बदलता श्रीनगर

बदलता श्रीनगर An Informational page regarding news and facts of Srinagar Garhwal....
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गुलदार का आतंकपौड़ी गढ़वाल के 13 विद्यालयों में तीन दिन का अवकाश घोषिततस्वीर जूम कर के देखें कहाँ कहाँ है स्कूल बंद
20/12/2024

गुलदार का आतंक
पौड़ी गढ़वाल के 13 विद्यालयों में
तीन दिन का अवकाश घोषित
तस्वीर जूम कर के देखें कहाँ कहाँ है स्कूल बंद

18/12/2024
चौरास में कमरे में बेहोश मिली गढ़वाल विश्वविद्यालय की छात्राअस्पताल में डाक्टरो ने किया मृत घोषित।एमएससी जंतु विज्ञान की ...
17/12/2024

चौरास में कमरे में बेहोश मिली
गढ़वाल विश्वविद्यालय की छात्रा
अस्पताल में डाक्टरो ने किया मृत घोषित।
एमएससी जंतु विज्ञान की छात्रा की मौत की खबर से मची सनसनी।

16/12/2024

एजेंसी मोहल्ले में जानलेवा हुई सड़क
देखो एक के बाद एक कैसे गिरे दुपहिया चालक

अब पत्नियों के आड़ में होगा सियासी खेलपहले प्रधानी छीनी अब वार्ड मेम्बर बनने से भी रहे आरक्षण ने फेरा पार्षद के उम्मीदवार...
16/12/2024

अब पत्नियों के आड़ में होगा सियासी खेल
पहले प्रधानी छीनी अब वार्ड मेम्बर बनने से भी रहे आरक्षण ने फेरा पार्षद के उम्मीदवारों के अरमानों पर पानी
नगर निगम को समर्थन देने वाले कई सभासद भी हुए बैरंग
21- गांवों को मिलाकर अस्तित्व में आए श्रीनगर नगर निगम के वार्डों में आरक्षण की स्थिति स्पष्ट हो जाने से कई उम्मीदवारों के अरमानों पर पानी फिर गया है। लिहाजा कुछ उम्मीदवार आपत्तियां दर्ज करने के लिए आंकड़े जुटाने में जुट गए हैं तो कोई पत्नी को चुनाव लड़ने के लिए मनाने में जुटे हुए हैं। उम्मीदवारों का कहना है कि पहले तो नगर निगम बनने से प्रधानी से हाथ धोना पड़ा अब सीट आरक्षित होने के बाद वार्ड मेम्बर बनने लायक भी नहीं रह गए हैं। श्रीनगर नगर निगम में श्रीनगर पालिका क्षेत्र के अलावा नकोट, दिगोली, धनचड़ा, पुंडोरी, चंद्रवाणी, वैधगांव, रतूड़ा, स्वीत, चोपड़ा लगा स्वीत, कोटेश्वर गूठ, फरासू, सेम, गहड़, बगवान लगा चोपड़ा, चोपड़ा, ढामक, डुंगरीपंथ, पंथ लगा डुंगरीपंथ, कलियासौड़, हैड़ी व धौड़ा लगा उफल्डा आदि राजस्व गांवों को शामिल किया गया है। जिनको मिला कर 40 वार्डो बनाये गए है। अब इन वार्डों के आरक्षण की सूची जारी होने के बाद चुनाव लड़ने का मन बनाएं उम्मीदवारों की उम्मीदवारी कर संकट खड़ा हो गया है। 40 सीटों में से 21 सीटे जर्नल कोटे में गयी हैं जबकि 10 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हुई है वही अन्य सीटें 9 सीटें अनुसूचित जाति महिला पुरुष व ओबीसी के लिए आरक्षित हुई है। मजे की बात यह कि स्वीत मय गहड़ से लेकर शिवालय मय कृष्ण मंदिर वार्ड को सामान्य महिला के लिए आरक्षित किया गया है जबकि कोठड डांग क्षेत्र की क्रम संख्या एक से पांच तक सामान्य हुई हैं। पूर्व सभासद विभोर बहुगुणा का कहना है कि एक क्षेत्र में सभी सीटे महिलाओ के लिए आरक्षित कर दी गयी जबकि एक क्षेत्र की सभी सीटे सामान्य कर दी गयी है यह न्याय संगत नहीं है। इस पर आपत्ति दर्ज की जायेगी। इसके बाद भी समाधान नहीं किया गया तो न्यायालय की शरण ली जाएगी। उधर कई उम्मीदवारों ने अपनी पत्नियों को आगे कर चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया है।

श्रीनगर में सड़कोंके आए अच्छे दिन
15/12/2024

श्रीनगर में सड़कों
के आए अच्छे दिन

15/12/2024

श्रीनगर में
कुछ भक्त ऐसे भी

हिमालयी क्षेत्रों में पायी जाने वाली घुघुती वास्तव में कबूतर परिवार का ही पक्षी है जो प्रायः भारतवर्ष ही नहीं पाकिस्तान ...
15/12/2024

हिमालयी क्षेत्रों में पायी जाने वाली घुघुती वास्तव में कबूतर परिवार का ही पक्षी है जो प्रायः भारतवर्ष ही नहीं पाकिस्तान के हिमालयी क्षेत्रों में भी पाया जाता है. हम इसे पहाड़ी कबूतर भी कह सकते हैं. परन्तु पहाड़ी कह देने से यह मतलब नहीं कि यह पहाड़ों के अलावा और कहीं नहीं पायी जाती. मैंने इसे भारतवर्ष के अनेकों प्रान्तों में देखा है. नाम भले ही अलग हो सकता है.
आकार व रूप के आधार पर गढ़वाल में तीन प्रकार की घुघूती है.
माळया घुघुती ,मसुर्याली घुघूती ,काठी घुघुती
घुघूती का महत्व देश के अन्य भागों में कितना है कह नहीं सकता किन्तु गढ़वाल-कुमाऊँ में घुघुती की छाप सबके मन में है. चैत-बैसाख की बात हो और घुघुती की बात न हो, ऐसा नहीं हो सकता. लोक संस्कृति या लोक गीतों की बात हो और घुघुती न हो, ऐसा भी नहीं हो सकता. घुघुती हमारे लोक में रच-बस गयी है, हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग हो गयी है. हम घुघुती के बिना गांव की कल्पना नहीं कर सकते. घुघुती के बिना हम चैत-बैसाख की कल्पना भी नहीं कर सकते.
घुघुती के बिना खुदेड़ (विरह) गीतों की कल्पना करना भी बेमानी होगा. गांव याद आता है तो गांव में घुघुती स्वाभाविक रूप से याद आ जाती है. कभी ओखली के आस-पास, कभी चौक में, कभी छत की मुण्डेर पर और कभी आंगन किनारे हरे-भरे पेड़ों पर. दादी अक्सर एक लोरी सुनाया करती थी; ‘घुघूती, बासुती, क्य खान्दी,दूधभाती…’

घुघुती की घूर हमें परदेश में भी उदास कर देती है. हम अक्सर भावुक हो जाते हैं. घर-गांव की याद सताने लगती है. अपने खेत-खलिहान याद आने लगते हैं. मन व्याकुल हो उठता है और कानों में सुनाई देती है; घुरू-ऊ-घू, घुरू-ऊ-घू… घु घू ती.
Srinagar Garhwal , Uttarakhand , INDIA 🏫
📸 :- Vivek Rawat

आवश्यक सूचना: (14 दिसंबर 2024)               (गुमशुदा की तलाश हेतु)श्री दीप चन्द्र भारती प्रवक्ता जीव विज्ञान GIC लमगौण्...
14/12/2024

आवश्यक सूचना: (14 दिसंबर 2024)

(गुमशुदा की तलाश हेतु)
श्री दीप चन्द्र भारती प्रवक्ता जीव विज्ञान GIC लमगौण्डी जो कि दिनांक 9/12/24 से रतूड़ा DIET में प्रशिक्षण कैम्प में प्रशिक्षण दे रहे थे, किन्तु दिनांक 12/12/24 समय 4:00 बजे सायं ब्रह्म कमल होम स्टे रतूड़ा से बिना मोबाइल लिए टहलने निकले थे और अभी तक ना ही वापस होम स्टे में आये न DIET में पहुंचे और न ही अपने गांव देवर गुप्तकाशी पहुंचे। इनका परिवार तब से बहुत दुःखी एंव चिन्तित है आप सभी से निवेदन है कि जिस भी सज्जन को ये दिखाई दें या कोई सूचना किसी के पास हों तो कृपया सम्पर्क सूत्रः- 9068337533 - 7060216811
पर सम्पर्क कर सूचना देने की कृपा कीजिएगा। 🙏

इक गौरैया मेरे मुँडेर पर आई, मैं अचंभित था निहारूँ या दाने दूँ।📸 :- Vivek Rawat
13/12/2024

इक गौरैया मेरे मुँडेर पर आई,
मैं अचंभित था निहारूँ या दाने दूँ।
📸 :- Vivek Rawat

रिवर्स पलायन की मिसालहै, श्रीनगर की अनामिका भण्डारीइस बेटी को दाद दीजिए व इस से सीख लीजिए..जहां पहाड़ से युवा लगातार रोजग...
13/12/2024

रिवर्स पलायन की मिसाल
है, श्रीनगर की अनामिका भण्डारी
इस बेटी को दाद दीजिए
व इस से सीख लीजिए..
जहां पहाड़ से युवा लगातार रोजगार के लिए मैदानों का रुख कर रहे हैं वही श्रीनगर की बेटी अनामिका ने
मैदानों की मोटी सेलरी को ठुकरा कर पहाड़ में ही कुछ अच्छा व नया करने की योजना बनाई। इसके लिए उन्हें अपनी स्वर्गीय माता की सलाह काम आयी व उन्होंने श्रीनगर में ही बच्चों के लिए एक शानदार स्कूल खोल डाला। यह स्कूल दिल्ली व देहरादून के नामी जूनियर स्कूलों को टक्कर देता नज़र आता है। इस स्कूल में जहां बच्चों के लिए एक स्वीमिंग पुल है वही मिनी आडिटोरियम भी मौजद है। इसके अलावा इस स्कूल में एक से बढ़कर एक स्मार्ट क्लास भी मन मोह लेती है। एमटेक इंजीनियर अनामिका कहती है कि अधिकांश लोग अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए मैदानों का रुख करते हैं ऐसे में उन्होंने मैदानों की तरह ही एक स्कूल की नींव यहाँ रखी है। जहां अभी 40 से अधिक बच्चे नर्सरी व प्री नर्सरी में हैं। वे कहती हैं कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो वे दिल्ली व देहरादून का विकल्प यहाँ लोगो को देने में कामयाब होगी। इसके लिए उन्होंने स्थानीय लोगो से सहयोग व समर्थन मांगा है। कभी समय लगे तो नगर के अलकनंदा विहार में इंजीनियर अनामिका का जूनियर दिल्ली स्कूल जरूर विजिट कर आए आपको इसकी सोच व इरादे इस इस स्कूल के गेट से झलकती हुई नज़र आएंगी।

12/12/2024

फरार अभियुक्त को
खोजने के लिए पुलिस इस
तरह के हतकंडे भी अपनाती है

11/12/2024

मांगल गीत

माँ का बुलावा आये और मैं ना जाऊँ भला ऐसा हो सकता है क्या...जय माँ धारी देवी🙏
09/12/2024

माँ का बुलावा आये और मैं ना जाऊँ भला ऐसा हो सकता है क्या...
जय माँ धारी देवी🙏

पहाड़ में रेल चढ़ने की दिशा में एक बड़ा कदममलेथा व रानीहाट (कीर्तिनगर के पास ) के बीच सबसे जटिल   सुरंग हुई आर पारइसे RVN...
08/12/2024

पहाड़ में रेल चढ़ने की दिशा में एक बड़ा कदम
मलेथा व रानीहाट (कीर्तिनगर के पास ) के बीच सबसे जटिल सुरंग हुई आर पार
इसे RVNL अब तक की सबसे बड़ी एक सफलताओं में से एक मान रहा है।

श्रीनगर में अखबार बांटने वाला बन गया। कई कारों का मालिक..कभी थे खाने पीने के लाले आज है मालामाल...ये कहानी आपको कभी निरा...
08/12/2024

श्रीनगर में अखबार बांटने वाला बन गया।
कई कारों का मालिक..
कभी थे खाने पीने के लाले आज है मालामाल...
ये कहानी आपको कभी निराश नहीं होने देगी व सकारात्मक ऊर्जा से भर देगी...ये कहानी है पवन रावत की। जिसने वक्त की निर्मम खरोचों के सामने हार नहीं मानी व संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ते हुए कई झंडे गाड़े।
मूल रूप से उत्तराखंड के चमोली जिले के दीयारकोट के रहने वाले पवन बेहद निर्धन परिवार से आते थे। उन्होंने 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद 2015 में अपने गांव दीयारकोट से आईटीआई करने के लिए श्रीनगर का रुख किया, लेकिन उनके पास रहने और खाने का कोई ठिकाना नहीं था. कुछ समय तक उन्होंने एक होटल में काम किया, जिससे उनके रहने और खाने की व्यवस्था हो जाती थी. इसके बाद उन्होंने सुबह उठकर घर-घर जाकर अखबार बांटने का काम शुरू किया, जिससे उनका थोड़ा बहुत गुजारा हो जाता था. इस तरह संघर्ष करते हुए उन्होंने अपनी आईटीआई की पढ़ाई पूरी की।
पवन रावत ने बताया कि घर-घर जाकर अखबार डालने से उन्हें थोड़ा बहुत पैसा मिलता था, जिससे वह कमरे का किराया और खाने-पीने का खर्चा चला लेते थे. उन्हें थोड़ी बहुत गाड़ी चलानी आती थी लेकिन उनके पास अपनी गाड़ी नहीं थी, इसलिए वे दूसरों की गाड़ी चलाया करते थे. कभी-कभी वह गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को उनकी गाड़ी से देहरादून छोड़ने जाते थे और फिर वापस आने के लिए खुद सवारी गाड़ी से आते थे. प्रोफेसर जो पैसे देते थे, उनसे कुछ पैसों से खर्चा चलाते और कुछ जमा करते धीरे-धीरे उन्होंने इन जमा पैसों से एक गाड़ी खरीदी और उसी गाड़ी को बुकिंग पर चलाने लगे। उन्हें मुनाफा होने लगा जिसके बाद उन्होंने गांव से अपने दो भाइयों को भी श्रीनगर बुला लिया फिर तीनों भाई मिलकर टैक्सी चलाने लगे।
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अन्य लोगों को भी दे रहे रोजगार
पवन अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि जब उनका पुराना और जर्जर घर टूट गया था, तब इसकी खबर अखबार में छपी थी. उसी के बाद उन्हें इस बारे में जानकारी मिली और उन्होंने पैसे इकट्ठा कर नया घर बनवाया. वर्तमान में वे तीनों भाई मिलकर पवन टूर एंड ट्रैवल एजेंसी चलाते हैं। उनके पास अभी 6 टैक्सी हैं, जिनसे वे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इसके साथ ही वे तीन अन्य लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं.

श्रीनगर गढ़वाल और देहरादून से आपको कभी भी कहीं भी जाने के लिए टैक्सी की जरूरत पड़ती है तो आप पवन रावत से संपर्क कर सकते हैं।

Mob no
9568797100
7505798219

उत्तर ज़ोन बैंड प्रतियोगिता में मार्शल पब्लिक स्कूल की शानदार जीत!हमें यह घोषणा करते हुए अत्यधिक हर्ष हो रहा है कि मार्श...
07/12/2024

उत्तर ज़ोन बैंड प्रतियोगिता में मार्शल पब्लिक स्कूल की शानदार जीत!

हमें यह घोषणा करते हुए अत्यधिक हर्ष हो रहा है कि मार्शल पब्लिक स्कूल ने उत्तर ज़ोन बैंड प्रतियोगिता में प्रतिष्ठित द्वितीय स्थान हासिल किया है!

१३ भाग लेने वाले स्कूलों में, हमारे छात्रों ने असाधारण प्रतिभा, समर्पण और टीम वर्क का प्रदर्शन किया और यह उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल की!

हमारे छात्रों, शिक्षकों और स्टाफ को इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर हृदय से बधाई!

उत्तर ज़ोन बैंड प्रतियोगिता के परिणाम:
१. उत्तर प्रदेश
२. उत्तराखंड(the Marshall Public School)
३. दिल्ली

बूँखाल मेले में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़डॉ धन सिह व आचार्यों बालकृष्ण ने किए दर्शनहुआ भंडारा आयोजितपतंजलि योगपीठ के आचार्...
07/12/2024

बूँखाल मेले में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
डॉ धन सिह व आचार्यों बालकृष्ण ने किए दर्शन
हुआ भंडारा आयोजित
पतंजलि योगपीठ के आचार्य बाल कृष्ण व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज विकासखण्ड खिर्सू के अंतर्गत बूंखाल मेले में प्रतिभाग करते हुए कालिंका देवी के दर्शन कर पूजा अर्चना की व क्षेत्र की खुशहाली की कामना की। मेले के दौरान श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर उन्होंने मंदिर के नव निर्माण का भूमि पूजन भी किया
पतंजलि योगपीठ के आचार्य बाल कृष्ण जी ने इस अवसर पर कहा कि इस प्रकार के धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन हमारी परंपराओं और सामाजिक एकता को सुदृढ़ करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि यह मेला काफी वर्षों से हर साल भव्य रूप में मनाया जाता है और इन्हें संरक्षित करना हमारा ध्येय है। कहा कि उत्तराखंड देवभूमि, पावन-पवित्र भूमि है। इस भूमि से ही दुनिया को योग, आयुर्वेद व आध्यात्म की ऊर्जा मिल रही है। कहा पतंजलि पहाड़ के विकास के प्रति संवेदनशील है। उत्तराखंड में रोजगार प्रदान करने में योगपीठ का योगदान 8 फीसदी है। उत्तराखंड के युवाओं को रोजगार देना 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राथमिकता में रहता है। आचार्य बालकृष्ण ने क्षेत्र की जनता से भव्य व दिव्य बूंखाल कालिंका माता मंदिर के निर्माण में प्रत्येक व्यक्ति से आहूति देने का आह्वान किया। कहा पतंजलि योगपीठ मंदिर निर्माण को 51 लाख रुपये दान स्वरुप प्रदान कर रही है।

मा0 मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बूंखाल कालिंका देवी मंदिर को ओर भव्य रूप में विकसित किया जायेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि मंदिर में जाने वाले पैदल मार्ग को डबल पैदल मार्ग को ओर बेहतर बनाया जायेगा, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को आने-जाने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पार्किंग व मंदिर के बाद बूंखाल में धर्मशाला व पुजारी आवास भी तैयार किए जाएंगे। कहा कि बूंखाल मेला हमारी आस्था व आध्यात्मिकता के साथ सांस्कृतिक विरासत है। मंदिर निर्माण में हर गांव से एक व्यक्ति ट्रस्टी रहेगा। क्षेत्र के प्रत्येक गांव का प्रत्येक परिवार पुण्य कार्य में आहूति देगा।

मेले में आचार्य बाल कृष्ण व मंत्री ने भंडारे का आयोजन कर भक्तजनों को प्रसाद का वितरण भी किया। मेले में सुरक्षा की दृष्टिगत रखते हुए पुलिस प्रशासन, आपदा प्रबंधन, राजस्व विभाग द्वारा पुख्ता इतंजाम किये थे। बूंखाल मेले में लोक गायिका हेमा नेगी करासी की प्रस्तुति पर दिनभर दर्शक खूब थिरके।

इस अवसर पर संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र सेठ, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रवीण कुमार, तहसीलदार दिवान सिंह राणा, पूर्व प्रमुख द्वारीखाल महेंद्र राणा, पूर्व प्रमुख कल्जीखाल बीना राणा, पूर्व अध्यक्ष राज्य सहकारी संघ मातबर सिंह रावत, पूर्व डीसीबी अध्यक्ष नरेंद्र रावत सहित आदि उपस्थित थे।

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