्ता पलट कर दिया. यूरोपीय देशों ने विद्रोहियों को गोला बारूद से लैश किया ताकि मुअम्मर गद्दाफी की हत्या कर लीबिया पर कैपिटलिज्म लादा जाए.

मुअम्मर गद्दाफी को मरे हुए नौ साल हो चुके हैं. आज लीबिया बेहद गरीब देश है. शिक्षा स्वास्थ्य और तेल संपदा का निजीकरण हो चुका है. अमेरिका की तेल कंपनियां लीबिया के तेल को लूट रही हैं !

एक निजी संस्था के सर्वे रिपोर्ट अनुसार लीबिया की 60% आबादी कुपोषित है.

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15/10/2023

बड़ा सवाल
भारतीय टीवी पत्रकार इजराइल में क्यों हैं,

मणिपुर में क्यों नहीं हैं.?

तब कोहली कप्तान थे लेकिन उनके पास कोई दूसरा कोहली नहीं था, इसलिए वो हताश होकर बैठ गये थे।लेकिन .....  आज रोहित कप्तान है...
15/10/2023

तब कोहली कप्तान थे लेकिन उनके पास कोई दूसरा कोहली नहीं था, इसलिए वो हताश होकर बैठ गये थे।
लेकिन ..... आज रोहित कप्तान है। और रोहित के पास कोहली हैं।

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